मेरा निगम मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान पार्षद सूची

नाम :
मा. मो0 जान अन्सारी
पद :
निगम पार्षद
वार्ड :
वार्ड 38 - बरवालान
निगम :
मुरादाबाद
राज्य :
उत्तर प्रदेश
समर्थित :
समाजवादी पार्टी
चुनाव वर्ष :
2017
सम्मान :

माननीय निगम पार्षद जी ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने राष्ट्रीय ध्वज की जानकारी जन जन तक पहुंचाने में संस्था को सहयोग राशि 1500 रुपये प्रदान करने एवं क्षेत्र में विकास कार्यों की जानकारी मतदाताओं को डिजिटल मोबाईल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराने के उपरांत संस्था द्वारा  मेरा निगम मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है
निगम /पार्षद के बारे में :

Introduction
Name: Mr. Zaan  Ansari
Designation: Municipal Corporator
Ward no: 38 - Barwalan
Eligibility: High School
Email:
Mobile  No: 9927364821
Residence:
Support: Samajwadi Party
Language : Hindi and Urdu, English, Khariboli, Haryanvi, Punjabi, Kumaoni
Current Time 12:18 PM
Date: Tuesday , Jan 12,2021 (IST)
Telephone Code / Std Code: 0591
Municipal Corporation : Moradabad
State : Uttar Pradesh
Vehicle Registration Number: UP-21
RTO Office: Moradabad
Moradabad Municipal Corporation Mayor = Vinod Aggarwal (BJP) Contact Number: 9837043502
Assembly constituency : Moradabad assembly constituency
Assembly MLA : RITESH KUMAR GUPTA (BJP) Contact Number : 9412244566
Lok Sabha constituency : Moradabad parliamentary constituency
Parliament MP : Dr. S T HASAN (SP) Contact Number: 9837026312
Pin Code : 244001
 
नगर निगम वार्ड नंबर 38 - बरवालान के बारे में
भारत के 74 वें संविधान संशोधन के तहत, पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से पार्षद का पद मुख्य रूप से स्थानीय निकायों के  तहत आता है। यह जनता द्वारा चुना जाता है। इसके तहत नगर निगम का आयोजन किया गया है। पार्षद का चुनाव मुख्य रूप से उस क्षेत्र के लोगों द्वारा प्रत्यक्ष मतदान द्वारा किया जाता है। एक पार्षद का मुख्य कार्य परिषद में चर्चा  के लिए जनता की समस्याओं को प्रस्तुत करना है। मुरादाबाद नगर निगम उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में नागरिक बुनियादी ढांचे और प्रशासन के लिए जिम्मेदार नगर निगम है। संक्षेप में, संगठन को एमएमसी के रूप में जाना जाता है। यह नागरिक प्रशासनिक निकाय शहर की पार्क का प्रबंधन करता है। नगर निगम वार्ड नंबर 38 - बरवालान में कुल 9706 मतदाता हैं, जिनमें समाजवादी पार्टी समर्थित माननीय मो0 जान अन्सारी जी को निगम चुनाव  2017 में निगम पार्षद पद के लिए कुल 3212 वोटों में से 1388 वोट मिले।
2 =नाजिम परवेज = ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (630) को 758 मतों से हराकर चुनाव जीता।
3 =अतुल = निर्दलीय (479) ने तीसरा स्थान हासिल किया 

नगर निगम मुरादाबाद में कुल 623160 मतदाता हैं, निगम में कुल 70  वार्ड हैं। निकाय 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी समर्थित नगर निगम महापौर पद पर  विनोद अग्रवाल जी ने कुल पड़े मत संख्या 265600 में से (94677) 35.65 मत पाकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार 
2 - मौ0 रिजवान कुरैशी 73042 (27.5) को 29582 अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता 
3- मौ0 युसुफ = समाजवादी पार्टी 47740 (17.97) मत प्राप्त किये 
5 -गुरबिन्द‍र सिंह = आम आदमी पार्टी 5567 (2.1) मत प्राप्त कर तीसरे  न. पर रहे 

मुरादाबाद जिले के बारे में

मुरादाबाद, भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के 75 जिले में से एक है,  मुरादाबाद जिला प्रशासनिक मुख्यालय मुरादाबाद है यह राज्य की राजधानी लखनऊ की तरफ 358 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। मुरादाबाद जिले की जनसंख्या 4773138 है। यह आबादी से राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है।

मुरादाबाद शहर जो कि पीतल हस्तशिल्प के निर्यात के लिए प्रसिद्ध है। रामगंगा नदी के तट पर स्थित मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसका निर्यात केवल भारत में ही नहीं अपितु अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया आदि देशों में भी किया जाता है। अमरोहा, गजरौला और तिगरी आदि यहाँ के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से हैं।[1] रामगंगा]] और गंगा यहाँ की दो प्रमुख नदियाँ हैं। मुरादाबाद विशेष रूप से प्राचीन समय की हस्तकला, पीतल के उत्पादों पर की रचनात्मकता और हॉर्न हैंडीक्राफ्ट के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह जिला बिजनौर जिला के उत्तर, बदायूँ जिला के दक्षिण, रामपुर जिला के पूर्व और ज्योतिबा फुले नगर जिला के पश्चिम से घिरा हुआ है।
 

इतिहास

1624 ई. में सम्भल के गर्वनर रुस्तम खान ने मुरादाबाद शहर पर कब्जा कर लिया था और इस जगह पर एक किले का निर्माण करवाया था। उनके नाम पर इस जगह का नाम रुस्तम खान रखा गया। इसके पश्चात् मुरादाबाद शहर की स्थापना मुगल शासक शाहजहाँ के पुत्र मुराद बख्श ने की थी। अत: उसके नाम पर इस जगह का नाम मुरादाबाद रख दिया गया।

यह जिला बिजनौर जिला के उत्तर, बदायूँ जिला के दक्षिण, रामपुर जिला के पूर्व और ज्योतिबा फुले नगर जिला के पश्चिम से घिरा हुआ है।

कृषि और उद्योग

प्रमुख सड़क और रेल जंक्शन पर स्थित यह शहर कृषि उत्पादों का व्यापार केंद्र है। कृषि वस्तुओं के व्यापार का प्रमुख केन्द्र है। कलई किए गए पीतल के बर्तनों के लिए यह नगर प्रसिद्ध है। यहाँ पर कुछ चीनी व कपड़े की मिलें भी हैं। यहाँ के उद्योगों में कपास मिल, बुनाई, धातुकर्म, इलेक्ट्रोप्लेटिंग और छपाई उद्योग शामिल हैं। यहाँ अनाज, कपास और गन्ने की खेती होती है। चीनी मिल और सूती वस्त्र निर्माण यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं।

प्रमुख आकर्षण

मुरादाबाद में होलीडे रीजेंसी नाम का एक पंच सितारा होटल है। इसके अलावा प्रेम वाटर किंगडम घूमने के लिए उपयुक्त जगह है एवं यहाँ पर हाफिज साहब का मजार भी देखने योग्य है जो रामगंगा नदी के किनारे पर स्थित है।

आवागमन

वायु मार्ग

यहाँ का सबसे निकटतम हवाई अड्डा दिल्‍ली स्थित इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, कलकत्ता, मुम्बई, लखनऊ, चंडीगढ़ आदि से दिल्ली के लिए नियमित रूप से उड़ान भरी जाती है।

रेल मार्ग

सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन मुरादाबाद जंक्शन है। भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे नई दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई, चैन्नई, आगरा और वाराणसी आदि से मुरादाबाद रेल द्वारा पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग

मुरादाबाद सड़क मार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे मथुरा, दिल्ली, चंडीगढ़, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, झाँसी और आगरा आदि से पहुँचा जा सकता है। उत्तर प्रदेश राज्य मार्ग परिवहन निगम द्वारा इन सभी शहरों से मुरादाबाद के लिए बस सुविधा उपलब्ध करवा रखी है। इसके अतिरिक्त विभिन्न निजी लक्सरी बसों की सुविधा भी उपलब्ध है।

खरीदारी

पीतल का एक सजावटी पेपरवेट

मुरादाबाद में खरीदारी किए बिना आपका सफर अधूरा ही रहेगा। मुरादाबाद स्थित मुख्य बाजार पीतल मंडी है। इस जगह पर कई सौ छोटी और बड़ी दुकानें है जहां तांबा और कांसा की ब्रिकी की जाती है। इन छोटी-छोटी दुकानों से जहां आप तांबा और कांसे से बनी खूबसूरत वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं वहीं दूसरी ओर बड़ी दुकानों से बेशकिमती और आकर्षक वस्तुओं खरीद सकते हैं। यहां आपको तांबे के आइटम सभी साइज और शेप में मिल जाएंगे। उन पर की खूबसूरत नक्काशी का काम देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त यहां जिस चीज की बिक्री सबसे अधिक होती है वह इत्रदान और गुलाबपाश है। यह इत्रदान और गुलाबपाश आपको हर शेप में विशेष रूप से कांसे और तांबे के मिश्रण से बने बर्तन में आसानी से मिल जाएंगे। इसके साथ-साथ अफताब अथवा वाइन सर्वर की खरीदारी भी जरूर करें।इन पर तांबे की लाइंनिग का काम हुआ होता है और इसका भार भी अधिक होता है

शहरों के पास
रामपुर 26 किलोमीटर
सिरसी 28 किमी
अमरोहा 34 किलोमीटर

हवाई अड्डे के करीब
पंतनगर हवाई अड्डे के लगभग 79 किलोमीटर
धार्मिकफरनगर हवाई अड्डा 142 केएम
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
देहरादून हवाई अड्डा 202 केएम. 

जिले से पास
रामपुर 26 किलोमीटर दूर
ज्योतिबा फुले नगर 35 किलोमीटर
उधम सिंह नगर 70 किलोमीटर

रेलवे स्टेशन से करीब
मुरादाबाद रेलवे स्टेशन करीब 1.6 किलोमीटर
काठघर सही रेलवे स्टेशन 2.0 के.एम. 
रामपुर रेलवे स्टेशन करीब 27 किलोमीटर

मुरादाबाद नगर विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक
माननीय रितेश कुमार गुप्ता बीजेपी फोन 9412244566
मुरादाबाद नगर विधानसभा क्षेत्र में मंडल
मुरादाबाद

मुरादाबाद नगर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012 मोहम्मद यूसुफ अंसारी सपा 88341 =20238 रितेश कुमार गुप्ता भाजपा 68103
2007  संदीप अग्रवाल एसपी 49547 =29179 विकास जैन भाजपा 20368
2002 एसएनडी संदीप अग्रवाल बीजेपी 42888 =14 9 8 9 हा मोहम्मद सिद्दी कांग्रेस 27907
1996  संदीप अग्रवाल भाजपा 78893 =25 9 15 मुसरराज हुसैन एसपी सपा 52945
1993  संदीप अग्रवाल बीजेपी 74564 =14198 जाहिद हुसैन जेडी 60366
1991  ज़ाहिद हुसैन जेडी 48204 =19636 शकुंतला (सिक्का) भाजपा  28568
1989  शमी (शमीम) अहमद खान जेडी 65202 =22 9 5 प्रेम शंकर भाजपा 43007
1985  पुष्पा सिंघल कांग्रेस 21217 =607 शामीम अहमद खान निर्दलीय  20610
1980  हाफिज मोहम्मद सिद्दीक कांग्रेस (आई) 39604 =25664 हंसराज  भाजपा 13940
1977  दिनेश चंद्र रस्तोगी जेएनपी 19987 =11350 मुख्तार अहमद  एमयूएल 8637
1974 दिनेश चंदर रस्तोगी बीजेएस 22532 =85 शामीम अहमद खान  एमयूएल 22447
1969  हलीमुद्दीन राहत मौलए  21602 =2116 ओकर सरन कांग्रेस  19486
1967 ओ सरन कांग्रेस 23168 =2551 बी एस भटनागर बीजेएस 20617
1962हलीमुद्दीन आरईपी 21816 =3973 ब्रह्मा स्वरूप जेएस जेएस 17843
1957  हलीमुद्दीन भारत 23212 =10350 वाली अहमद खान कांग्रेस 12862 
विकास/सामाजिक कार्य के बारे में :


विकास कार्य सूचि उपलब्ध नहीं हुई है
तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में
क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। आइए पढ़ते हैं, तिरंगे की कहानी ग़ज़बहिन्दी की जुबानी…
1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।
2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।
3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।
4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।
6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।
7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।
8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।
9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।
11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।
12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।
13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।
14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।
15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।
16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।
17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।
18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।
19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।
20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।
21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।
22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।
23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ? भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।
24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ? देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।
पार्षद पद के बारे में
पार्षद के कार्य व अधिकार
1 - पार्षद से सम्बंधित जानकारी (Information About Councilor)
2 - पार्षद क्या होता है (What Is A Councilor | Parshad Meaning)
3 - पार्षद का चुनाव कैसे होता है (Election Of Councilor)
4 - पार्षद का वेतन (Salary Of Councillor)
5 - पार्षद बनने के लिए योग्यता (Eligibility)
6 - पार्षद के कार्य और उसके अधिकार (Councilor’s Work And Rights)
7 - पार्षद चुनाव लड़ने के लिए दस्तावेज
1- पार्षद से सम्बंधित जानकारी (Information About Councilor)
भारत के 74 वें संविधान संशोधन के अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से पार्षद (Councillor OR Ward Councillor) का पद मुख्य रूप से स्थानीय शहरी शासन (Urban Local Bodies) के अंतर्गत आता है | इसका चुनाव जनता द्वारा किया जाता है | इसके अंतर्गत नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत की व्यवस्था का आयोजन किया गया है | पार्षद का चुनाव मुख्य रूप से उस क्षेत्र की जनता प्रत्यक्ष मतदान (Direct Election) द्वारा करती है | एक पार्षद (Parshad) का मुख्य कार्य जनता की समस्याओं को परिषद् में विचार- विमर्श के लिए प्रस्तुत करना है | पार्षद क्या है, पार्षद का चुनाव, वेतन और योग्यता की पूरी जानकारी आपको इस पेज पर दे रहे है|
2- पार्षद क्या होता है (What Is A Councilor | Parshad Meaning)
प्रत्येक शहर को छोटे- छोटे नगर (मोहल्ले) में विभाजित किया गया है, और नगर (मोहल्ले) को वार्ड में विभाजित किया जाता है | प्रत्येक वार्ड के प्रतिनिधि को ही पार्षद कहते है | पार्षद (parshad in hindi) का चयन सीधे उस वार्ड की जनता द्वारा किया जाता है | पार्षद का मुख्य कार्य उस वार्ड से सम्बंधित समस्याओं को नगर पालिका या नगर परिषद् में पेश करना व इसके बाद परिषद् द्वारा बजट पास करके उस समस्या का हल निकाला जाता है |
3- पार्षद का चुनाव कैसे होता है (Election Of Councilor)
पार्षद का चुनाव (parshad election) प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल में कराया जाता है | प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल में निर्वाचन आयोग राज्य सरकार की सहायता से नगर निकाय चुनाव का आयोजन करती है | इस चुनाव में शामिल होने वाले व्यक्ति को जनता के द्वारा चुना जाता है | उस नगर की सारी जनता एकजुट होकर अपने इलाके के लिए सही व्यक्ति का चुनाव करती है |
4- पार्षद का वेतन (Salary Of Councillor)
सभी राज्यों में पार्षदों का वेतन अलग – अलग होता है | सभी पार्षदों को प्रत्येक माह लगभग 10 हजार रुपये मानदेय और एक हजार रुपये प्रति बैठक भत्ता दिया जाता है |
5- पार्षद बनने के लिए योग्यता (Eligibility)
1- पार्षद बनने के लिए अगल-अलग राज्यों में अलग नियम भी हो सकते हैं। राज्य के अनुसार नियम होते हैं।
2- उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए ऊपर चाहे कितनी भी हो
3- 10 वीं पास होना चाहिए फ़िलहाल सरकार ने कोई भी ऐसी योग्यता नहीं निर्धारित की हैं बस आप पढे-लिखे होने चाहिए ताकि आपको सभी तरह की जानकारी हो
4- वर्ष 1995 के बाद दो या दो से अधिक संतान नहीं होनी चाहिए (केवल शादीशुदा लोगो के लिए)
5- किसी भी सरकारी पद पर कार्यरत नहीं होने चाहिए
6- पागल या दिवालिया घोषित नहीं होना चाहिए
7- भारत के किसी भी मतदाता सूचि में नाम होना चाहिए
8- निर्वाचन आयोग में पार्षद के लिए अपील करते हो तो अपनी सभी सम्पति का भी ब्यौरा देना होगा
9- गंभीर अपराधो में सजा युक्त या कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं होनी चाहिए
6- पार्षद के कार्य और उसके अधिकार (Councilor’s Work And Rights)
पार्षद के कार्य
1- पार्षद को अपने-अपने वार्ड में 5-5 लाख रूपये (ये अनुमानित राशी हैं) विकास कार्य कराने का अधिकार प्रदान किया जाता हैं।
2- पार्षद को अपने वार्ड में रोड लाइट लगवानी होती हैं
3- सड़क निर्माण कार्य
4- पानी की समस्या पार्षद के अंतर्गत नहीं आती जब पार्षद को ये कार्य करना होता हैं।
5- पेंशन के फॉर्म पर मुहर लगाना
6- जाति प्रमाण-पत्र और मूल निवास प्रमाण-पत्र पर मुहर लगाना
7- सरकारी योजनाओ में बहुत से ऐसे फॉर्म होते हैं जिन्हें पार्षद को अपने हस्ताक्षर करके मुहर लगनी होती हैं।
8- अपने वार्ड में राजनैतिक कार्य भी करने होते हैं।
7- पार्षद चुनाव लड़ने के लिए दस्तावेज
1- विवाह पंजीयन/मैरिज सर्टिफिकेट (शादीशुदा होने पर)
2- मूल निवास प्रमाण पत्र (डिजिटल होना चाहिए पुराना वाला नहीं चलेगा)
3- जाति प्रमाण पत्र (डिजिटल होना चाहिए पुराना वाला नहीं चलेगा)
4- वोटर आई डी
5- चार पासपोर्ट साइज़ फोटो
6- आधार कार्ड
6- पार्षद का Resume
7- स्वघोषणा प्रमाण पत्र