मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
जनता एम /एच स्कूल कोर्री
प्रबंधक :
अजीत महतो प्रधानचार्य
विशेषता :
हिंदी मीडियम
क्षेत्र :
कोर्री/चैनगढ़ा
नगर ब्लॉक :
बुढ़मू
जनपद :
रांची
राज्य :
झारखंड
वेबसाइट :
NA
सम्मान :
स्कूल मैनजमेंट कमेटी द्वारा प्रधानाचार्य जी के सहयोग से नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
मदन मोहन मालवीय स्कूल/कालेज सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
मेहनाज़ अंसारी 
(जनरल सेक्रेटरी)
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
 
introduction
School Name: Janta Secondary High School Corey
Medium: Hindi
Established:
Total students: Na
Principal Name: Shri Ajit Mahato
Mobail no. : 6201713742
Locality Name : Kori ( कोरी )
Block Name : Burmu
District : Ranchi
State : Jharkhand
Language : Hindi and Urdu, Bengali, Asuri, Munda
Current Time 08:01 AM
Date: Friday , Sep 06,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 06530
Vehicle Registration Number:JH-01
RTO Office : Ranchi
Assembly constituency : Kanke assembly constituency
Assembly MLA : dr. jitu charan ram
Lok Sabha constituency : Ranchi parliamentary constituency
Parliament MP : SANJAY SETH
Serpanch Name : NA
Pin Code : 829209
Post Office Name : Ray
Main Village Name : Kori

Basic Infrastructure
UDISE Code : 20140605803
Building: Private
Class Rooms: NA
Boys Toilet: 1
Girls Toilet: 1
Computer Aided Learning: Yes
Electricity: Yes
Wall: Pucca
Library: NA
Playground: Yes
Books in Library: Yes
Drinking Water: Hand Pumps
Ramps for Disable: Yes
Computers: 0
कोरी के बारे में
कोरी झारखंड राज्य, भारत के रांची जिले के बरमु ब्लॉक में एक छोटा सा गाँव / गाँव है। यह कोरी पंचायत के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय रांची से उत्तर की ओर 35 KM दूर स्थित है। बर्मू से 6 कि.मी. राज्य की राजधानी रांची से 34 कि.मी.
कोरी पिन कोड 829209 है और डाक प्रधान कार्यालय रे है।
उम्मेन्दा (6 KM), हेसलपिरी (6 KM), बर्मु (8 KM), मक्का (9 KM), उरुगुटु (9 KM) पास के गांव कोरी के हैं। कोरी पूर्व की ओर पतरातू ब्लॉक, दक्षिण की ओर कांके ब्लॉक, दक्षिण की ओर मंदार ब्लॉक, दक्षिण की ओर रातू ब्लॉक से घिरा हुआ है।
पतरातू, सौंदा, चुरी, रामगढ़, कोरी शहर के पास हैं।
यह स्थान रांची जिले और रामगढ़ जिले की सीमा में है। रामगढ़ जिला पतरातू पूर्व की ओर है।
कोरी 2011 की जनगणना विवरण
कोरी स्थानीय भाषा हिंदी है। कोरी ग्राम कुल जनसंख्या 392 है और घरों की संख्या 86 है। महिला जनसंख्या 48.5% है। ग्राम साक्षरता दर 52.3% है और महिला साक्षरता दर 21.9% है।
आबादी
जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा
कुल जनसंख्या 392
मकान संख्या 86 की कुल संख्या
महिला जनसंख्या 48.5% (190)
कुल साक्षरता दर 52.3% (205)
महिला साक्षरता दर 21.9% (86)
अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या% 31.9% (125)
अनुसूचित जाति की जनसंख्या% 0.0% (0)
कार्य जनसंख्या% 51.8%
बाल (0 -6) जनसंख्या 2011 तक 68
बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 52.9% (36)
कैसे पहुंचें कोरी
रेल द्वारा
10 किमी से कम में कोरी के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।
शहरों के पास
पतरातू 11 KM
सौंदा 19 KM
चुरी 21 KM
रामगढ़ 32 KM

तालुकों के पास
बरमु 6 KM
पतरातू 13 KM
कांके 22 KM
मंदार 24 KM

एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 36 KM
गया एयरपोर्ट 146 KM
पटना एयरपोर्ट 249 KM
वाराणसी एयरपोर्ट 352 KM

पर्यटक स्थलों के पास
रांची 33 KM
दशम जलप्रपात 60 KM
लोहरदगा 62 किलोमीटर
छोटानागपुर 75 KM
लातेहार 82 KM

जिले के पास
रांची 33 KM
रामगढ़ 34 KM
हजारीबाग 53 KM
लोहरदगा 62 किलोमीटर

रेल्वे स्टेशन के पास
पतरातू रेल मार्ग स्टेशन 15 KM के पास
रे रेल वे स्टेशन 18 KM के पास
कोरी में राजनीति
भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, कांग्रेस इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
कोरी के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) सरकार। Midd। Sch। चकमे (पश्चिम भाग)
2) डॉन बॉस्को स्कूल कोकर खोराटोली कमरा नंबर -4
3) सरकार। Midd। Sch। बर्मु (पूर्व भाग)
4) सरकार। Midd। Sch। बर्मु (मध्य भाग)
5) सरकार। हाई स्कूल नागरी
कांके विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
Burmu कांके, रातू, रांची
कांके विधानसभा क्षेत्र से विधायक विजेता का इतिहास।
2014 (SC) डॉ। जीतू चरण राम बीजेपी 115702 = 59804 सुरेश कुमार बैठा INC 55898
2009 (SC) राम चंदर बैठा बीजेपी 45245 = 4571 सुरेश बैठा INC 40674
2005 (SC) राम चंदर बैठा भाजपा 61502 = 15059 सामरी लाल झामुमो 46443
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी