बिरसा मुंडा विधायक परिचय सूची

नाम : हाजी इशराक खान
पद : विधान सभा सदस्य (विधायक)
विधानसभा : सीलमपुर- 65
ज़िला : उत्तर पूर्वी दिल्ली
राज्य : दिल्ली
पार्टी : आम आदमी पार्टी
सम्मान पत्र : NA
परिचय :
Name : Haji Ishraq Khan
Designation : MLA
Assembly constituency Name : Seelampur-65
Supported : Aam Aadmi Party
City Name : Shahadra
District : North East Delhi 
State : Delhi 
Language : Hindi 
Current Time 12:07 AM
Date: Saturday , Sep 29,2018 (IST)
Telephone : 011-22177774
Lok Sabha constituency : North East Delhi parliamentary constituency 
Parliament MP : Manoj Tiwari (BJP) Contact Number: 9892632287, 
Pin Code : 110053 
Full Address :380/1, Gali No.19, Jafrabad, 
Delhi-110053
9711972283 
 
सीलमपुर विधानसभा (विधान सभा) के बारे में निर्वाचन क्षेत्र
सीलमपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली में स्थित एक विधान सभा क्षेत्र है। यह उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
सीलमपुर, जिसे पहले सिलमपुर के रूप में लिखा गया था, उत्तर पूर्व दिल्ली जिले के आवासीय क्षेत्रों में से एक है। सीलमपुर को पुराना सीलमपुर और न्यू सीलमपुर में बांटा गया है। सीलमपुर का विधानसभा क्षेत्र उत्तर पूर्व दिल्ली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 2015 विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी समर्थित हाजी मोहम्मद इशराक खान ने चौधरी मतीन अहमद को हराकर चुनाव जीता चौधरी मतीन अहमद ने निर्वाचन क्षेत्र से पांचवें बार 2013 के विधानसभा चुनावों में चुनाव लड़ा और जीता। उन्होंने पहले एक निर्वाचन क्षेत्र से स्वतंत्र और एक बार जनता दल टिकट पर चुनाव जीता था। 2003 से 2013 तक वह कांग्रेस के टिकट पर विजेता रहे हैं।
सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से  चुनावों में विजेताओं और उपविजेता की सूची नीचे दी गई है।
2015 सीलमपुर 65   मोहम्मद इशराक आप 57302 संजय जैन बीजेपी 29415
2013 सीलमपुर 65 चौधरी मातेन अहमद  कांग्रेस  46452 कौशल कुमार मिश्रा बीजेपी 24724
2008 सीलमपुर 65 चौधरी मातेन अहमद  कांग्रेस 47820 सीता राम गुप्ता बीजेपी 21546
2003 सीलमपुर 49  चौधरी मातेन अहमद  कांग्रेस 34085 संजय कुमार जैन  बीजेपी 12373
1998 सीलमपुर 49  चौधरी मातेन अहमद  निर्दलीय  27376 दाता राम बीजेपी 11001
1993 सीलमपुर 49  चौधरी मातेन अहमद  जनता दल  16518 जय किशन दासगुप्त बीजेपी 15080
न्यू सीलमपुर , जाफराबाद, शाहदरा के बारे में
न्यू सीलमपुर , जाफराबाद, शाहदरा भारत के दिल्ली राज्य के उत्तर पूर्व दिल्ली शहर में एक लोकैलिटी है।
न्यू सीलमपुर , जाफराबाद, शाहदरा पिन कोड 110053 है और डाक प्रधान कार्यालय यमुना विहार है।
ब्लॉक एन, जाफराबाद, न्यू सीलमपुर , ब्लॉक I, चरण 4, ब्लॉक सी 1 सीलमपुर  जाफराबाद शाहदरा के पास के इलाके हैं।
लोनी, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद उत्तर पूर्व दिल्ली के पास के शहर हैं।
न्यू सीलमपुर , जाफराबाद, शाहदरा की जनसांख्यिकी
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है।
न्यू सीलमपुर , जाफराबाद, शाहदरा में राजनीति
आप, बीजेपी, कांग्रेस इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
न्यू सीलमपुर , जाफराबाद, शाहदरा कैसे पहुंचे
रेल द्वारा
दिल्ली शाहदरा रेलवे स्टेशन, विवेक विहार रेल वे स्टेशन न्यू सीलमपुर , जाफराबाद, शाहदरा के पास रेलवे स्टेशन हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन 7 किलोमीटर है 
 
शहरों के नजदीक
लोनी 8 किमी 
दिल्ली 9 किमी
नोएडा 14 किलोमीटर 
गाजियाबाद 16 किमी 
 
तालुक के पास
उत्तर पूर्व दिल्ली 1 किमी 
पूर्वी दिल्ली 4 किलोमीटर 
उत्तर दिल्ली 7 किमी 
केंद्रीय दिल्ली 8 किलोमीटर
 
एयर पोर्ट्स के पास
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास 24 किलोमीटर
मुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 103 किलोमीटर 
खेरिया एयरपोर्ट 204 किलोमीटर 
देहरादून हवाई अड्डा 21 9 किलोमीटर 
 
पर्यटक स्थलों के पास
दिल्ली 7 किमी 
नोएडा 14 किलोमीटर
सूरजकुंड 24 किमी 
फरीदाबाद 32 किमी 
गुड़गांव 37 किमी 
 
जिलों के पास
उत्तर पूर्व दिल्ली 5 किमी
केंद्रीय दिल्ली 6 किलोमीटर
दिल्ली 6 किलोमीटर 
उत्तर दिल्ली 10 किलोमीटर
 
रेलवे स्टेशन के पास
दिल्ली शाहदरा रेलवे स्टेशन 2.7 किलोमीटर 
विवेक विहार रेल वे स्टेशन 5.6 किलोमीटर 
दिल्ली रेलवे स्टेशन 5.6 किलोमीटर 
विकास कार्य :

सीलमपुर विधान सभा में माननीय विधायक जी द्वारा किये गए विकास कार्य 2017 -2018

1= मौजपुर की गलियों का निर्माण कार्य 

2= जाफराबाद की गलियों का निर्माण कार्य 

3= ब्रह्मपुरी की गलियों का निर्माण कार्य 

4= सीलमपुर की जे ब्लॉक में गलियों का निर्माण कार्य 

5= सीलमपुर झुग्गिओं का निर्माण कार्य 

6= आंबेडकर बस्ती में गलियों का निर्माण कार्य 

7= आंबेडकर चौपाल का निर्माण कार्य 

8= कैथवाड़ा में गलियों का निर्माण कार्य 

9= सीलमपुर विधान सभा में मोहल्ला क्लिनिक 

10= ब्रह्मपुरी रोड पर LED लगायीं गयीं 

11= 12 ट्रांसफर को सड़क से उठाकर ऊपर रखा जाना 

12= रोड न. 66 पर डिवाइडर लगाए जाना 

13= पानी के 5 बोरवेल लगाए जाना 

14= ज़ीरो पुस्ते से ब्रह्मपुरी पुलिया तक का निर्माण कार्य 

15= सीलमपुर मौजपुर व् उस्मानपुर के सभी PWD रोड का निर्माण कार्य 

16= सीलमपुर झुग्गियों में चौपाल का निर्माण कार्य 

17= सभी PWD रोड पर LED लगाने का कार्य 

18= रोड न. 66 पर पेड़ लगाने का कार्य 

19= मौजपुर में 2 क्रॉसिंग बनांने का निर्माण कार्य 

20= गौतमपुरी की टंकी वाली रोड का निर्माण कार्य 

21= कासेंट पब्लिक स्कूल के पास ट्रंसफार्मर लगवाने का कार्य 

22= ब्रह्मपुरी व जफराबाद रोड के नाले का निर्माण कार्य 

23= नहर कोटी में लड़कियों के लिए कॉलेज बनवाने का कार्य 

24= सीलमपुर विधान सभा में CCTV  कैमरे लगाने का कार्य 

अन्य विकास कार्य की जानकारी जल्द ही प्रकाशित की जाएगी कार्य के टेंडर सूचि के अनुसार 

जनहित में जारी 

बिरसा मुंडा की जीवनी
बिरसा मुंडा / Birsa Munda भारतीय क्रांतिकारी थे। वे एक धर्म गुरु और जनसाधारण लोगो के वीर नायक थे। 19 वीं सदी के आखिरी वर्षों में मुंडाओं ने महान आन्दोलन उलगुलान को अंजाम दिया जिसकी वजह से वे भारत की आजादी के इतिहास में विशेष व्यक्ति बन गये। उन्होंने अपनी आयु के 25 वर्ष के पहले ही बहोत सी विशिष्ट सफलता प्राप्त कर ली थी। उनका चित्र भारतीय संसद के मध्य कक्ष में लगाया हुआ है यह इकलौते एक ऐसे क्रांतिकारी है जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है।
आरंभिक जीवन और बचपन –
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवम्बर 1875 को झारखंड प्रदेश में राँची के उलीहातू गाँव में हुआ था और उनका नाम मुंडा प्रथा से रखा गया था। बिरसा पहले कुछ वर्ष अपने माता पिता के साथ चल्कड़ में रहते थे। बिरसा का बचपन अन्य मुंडा बच्चो की तरह ही था। वे अपने बचपन में अपने मित्रो के साथ मिटटी में खेल कूद करना पसंद करते थे। वे बचपन में बोहोंदो के जंगलो में बकरिय़ा भी चराते थे। जब बिरसा बड़े हो रहे थे तबी उन्हें बासुंरी बजाना पसंद था और वे तुइल भी बजाते थे। उन्होंने जिन्दगी के कुछ यादगार पल अखारा में बीताए है।
पढाई में हुशार होने की वजह से “जयपाल नाग” ने उन्हें जर्मन मिशन स्कूल में प्रवेश लेने के लिए कहा। परंतु उस स्कूल में प्रवेश लेने के लिए इसाई धर्म का होना जरुरी था। इसलिए बिरसा ने इसाई धर्म स्वीकारा और वे बिरसा मुंडा से बिरसा डेविड बन गए और फिर बिरसा दाऊद बने। कुछ वर्ष पढने के बाद बिरसा ने जर्मन मिशन स्कूल छोड़ दिया और प्रसिद्ध वैष्णव भक्त आनंद पांडे के संपर्क में आ गए और उन्होंने महाभारत, रामायण और अन्य कई हिन्दू धर्म के ग्रंथ पढ़े है।
गतिविधिया-
बिरसा मुंडा ने सन 1900 में अंग्रेजो के विरुद्ध विद्रोह करने की घोषणा करते हुए कहा “हम ब्रिटिश शाशन तन्त्र के विरुद्ध विद्रोह की घोषणा करते है और कभी अंग्रेज नियमो का पालन नही करेंगे, ओ गोरी चमड़ी वाले अंग्रेजो , तुम्हारा हमारे देश में क्या काम ? छोटा नागपुर सदियों से हमारा है और तुम इसे हमसे छीन नही सकते है इसलिए बेहतर है कि वापस अपने देश लौट जाओ वरना लाशो के ढेर लगा दिए जायेंगे ”। इस घोषणा को एक घोषणा पत्र में अंग्रेजो के पास भेजा गया तो अंग्रेजो ने अपनी सेना बिरसा को पकड़ने के लिए रवाना कर दी। अंग्रेज सरकार ने बिरसा की गिरफ्तारी पर 500 रूपये का इनाम रखा था। अब बिरसा भी तीर कमान और भालो के साथ युद्ध की तैयारियों में लग गये। बिरसा के इसके विद्रोह में लोगो को इकट्ठा किया और उनके नेतृत्व में आदिवासियों का विशाल विद्रोह हुआ था। अंग्रेज सरकार ने विद्रोह का दमन करने के लिए 3 फरवरी 1900 को मुंडा को गिरफ्तार कर लिया जब वो अपनी आदिवासी गुरिल्ला सेना के साथ जंगल में सो रहे थे। उस समय 460 आदिवासियों को भी उनके साथ गिरफ्तार किया गया। 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गयी और अंग्रेज सरकार ने मौत का कारण हैजा बताया था।
जेल और मृत्यु-
3 फरवरी 1900 को मुंडा को गिरफ्तार कर लिया गया जब वो अपनी आदिवासी गुरिल्ला सेना के साथ जंगल में सो रहे थे। उस समय 460 आदिवासियों को भी उनके साथ गिरफ्तार किया गया था। 9 जून 1900 को रांची जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गयी।
लोकप्रिय संस्कृति-
15 नवंबर को बिरसा मुंडाजी की जयंती मनाई जाती है खास तौर पे तो कर्नाटक के कोडागु जिल्हे में मनाई जाती है। कोकार रांची में जो झारखंड की राजधानी है यहा पर उनकी समाधी स्थल पर बहोत से कार्यक्रम मनाए जाते है।
उनकी स्मृति में रांची में बिरसा मुण्डा केन्द्रीय कारागार तथा बिरसा मुंडा हवाई-अड्डा भी है। उनके नाम से कई संस्था, कई यूनिवर्सिटी और कई इंस्टीट्यूशन भी बने है। 2008 में बिसरा के जीवन पर आधारित एक हिंदी फिल्म “गाँधी से पहले गंधिवास” बनी जो इकबाल दुररन के निर्देशन में बनी जिसने नोवेल पुरस्कार भी जीता है। फिर एक और हिंदी फिल्म 2004 में “उलगुलान एक क्रांति” बनी जिसमें 500 बिर्सैट्स भी शामिल है। “महास्वेता देवी” हो की एक लेखिका थी उन्होंने रोमन मग्सय्सय पुरस्कार जीता था। 1979 में अरण्येर अधिकार के लिए उन्होंने साहित्य अकेडमी पुरस्कार मिला यह पुरस्कार उन्हें मुंडाजी जे जीवन के बारे में बताया जिसमे उन्होंने 19वी सदी में ब्रिटिश राज के बारे में भी बताया था। इसके बाद उन्होंने युवाओं के लिए मुंडाजी पर आधारित एक और साहित्य लिखा था।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी