मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
मानोदय डी. पी. विद्यालय भेड़िया
प्रबंधक :
श्री महातम कुशवाहा (प्रधानाचार्य)
विशेषता :
हिंदी मीडियम
क्षेत्र :
भेड़िया/चेरों
नगर ब्लॉक :
सलेमपुर
जनपद :
देवरिया
राज्य :
उत्तर प्रदेश
वेबसाइट :
NA
सम्मान :
श्रीमान प्रिंसिपल महोदय ने नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
मदन मोहन मालवीय स्कूल/कालेज सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
 (मेहनाज़ अंसारी जनरल सेक्रेटरी )
विवरण :
introduction
School Name : MANODAYA DALIT P.S., BHERIAYA /CHERO
Medium : Hindi 
Established :  1998
Total students : na 
Principal Name : Mr. Mahatam Kushwaha
Mobail No. : 9670369250
Manager Name : Mr. HARIBANSH KUSHWAHA
Mobail No. : 9918763776
Adress :- Bheria
Panchayt Name : Chero
Block Name : Salempur
District : Deoria 
State : Uttar Pradesh 
Division : Gorakhpur 
Language : Hindi and Urdu, Bhojpuri 
Current Time 09:12 PM 
Date: Thursday , Aug 29,2019 (IST) 
Vehicle Registration Number:UP-52 
RTO Office : Deoria 
Telephone Code / Std Code: 05566 
Assembly constituency : Salempur assembly constituency 
Assembly MLA : Kali prshad BJP
Lok Sabha constituency : Salempur parliamentary constituency 
Parliament MP : RAVINDER Kushwaha BJp
prdhan Name : Sushila 7388692878
Pin Code : 274509 
Post Office Name : Salaempur

About MANODAYA DALIT P.S.,BHERIAYA CHERO
MANODAYA DALIT P.S.,BHERIAYA CHERO was established in 1998 and it is managed by the Pvt. Unaided. It is located in Rural area. It is located in SALIMPUR block of DEORIA district of Uttar Pradesh. The school consists of Grades from 1 to 5. The school is Co-educational and it doesn\\\\\\\'t have an attached pre-primary section. The school is Non-Ashram type (Govt.) in nature and is not using school building as a shift-school. Hindi is the medium of instructions in this school. This school is approachable by all weather road. In this school academic session starts in April. 
The school has Private building. It has got 8 classrooms for instructional purposes. All the classrooms are in good condition. It has 2 other rooms for non-teaching activities. The school has a separate room for Head master/Teacher. The school has No Boundary Wall boundary wall. The school has doesnt have electric connection. The source of Drinking Water in the school is Hand Pumps and it is functional. The school has 1 boys toilet and it is functional. and 1 girls toilet and it is functional. The school has a playground. The school has a library and has 0 books in its library. The school does not need ramp for disabled children to access classrooms.The school has no computers for teaching and learning purposes The school is not having a computer aided learning lab. The school is Not Provided providing mid-day meal.

Basic Information
Establishment: 1998 School Area: Rural Management: Pvt. Unaided School Shifted to New Place: No Head Teachers: 1 Head Teacher: HARIBANSH KUSHWAHA Is School Residential: No Residential Type: Non-Ashram type (Govt.) Total Teachers: 7 Contract Teachers: 0

School Information
UDISE Code : 09600406406
Building: Private
Class Rooms: 8
Boys Toilet: 1
Girls Toilet: 1
Computer Aided Learning: No
Electricity: No
Wall: No Boundary Wall
Library: Yes
Playground: Yes
Books in Library: 0
Drinking Water: Hand Pumps
Ramps for Disable: Yes
Computers: 0

चेरो के बारे में
चेरो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के देवरिया जिले के सलेमपुर ब्लॉक में एक गाँव है। यह गोरखपुर मंडल का है। यह जिला मुख्यालय देवरिया से दक्षिण की ओर 30 KM की दूरी पर स्थित है। सलेमपुर से 5 कि.मी. राज्य की राजधानी लखनऊ से 347 कि.मी.
चेरो पिन कोड 274509 और डाक प्रधान कार्यालय सलामपुर है।
चक्र गोसाई (1 KM), परसिया तारा (2 KM), पिपरा रामधर (2 KM), बालापुर कला (2 KM), पकरी लाला। (3 KM) चेरो के पास के गाँव हैं। चेरो भागलपुर ब्लॉक से दक्षिण की ओर, लोर ब्लॉक पूर्व की ओर, भलुअनी ब्लॉक पश्चिम की ओर, भटनी ब्लॉक उत्तर की ओर है।
लार, देवरिया, रुद्रपुर, अदारी शहरों के पास चेरो हैं।
यह स्थान देवरिया जिले और सीवान जिले की सीमा में है। सिवान जिला गुठनी इस जगह की ओर पूर्व की ओर है। यह बिहार राज्य सीमा के निकट है।
चेरो 2011 की जनगणना विवरण
चेरो स्थानीय भाषा हिंदी है। चेरो ग्राम की कुल जनसंख्या 3797 है और घरों की संख्या 592 है। महिला जनसंख्या 50.9% है। ग्राम साक्षरता दर 57.2% है और महिला साक्षरता दर 23.1% है।
आबादी
जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा
कुल जनसंख्या 3797
मकानों की कुल संख्या 592
महिला जनसंख्या 50.9% (1932)
कुल साक्षरता दर 57.2% (2173)
महिला साक्षरता दर 23.1% (879)
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या% 0.9% (34)
अनुसूचित जाति की जनसंख्या 9.4% (356)
कार्य जनसंख्या% 36.9%
2011 557 तक बाल (0 -6) जनसंख्या
बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 48.5% (270)
 
कैसे पहुंचें चेरो
रेल द्वारा
देवराहा बाबा रोड रेल मार्ग स्टेशन, सलेमपुर जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन, चेरो के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।

शहरों के पास
लार्ज 15 के.एम.
देवरिया 28 KM 
रुद्रपुर 34 KM
अदरी 47 KM 

तालुकों के पास
सलेमपुर 5 KM 
भागलपुर 6 KM 
लार्ज 15 के.एम.
भलुअनी 16 KM 
 
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर एयरपोर्ट 74 KM 
वाराणसी एयरपोर्ट 154 KM 
पटना एयरपोर्ट 161 KM
गया एयरपोर्ट 227 KM
 
पर्यटक स्थलों के पास
कुशीनगर 56 KM 
गोरखपुर 79 KM 
लौरिया नंदनगढ़ 104 KM 
केसरिया 112 किलोमीटर
बुद्ध स्तूप 112 किलोमीटर 
 
जिले के पास
देवरिया 29 KM के पास
पास में सीवान 53 कि.मी.
मऊ 56 KM के पास
कुशीनगर 57 किलोमीटर के पास
रेल्वे स्टेशन के पास
देवरहा बाबा रोड रेल मार्ग स्टेशन 1.9 KM 
सलेमपुर जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 6.2 KM
सतराओं रेल मार्ग स्टेशन 7.2 KM 
लार रोड रेल मार्ग स्टेशन 10 KM

चेरो में राजनीति
भाजपा, जद, सपा, बसपा इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
चेरो के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) पी.वी.कार्ता आर। एन। 1
2) P.v.tatil
3) P.v.jogiya
4) P.v.thakur गौरी R.n.1
5) J.h.s। बरसीपर आर .2 
सलेमपुर विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
भागलपुर भलुअनी लार सलेमपुर
सलेमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
 
2012  Manbodh सपा 47,884 = 16,158 विजयलक्ष्मी भाजपा  31,726
2007 चौधरी फसीहा वसीर एसपी 34844 = 9795 मार्गूब अहमद बीएसपी  25049
2002  फसीहा मुराद लारी उर्फ ​​गजाला बीएसपी 41524 = 4034 शांति यादव एसपी37490
1996 मुराद लारी बीएसपी 37117 = 6077 स्वामी नाथ यादव जेडी 31040
1993 आनंद यादव बीएसपी 43323 = 9168 राम देव सिंह बीजेपी 34155
1991 स्वामी नाथ यादव जेडी 26143 = 4723 अनिरुद्ध मिश्रा बीजेपी 21420
1989  सुरेश यादव JD 45277 = 29298 आनंद यादव BSP 15979
1985 अवधेश प्रताप मल्ल इंक 26446 = 10834 सुरेश एलकेडी 15612
1980 जनरल दुर्गा प्रसाद मिश्रा भाजपा 13039 1190 हरिकेवल JNP(JP) 11849
1977  हरि केवल प्रसाद जेएनपी 32805 = 8921 अवधेश प्रताप मल्ल कांग्रेस 23884
1974  हरि केवाल एसओपी 22037 = 2956 अवधेश प्रताप मॉल कांग्रेस 19081
1969  शेओ बचन कांग्रेस 18236 = 3077 हरिकेवल प्रसाद एसएसपी 15159
1967  ए। पी। माल कांग्रेस 15674 = 334 एच। केवाल एसएसपी 15340
 
 
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी