मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
मॉर्डन जूनियर हाई स्कूल सिरौली कलां
प्रबंधक :
दिलीप सिंह जीना
विशेषता :
इंग्लिश मीडियम
क्षेत्र :
सिरौलीकलां
नगर ब्लॉक :
किच्छा रूद्रपुर
जनपद :
उधमसिंह नगर
राज्य :
उत्तराखंड
वेबसाइट :
NA
सम्मान :
श्रीमान प्रबंधक महोदय ने नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
मदन मोहन मालवीय स्कूल/कालेज सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
 (मेहनाज़ अंसारी जनरल सेक्रेटरी )
विवरण :
introduction
School Name : Modern Junior High School SIRONLI KALA  
Medium : ENGLISH 
Manager Name : Mr. DALIP SINGH JINA
Mobail No. : 
Locality Name : Siraulikalan 
Block Name : Rudrapur
District : Udam Singh Nagar 
State : Uttarakhand 
Language : Hindi and Urdu 
Current Time 10:44 PM 
Date: Thursday , Aug 01,2019 (IST) 
Vehicle Registration Number:UK-06 
RTO Office : Udham Singh Nagar 
Telephone Code / Std Code: 05944 
Assembly constituency : Kichha assembly constituency 
Assembly MLA : rajesh shukla 
Lok Sabha constituency : Nainital-Udhamsingh Nagar parliamentary constituency 
Parliament MP : Ajay Bhatt 
Pin Code : 263148 
Post Office Name : Kichha
 
स्कूल की सुबिधा के बारे में जानकारी
UDISE कोड: NA
भवन: निजी
क्लास रूम: 08
बॉय  टॉयलेट: 01
गर्ल्स टॉयलेट: 01
कंप्यूटर एडेड लर्निंग: हाँ
बिजली: हाँ
दीवार: पक्की
पुस्तकालय: १
खेल का मैदान: हाँ
लाइब्रेरी में किताबें: 27
पीने का पानी: हाथ पंप्स 03
विकलांगों के लिए रैंप: हाँ
कंप्यूटर: 2

सिरौलीकलां के बारे में 
सिरौलीकलां उत्तराखंड राज्य, भारत के उधमसिंह नगर जिले में रुद्रपुर ब्लॉक का एक गाँव है। यह जिला मुख्यालय, रुद्रपुर से पूर्व की ओर 16 KM दूर स्थित है। रुद्रपुर से 9 कि.मी. राज्य की राजधानी देहरादून से 250 कि.मी.
सिरौलीकलां पिन कोड 263148 है और डाक प्रधान कार्यालय किच्छा है।
कुरैया (6 KM), बाखपुर (6 KM), राम नगर (7 KM), लालपुर (7 KM), दराऊ (8 KM), सिराउलीकलां के नजदीकी गाँव हैं। सिरौलीकलां बहेरी ब्लॉक से दक्षिण की ओर, सितारगंज ब्लॉक पूर्व की ओर, दक्षिण की ओर दामखुदा ब्लॉक, पश्चिम की ओर बिलासपुर ब्लॉक से घिरा हुआ है।
किच्छा, नगला, रुद्रपुर, सितारगंज, शहरों से होते हुए सिरौलीकलां तक हैं।
यह स्थान उधमसिंह नगर जिले और रामपुर जिले की सीमा में है। रामपुर जिला बिलासपुर इस जगह की ओर पश्चिम है। यह उत्तर प्रदेश राज्य सीमा के पास है।
सिरौली कलां 2011 की जनगणना विवरण
सिरौलीकलां स्थानीय भाषा हिंदी है। सिरौली कलां ग्राम की कुल जनसंख्या 13806 है और घरों की संख्या 2289 है। महिला जनसंख्या 46.8% है। ग्राम साक्षरता दर 40.6% है और महिला साक्षरता दर 16.0% है।
आबादी
जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा
कुल जनसंख्या 13806
कुल घरों की संख्या 2289
महिला जनसंख्या 46.8% (6465)
कुल साक्षरता दर 40.6% (5610)
महिला साक्षरता दर 16.0% (2205)
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या% 0.0% (0)
अनुसूचित जाति की जनसंख्या 1.4% (187)
कार्य जनसंख्या% 30.2%
2011 2437 तक बाल (0 -6) जनसंख्या
बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 47.1% (1147)

सिरौलीकलां में राजनीति
भाजपा, कांग्रेस इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
सिरौलीकलां के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) शिमला पिस्तौर
2) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 4
3) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 1
4) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 2
5) सिरौलीकलां आर.एन.ओ. 3
किच्छा विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल
किच्छा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, कांग्रेस प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
किच्छा विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
रुद्रपुर
किच्छा विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012 जनरल राजेश शुक्ला भाजपा 33388 = 8226 सरवर यार खान कांग्रेस 25162
रेल द्वारा
किच्छा रेल मार्ग स्टेशन सिरौलीकला के लिए बहुत नज़दीकी रेलवे स्टेशन है

शहरों के पास
किच्छा 2 KM 
नगला 14 KM 
रुद्रपुर 16 KM 
सितारगंज 22 KM 
तालुकों के पास
रुद्रपुर 9 KM 
बहेरी 13 KM 
सितारगंज 24 KM 
दमखौड़ा 24 KM 
एयर पोर्ट्स के पास
पंतनगर एयरपोर्ट 18 KM
मुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 211 KM 
देहरादून हवाई अड्डा 239 KM 
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 266 KM 
पर्यटक स्थलों के पास
काठगोदाम 47 किमी 
खटीमा 50 KM 
भीमताल 56 KM 
सटल 57 KM 
भोवाली 61 KM 
जिले के पास
उधम सिंह नगर 16 KM 
पीलीभीत 44 KM 
रामपुर 54 KM 
नैनीताल 61 KM 
रेल्वे स्टेशन के पास
किच्छा रेल मार्ग स्टेशन 3.0 KM 
बहेरी रेल मार्ग स्टेशन 14 KM 
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी