सुखदेव थापर एन.जी.ओ./संगठन/यूनियन/एसोसिएशन पदाधिकारी परिचय सूची

नाम :
नवीन पांडे
पद :
जिला कोऑर्डिनेटर डिजिटल
संगठन :
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति
मनोनीत :
सिद्धार्थ नगर
निवास :
गनेरा
नगर/ब्लॉक :
नौगढ़
जनपद :
सिद्धार्थ नगर
राज्य :
उत्तर प्रदेश
सम्मान :
प्रमाणित किया जाता है की नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा गांव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान फोटो परियोजना प्रोजेक्ट पर कार्य हेतु श्री नवीन पांडेय जी को जिला कॉर्डिनेटर डिजिटल सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के पद पर नियमानुसार नियुक्त किया गया है, निदेशक अपने स्तर से प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर 4 ,4  वॉलिंटर 15 दिन में नियुक्त कर नियमानुसार ब्लॉक प्रोजेक्ट इंचार्ज को जीवनयापन हेतु  कार्य के आधार पर मानदेय उपलब्ध कराएंगे,
 समिति के सामाजिक कार्यों हेतु समाज द्वारा संस्था को दिया गया डोनेशन चेक के माद्यम से मान्य होगा, 
मेहनाज़ अंसारी  
जनरल सेक्रेटरी 
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
 
विवरण : introduction
Name: Mr. Naveen Pandey
Designation: District Cordinator Digital
Nominated: Siddharth Nagar
Organization: Navnirman Jankalyan Sahayta Samiti (NGO)
Contracted Project: Mera Ganv Meri Pahchaan , Tiranga Meri Shan Photo Projects
Mobail No: 7570965177
Adress:
Panchyat  Name : Ganera ( गनेरा )
Block Name : Naugarh
District : Siddharth Nagar
State : Uttar Pradesh
Division : Basti
Language : Hindi and Urdu
Current Time 10:48 PM
Date: Friday , Sep 13,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 05544
Vehicle Registration Number:UP-55
RTO Office : Siddharth Nagar
Assembly constituency : Kapilvastu assembly constituency
Assembly MLA :
Lok Sabha constituency : Domariyaganj parliamentary constituency
Parliament MP : JAGDAMBIKA PAL
Prdhan Name: Wazir Ahmed

सिद्धार्थ नगर जिले के बारे में
सिद्धार्थ नगर जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 75 जिलों में से एक है। सिद्धार्थ नगर जिला प्रशासनिक प्रमुख क्वार्टर नवागढ़ है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 254 KM पश्चिम में स्थित है। सिद्धार्थ नगर जिले की जनसंख्या 2553526 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 36 वां सबसे बड़ा जिला है।
सिद्धार्थनगर ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय नौगढ़ है
जिले का मुख्यालय, सिद्धार्थनगर, नौगढ़ तहसील के अन्तर्गत आता है। यह जनपद ऐतिहासिक शाक्य जनपद के खण्डहरों के लिए प्रसिद्ध है, जो नौगढ़ से 18 कि॰मी॰ दूर पिपरहवा में है। सिद्धार्थनगर हिन्दू धर्मं की स्मृतियों का संग्रह है, जिनमें पल्टादेवी मंदिर शामिल है। यह शोहरतगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत पल्टादेवी में अतिप्राचीन मंदिर है। सिद्धार्थनगर जिला बौद्ध धर्म का भी बहुत बड़ा पर्यटन स्थल है। यहां पर भगवान बुद्ध का राजमहल स्थित है। कहा जाता है कि जब भगवान बुद्ध की माता गर्भावस्था में थी तो वो सिद्धार्थनगर से अपने मायके नेपाल में जा रही थी तो वहीं रास्ते में लुम्बनी में भगवान बुद्ध का जन्म हुआ। इस जिले में ही सिद्धार्थ विश्वविद्यालय है। इस जिले की सीमा महाराजगंज, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, गोण्डा व बलरामपुर जिले से तथा नेपाल देश से मिलती हैं। इस जिले की प्रमुख नदियां राप्ती, बूढ़ी राप्ती, बाणगंगा आदि नदियां हैं। इस जिले में चार बड़े रेलवे स्टेशन नौगढ़, बढ़नी, शोहरतगढ व उसका है। इस जिले में 5 तहसील, 14 व्लाक व 6 नगर हैं। यहां की मुख्य भाषा भोजपुरी, अवधी, हिन्दी, उर्दू व अंग्रेजी है। यहां पर धान, गेहूं व गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इस जिले के इटवा क्षेत्रावासियो को मदिरा पीने के लिए जाना जाता है। इस जिले का सबसे बड़ा नगर बांसी है। इस जिले का इटवा चौराहा सबसे प्राचीन और बड़ा चौराहा है।
भूगोल और जलवायु सिद्धार्थ नगर जिला
यह अक्षांश -27.2, देशांतर -83.0 पर स्थित है। सिद्धार्थ नगर जिला बलरामपुर जिले के साथ पश्चिम, बस्ती जिले से दक्षिण, महाराजगंज जिले के साथ पूर्व में सीमा साझा कर रहा है। सिद्धार्थ नगर जिला लगभग 2752 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। । इसकी 99 मीटर से 101 मीटर की ऊँचाई की सीमा है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
सिद्धार्थ नगर जिले के डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू बोलते हैं। सिद्धार्थ नगर जिले को 15 ब्लॉक, पंचायत, 4041 गांवों में विभाजित किया गया है।
सिद्धार्थ नगर में ब्लॉक की सूची
बंसी
बरहनी
भानवापुर
बर्डपुर
डोमरियागंज
इटवा
जोगिया
खेसरहा
खुंटियोन
लोटन
मिठवल
नौगढ़
शोहरतगढ़
उस्का बाजार
सिद्धार्थ नगर जिले की जनगणना 2011
2011 की जनगणना के अनुसार सिद्धार्थ नगर जिले की कुल जनसंख्या 2553526 है। यहाँ की जनसंख्या 1296206 है और महिलाओं की संख्या 1257320 है। कुल मिलाकर लोग 1689413 हैं। कुल क्षेत्रफल 2752 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 36 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य के 43 सबसे बड़े जिले बाय एरिया। जनसंख्या के हिसाब से देश में 163 सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में सबसे अधिक 60 वां जिला। देश में 542 nd उच्चतम साक्षरता दर से। साक्षरता दर 61.81 है
घूमने के लिए पर्यटन स्थल हैं।
सिद्धार्थ नगर ट्रांसपोर्ट
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय नवगढ़ सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) से सड़क मार्ग से लगभग 254 KM दूर है।
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशन नौगढ़, बरहनी, शोहरतगढ़, ब्रिजगंज, उस्का बाजार .... हैं, जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर शहरों और गांवों तक बसें चलाती है।

शहरों के पास
टेटरी बाजार 0 के.एम.
नौतनवा 41 कि.मी.
सहजनवा 61 के.एम.
गोरखपुर 72 KM
     
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर एयरपोर्ट 77 KM
वाराणसी एयरपोर्ट 229 KM
अमौसी एयरपोर्ट 252 KM
बमरौली एयरपोर्ट 274 KM

जिले के पास
सिद्धार्थ नगर ० के.एम.
महराजगंज 54 कि.मी.
संत कबीर नगर 62 KM
गोरखपुर 71 के.एम.

रेल्वे स्टेशन के पास
नौगढ़ रेल मार्ग स्टेशन 0.7 KM
शोहरतगढ़ रेल मार्ग स्टेशन 20 KM

सिद्धार्थ नगर जिले में राजनीति
PECP, BJP, SP, BSP, INC सिद्धार्थ नगर जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
सिद्धार्थनगर जिले में विधानसभा क्षेत्र
सिद्धार्थ नगर जिले में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र हैं।
शोहरतगढ़ अमर सिंह अपना दल (सोनेलाल) 9919412386
कपिलवस्तु श्याम धनी भाजपा 9839851719
बंसी जय प्रताप सिंह बीजेपी 9415038810,
इतवा डॉ। सतीश चंद्र डेवेदी बीजेपी 9415363028
डोमरीगंज राघवेन्द्र प्रताप सिंह भाजपा 9415210121
सिद्धार्थ नगर जिले में संसद क्षेत्र
सिद्धार्थ नगर जिले में कुल 5 संसद क्षेत्र।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम MP नाम पार्टी
गोंडा करतिवर्धन सिंह  भारतीय जनता पार्टी
http://www.njssamiti.com/sansad-details.php?id=475
डोमरियागंज जगदिम्बपाल  भारतीय जनता पार्टी
संत कबीर नगर परवीन कुमार निषाद भारतीय जनता पार्टी
महाराजगंज पंकज चौधरी  भारतीय जनता पार्टी
बस्ती हरीश चंद्रा DWIVEDI भारतीय जनता पार्टी
सामाजिक कार्य :
NA
सुखदेव थापर की जीवनी
सुखदेव थापर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब में विविध क्रांतिकारी संगठनो के वरिष्ट सदस्य थे। उन्होंने नेशनल कॉलेज, लाहौर में पढाया भी है और वही उन्होंने नौजवान भारत सभा की स्थापना भी की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिशो का विरोध कर आज़ादी के लिये संघर्ष करना था।
Sukhdev विशेषतः 18 दिसम्बर 1928 को होने वाले लाहौर षड्यंत्र में शामिल होने की वजह से जाने जाते है। वे भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ सह-अपराधी थे जिन्होंने उग्र नेता लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद जवाब में लाहौर षड्यंत्र की योजना बनायीं थी।
8 अप्रैल 1929 को उन्होंने नयी दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में उन्होंने मिलकर बमबारी की थी और कुछ समय बाद ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। और 23 मार्च 1931 को तीनो को फाँसी दी गयी थी। और रहस्यमयी तरीके से उन्हें शवो को सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था।
सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को पंजाब में लुधियाणा के नौघरा में हुआ था। उनके पिता का नाम रामलाल और माता का नाम राल्ली देवी था। सुखदेव के पिता की जल्द ही मृत्यु हो गयी थी और इसके बाद उनके अंकल लाला अचिंत्रम ने उनका पालन पोषण किया था।
किशोरावस्था से ही सुखदेव ब्रिटिशो द्वारा भारतीयों पर किये जा रहे अत्याचारों से चिर-परिचित थे। उस समय ब्रिटिश भारतीय लोगो के साथ गुलाम की तरह व्यवहार करते थे और भारतीयों लोगो को घृणा की नजरो से देखते थे। इन्ही कारणों से सुखदेव क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हुए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्त कराने की कोशिश करते रहे।
बाद में सुखदेव हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब के कुछ क्रांतिकारी संगठनो में शामिल हुए। वे एक देशप्रेमी क्रांतिकारी और नेता थे जिन्होंने लाहौर में नेशनल कॉलेज के विद्यार्थियों को पढाया भी था और समृद्ध भारत के इतिहास के बारे में बताकर विद्यार्थियों को वे हमेशा प्रेरित करते रहते थे।
इसके बाद सुखदेव ने दुसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर “नौजवान भारत सभा” की स्थापना भारत में की। इस संस्था ने बहुत से क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया था और आज़ादी के लिये संघर्ष भी किया था।
आज़ादी के अभियान ने सुखदेव की भूमिका –
सुखदेव ने बहुत से क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया है जैसे 1929 का “जेल भरो आंदोलन” । इसके साथ-साथ वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान के भी सक्रीय सदस्य थे। भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ मिलकर वे लाहौर षड़यंत्र में सह-अपराधी भी बने थे। 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद यह घटना हुई थी।
1928 में ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन साइमन के अंडर एक कमीशन का निर्माण किया, जिसका मुख्य उद्देश्य उस समय में भारत की राजनितिक अवस्था की जाँच करना और ब्रिटिश पार्टी का गठन करना था।
लेकिन भारतीय राजनैतिक दलों ने कमीशन का विरोध किया क्योकि इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नही था। बाद में राष्ट्रिय स्तर पर उनका विरोध होने लगा था। जब कमीशन 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर गयी तब लाला लाजपत राय ने अहिंसात्मक रूप से शांति मोर्चा निकालकर उनका विरोध किया लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने उनके इस मोर्चे को हिंसात्मक घोषित किया।
इसके बाद जेम्स स्कॉट ने पुलिस अधिकारी को विरोधियो पर लाठी चार्ज करने का आदेश दिया और लाठी चार्ज के समय उन्होंने विशेषतः लाला लाजपत राय को निशाना बनाया। और बुरी तरह से घायल होने के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गयी थी।
जब 17 नवम्बर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी तब ऐसा माना गया था की स्कॉट को उनकी मृत्यु का गहरा धक्का लगा था। लेकिन तब यह बात ब्रिटिश पार्लिमेंट तक पहुची तब ब्रिटिश सरकार ने लाला लाजपत राय की मौत का जिम्मेदार होने से बिल्कुल मना कर दिया था।
इसके बाद सुखदेव ने भगत सिंह के साथ मिलकर बदला लेने की ठानी और वे दुसरे उग्र क्रांतिकारी जैसे शिवराम राजगुरु, जय गोपाल और चंद्रशेखर आज़ाद को इकठ्ठा करने लगे, और अब इनका मुख्य उद्देश्य स्कॉट को मारना ही था।
जिसमे जय गोपाल को यह काम दिया गया था की वह स्कॉट को पहचाने और पहचानने के बाद उसपर शूट करने के लिये सिंह को इशारा दे। लेकिन यह एक गलती हो गयी थी, जय गोपाल ने जॉन सौन्ड़ेर्स को स्कॉट समझकर भगत सिंह को इशारा कर दिया था और भगत सिंह और शिवराम राजगुरु ने उनपर शूट कर दिया था। यह घटना 17 दिसम्बर 1928 को घटित हुई थी। जब चानन सिंह सौन्ड़ेर्स के बचाव में आये तो उनकी भी हत्या कर दी गयी थी।
इसके बाद पुलिस ने हत्यारों की तलाश करने के लिये बहुत से ऑपरेशन भी चलाये, उन्होंने हॉल के सभी प्रवेश और निकास द्वारो को बंद भी कर दिया था। जिसके चलते सुखदेव अपने दुसरे कुछ साथियों के साथ दो दिन तक छुपे हुए ही थे।
19 दिसम्बर 1928 को सुखदेव ने भगवती चरण वोहरा की पत्नी दुर्गा देवी वोहरा को मदद करने के लिये कहा था, जिसके लिये वह राजी भी हो गयी थी। उन्होंने लाहौर से हावड़ा ट्रेन पकड़ने का निर्णय लिया। अपनी पहचान छुपाने के लिये भगत सिंह ने अपने बाल कटवा लिये थे और दाढ़ी भी आधे से ज्यादा हटा दी थी। अगले दिन सुबह-सुबह उन्होंने पश्चिमी वस्त्र पहन लिये थे, भगत सिंह और वोहरा एक युवा जोड़े की तरह आगे बढ़ रहे थे जिनके हाथ में वोहरा का एक बच्चा भी था।
जबकि राजगुरु उनका सामान उठाने वाला नौकर बना था। वे वहाँ से निकलने में सफल हुए और इसके बाद उन्होंने लाहौर जाने वाली ट्रेन पकड़ ली। लखनऊ ने, राजगुरु उन्हें छोड़कर अकेले बनारस चले गए थे जबकि भगत सिंह और वोहरा अपने बच्चे को लेकर हावड़ा चले गए।
सुखदेव की मृत्यु – Sukhdev death दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल में बमबारी करने के बाद सुखदेव और उनके साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था और उन्होंने मौत की सजा सुनाई गयी थी। 23 मार्च 1931 को सुखदेव थापर, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु को फाँसी दी गयी थी और उनके शवो को रहस्यमयी तरीके से सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था। सुखदेव ने अपने जीवन को देश के लिये न्योछावर कर दिया था और सिर्फ 24 साल की उम्र में वे शहीद हो गए थे। भारत को आज़ाद कराने के लिये अनेकों भारतीय देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे ही देशभक्त शहीदों में से एक थे, सुखदेव थापर, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत को अंग्रेजों की बेंड़ियों से मुक्त कराने के लिये समर्पित कर दिया। सुखदेव महान क्रान्तिकारी भगत सिंह के बचपन के मित्र थे। दोनों साथ बड़े हुये, साथ में पढ़े और अपने देश को आजाद कराने की जंग में एक साथ भारत माँ के लिये शहीद हो गये। 23 मार्च 1931 की शाम 7 बजकर 33 मिनट पर सेंट्रल जेल में इन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया और खुली आँखों से भारत की आजादी का सपना देखने वाले ये तीन दिवाने हमेशा के लिये सो गये। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी सुखदेव थापर के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी