मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
विमला देवी पब्लिक स्कूल मारहरा
प्रबंधक :
आकॉक्षा गुप्ता (प्रिंसीपल)
विशेषता :
हिंदी मीडियम
क्षेत्र :
राठी जी की कोठी
नगर ब्लॉक :
नगर पालिका परिषद मारहरा
जनपद :
एटा
राज्य :
उत्तर प्रदेश
वेबसाइट :
सम्मान : NA
विवरण : introduction
School Name : Vimla Devi Public School Marhera
Principal Name : Akansha Gupta
Manager Name : Akshat Rathi
Mobail No. : 09876543210
Adress : Rathi Ji Ki kothi
Municipality Council: Marehra 
District : Etah 
State : Uttar Pradesh 
Division : Aligarh 
Language : Hindi and Urdu 
Current Time 07:19 PM  
Date: Sunday , Jul 14,2019 (IST)  
Vehicle Registration Number:UP-82 
RTO Office : Etah 
Telephone Code / Std Code: 05744 
Assembly constituency : Marhara assembly constituency 
Assembly MLA : virendra (BJP) 9412490792, 
Lok Sabha constituency : Etah parliamentary constituency 
Parliament MP : Rajveer Singh (Raju Bhaiya) 
Serpanch Name : 
Pin Code : 207401 
Post Office Name : Marehara

नगर पालिका परिषद् मारहरा के बारे में
मेराहरा, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में एटा जिले में एक शहर और एक नगर पालिका बोर्ड है।जिसको  25 वार्डों में विभाजित कर विकास कार्यों की रूप रेखा तैयार कर विकास कार्य किये जा रहे हैं , नगर पालिका परिषद् मारहरा में कुल 15868 मतदाता हैं, निकाय चुनाव 2017 में समाजवादी पार्टी समर्थित नगर पालिका अध्यक्ष  पद पर  वहीद महमूद जुबैरी जी ने कुल पड़े मत संख्या 10826 में से (4565) 43.56 मत पाकर बहुजन समाज पार्टी समर्थित उम्मीदवार 
2 - स्नोध कुमार  = बसपा  (2317) 22.11 को 2248  अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता 
3- मु0 राशिद = राष्ट्रीय ओलमा कौन्सिल (1947) 18.58  मत प्राप्त कर तीसरे  स्थान जमानत जब्त
4 - गौरव कुमार = भारतीय जनता पार्टी (1401) चौथे स्थान पर रहकर जमानत जब्त हो गयी 
शहर का इतिहास जाने 
इसको मारहरा शरीफ के रूप में जाना जाता है यह दुनिया भर से मुसलमानों के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यहां मुसलमानों के पैगम्बर मोहम्मद साहब के वंशजों की समाधि स्थल हैं और यहां पर उन की बहुत की चीज भी है जो प्रत्येक उर्स पर प्रदर्शित की जाती है,और मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है के यहां सात कूतुब की मजार एक साथ है है जो विश्व में और कहीं नहीं है, यहां से श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालु बरकाती केहलाते है, मारहरा भी अपने स्वादिष्ट आम के लिए मशहूर है। मोहल्लाह कम्बोह यहाँ का सबसे बड़ा मोहल्लाह है।यह  एक शांति पूर्ण शहर है जहां हिन्दू मुस्लिम सभी धर्मों के नागरिक एक दूसरे के साथ सद्भाव और स्नेह है। 
जनसांख्या
सन् २०११ की जनसांख्या के अनुसार मारहरा की कुल जनसांख्या ४७,७७२ है। जिस्में से ५३% पुरुष् हैं और ४७% महिलायें हैं। मारहरा की एक औसत साक्षरता दर ६३% है।
मारेहरा, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के एटा जिले के मारेहरा ब्लॉक में एक शहर है। यह अलीगढ़ मंडल का है। यह जिला मुख्यालय क्वार्टर से उत्तर की ओर 25 KM की दूरी पर स्थित है। यह एक ब्लॉक हेड क्वार्टर है।
मारेहरा पिन कोड 207401 है और डाक प्रधान कार्यालय मारेहारा है।
सराय अहमद खान (2 KM), अहमदनगर बामनोई (2 KM), हयातपुर माफी (2 KM), महमूदपुर नगरिया (3 KM), फिरोज पुर सिलोनी (3 KM) मारेहरा के नजदीकी गांव हैं। मेराहरा उत्तर की ओर कासगंज ब्लॉक, पश्चिम की ओर सिकंदराराऊ ब्लॉक, पूर्व की ओर अमनपुर ब्लॉक, दक्षिण की ओर निधौली कलां ब्लॉक से घिरा हुआ है।
सिकंदरा राव, एटा, सोरों, सहावर पास के शहर मारेहरा हैं।
यह स्थान एटा जिले और कांशीराम नगर जिले की सीमा में है। कांशीराम नगर जिला कासगंज इस जगह की ओर उत्तर है। इसके अलावा यह अन्य जिले अलीगढ़ की सीमा में है।
मारहरा की जनसांख्यिकी
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है।
कैसे मारहरा तक पहुंचें
रेल द्वारा
मारहरा रेल मार्ग स्टेशन, मारहरा रेल मार्ग स्टेशन, म्हारा को नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।
शहरों के पास
सिकंदरा राव 19 KM 
एटा 24 KM 
सोरोन 28 KM 
सहवार 30 KM 
तालुकों के पास
मारेहरा 7 KM 
कासगंज 7 KM 
सिकंदराराऊ 16 KM 
अमनपुर 19 KM 
एयर पोर्ट्स के पास
खेरिया एयरपोर्ट 98 KM 
ग्वालियर एयरपोर्ट 183 KM 
पंतनगर हवाई अड्डा 188 KM
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 190 KM 
पर्यटक स्थलों के पास
अलीगढ़ 56 KM 
आगरा 93 KM
वृंदावन 98 KM 
मथुरा 103 KM 
बुलंदशहर 114 KM 
जिले के पास
कांशीराम नगर 11 KM 
एटा 24 KM 
अलीगढ़ 57 KM 
महामाया नगर 69 किमी 
रेल्वे स्टेशन के पास
मरहरा रेल मार्ग स्टेशन 1.8 KM 
मरहरा रेल मार्ग स्टेशन 1.9 KM 
कासगंज जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 10 KM
हाथरस जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 49 KM 

मारेहरा में राजनीति जाने 
JS, PSP, SP, JaKP इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
मारहरा विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
मारेहरा निधौली कलां सकिट शीतलपुर
मारहरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012 = अमित गौरव SP 61827 = 22256 वीरेंद्र JaKP 39571
1962 = रघुबीर सिंह PSP 10744 = 1933 वीरेंद्र सिंह JS  8811  
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी