बाबा आमटे समाज सेवी सम्मान पत्र

नाम : श्री लक्ष्मण चौहान
पद : सामाजिक कार्यकर्ता
मो : 6268880972
निवास : परसिया करकटही
नगर : भटनी
ज़िला : देवरिया
राज्य : उत्तर प्रदेश
सम्मान पत्र :
प्रमाणित किया जाता है की श्री लक्ष्मण चौहान (सामाजिक कार्यकर्ता) द्वारा सामाजिक कार्यों हेतु दिए गए डोनेशन से नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा गांव-मेरी पहचान, तिरंगा मेरी शान फोटो परियोजना में उक्त पंचायत के नागरिकों को संस्था द्वारा 36 पासपोर्ट साइज़ फोटो,नववर्ष कैलेंडर तिरंगा सहित  निशुल्क उपलब्ध कराकर आर्थिक विकास में सहयोग कर राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत की गयी हैं, सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा प्लास्टिक मुक्त भारत, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र/ ग्रामीण परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
बाबा आम्टे समाज सेवी सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, नागरिकों को संस्था के माध्यम से आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
मेहनाज़ अंसारी 
(जनरल सेक्रेटरी)
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
introduction
Name: Shri Laxman Chauhan
Designation: Social worker 
Mobail No: 6268880972
Locality Name : Parasia Karkatahi 
Block Name : Bhatni
District : Deoria
State : Uttar Pradesh
Division : Gorakhpur
Language : Hindi and Urdu, Bhojpuri
Current Time 10:28 PM
Date: Sunday , Oct 20,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 05566
Vehicle Registration Number:UP-52 
RTO Office : Deoria
Assembly constituency : Bhatpar Rani assembly constituency
Assembly MLA : ashutosh upadhyay
Lok Sabha constituency : Salempur parliamentary constituency
Parliament MP : RAVINDER
Serpanch Name : Umesh Chandra srivastava Update/Correct 
Pin Code : 274501
Post Office Name : Khukhundoo
 
परासिया करकटही के बारे में
परासिया करकटही भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के देवरिया जिले के भटनी ब्लॉक का एक गाँव है। यह गोरखपुर मंडल का है। यह जिला मुख्यालय देवरिया से पूर्व की ओर 25 KM की दूरी पर स्थित है। राज्य की राजधानी लखनऊ से 355 कि.मी.
 
परासिया करकटही पिन कोड 274501 है और डाक प्रधान कार्यालय खुखुंदू है।
 
परासिया करकटही उत्तर की ओर बीजीपुर ब्लॉक, दक्षिण की ओर सलेमपुर ब्लॉक, दक्षिण की ओर भाटपार रानी ब्लॉक, पूर्व की ओर भोरे ब्लॉक है।
 
देवरिया, लार, रुद्रपुर, मीरगंज पास के शहर परासिया करकटही तक हैं।
 
यह स्थान देवरिया जिले और गोपालगंज जिले की सीमा में है। गोपालगंज जिला बिजाईपुर इस जगह की ओर उत्तर है। यह बिहार राज्य सीमा के निकट है।
परासिया करकटही की जनसांख्यिकी
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है।
कैसे परासिया करकहाठी पहुंचें
रेल द्वारा
भटनी जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन, नोनापार रेल मार्ग स्टेशन परासिया करकटही के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।
शहरों के पास
देवरिया 23 KM
लार्ज 24 KM 
रुद्रपुर 38 KM 
मीरगंज 43 KM 
 
तालुकों के पास
भटनी 0 KM 
बीजीपुर 11 KM 
सलेमपुर 12 KM 
भाटपार रानी 16 KM 
 
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर एयरपोर्ट 71 KM 
पटना एयरपोर्ट 161 KM 
वाराणसी एयरपोर्ट 171 KM 
गया एयरपोर्ट 233 KM 
 
पर्यटक स्थलों के पास
कुशीनगर 43 KM 
गोरखपुर 78 KM 
लौरिया नंदनगढ़ 87 KM 
केसरिया 101 KM 
बुद्ध स्तूप 101 KM 
 
जिले के पास
देवरिया 24 KM 
कुशी नगर 43 KM 
सीवान 48 KM 
गोपालगंज 55 KM 
 
रेल्वे स्टेशन के पास
भटनी जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 3.9 KM 
नोनपार रेल मार्ग स्टेशन 6.2 KM 
पीकोल रेल मार्ग स्टेशन 8.2 KM 
सलेमपुर जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 13 KM 
 
परासिया करकटही में राजनीति
SBSP, SP, BSP, INC इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
परासिया करकटही के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) P.v। मायापुर
2) P.v। घटी खस R.n. 3
3) P.v। अमारी चक
4) P.v। गौतम खस
5) P.v। घटी खस R.n. 1
भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
बंकटा,भटनी,भट्टर रानी, लार, सलेमपुर
भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2013  आशुतोष उपाध्याय सपा 73100 = 34102 सभाकुंवर BSP 38998
2012 कामेश्वर सपा 56017 = 14,924 Sabhakunwar बसपा  41093
2007  कामेश्वर उपाध्याय सपा 47908 = 3616 सभाकुंवर बसपा 44292
2002  कामेश्वर INC 39618 = 16398 हरिवंश सहाय एसपी 23220
1996 योगेंद्र सिंह एसपी 66561 = 23211 कामेश्वर उपाध्याय आईएनसी  43350
1993 जनरल कामेश्वर उपाध्याय INC 52253 = 22999 योगेंद्र सिंह SP 29254
1991 हरि बंश सहाय JD 36064 = 321 कामेश्वर उपाध्याय INC 35743
1989 हरिवंश सहाय JD 44970 = 5869 कामेश्वर उपाध्याय 39101
1985 कामेश्वर उपाध्याय  42004 = 21827 रघु राज सिंह INC 20177
1980 हरिबंश सहाय JNP (SC) 36214 = 13045 रघुराज सिंह INC (I) 23169
1977 जनरल राज मंगल जेएनपी 29567 = 10637 हरिबंश सहाय 18930
1974  रघुराज सिंह आईएनसी 19203 = 4638 कैलाश बीकेडी 14565
1969  हरिबंश एसएसपी 18295 = 3655 त्रिगुणा नंद  14640
1967 ए। पीडी। आर्य कांग्रेस 13733 2404 हरबंस एसएसपी 11,329
समाजसेवी बाबा आमटे की जीवनी
बाबा आमटे – Baba Amte का जन्म 26 दिसम्बर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगनघाट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम देविदास आमटे और उनकी माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था। उनका परिवार धनि था। उनके पिता ब्रिटिश गवर्नमेंट ऑफिसर थे, उन्हें डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और रेवेन्यु कलेक्शन की जिम्मेदारियाँ दे रखी थी। बचपन में ही मुरलीधर को अपना उपनाम बाबा दिया गया था।
उन्हें बाबा इसलिए नही कहा जाता था की वे कोई संत या महात्मा थे, बल्कि उन्हें इसलिए बाबा कहा जाता था क्योकि उनके माता-पिता ही उन्हें इस नाम से पुकारते थे।
एक धनि परिवार के बड़े बेटे होते हुए मुरलीधर का बचपन काफी रमणीय था। समय के साथ-साथ वे भी चौदह साल के हुए और उन्होंने अपनी खुद की गन (बंदूक) ले ली और उससे वे सूअर और हिरन का शिकार किया करते थे। जब वे गाड़ी चलाने जितने बड़े हुए तब उन्हें एक स्पोर्ट कार दी गयी थी जिसे चीते की चमड़ी से ढका गया था। उन्हें कभी निचली जाती के बच्चो के साथ खेलने से नही रोका गया था। बचपन से ही उन्हें जातिभेद में भरोसा नही था, वे सभी को एक समान मानते थे और हमेशा से कहते थे की उनका परिवार इस सामाजिक भेदभावो को नही मानता।
समर्पित कार्य –
कानून विषय पर उन्होंने वर्धा में खास अभ्यास कर रखा था, जल्द ही वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हो गए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाने में लग गए और भारतीय स्वतंत्रता नेताओ के लिए वे बचावपक्ष वकील का काम करते थे,
1942 के भारत छोडो आन्दोलन में जिन भारतीय नेताओ को ब्रिटिश सरकार ने कारावास में डाला था उन सभी नेताओ का बचाव बाबा आमटे ने किया था। इसके बाद थोडा समय उन्होंने महात्मा गाँधी के सेवाग्राम आश्रम में बिताया और गांधीवाद के अनुयायी बने रहे। इसके बाद जीवन भर वे गांधी विचारो पर चलते रहे, जिसमे चरखे से उन की कटाई करना और खादी कपडे पहनना भी शामिल है। जब गांधीजी को पता चला की आमटे ने ब्रिटिश सैनिको से एक लड़की की जान बचायी है तो गांधीजी ने आमटे को “अभय साधक” का नाम दिया।
उस दिनों कुष्ट रूप समाज में तेज़ी से फ़ैल रहा था और बहोत से लोग इस बीमारी से जूझ रहे थे। लोगो में ऐसी ग़लतफ़हमी भी फ़ैल गयी थी की यह बीमारी जानलेवा है। लकिन आमटे ने लोगो की इस ग़लतफ़हमी को दूर किया और कुष्ट रोग से प्रभावित मरीज के इलाज की उन्होंने काफी कोशिशे भी की। बल्कि ये भी कहा जाता था की कुष्ट रोग से ग्रसित मरीज के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति में भी यह बीमारी फ़ैल सकती है लेकिन फिर भी इन सभी बातो पर ध्यान न देते हुए उन्होंने हमेशा कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो की सेवा की और उन का इलाज भी करवाया।
आमटे ने गरीबो की सेवा और उनके सशक्तिकरण और उनके इलाज के लिए भारत के महाराष्ट्र में तीन आश्रम की स्थापना की। 15 अगस्त 1949 को उन्होंने आनंदवन में एक पेड़ के निचे अस्पताल की शुरुवात भी की। 1973 में आमटे ने गडचिरोली जिले के मदिया गोंड समुदाय के लोगो की सहायता के लिए लोक बिरादरी प्रकल्प की स्थापना भी की थी।
Baba Amte ने अपने जीवन को बहुत से सामाजिक कार्यो में न्योछावर किया, इनमे मुख्य रूप से लोगो में सामाजिक एकता की भावना को जागृत करना, जानवरों का शिकार करने से लोगो को रोकना और नर्मदा बचाओ आन्दोलन शामिल है। उनके कार्यो को देखते हुए 1971 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।
परिवार के सदस्यों का समर्पित कार्य –
आमटे का विवाह इंदु घुले (साधना आमटे) से हुआ था। उनकी पत्नी भी उनके साथ सामाजिक कार्यो में भाग लेती थी और कदम से कदम मिलाकर जनसेवा करती थी। उनके दो बेटे डॉ. विकास आमटे और डॉ. प्रकाश आमटे और दो बहु डॉ. मंदाकिनी और डॉ. भारती है, सभी डॉक्टर है। इन चारो ने हमेशा सामाजिक कार्यो में अपना योगदान दिया और हमेशा वे अपने पिता के नक्शेकदम पर ही चलते रहे।
उनका बेटा डॉ. प्रकाश आमटे और उनकी पत्नी डॉ. मंदाकिनी आमटे महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले के हेमलकसा ग्राम में मदिया गोंड समुदाय के लोगो के लिए एक स्कूल और एक अस्पताल चलाते थे। प्रकाश आमटे से विवाह करने के बाद मंदाकिनी आमटे ने गवर्नमेंट मेडिकल जॉब छोड़ दिया और अस्पताल और स्कूल चलाने के लिए हेमलकसा चली गयी थी और साथ ही जंगलो में घायल हुए जानवरों का इलाज भी करती थी।
उनके दो बेटे है, पहला बेटा दिगंत, डॉक्टर है और दूसरा बेटा अनिकेत एक इंजिनियर है। इन दोनों ने भी कई सामाजिक कार्य किये है। 2008 में प्रकाश और मंदानिकी के सामाजिक कार्यो को देखते हुए उन्हें मेगसेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
Baba Amte का बड़ा बेटा विकास आमटे और उनकी पत्नी भारती आमटे आनंदवन में एक अस्पताल चलाते है और कई ऑपरेशन भी करते है।
वर्तमान में आनंदवन और हेमलकसा ग्राम में एक-एक ही अस्पताल है। आनंदवन में एक यूनिवर्सिटी, एक अनाथाश्रय और अंधो और गरीबो के लिए एक स्कूल भी है। आज स्व-संचालित आनंदवन आश्रम में तक़रीबन 5000 लोग रहते है। महाराष्ट्र के आनंदवन का सामाजिक विकास प्रोजेक्ट आज पुरे विश्व तक पहुच चूका है। आनंदवन के बाद आमटे ने कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो के इलाज के लिए सोमनाथ और अशोकवन आश्रम की भी स्थापना की थी।
मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन –
1990 में मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन करने के लिए उन्होंने आनंदवन छोड़ दिया था। जिसमे नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध बनाने के लिए वे संघर्ष कर रहे थे और स्थानिक लोगो द्वारा नर्मदा नदी के तट पर की जा रही गन्दगी की रोकने की कोशिश भी कर रहे थे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान समाज सुधारक बाबा आमटे के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी