बाबा आमटे समाज सेवी सम्मान पत्र

नाम : वाल्मीक कुटे
पद : सामाजिक कार्यकर्त्ता (सिविल ठे
मो : NA
निवास : पिंपरी
नगर : पिंपरी-चिंचवाड़
ज़िला : पुणे
राज्य : महाराष्ट्र
सम्मान पत्र : NA
विवरण :
Name : WALMIK KUTE
Position: Social Worker 
(Civil Contractor,and building material suppliers.)
Region Name : Pimpri-chinchwad
City Name : Pimpri-chinchwad
District : Pune 
State : Maharashtra 
Region : Desh or Paschim Maharashtra 
Division : Pune 
Telephone 9822783087
Language : Marathi and Hindi, Kannada, Marwari 
Current Time 07:35 PM
Date: Monday , Aug 13,2018 (IST)
Pin Code : 411019 
Municipal Corporation : Pimpri-Chinchwad Mayor
Hon. Rahul Gulab Jadhav (Mayor) (BJP) CONT. 020-67333333
Assembly constituency : Bhosari assembly constituency 
Assembly MLA : Mahesh (Dada) Kisan Landge (IND) 
Contact Number: 9922609666
Lok Sabha constituency : Shirur parliamentary constituency 
Parliament MP : Adhalrao Shivaji Dattatrey (SHIVSENA) 
Contact Number: 9820021344
About Pimpri-chinchwad
Pimpri-chinchwad is a City in Pimpri-chinchwad City in Pune District of Maharashtra State, India. It belongs to Desh or Paschim Maharashtra region . It belongs to Pune Division . It is located 15 KM towards North from District head quarters Pune. It is a City head quarter. 
Pimpri-chinchwad Pin code is 411019 and postal head office is M.Phulenagar . 
Empire Estate Phase 1 ( 1 KM ) , Ramabai Nagar Bhat Nagar ( 1 KM ) , Morewadi Chinchwad ( 1 KM ) , Bhat Nagar Pimpri Colony ( 1 KM ) , Lal Topi Nagar ( 1 KM ) are the nearby Villages to Pimpri-chinchwad. Pimpri-chinchwad is surrounded by Pune City towards South , Talegaon Dabhade City towards west , Haveli City towards South , Khed City towards North . 
Pimpri-Chinchwad , Pune , Talegaon Dabhade , Sasvad are the nearby Cities to Pimpri-chinchwad.
Demographics of Pimpri-chinchwad
Marathi is the Local Language here. 
Politics in Pimpri-chinchwad
NCP , SHS are the major political parties in this area. 
HOW TO REACH Pimpri-chinchwad
By Rail
Pimpri Rail Way Station , Chinchvad Rail Way Station are the very nearby railway stations to Pimpri-chinchwad. How everPune Jn Rail Way Station is major railway station 15 KM near to Pimpri-chinchwad 
Near Cities 
Pimpri-Chinchwad  1 KM near      
Pune  14 KM near      
Talegaon Dabhade  18 KM near      
Sasvad  46 KM near      
Near By Taluks 
Pimpri-Chinchwad  1 KM near      
Pune  16 KM near      
Talegaon Dabhade  18 KM near      
Haveli  22 KM near      
Near By Air Ports 
Lohegaon Airport  15 KM near      
Chhatrapati Shivaji International Airport   123 KM near      
Gandhinagar Airport  166 KM near      
Chikkalthana Airport  242 KM near      
Near By Tourist Places 
Pimpri-Chinchwad  1 KM near      
Pune  15 KM near      
Vadhu Tulapur  28 KM near      
Kamshet  33 KM near      
Lavasa  44 KM near      
Near By Districts 
Pune  14 KM near      
Raigad  109 KM near      
Satara  119 KM near      
Mumbai  122 KM near      
Near By RailWay Station 
Pimpri Rail Way Station  0.9 KM near      
Chinchvad Rail Way Station  1.7 KM near      
Kasar Wadi Rail Way Station  3.5 KM near      
Khadki Rail Way Station  9 KM near      
Sivajinagar Rail Way Station  13 KM near
पिंपरी-चिंचवाड़ के बारे में
पिंपरी-चिंचवाड़ महाराष्ट्र राज्य, पुणे राज्य जिले के पिंपरी-चिंचवाड़ शहर में एक शहर है। यह देश या पासिम महाराष्ट्र क्षेत्र से संबंधित है। यह पुणे डिवीजन से संबंधित है। यह जिला मुख्यालय पुणे से उत्तर की तरफ 15 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एक सिटी हेड क्वार्टर है।
पिंपरी-चिंचवाड़ पिन कोड 41101 9 है और डाक प्रमुख कार्यालय एम फुलेनगर है।
एम्पायर एस्टेट चरण 1 (1 किमी), रामाबाई नगर भाट नगर (1 किमी), मोरवाडी चिंचवड (1 किमी), भट नगर पिंपरी कॉलोनी (1 किमी), लाल टोपी नगर (1 किमी) पिंपरी-चिंचवाड़ के पास के गांव हैं। पिंपरी-चिंचवाड़ पुणे शहर से दक्षिण की तरफ, तलेगांव दाभाडे शहर की तरफ पश्चिम में है, दक्षिण में हवेली शहर, उत्तर की ओर खेद शहर से घिरा हुआ है।
पिंपरी-चिंचवड, पुणे, तलेगांव दाभाडे, सासवाद पिंपरी-चिंचवाड़ के नजदीकी शहर हैं।
पिंपरी-चिंचवाड़ की जनसांख्यिकी
मराठी यहां स्थानीय भाषा है।
पिंपरी-चिंचवाड़ में राजनीति
एनसीपी, एसएचएस इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
भोसरी विधानसभा क्षेत्र में मंडल 
पुणे, पिंपरी-चिंचवड
भोसरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2014 = महेश (दादा) किसान लैंडगे = 60173 = 15316 उबाले सुलाभा रामभाऊ शिवसेना  44857
2009 = विलास विठोबा लैंड निर्दलीय 50472 = 1272 उबाले सुल्भा रामभाऊ शिवसेना 49200
पिंपरी-चिंचवाड़ के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) रानी पुट्टलाई महिलाएं 2727 कम कॉलेज इंद्रियानगरगर उत्तर से दक्षिण उत्तर बिल्डिंग
2) एस। एस अजमेरा ट्रस्ट टी सेक्टर रोड अजमेरा कॉलोनी नॉर्थ साइड रूम नंबर 1 से पहला मंजिल
3) एस। एस अजमेरा ट्रस्ट टी सेक्टर रोड अजमेरा कॉलोनी नॉर्थ साइड रूम नंबर 2 से पहला मंजिल
4) एस। दक्षिण साइड रूम नंबर 1 से एस अजमेरा ट्रस्ट टी सेक्टर रोड अजमेरा कॉलोनी
5) एस। दक्षिण साइड कक्ष संख्या 2 से एस अजमेरा ट्रस्ट टी सेक्टर रोड अजमेरा कॉलोनी
पिंपरी-चिंचवाड़ कैसे पहुंचे
रेल द्वारा
पिंपरी रेल वे स्टेशन, चिंचवड रेल वे स्टेशन पिंपरी-चिंचवाड़ के बहुत पास के रेलवे स्टेशन हैं। पुणे जेएन रेल वे स्टेशन पिंपरी-चिंचवाड़ के पास 15 किलोमीटर दूर प्रमुख रेलवे स्टेशन है
शहरों के नजदीक
पिंपरी-चिंचवाड़ 1 किमी निकट
पुणे 14 किमी निकट
तलेगांव दाभाडे 18 किलोमीटर दूर
सासवाद 46 किमी निकट
तालुक के पास
पिंपरी-चिंचवाड़ 1 किमी निकट
पुणे 16 किमी निकट
तलेगांव दाभाडे 18 किलोमीटर दूर
हवेली 22 किलोमीटर निकट है
एयर पोर्ट्स के पास
लोहेगांव हवाई अड्डे के पास 15 किलोमीटर दूर है
छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे 123 किमी निकटतम
गांधीनगर हवाई अड्डे के पास 166 किलोमीटर दूर है
चिकक्कल्थाना हवाई अड्डे के पास 242 किलोमीटर दूर है
पर्यटक स्थलों के पास
पिंपरी-चिंचवाड़ 1 किमी निकट
पुणे 15 किमी निकट
वधु तुलापुर 28 किलोमीटर दूर
Kamshet 33 किलोमीटर निकट
लवासा 44 किमी निकट
जिलों के पास
पुणे 14 किमी निकट
रायगढ़ 109 किमी निकट
सतारा 119 किमी निकट
मुंबई 122 किलोमीटर निकट है
रेलवे स्टेशन के पास
पिंपरी रेल वे स्टेशन 0.9 किलोमीटर निकट है
चिंचवड रेल वे स्टेशन 1.7 किमी निकट
कासर वाडी रेल वे स्टेशन 3.5 किलोमीटर दूर है
खादकी रेल वे स्टेशन 9 किलोमीटर दूर है
शिवाजीनगर रेल वे स्टेशन 13 किलोमीटर दूर है
समाजसेवी बाबा आमटे की जीवनी
बाबा आमटे – Baba Amte का जन्म 26 दिसम्बर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगनघाट शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम देविदास आमटे और उनकी माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था। उनका परिवार धनि था। उनके पिता ब्रिटिश गवर्नमेंट ऑफिसर थे, उन्हें डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और रेवेन्यु कलेक्शन की जिम्मेदारियाँ दे रखी थी। बचपन में ही मुरलीधर को अपना उपनाम बाबा दिया गया था।
उन्हें बाबा इसलिए नही कहा जाता था की वे कोई संत या महात्मा थे, बल्कि उन्हें इसलिए बाबा कहा जाता था क्योकि उनके माता-पिता ही उन्हें इस नाम से पुकारते थे।
एक धनि परिवार के बड़े बेटे होते हुए मुरलीधर का बचपन काफी रमणीय था। समय के साथ-साथ वे भी चौदह साल के हुए और उन्होंने अपनी खुद की गन (बंदूक) ले ली और उससे वे सूअर और हिरन का शिकार किया करते थे। जब वे गाड़ी चलाने जितने बड़े हुए तब उन्हें एक स्पोर्ट कार दी गयी थी जिसे चीते की चमड़ी से ढका गया था। उन्हें कभी निचली जाती के बच्चो के साथ खेलने से नही रोका गया था। बचपन से ही उन्हें जातिभेद में भरोसा नही था, वे सभी को एक समान मानते थे और हमेशा से कहते थे की उनका परिवार इस सामाजिक भेदभावो को नही मानता।
समर्पित कार्य –
कानून विषय पर उन्होंने वर्धा में खास अभ्यास कर रखा था, जल्द ही वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हो गए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाने में लग गए और भारतीय स्वतंत्रता नेताओ के लिए वे बचावपक्ष वकील का काम करते थे,
1942 के भारत छोडो आन्दोलन में जिन भारतीय नेताओ को ब्रिटिश सरकार ने कारावास में डाला था उन सभी नेताओ का बचाव बाबा आमटे ने किया था। इसके बाद थोडा समय उन्होंने महात्मा गाँधी के सेवाग्राम आश्रम में बिताया और गांधीवाद के अनुयायी बने रहे। इसके बाद जीवन भर वे गांधी विचारो पर चलते रहे, जिसमे चरखे से उन की कटाई करना और खादी कपडे पहनना भी शामिल है। जब गांधीजी को पता चला की आमटे ने ब्रिटिश सैनिको से एक लड़की की जान बचायी है तो गांधीजी ने आमटे को “अभय साधक” का नाम दिया।
उस दिनों कुष्ट रूप समाज में तेज़ी से फ़ैल रहा था और बहोत से लोग इस बीमारी से जूझ रहे थे। लोगो में ऐसी ग़लतफ़हमी भी फ़ैल गयी थी की यह बीमारी जानलेवा है। लकिन आमटे ने लोगो की इस ग़लतफ़हमी को दूर किया और कुष्ट रोग से प्रभावित मरीज के इलाज की उन्होंने काफी कोशिशे भी की। बल्कि ये भी कहा जाता था की कुष्ट रोग से ग्रसित मरीज के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति में भी यह बीमारी फ़ैल सकती है लेकिन फिर भी इन सभी बातो पर ध्यान न देते हुए उन्होंने हमेशा कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो की सेवा की और उन का इलाज भी करवाया।
आमटे ने गरीबो की सेवा और उनके सशक्तिकरण और उनके इलाज के लिए भारत के महाराष्ट्र में तीन आश्रम की स्थापना की। 15 अगस्त 1949 को उन्होंने आनंदवन में एक पेड़ के निचे अस्पताल की शुरुवात भी की। 1973 में आमटे ने गडचिरोली जिले के मदिया गोंड समुदाय के लोगो की सहायता के लिए लोक बिरादरी प्रकल्प की स्थापना भी की थी।
Baba Amte ने अपने जीवन को बहुत से सामाजिक कार्यो में न्योछावर किया, इनमे मुख्य रूप से लोगो में सामाजिक एकता की भावना को जागृत करना, जानवरों का शिकार करने से लोगो को रोकना और नर्मदा बचाओ आन्दोलन शामिल है। उनके कार्यो को देखते हुए 1971 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया।
परिवार के सदस्यों का समर्पित कार्य –
आमटे का विवाह इंदु घुले (साधना आमटे) से हुआ था। उनकी पत्नी भी उनके साथ सामाजिक कार्यो में भाग लेती थी और कदम से कदम मिलाकर जनसेवा करती थी। उनके दो बेटे डॉ. विकास आमटे और डॉ. प्रकाश आमटे और दो बहु डॉ. मंदाकिनी और डॉ. भारती है, सभी डॉक्टर है। इन चारो ने हमेशा सामाजिक कार्यो में अपना योगदान दिया और हमेशा वे अपने पिता के नक्शेकदम पर ही चलते रहे।
उनका बेटा डॉ. प्रकाश आमटे और उनकी पत्नी डॉ. मंदाकिनी आमटे महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले के हेमलकसा ग्राम में मदिया गोंड समुदाय के लोगो के लिए एक स्कूल और एक अस्पताल चलाते थे। प्रकाश आमटे से विवाह करने के बाद मंदाकिनी आमटे ने गवर्नमेंट मेडिकल जॉब छोड़ दिया और अस्पताल और स्कूल चलाने के लिए हेमलकसा चली गयी थी और साथ ही जंगलो में घायल हुए जानवरों का इलाज भी करती थी।
उनके दो बेटे है, पहला बेटा दिगंत, डॉक्टर है और दूसरा बेटा अनिकेत एक इंजिनियर है। इन दोनों ने भी कई सामाजिक कार्य किये है। 2008 में प्रकाश और मंदानिकी के सामाजिक कार्यो को देखते हुए उन्हें मेगसेसे अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
Baba Amte का बड़ा बेटा विकास आमटे और उनकी पत्नी भारती आमटे आनंदवन में एक अस्पताल चलाते है और कई ऑपरेशन भी करते है।
वर्तमान में आनंदवन और हेमलकसा ग्राम में एक-एक ही अस्पताल है। आनंदवन में एक यूनिवर्सिटी, एक अनाथाश्रय और अंधो और गरीबो के लिए एक स्कूल भी है। आज स्व-संचालित आनंदवन आश्रम में तक़रीबन 5000 लोग रहते है। महाराष्ट्र के आनंदवन का सामाजिक विकास प्रोजेक्ट आज पुरे विश्व तक पहुच चूका है। आनंदवन के बाद आमटे ने कुष्ट रोग से पीड़ित मरीजो के इलाज के लिए सोमनाथ और अशोकवन आश्रम की भी स्थापना की थी।
मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन –
1990 में मेधा पाटकर के साथ मिलकर नर्मदा बचाओ आन्दोलन करने के लिए उन्होंने आनंदवन छोड़ दिया था। जिसमे नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध बनाने के लिए वे संघर्ष कर रहे थे और स्थानिक लोगो द्वारा नर्मदा नदी के तट पर की जा रही गन्दगी की रोकने की कोशिश भी कर रहे थे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान समाज सुधारक बाबा आमटे के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी