सुखदेव थापर एन.जी.ओ./संगठन/यूनियन/एसोसिएशन पदाधिकारी परिचय सूची

नाम :
प्रदीप मजूमदार
पद :
कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष
संगठन :
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति
मनोनीत :
मध्य प्रदेश
निवास :
रक्सेहा
नगर/ब्लॉक :
पन्ना
जनपद :
पन्ना
राज्य :
मध्य प्रदेश
सम्मान : प्रमाणित किया जाता है की नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना, मेरा गाँव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान फोटो परियोजना हेतु  प्रमाणित किया जाता है की नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना, मेरा गाँव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान फोटो परियोजना कार्य हेतु मजूमदार शोध संस्थान के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार मिडिया संघटन में बिभिन्न पदों पर कार्यरत श्री प्रदीप मजूमदार जी को कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मध्य प्रदेश के पद पर नियमानुसार नियुक्त किया गया है, अध्यक्ष अपने स्तर से राज्य कार्यकारिणी, प्रत्येक जनपद में जिला अध्यक्ष सहित ८ पदाधिकारिओं को नियमानुसार नियुक्त कर प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर पदाधिकारी नियुक्र्त कर संस्था द्वारा संचालित परियोजना का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को दिलाकर शिक्षित युवाओं को रोजगार उपलब्ध करने में सहयोग प्रदान करेंगे, संस्था को दिया गया डोनेशन चेक के माद्यम से मान्य होगा, मेहनाज़ अंसारी
विवरण :
introduction
Name: Prdeep Mazumdar
Designation : Acting State President
Organization : Navnirman Jankalyan Sahayta Samiti (NGO)
Nominated : Madhya Pradesh 
Adress : H.N. 79/1 near haridhaam mandir, Rakseha, Panna MP
Phon : 7566557040
Panchayt Name : Rakseha (रक्सेहा ) 
Tehsil Name : Panna
District : Panna 
State : Madhya Pradesh 
Division : Sagar 
Language : Hindi and Dravidian,devanagari ,bharia, Bundeli 
Current Time 10:38 PM 
Date: Thursday , Aug 08,2019 (IST) 
Vehicle Registration Number: MP-35 
RTO Office: Panna
Telephone Code / Std Code: 07732 
Assembly constituency : Panna assembly constituency 
Assembly MLA : brijendra pratap singh 
Lok Sabha constituency : Khajuraho parliamentary constituency 
Parliament MP : V.D. SHARMA (VISHNU DATT SHARMA) 
Serpanch Name : NA 
Pin Code : 488001 
Post Office Name : Panna
 
निवास स्थान रक्सेहा के बारे में
रक्सेहा भारत के मध्य प्रदेश राज्य के पन्ना जिले में पन्ना तहसील का एक गाँव है। यह सागर डिवीजन के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय पन्ना से पूर्व की ओर 4 KM दूर स्थित है। राज्य की राजधानी भोपाल से 383 कि.मी.
रक्सेहा पिन कोड 488001 है और डाक प्रधान कार्यालय पन्ना है।
 
रक्सेहा उत्तर की ओर Aajigarh तहसील से घिरा हुआ है, दक्षिण की ओर Gunour तहसील, पूर्व की ओर Nagod तहसील, पश्चिम की ओर राजनगर तहसील है।
 
पन्ना, सतना, छतरपुर, मैहर शहर से लेकर रक्सेहा तक हैं।
 
रक्सेहा  2011 जनगणना विवरण
रक्सेहा स्थानीय भाषा हिंदी है। राखेसा ग्राम कुल जनसंख्या 1219 है और घरों की संख्या 241 है। महिला जनसंख्या 53.6% है। ग्राम साक्षरता दर 66.7% और महिला साक्षरता दर 34.5% है।
आबादी
जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा
कुल जनसंख्या 1219
सदनों की कुल संख्या 241
महिला जनसंख्या 53.6% (653)
कुल साक्षरता दर 66.7% (813)
महिला साक्षरता दर 34.5% (420)
अनुसूचित जनजाति जनसंख्या% 12.1% (148)
अनुसूचित जाति की जनसंख्या 2.8% (34)
कार्य जनसंख्या% 38.5%
2011 तक बाल (0 -6) जनसंख्या 147
बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 48.3% (71)
 
कैसे पहुंचे रक्सेहा
रेल द्वारा
10 किमी से कम दूरी में रक्सेहा के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।
शहरों के पास
पन्ना 8 KM 
सतना 68 KM 
छतरपुर 77 KM 
मैहर 80 KM 
तालुकों के पास
पन्ना ० के एम 
अजैगढ़ 32 KM 
गनौर 33 KM 
नागोद 40 KM 
एयर पोर्ट्स के पास
खजुराहो हवाई अड्डा 37 KM 
बमरौली एयरपोर्ट 192 KM 
कानपुर एयरपोर्ट 211 KM 
जबलपुर एयरपोर्ट 256 KM 
पर्यटक स्थलों के पास
पन्ना 5 KM 
अजैगढ़ 24 KM 
खजुराहो 38 KM 
कालिंजर 46 KM 
सतना 69 KM 
जिले के पास
पन्ना 4 KM 
सतना 70 KM 
छतरपुर 76 KM 
महोबा 83 KM 
रेल्वे स्टेशन के पास
सतना जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 70 KM 
जैतवार रेल मार्ग स्टेशन 71 KM 
 
रक्सेहा में राजनीति
भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, कांग्रेस इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
राखेसा के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) धरमपुर
2) Layancha
3) Bhasunda
4) Naradaha
5) बिहार सरवरिया
पन्ना विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
अजायगढ़ पन्ना
पन्ना विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
1957 देवेंद्र विजय सिंह
1962 नरेंद्र सिंह
1967 एच। आर। दूबे
1972 हेट राम दूबे
1977 Lokendrasingh
1980 हेत राम दुबे
1985 जय प्रकाश पटेल
1990 कुसुम सिंह महदेले
1993 लोकेंद्र सिंह
1998 सुश्री कुसुम सिंह महदेले
2003 सुश्री कुसुम सिंह महदेले
2008 श्रीकांत दुबे
2008 सुश्री कुसुम सिंह महदेले
सामाजिक कार्य :
NA
सुखदेव थापर की जीवनी
सुखदेव थापर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब में विविध क्रांतिकारी संगठनो के वरिष्ट सदस्य थे। उन्होंने नेशनल कॉलेज, लाहौर में पढाया भी है और वही उन्होंने नौजवान भारत सभा की स्थापना भी की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिशो का विरोध कर आज़ादी के लिये संघर्ष करना था।
Sukhdev विशेषतः 18 दिसम्बर 1928 को होने वाले लाहौर षड्यंत्र में शामिल होने की वजह से जाने जाते है। वे भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ सह-अपराधी थे जिन्होंने उग्र नेता लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद जवाब में लाहौर षड्यंत्र की योजना बनायीं थी।
8 अप्रैल 1929 को उन्होंने नयी दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में उन्होंने मिलकर बमबारी की थी और कुछ समय बाद ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। और 23 मार्च 1931 को तीनो को फाँसी दी गयी थी। और रहस्यमयी तरीके से उन्हें शवो को सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था।
सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को पंजाब में लुधियाणा के नौघरा में हुआ था। उनके पिता का नाम रामलाल और माता का नाम राल्ली देवी था। सुखदेव के पिता की जल्द ही मृत्यु हो गयी थी और इसके बाद उनके अंकल लाला अचिंत्रम ने उनका पालन पोषण किया था।
किशोरावस्था से ही सुखदेव ब्रिटिशो द्वारा भारतीयों पर किये जा रहे अत्याचारों से चिर-परिचित थे। उस समय ब्रिटिश भारतीय लोगो के साथ गुलाम की तरह व्यवहार करते थे और भारतीयों लोगो को घृणा की नजरो से देखते थे। इन्ही कारणों से सुखदेव क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हुए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्त कराने की कोशिश करते रहे।
बाद में सुखदेव हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब के कुछ क्रांतिकारी संगठनो में शामिल हुए। वे एक देशप्रेमी क्रांतिकारी और नेता थे जिन्होंने लाहौर में नेशनल कॉलेज के विद्यार्थियों को पढाया भी था और समृद्ध भारत के इतिहास के बारे में बताकर विद्यार्थियों को वे हमेशा प्रेरित करते रहते थे।
इसके बाद सुखदेव ने दुसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर “नौजवान भारत सभा” की स्थापना भारत में की। इस संस्था ने बहुत से क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया था और आज़ादी के लिये संघर्ष भी किया था।
आज़ादी के अभियान ने सुखदेव की भूमिका –
सुखदेव ने बहुत से क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया है जैसे 1929 का “जेल भरो आंदोलन” । इसके साथ-साथ वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान के भी सक्रीय सदस्य थे। भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ मिलकर वे लाहौर षड़यंत्र में सह-अपराधी भी बने थे। 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद यह घटना हुई थी।
1928 में ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन साइमन के अंडर एक कमीशन का निर्माण किया, जिसका मुख्य उद्देश्य उस समय में भारत की राजनितिक अवस्था की जाँच करना और ब्रिटिश पार्टी का गठन करना था।
लेकिन भारतीय राजनैतिक दलों ने कमीशन का विरोध किया क्योकि इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नही था। बाद में राष्ट्रिय स्तर पर उनका विरोध होने लगा था। जब कमीशन 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर गयी तब लाला लाजपत राय ने अहिंसात्मक रूप से शांति मोर्चा निकालकर उनका विरोध किया लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने उनके इस मोर्चे को हिंसात्मक घोषित किया।
इसके बाद जेम्स स्कॉट ने पुलिस अधिकारी को विरोधियो पर लाठी चार्ज करने का आदेश दिया और लाठी चार्ज के समय उन्होंने विशेषतः लाला लाजपत राय को निशाना बनाया। और बुरी तरह से घायल होने के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गयी थी।
जब 17 नवम्बर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी तब ऐसा माना गया था की स्कॉट को उनकी मृत्यु का गहरा धक्का लगा था। लेकिन तब यह बात ब्रिटिश पार्लिमेंट तक पहुची तब ब्रिटिश सरकार ने लाला लाजपत राय की मौत का जिम्मेदार होने से बिल्कुल मना कर दिया था।
इसके बाद सुखदेव ने भगत सिंह के साथ मिलकर बदला लेने की ठानी और वे दुसरे उग्र क्रांतिकारी जैसे शिवराम राजगुरु, जय गोपाल और चंद्रशेखर आज़ाद को इकठ्ठा करने लगे, और अब इनका मुख्य उद्देश्य स्कॉट को मारना ही था।
जिसमे जय गोपाल को यह काम दिया गया था की वह स्कॉट को पहचाने और पहचानने के बाद उसपर शूट करने के लिये सिंह को इशारा दे। लेकिन यह एक गलती हो गयी थी, जय गोपाल ने जॉन सौन्ड़ेर्स को स्कॉट समझकर भगत सिंह को इशारा कर दिया था और भगत सिंह और शिवराम राजगुरु ने उनपर शूट कर दिया था। यह घटना 17 दिसम्बर 1928 को घटित हुई थी। जब चानन सिंह सौन्ड़ेर्स के बचाव में आये तो उनकी भी हत्या कर दी गयी थी।
इसके बाद पुलिस ने हत्यारों की तलाश करने के लिये बहुत से ऑपरेशन भी चलाये, उन्होंने हॉल के सभी प्रवेश और निकास द्वारो को बंद भी कर दिया था। जिसके चलते सुखदेव अपने दुसरे कुछ साथियों के साथ दो दिन तक छुपे हुए ही थे।
19 दिसम्बर 1928 को सुखदेव ने भगवती चरण वोहरा की पत्नी दुर्गा देवी वोहरा को मदद करने के लिये कहा था, जिसके लिये वह राजी भी हो गयी थी। उन्होंने लाहौर से हावड़ा ट्रेन पकड़ने का निर्णय लिया। अपनी पहचान छुपाने के लिये भगत सिंह ने अपने बाल कटवा लिये थे और दाढ़ी भी आधे से ज्यादा हटा दी थी। अगले दिन सुबह-सुबह उन्होंने पश्चिमी वस्त्र पहन लिये थे, भगत सिंह और वोहरा एक युवा जोड़े की तरह आगे बढ़ रहे थे जिनके हाथ में वोहरा का एक बच्चा भी था।
जबकि राजगुरु उनका सामान उठाने वाला नौकर बना था। वे वहाँ से निकलने में सफल हुए और इसके बाद उन्होंने लाहौर जाने वाली ट्रेन पकड़ ली। लखनऊ ने, राजगुरु उन्हें छोड़कर अकेले बनारस चले गए थे जबकि भगत सिंह और वोहरा अपने बच्चे को लेकर हावड़ा चले गए।
सुखदेव की मृत्यु – Sukhdev death दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल में बमबारी करने के बाद सुखदेव और उनके साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था और उन्होंने मौत की सजा सुनाई गयी थी। 23 मार्च 1931 को सुखदेव थापर, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु को फाँसी दी गयी थी और उनके शवो को रहस्यमयी तरीके से सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था। सुखदेव ने अपने जीवन को देश के लिये न्योछावर कर दिया था और सिर्फ 24 साल की उम्र में वे शहीद हो गए थे। भारत को आज़ाद कराने के लिये अनेकों भारतीय देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे ही देशभक्त शहीदों में से एक थे, सुखदेव थापर, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत को अंग्रेजों की बेंड़ियों से मुक्त कराने के लिये समर्पित कर दिया। सुखदेव महान क्रान्तिकारी भगत सिंह के बचपन के मित्र थे। दोनों साथ बड़े हुये, साथ में पढ़े और अपने देश को आजाद कराने की जंग में एक साथ भारत माँ के लिये शहीद हो गये। 23 मार्च 1931 की शाम 7 बजकर 33 मिनट पर सेंट्रल जेल में इन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया और खुली आँखों से भारत की आजादी का सपना देखने वाले ये तीन दिवाने हमेशा के लिये सो गये। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी सुखदेव थापर के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी