मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
प्राथमिक विद्यालय बाट बौआ
प्रबंधक :
वरुन कुमार रजक (प्रधानाचार्य)
विशेषता :
हिंदी मीडियम
क्षेत्र :
बाट बौआ/फसुआ
नगर ब्लॉक :
चंदनकियारी
जनपद :
बोकारो
राज्य :
झारखंड
वेबसाइट :
NA
सम्मान :
स्कूल मैनजमेंट कमेटी द्वारा प्रधानाचार्य जी के सहयोग से नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
मदन मोहन मालवीय स्कूल/कालेज सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
मेहनाज़ अंसारी 
(जनरल सेक्रेटरी)
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
introduction
School Name: Primary School Bat Boua
Instruction Medium: Hindi
Established: 1967
Total students:
Principal Name: Varun Kumar Rajak
Mobail no. : 95760 02624
Adress:
Locality Name : Batboa
Block Name : Chandankiyari
District : Bokaro
State : Jharkhand
Language : Hindi and Santali
Current Time 09:12 AM
Date: Thursday , Sep 05,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 0326
Vehicle Registration Number:JH-09
RTO Office : Bokaro Steel City
Assembly constituency : Chandankiyari assembly constituency
Assembly MLA : amar kumar bauri
Lok Sabha constituency : Dhanbad parliamentary constituency
Parliament MP : PASHUPATI NATH SINGH
Serpanch Name : NA
Pin Code : 828134
Post Office Name : Chandan Kiyari
 
बाट बौआ के बारे में
बाट बौआ झारखंड राज्य, भारत के बोकारो जिले के चंदनकियारी ब्लॉक में एक छोटा सा गाँव / गाँव है। यह बाट बौआ पंचायत के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय बोकारो स्टील सिटी से दक्षिण की ओर 34 KM दूर स्थित है। चंदनकियारी से 23 कि.मी. राज्य की राजधानी रांची से 113 कि.मी.
बाट बौआ पिन कोड 828134 है और डाक प्रधान कार्यालय चंदन कियारी है।
लंका (4 KM), सरदाहा (8 KM), झलबर्दा (9 KM), दामुडीह (9 KM), पोखन्ना (9 KM), बाटोबा के लिए निकटवर्ती गाँव हैं। बाट बौआ पश्चिम की ओर अर्श ब्लॉक, पूर्व की ओर पुरुलिया-आई ब्लॉक, उत्तर की ओर चंदनकियारी ब्लॉक, उत्तर की ओर चास ब्लॉक से घिरा हुआ है।
बोकारो स्टील सिटी, पुरुलिया, चंद्रपुरा, आद्रा, पुरुलिया शहरों के पास बाट बौआ हैं।
यह स्थान बोकारो जिले और पुरुलिया जिले की सीमा में है। पुरुलिया जिला पारा इस जगह की ओर पूर्व की ओर है। साथ ही यह दूसरे जिले धनबाद की सीमा में है। यह पश्चिम बंगाल राज्य सीमा के पास है।
बाट बौआ 2011 की जनगणना विवरण
बाट बौआ स्थानीय भाषा हिंदी है। 
बाट बौआ ग्राम कुल जनसंख्या 1267 है और घरों की संख्या 251 है। महिला जनसंख्या 48.0% है। ग्राम साक्षरता दर 48.5% और महिला साक्षरता दर 17.7% है।
आबादी
जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा
कुल जनसंख्या 1267
मकान संख्या 251 की कुल संख्या
महिला जनसंख्या% 48.0% (608)
कुल साक्षरता दर 48.5% (615)
महिला साक्षरता दर 17.7% (224)
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या% 0.0% (0)
अनुसूचित जाति की जनसंख्या% 0.0% (0)
कार्य जनसंख्या% 63.4%
बाल (0 -6) 2011 184 तक जनसंख्या
बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 46.7% (86)
बाट बौआ में राजनीति
AJSU पार्टी, JVM, भारतीय जनता पार्टी, AJSUP, BJP, JVMP, INC इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
बाट बौआ के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) प्राथमिक विद्यालय आमडीहा बॉयज़
2) प्राथमिक विद्यालय अलकुशा कमरा -1
3) प्राथमिक विद्यालय महल (उर्दू) कक्ष -2
4) प्राथमिक विद्यालय कुम्हारडीह
5) प्राथमिक विद्यालय तुपरा कमरा -1
चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
Chandankiyari Chas
चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2014 (SC) अमर कुमार बाउरी JVMP 81925 = 34164 उमा कांत रजक AJSU पार्टी 47761
2009 (SC) उमाकांत रजक AJSUP 36620 = 3517 अमर कुमार बाउरी JVM 33103
2005 (SC) हरु रजवार JMM 17823 = 4117 उमाकांत रजक AJSUP 13236
बाट बौआ कैसे पहुंचें
रेल द्वारा
चास रोड रेल मार्ग स्टेशन, गौरीनाथधाम रेल मार्ग स्टेशन, बहुत ही नज़दीकी रेलवे स्टेशन बाट बौआ हैं।
शहरों के पास
बोकारो स्टील सिटी 31 KM 
पुरुलिया 31 KM 
चंद्रपुरा 41 KM 
आद्रा, पुरुलिया 47 KM 
 
तालुकों के पास
जयपुर 13 KM 
अर्श 14 KM 
पुरुलिया- I 17 KM 
चंदनकियारी 21 KM
 
एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 108 KM
गया एयरपोर्ट 220 KM 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट 268 KM 
पटना एयरपोर्ट 299 किलोमीटर 
 
पर्यटक स्थलों के पास
पुरुलिया 31 KM 
बोकारो स्टील सिटी 32 KM 
धनबाद 48 KM 
मैथन 75 KM 
जमशेदपुर 79 KM 
 
जिले के पास
पुरुलिया 18 KM 
बोकारो 32 KM 
धनबाद 48 KM 
पूर्वी सिंहभूम 80 KM 
 
रेल्वे स्टेशन के पास
चास रोड रेल मार्ग स्टेशन 5.2 KM 
गौरीनाथधाम रेल मार्ग स्टेशन 6.0 KM 
पुरुलिया जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 19 KM 
कटशिला जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 20 KM
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी