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डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र सम्मान पत्र

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विधार्थी नाम : मुस्कान मुस्लिम कक्षा / परीक्षा वर्ष : 10-2017
अंक प्रतिशत/अनु. सं : 82% 645760 स्कूल नाम : सालार पब्लिक स्कूल थांवला
पंचायत/वार्ड : NA ब्लाक / नगर : NA
ज़िला : NA राज्य : NA
प्रामाणिता :

प्रमाणित किया जाता है की उक्त छात्र को डा. ए. पी. जे. मेधावी छात्र योजना में वर्ष २०१६-२०१७ में उत्तीर्ण होने पर संस्था द्वारा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है,

विवरण : muskaan muslim Class - 10th 2016-2017 Total - 363 father _ muslim Thanwla - bilari id- 83399-90273 Salar public school Sahaspur Road Thanjla Tehsil Bilari District - Moradabad Uttar Pradesh Manager - Rizwan Ahmad Advocate Principal - Ehsaan-ul-Haq cont. - 9758616026
डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम का इतिहास व जीवन परिचयs:

जन्म: 15 अक्टूबर 1931, रामेश्वरम, तमिलनाडु, मृत्यु: 27 जुलाई, 20 15, शिलोंग, मेघालय पद/कार्य: भारत के पूर्व राष्ट्रपति उपलब्धियां: एक वैज्ञानिक और इंजिनियर के तौर पर उन्होंने रक्षा अनुसन्धान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एक प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण संगठनों (डीआरडीओ और इसरो) में कार्य किया। उन्होंने वर्ष 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल विकास कार्यक्रम के साथ भी जुड़े थे। इसी कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन’ भी कहा जाता है। वर्ष 2002 में कलाम भारत के राष्ट्रपति चुने गए और 5 वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षण, लेखन, और सार्वजनिक सेवा में लौट आए। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। प्रारंभिक जीवन अवुल पकिर जैनुलअबिदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुसलमान परिवार मैं हुआ। उनके पिता जैनुलअबिदीन एक नाविक थे और उनकी माता अशिअम्मा एक गृहणी थीं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थे इसलिए उन्हें छोटी उम्र से ही काम करना पड़ा। अपने पिता की आर्थिक मदद के लिए बालक कलाम स्कूल के बाद समाचार पत्र वितरण का कार्य करते थे। अपने स्कूल के दिनों में कलाम पढाई-लिखाई में सामान्य थे पर नयी चीज़ सीखने के लिए हमेशा तत्पर और तैयार रहते थे। उनके अन्दर सीखने की भूख थी और वो पढाई पर घंटो ध्यान देते थे। उन्होंने अपनी स्कूल की पढाई रामनाथपुरम स्च्वार्त्ज़ मैट्रिकुलेशन स्कूल से पूरी की और उसके बाद तिरूचिरापल्ली के सेंट जोसेफ्स कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने सन 1954 में भौतिक विज्ञान में स्नातक किया। उसके बाद वर्ष 1955 में वो मद्रास चले गए जहाँ से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण की। वर्ष 1960 में कलाम ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी की। भारत के राष्ट्रपति एक रक्षा वैज्ञानिक के तौर पर उनकी उपलब्धियों और प्रसिद्धि के मद्देनज़र एन. डी. ए. की गठबंधन सरकार ने उन्हें वर्ष 2002 में राष्ट्रपति पद का उमीदवार बनाया। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लक्ष्मी सहगल को भारी अंतर से पराजित किया और 25 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया। डॉ कलाम देश के ऐसे तीसरे राष्ट्रपति थे जिन्हें राष्ट्रपति बनने से पहले ही भारत रत्न ने नवाजा जा चुका था। इससे पहले डॉ राधाकृष्णन और डॉ जाकिर हुसैन को राष्ट्रपति बनने से पहले ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जा चुका था। वर्ष सम्मान संगठन 2014 डॉक्टर ऑफ साइंस एडिनबर्ग विश्वविद्यालय , ब्रिटेन 2012 डॉक्टर ऑफ़ लॉ ( मानद ) साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय 2011 आईईईई मानद सदस्यता आईईईई 2010 डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग वाटरलू विश्वविद्यालय 2009 मानद डॉक्टरेट ऑकलैंड विश्वविद्यालय 2009 हूवर मेडल ASME फाउंडेशन, संयुक्त राज्य अमेरिका 2009 अंतर्राष्ट्रीय करमन वॉन विंग्स पुरस्कार कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान , संयुक्त राज्य अमेरिका 2008 डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय , सिंगापुर 2007 चार्ल्स द्वितीय पदक रॉयल सोसाइटी , ब्रिटेन 2007 साइंस की मानद डाक्टरेट वॉल्वर हैम्प्टन विश्वविद्यालय , ब्रिटेन 2000 रामानुजन पुरस्कार अल्वर्स रिसर्च सैंटर, चेन्नई 1998 वीर सावरकर पुरस्कार भारत सरकार 1997 राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1997 भारत रत्न भारत सरकार 1994 विशिष्ट फेलो इंस्टिट्यूट ऑफ़ डायरेक्टर्स (भारत) 1990 पद्म विभूषण भारत सरकार 1981 पद्म भूषण भारत सरकार मृत्यु: 27 जुलाई 2015 को भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिल्लोंग, में अध्यापन कार्य के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद करोड़ों लोगों के प्रिय और चहेते डॉ अब्दुल कलाम परलोक सिधार गए।

स्कूल/कालेज विवरण :

सलार पब्लिक  स्कूल थांवला के बारे में 

 

सलार  पब्लिक स्कूल थांवला, बिलारी के थांवला गांव में प्राथमिक विद्यालय है। यह वर्ष 1 99 8 में स्थापित किया गया था और स्कूल प्रबंधन प्राइवेट है। गैर-सहायता प्राप्त। यह एक हिंदी माध्यम है - सह-शिक्षा विद्यालय।

सलार  पब्लिक स्कूल थांवला अपनी स्वयं की निजी इमारत है। स्कूल में 11 कक्षाएं हैं सबसे कम कक्षा 1 है और विद्यालय में उच्चतम कक्षा 8 है। इस विद्यालय में 5 पुरुष शिक्षक और 5 महिला शिक्षक हैं। इस विद्यालय में पुस्तकालय की सुविधा उपलब्ध है और पुस्तकालय की कुल संख्या 36 है।

 

इस स्कूल में एक खेल का मैदान भी है। सलाल पब्लिक स्कूल थांवला कोई आवासीय सुविधा प्रदान नहीं करता है। स्कूल में कोई भोजन सुविधा नहीं है।

पता: सहसपुर रोड 

थांवला, बिलारी

मोरादाबाद, उत्तर प्रदेश (आईएन) - 202411

सलार  पब्लिक स्कूल थांवला विवरण

वर्ष 1 998 में स्थापित

मैनेजमेंट पवत।

TypeCo-शिक्षा

निर्देशन के माध्यम

आवासीय नहीं, लागू नहीं है

शिक्षक मेल - 5, महिला - 5

कक्षाएं लोवोस्ट - 1, सर्वोच्च - 8

क्लास्स रूम्स 11

प्लेग्राउंड यस 

लाइब्रेरी, पुस्तकों की संख्या: 36

स्कूल में भोजन प्रदान नहीं किया गया

 

पंजीकरण छात्र को कार्ड के माध्यम से संस्था द्वारा संचालित योजना का लाभ ३१ मई २०१८ कार्ड की वैधता तक निशुल्क नियमानुसार दिया जायेगा 

१- योजना के प्रथम वर्ष उत्तीर्ण छात्र को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है 

२- पंजीकयण छात्र का विवरण हमेशा इस वेबसाइट में उपलब्ध रहेगा 

३-स्कूल में उच्च अंक प्राप्त करने पर छात्र को सम्मानित कर एक पेड़ मेधावी छात्र के नाम से लगाया जायेगा जिससे पेड़ के माध्यम से छात्र को समाज में सम्मान मिलता रहे।  

४- प्रतिवष प्रथम एक हज़ार छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान पत्र देकर उच्च अधिकारिओं द्वारा सम्मानित किया जायेगा 

5 - निरंतर ३ वर्षों तक उच्च अंक प्राप्त करने पर तीसरे वर्ष प्रथम एक हज़ार मेधावी छात्रों को पांच हज़ार रुपये की छात्रवृति राष्ट्रिय स्तर पर दिल्ली सम्मान समारोह में स्कूल सहित सम्मानित कर राशि उपलब्ध कराई जाएगी, देश से संबधित सवालों के जवाब छात्र से पूछकर सही जवाब देने वाले  १००० छात्रों का चयन किया जायेगा 

6 - पंजीकरण छात्र घर से स्कूल जाते समय , स्कूल क्लास में अथवा स्कूल से घर जाते समय दुर्घटना / आकस्मिक मृत्यु उपरान्त परिवार को सांत्वना हेतु १५,००० रुपये , छात्र के नाम से स्कूल को  छायादार वृक्ष लगवाने राहगीर के लिए पानी का नल लगवाने हेतु ५,००० रुपये  संस्था द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे 

यह योजना निशुल्क लागू की गयी है छात्र ने मात्र ८० रुपये ऑनलाइन कार्ड की राशि सर्वेयर द्वारा स्वयं वहन की है