बाबा आमटे समाज सेवी सम्मान पत्र

नाम : श्री नदीम हाशमी
पद : सिविल इंजीनियर (समाज सेवी)
मो : 9876543210
निवास : कुंडेश्वरी रोड
नगर : नगर निगम काशीपुर
ज़िला : उधम सिंह नगर
राज्य : उत्तराखंड
सम्मान पत्र :
श्रीमान जी ने संस्था के माध्यम से सामाजिक कार्यों पात्र गरीब लड़कियों की शादी, असहाय व्यक्तिओं की सहायता की तथा देश के क्रांतिकारी,महापुरुषों की जीवनी, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान प्रचार प्रसार सोशल मिडिया के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने में संस्था को अपना पूर्ण योगदान देकर समाज को समर्पित किया
सामाजिक कार्यों के लिए श्रीमान जी को संस्था द्वारा भारतीय डिजिटल रिकॉर्ड़ सूची में विवरण दर्ज कर बाबा आम्टे समाज सेवी सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया , संस्था आपके राष्ट्र निर्माण में किये गए कार्यों की आभारी है धन्यबाद 
मैहनाज़ अंसारी (जनरल सेक्रेटरी)
विवरण :
introduction
Mr. Nadeem Hashmi
Work: Civil Engineer (Social Worker)
Residence: Kundeshwari Road
Municipal corporation
District: Udham Singh Nagar
State: Uttarakhand
Mobile no 9876543210
कुंडेश्वरी के बारे में
कुंडेश्वरी भारत में उत्तराखंड राज्य के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर शहर का एक क्षेत्र है। राज्य की राजधानी देहरादून से उत्तर में 181 किमी।
कुंडेश्वरी पिन कोड 244713 है और डाक हेड ऑफिस किला स्ट्रीट है।
काशीपुर शहर पूर्व में बाजपुर ब्लॉक, पश्चिम की ओर जसपुर ब्लॉक, उत्तर की ओर रामनगर ब्लॉक, पश्चिम की ओर ठाकुरवाड़ा ब्लॉक से घिरा हुआ है। काशीपुर सिटी, बाजपुर सिटी, जसपुर सिटी, सुअर सिटी काशीपुर के नजदीकी शहर हैं।
यह 228 मीटर ऊंचाई (ऊंचाई) में है। यह जगह उदम सिंह नगर जिले और मोरादाबाद जिले की सीमा में है। मोरादाबाद जिला ठाकुरद्वारा इस जगह की ओर पश्चिम है। यह उत्तर प्रदेश राज्य सीमा के नजदीक है।
काशीपुर, रामनगर, कॉर्बेट नेशनल पार्क (जिम कॉर्बेट), मोरादाबाद, नैनीताल देखने के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के निकट हैं।
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। लोग भी उर्दू बोलते हैं।
काशीपुर शहर में राजनीति
बीजेपी, एसपी, कांग्रेस इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
काशीपुर विधानसभा क्षेत्र वर्तमान विधायक
माननीय हरभजन सिंह चीमा, भजपा 
काशीपुर शहर नैनीताल-उधमसिंह नगर संसद निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है,  मौजूदा सांसद
माननीय  भगत सिंह कोष्यारी भाजपा 
काशीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मंडल 
जसपुर, काशीपुर
काशीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012  हरभजन सिंह चीमा बीजेपी 31734 = 2382 मनोज जोशी कांग्रेस  29352
2007  हरभजन सिंह चीमा बीजेपी 31756 = 15461 मोहम्मद। जुबैर सपा सपा सपा 16,295
2002  हरभजन सिंह चीमा बीजेपी 18396 = 195 के.सी.सिंह बाबा कांग्रेस 18201
काशीपुर शहर का मौसम और जलवायु
गर्मियों में गर्म है। काशीपुर गर्मी का सबसे ऊंचा दिन तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
जनवरी का औसत तापमान 14 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 16 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 23 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 28 डिग्री सेल्सियस है, मई 33 डिग्री सेल्सियस है।
काशीपुर शहर कैसे पहुंचे
रेल द्वारा
काशीपुर रेल वे स्टेशन, अलीई रेल वे स्टेशन काशीपुर शहर के बहुत पास के रेलवे स्टेशन हैं। कैसे मोरादाबाद रेल वे स्टेशन काशीपुर के पास 52 किलोमीटर के प्रमुख रेलवे स्टेशन है
काशीपुर शहर के पिन कोड
244712 (जसपुर), 244713 (किला स्ट्रीट)
आस पास के शहर
काशीपुर 3 किमी 
बाजपुर 17 किमी 
जसपुर 20 किमी 
ब्लॉक के पास 
काशीपुर 0 किलोमीटर 
बाजपुर 18 किमी 
जसपुर 1 9 किलोमीटर 
ठाकुरद्वारा 21 किलोमीटर 
एयर पोर्ट्स के पास 
पंतनगर हवाई अड्डे के पास 55 किलोमीटर 
मुजफ्फरनगर हवाई अड्डे के पास 147 किमी
देहरादून हवाई अड्डा 173 किलोमीटर 
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास 222 किलोमीटर 
जिलों के पास
रामपुर 49 किमी 
उदम सिंह नगर 51 किलोमीटर 
मोरादाबाद 52 किमी 
रेलवे स्टेशन के पास 
नैनिटल 55 किलोमीटर
काशीपुर रेलवे स्टेशन 4.5 किलोमीटर 
अलई रेल वे स्टेशन 7.3 किलोमीटर 
ज़ोहरा रेलवे स्टेशन 45 किलोमीटर
रुद्रपुर सिटी रेल वे स्टेशन 50 किलोमीटर 
समाजसेवी बाबा आमटे की जीवनी
बाबा आमटे – Baba Amte का जन्म 26 दिसम्बर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगनघाट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम देविदास आमटे और उनकी माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था। उनका परिवार धनि था। उनके पिता ब्रिटिश गवर्नमेंट ऑफिसर थे, उन्हें डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और रेवेन्यु कलेक्शन की जिम्मेदारियाँ दे रखी थी। बचपन में ही मुरलीधर को अपना उपनाम बाबा दिया गया था।
उन्हें बाबा इसलिए नही कहा जाता था की वे कोई संत या महात्मा थे, बल्कि उन्हें इसलिए बाबा कहा जाता था क्योकि उनके माता-पिता ही उन्हें इस नाम से पुकारते थे।
एक धनि परिवार के बड़े बेटे होते हुए मुरलीधर का बचपन काफी रमणीय था। समय के साथ-साथ वे भी चौदह साल के हुए और उन्होंने अपनी खुद की गन (बंदूक) ले ली और उससे वे सूअर और हिरन का शिकार किया करते थे। जब वे गाड़ी चलाने जितने बड़े हुए तब उन्हें एक स्पोर्ट कार दी गयी थी जिसे चीते की चमड़ी से ढका गया था। उन्हें कभी निचली जाती के बच्चो के साथ खेलने से नही रोका गया था। बचपन से ही उन्हें जातिभेद में भरोसा नही था, वे सभी को एक समान मानते थे और हमेशा से कहते थे की उनका परिवार इस सामाजिक भेदभावो को नही मानता।
समर्पित कार्य –
कानून विषय पर उन्होंने वर्धा में खास अभ्यास कर रखा था, जल्द ही वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हो गए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाने में लग गए और भारतीय स्वतंत्रता नेताओ के लिए वे बचावपक्ष वकील का काम करते थे,
1942 के भारत छोडो आन्दोलन में जिन भारतीय नेताओ को ब्रिटिश सरकार ने कारावास में डाला था उन सभी नेताओ का बचाव बाबा आमटे ने किया था। इसके बाद थोडा समय उन्होंने महात्मा गाँधी के सेवाग्राम आश्रम में बिताया और गांधीवाद के अनुयायी बने रहे। इसके बाद जीवन भर वे गांधी विचारो पर चलते रहे, जिसमे चरखे से उन की कटाई करना और खादी कपडे पहनना भी शामिल है। जब गांधीजी को पता चला की आमटे ने ब्रिटिश सैनिको से एक लड़की की जान बचायी है तो गांधीजी ने आमटे को “अभय साधक” का नाम दिया।
उस दिनों कुष्ट रूप समाज में तेज़ी से फ़ैल रहा था और बहोत से लोग इस बीमारी से जूझ रहे थे। लोगो में ऐसी ग़लतफ़हमी भी फ़ैल गयी थी की यह बीमारी जानलेवा है। लकिन आमटे ने लोगो की इस ग़लतफ़हमी को दूर किया और कुष्ट रोग से प्रभावित मरीज के इलाज की उन्होंने काफी कोशिशे भी की। बल्कि ये भी कहा जाता था की कुष्ट रोग से ग्रसित मरीज के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति में भी यह बीमारी फ़ैल सकती है लेकिन फिर भी इन सभी बातो पर ध्यान न देते हुए उन्होंने हमेशा कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो की सेवा की और उन का इलाज भी करवाया।
आमटे ने गरीबो की सेवा और उनके सशक्तिकरण और उनके इलाज के लिए भारत के महाराष्ट्र में तीन आश्रम की स्थापना की। 15 अगस्त 1949 को उन्होंने आनंदवन में एक पेड़ के निचे अस्पताल की शुरुवात भी की। 1973 में आमटे ने गडचिरोली जिले के मदिया गोंड समुदाय के लोगो की सहायता के लिए लोक बिरादरी प्रकल्प की स्थापना भी की थी।
Baba Amte ने अपने जीवन को बहुत से सामाजिक कार्यो में न्योछावर किया, इनमे मुख्य रूप से लोगो में सामाजिक एकता की भावना को जागृत करना, जानवरों का शिकार करने से लोगो को रोकना और नर्मदा बचाओ आन्दोलन शामिल है। उनके कार्यो को देखते हुए 1971 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।
परिवार के सदस्यों का समर्पित कार्य –
आमटे का विवाह इंदु घुले (साधना आमटे) से हुआ था। उनकी पत्नी भी उनके साथ सामाजिक कार्यो में भाग लेती थी और कदम से कदम मिलाकर जनसेवा करती थी। उनके दो बेटे डॉ. विकास आमटे और डॉ. प्रकाश आमटे और दो बहु डॉ. मंदाकिनी और डॉ. भारती है, सभी डॉक्टर है। इन चारो ने हमेशा सामाजिक कार्यो में अपना योगदान दिया और हमेशा वे अपने पिता के नक्शेकदम पर ही चलते रहे।
उनका बेटा डॉ. प्रकाश आमटे और उनकी पत्नी डॉ. मंदाकिनी आमटे महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले के हेमलकसा ग्राम में मदिया गोंड समुदाय के लोगो के लिए एक स्कूल और एक अस्पताल चलाते थे। प्रकाश आमटे से विवाह करने के बाद मंदाकिनी आमटे ने गवर्नमेंट मेडिकल जॉब छोड़ दिया और अस्पताल और स्कूल चलाने के लिए हेमलकसा चली गयी थी और साथ ही जंगलो में घायल हुए जानवरों का इलाज भी करती थी।
उनके दो बेटे है, पहला बेटा दिगंत, डॉक्टर है और दूसरा बेटा अनिकेत एक इंजिनियर है। इन दोनों ने भी कई सामाजिक कार्य किये है। 2008 में प्रकाश और मंदानिकी के सामाजिक कार्यो को देखते हुए उन्हें मेगसेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
Baba Amte का बड़ा बेटा विकास आमटे और उनकी पत्नी भारती आमटे आनंदवन में एक अस्पताल चलाते है और कई ऑपरेशन भी करते है।
वर्तमान में आनंदवन और हेमलकसा ग्राम में एक-एक ही अस्पताल है। आनंदवन में एक यूनिवर्सिटी, एक अनाथाश्रय और अंधो और गरीबो के लिए एक स्कूल भी है। आज स्व-संचालित आनंदवन आश्रम में तक़रीबन 5000 लोग रहते है। महाराष्ट्र के आनंदवन का सामाजिक विकास प्रोजेक्ट आज पुरे विश्व तक पहुच चूका है। आनंदवन के बाद आमटे ने कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो के इलाज के लिए सोमनाथ और अशोकवन आश्रम की भी स्थापना की थी।
मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन –
1990 में मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन करने के लिए उन्होंने आनंदवन छोड़ दिया था। जिसमे नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध बनाने के लिए वे संघर्ष कर रहे थे और स्थानिक लोगो द्वारा नर्मदा नदी के तट पर की जा रही गन्दगी की रोकने की कोशिश भी कर रहे थे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान समाज सुधारक बाबा आमटे के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी