सुखदेव थापर एन.जी.ओ./संगठन/यूनियन/एसोसिएशन पदाधिकारी परिचय सूची

नाम :
जितेंद्र कुमार यादव
पद :
जिला प्रोजेक्ट निदेशक
संगठन :
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति
मनोनीत :
अम्बेडकर नगर
निवास :
लिदेहन ग्रांट
नगर/ब्लॉक :
नवाबगंज
जनपद :
गोंडा
राज्य :
उत्तर प्रदेश
सम्मान :
प्रमाणित किया जाता है की नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना पर कार्य हेतु श्री जितेंद्र कुमार यादव जी को जिला प्रोजेक्ट निदेशक आंबेडकर नगर उत्तर प्रदेश के पद पर नियमानुसार नियुक्त किया गया है, निदेशक अपने स्तर से प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर 4 ,4  वॉलिंटर 15 दिन में नियुक्त कर नियमानुसार वॉलिंटर को जीवनयापन हेतु  कार्य के आधार पर मानदेय उपलब्ध कराएं , सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा संस्था को दिया गया डोनेशन चेक के माद्यम से मान्य होगा, 
मेहनाज़ अंसारी  
जनरल सेक्रेटरी 
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
introduction
Name: Mr. jitendra Kumar Yadav
Designation: District Project Incharge 
Nominated : Ambedkar Nagar
Organization : Navnirman Jankalyan Sahayta Samiti (NGO)
Contact: 98396 80072
The Residence Name : Lidehna Grant ( लिदेहना ग्रांट )
Block Name : Nawabganj
District : Gonda
State : Uttar Pradesh
Division : Devipatan
Language : Hindi and Urdu, Awadhi
Current Time 08:48 AM
Date: Thursday , Sep 05,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 05278
Vehicle Registration Number:UP-43
RTO Office : Gonda
Assembly constituency : Mankapur assembly constituency
Assembly MLA : babulal
Lok Sabha constituency : Gonda parliamentary constituency
Parliament MP : KIRTI VARDHAN SINGH ALIAS RAJA BHAIYA
Gram Prdhan Name: Sunita
Pin Code : 271303
Post Office Name : Nawabganj (Gonda)
 
अंबेडकर नगर जिले के बारे में
अम्बेडकर नगर जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 71 जिलों में से एक है। अम्बेडकर नगर जिला प्रशासनिक मुख्यालय, अकबरपुर, अम्बेडकर नगर है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर से 192 KM पश्चिम में स्थित है। अम्बेडकर नगर जिले की जनसंख्या 2398709 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 42 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और मौसम अंबेडकर नगर जिला
यह अक्षांश -26.4, देशांतर -82.5 पर स्थित है। अम्बेडकर नगर जिला पूर्व में आज़मगढ़ जिले के साथ, उत्तर में बस्ती जिला, पश्चिम में सुल्तानपुर जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। अंबेडकर नगर जिला लगभग 2520 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। । इसकी 98 मीटर से 92 मीटर की ऊँचाई की सीमा है। यह जिला हिंदी पट्टी भारत से संबंधित है।
अम्बेडकर नगर जिले के डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहाँ की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू बोलते हैं। अंबेडकर नगर जिले को 9 ब्लॉक, पंचायत, 5327 गांवों में विभाजित किया गया है।
अम्बेडकर नगर में ब्लॉकों की सूची
1 अम्बेडकरनगर 
2 भीति 
3 बसखारी 
4 भयावन 
5 जहांगीर गंज 
6 जलाल पुर 
7 कटेहरी 
8 राम नगर 
9 टांडा 
अंबेडकर नगर जिले की जनगणना 2011
अंबेडकर नगर जिले की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 2398709 है। जनसंख्या 1213922 है और महिलाएं 1184787 हैं। कुल मिलाकर लोग 1586986 हैं। कुल क्षेत्र 2520 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 42 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य के 48 सबसे बड़े जिले बाय एरिया। देश की जनसंख्या के हिसाब से 185 वां सबसे बड़ा जिला। राज्य में साक्षरता दर से 15 वां सर्वोच्च जिला है। देश में 274 वें सर्वोच्च जिले में साक्षरता दर है। साक्षरता दर 74.37 है
अंबेडकर नगर जिले की राजनीति में
भाजपा, सपा, बसपा अंबेडकर नगर जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
अम्बेडकर नगर जिले में विधानसभा क्षेत्र
अंबेडकर नगर जिले में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र हैं।
1 कटेहरी लाल जी वर्मा बीएसपी संपर्क नंबर: 05271256022, 9936890035
 2 टांडा संजू देवी भाजपा संपर्क नंबर: 9453995060
3 अकबरपुर राम अचल राजभर बसप संपर्क नंबर: 9415007042
4 अलापुर अनीता भाजपा संपर्क नंबर: 7379716121
5 जलालपुर रितेश बसपा संपर्क नंबर: 9670055550
अम्बेडकर नगर जिले में संसद क्षेत्र
अंबेडकर नगर रितेश पांडे बहुजन समाज पार्टी
अंबेडकर नगर परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय अकबरपुर, अंबेडकर नगर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। अकबरपुर, अम्बेडकर नगर लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) के लिए सड़क मार्ग से लगभग 192 KM दूर है
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशन अकबरपुर जंक्शन, गोसाईंगंज, मालीपुर, कटहरी, जाफरगंज, उर्न भारी पड़ रहे हैं ... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को चिह्नित है।
परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से शहरों और गांवों तक बसें चली जाती है।
अम्बेडकर नगर जिला मानचित्र बस्ती जिले से घिरा, सुल्तानपुर जिला, फ़ैज़ाबाद जिला,
 
शहरों के पास
टांडा 19 KM
सुल्तानपुर 56 कि.मी.
फैजाबाद 62 KM
मऊ 74 कि.मी.
 
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर में 108 कि.मी.
वाराणसी हवाई अड्डा 127 KM
बमरौली टर्मिनल 152 किलोमीटर
अमौसी इंजन 189 KM
 
जिले के पास
अम्बेडकर नगर 0 के.एम.
बिस 50 के.एम.
सुल्तानपुर 56 कि.मी.
फैजाबाद 60 कि.मी.
 
रेल्वे स्टेशन के पास
अकबरपुर जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 0.1 KM
मालीपुर रेल मार्ग स्टेशन 21 KM
सामाजिक कार्य :
NA
सुखदेव थापर की जीवनी
सुखदेव थापर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब में विविध क्रांतिकारी संगठनो के वरिष्ट सदस्य थे। उन्होंने नेशनल कॉलेज, लाहौर में पढाया भी है और वही उन्होंने नौजवान भारत सभा की स्थापना भी की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिशो का विरोध कर आज़ादी के लिये संघर्ष करना था।
Sukhdev विशेषतः 18 दिसम्बर 1928 को होने वाले लाहौर षड्यंत्र में शामिल होने की वजह से जाने जाते है। वे भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ सह-अपराधी थे जिन्होंने उग्र नेता लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद जवाब में लाहौर षड्यंत्र की योजना बनायीं थी।
8 अप्रैल 1929 को उन्होंने नयी दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में उन्होंने मिलकर बमबारी की थी और कुछ समय बाद ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। और 23 मार्च 1931 को तीनो को फाँसी दी गयी थी। और रहस्यमयी तरीके से उन्हें शवो को सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था।
सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को पंजाब में लुधियाणा के नौघरा में हुआ था। उनके पिता का नाम रामलाल और माता का नाम राल्ली देवी था। सुखदेव के पिता की जल्द ही मृत्यु हो गयी थी और इसके बाद उनके अंकल लाला अचिंत्रम ने उनका पालन पोषण किया था।
किशोरावस्था से ही सुखदेव ब्रिटिशो द्वारा भारतीयों पर किये जा रहे अत्याचारों से चिर-परिचित थे। उस समय ब्रिटिश भारतीय लोगो के साथ गुलाम की तरह व्यवहार करते थे और भारतीयों लोगो को घृणा की नजरो से देखते थे। इन्ही कारणों से सुखदेव क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हुए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्त कराने की कोशिश करते रहे।
बाद में सुखदेव हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब के कुछ क्रांतिकारी संगठनो में शामिल हुए। वे एक देशप्रेमी क्रांतिकारी और नेता थे जिन्होंने लाहौर में नेशनल कॉलेज के विद्यार्थियों को पढाया भी था और समृद्ध भारत के इतिहास के बारे में बताकर विद्यार्थियों को वे हमेशा प्रेरित करते रहते थे।
इसके बाद सुखदेव ने दुसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर “नौजवान भारत सभा” की स्थापना भारत में की। इस संस्था ने बहुत से क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया था और आज़ादी के लिये संघर्ष भी किया था।
आज़ादी के अभियान ने सुखदेव की भूमिका –
सुखदेव ने बहुत से क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया है जैसे 1929 का “जेल भरो आंदोलन” । इसके साथ-साथ वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान के भी सक्रीय सदस्य थे। भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ मिलकर वे लाहौर षड़यंत्र में सह-अपराधी भी बने थे। 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद यह घटना हुई थी।
1928 में ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन साइमन के अंडर एक कमीशन का निर्माण किया, जिसका मुख्य उद्देश्य उस समय में भारत की राजनितिक अवस्था की जाँच करना और ब्रिटिश पार्टी का गठन करना था।
लेकिन भारतीय राजनैतिक दलों ने कमीशन का विरोध किया क्योकि इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नही था। बाद में राष्ट्रिय स्तर पर उनका विरोध होने लगा था। जब कमीशन 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर गयी तब लाला लाजपत राय ने अहिंसात्मक रूप से शांति मोर्चा निकालकर उनका विरोध किया लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने उनके इस मोर्चे को हिंसात्मक घोषित किया।
इसके बाद जेम्स स्कॉट ने पुलिस अधिकारी को विरोधियो पर लाठी चार्ज करने का आदेश दिया और लाठी चार्ज के समय उन्होंने विशेषतः लाला लाजपत राय को निशाना बनाया। और बुरी तरह से घायल होने के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गयी थी।
जब 17 नवम्बर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी तब ऐसा माना गया था की स्कॉट को उनकी मृत्यु का गहरा धक्का लगा था। लेकिन तब यह बात ब्रिटिश पार्लिमेंट तक पहुची तब ब्रिटिश सरकार ने लाला लाजपत राय की मौत का जिम्मेदार होने से बिल्कुल मना कर दिया था।
इसके बाद सुखदेव ने भगत सिंह के साथ मिलकर बदला लेने की ठानी और वे दुसरे उग्र क्रांतिकारी जैसे शिवराम राजगुरु, जय गोपाल और चंद्रशेखर आज़ाद को इकठ्ठा करने लगे, और अब इनका मुख्य उद्देश्य स्कॉट को मारना ही था।
जिसमे जय गोपाल को यह काम दिया गया था की वह स्कॉट को पहचाने और पहचानने के बाद उसपर शूट करने के लिये सिंह को इशारा दे। लेकिन यह एक गलती हो गयी थी, जय गोपाल ने जॉन सौन्ड़ेर्स को स्कॉट समझकर भगत सिंह को इशारा कर दिया था और भगत सिंह और शिवराम राजगुरु ने उनपर शूट कर दिया था। यह घटना 17 दिसम्बर 1928 को घटित हुई थी। जब चानन सिंह सौन्ड़ेर्स के बचाव में आये तो उनकी भी हत्या कर दी गयी थी।
इसके बाद पुलिस ने हत्यारों की तलाश करने के लिये बहुत से ऑपरेशन भी चलाये, उन्होंने हॉल के सभी प्रवेश और निकास द्वारो को बंद भी कर दिया था। जिसके चलते सुखदेव अपने दुसरे कुछ साथियों के साथ दो दिन तक छुपे हुए ही थे।
19 दिसम्बर 1928 को सुखदेव ने भगवती चरण वोहरा की पत्नी दुर्गा देवी वोहरा को मदद करने के लिये कहा था, जिसके लिये वह राजी भी हो गयी थी। उन्होंने लाहौर से हावड़ा ट्रेन पकड़ने का निर्णय लिया। अपनी पहचान छुपाने के लिये भगत सिंह ने अपने बाल कटवा लिये थे और दाढ़ी भी आधे से ज्यादा हटा दी थी। अगले दिन सुबह-सुबह उन्होंने पश्चिमी वस्त्र पहन लिये थे, भगत सिंह और वोहरा एक युवा जोड़े की तरह आगे बढ़ रहे थे जिनके हाथ में वोहरा का एक बच्चा भी था।
जबकि राजगुरु उनका सामान उठाने वाला नौकर बना था। वे वहाँ से निकलने में सफल हुए और इसके बाद उन्होंने लाहौर जाने वाली ट्रेन पकड़ ली। लखनऊ ने, राजगुरु उन्हें छोड़कर अकेले बनारस चले गए थे जबकि भगत सिंह और वोहरा अपने बच्चे को लेकर हावड़ा चले गए।
सुखदेव की मृत्यु – Sukhdev death दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल में बमबारी करने के बाद सुखदेव और उनके साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था और उन्होंने मौत की सजा सुनाई गयी थी। 23 मार्च 1931 को सुखदेव थापर, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु को फाँसी दी गयी थी और उनके शवो को रहस्यमयी तरीके से सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था। सुखदेव ने अपने जीवन को देश के लिये न्योछावर कर दिया था और सिर्फ 24 साल की उम्र में वे शहीद हो गए थे। भारत को आज़ाद कराने के लिये अनेकों भारतीय देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे ही देशभक्त शहीदों में से एक थे, सुखदेव थापर, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत को अंग्रेजों की बेंड़ियों से मुक्त कराने के लिये समर्पित कर दिया। सुखदेव महान क्रान्तिकारी भगत सिंह के बचपन के मित्र थे। दोनों साथ बड़े हुये, साथ में पढ़े और अपने देश को आजाद कराने की जंग में एक साथ भारत माँ के लिये शहीद हो गये। 23 मार्च 1931 की शाम 7 बजकर 33 मिनट पर सेंट्रल जेल में इन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया और खुली आँखों से भारत की आजादी का सपना देखने वाले ये तीन दिवाने हमेशा के लिये सो गये। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी सुखदेव थापर के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी