समर्थित :
भारतीय जनता पार्टी
सम्मान :
माननीय निगम पार्षद जी ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने राष्ट्रीय ध्वज की जानकारी जन जन तक पहुंचाने में संस्था को सहयोग राशि 1500 रुपये प्रदान करने एवं क्षेत्र में विकास कार्यों की जानकारी मतदाताओं को डिजिटल मोबाईल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराने के उपरांत संस्था द्वारा मेरा निगम मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है
निगम /पार्षद के बारे में :
IntroductionName: Honorable: VipulDesignation: Municipal CorporatorWard no. 58 - Gulab NagarEligibility: Inter
Email :
Mobile No: 9359115217Support: Bharatiya Janata Partyresidence: NaMunicipal Corporation : BareillyState : Uttar PradeshLanguage : Hindi and Urdu, EnglishCurrent Time 09:20 PMDate: Wednesday , Jan 09,2019 (IST)Telephone Code / Std Code: 0581Vehicle Registration Number: UP-25RTO Office: BareillyBareilly Municipal CorporationMayor : Umesh Gautam Contact Number: 9412200025Assembly constituency : Bareilly Cantt assembly constituencyAssembly MLA : Rajesh Agarwal (BJP) Contact Number: 9412287576Lok Sabha constituency : Bareilly parliamentary constituencyParliament MP : Santosh Kumar Gangwar (BJP) Tels : (011) 23011824, 23010895Pin Code : 243001Post Office Name : Bareillyनगर निगम वार्ड नंबर 58 - गुलाब नगर के बारे मेंभारत के 74 वें संविधान संशोधन के तहत, पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से पार्षद का पद मुख्य रूप से स्थानीय निकायों के तहत आता है। यह जनता द्वारा चुना जाता है। इसके तहत नगर निगम का आयोजन किया गया है। पार्षद का चुनाव मुख्य रूप से उस क्षेत्र के लोगों द्वारा प्रत्यक्ष मतदान द्वारा किया जाता है। एक पार्षद का मुख्य कार्य परिषद में चर्चा के लिए जनता की समस्याओं को प्रस्तुत करना है। बरेली नगर निगम उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में नागरिक बुनियादी ढांचे और प्रशासन के लिए जिम्मेदार नगर निगम है। संक्षेप में, संगठन को बीएमसी के रूप में जाना जाता है। यह नागरिक प्रशासनिक निकाय शहर की स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक सेवाओं जैसे पार्क का प्रबंधन करता है।नगर निगम वार्ड नंबर 58 - गुलाब नगर में कुल 8182 मतदाता हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी समर्थित माननीय विपुल जी को निगम चुनाव 2017 में उन्हें निगम पार्षद पद के लिए कुल 3638 वोटों में से 1241 वोट मिले।2 = पंकज = ने समाजवादी पार्टी (1167) को 74 मतों से हराकर चुनाव जीता।3= सचिन सक्सेना = निर्दलीय (545) ने तीसरा स्थान हासिल किया
विकास/सामाजिक कार्य के बारे में :
नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी सरकारी योजनाओं की सूची
मोदी सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की गयी है. इन योजनाओं के द्वारा वे देश के लोगों के लिए कई तरह की सुविधाएँ लाने की कोशिश में है. पिछले तीन साल में मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की है.
यहाँ पर मोदी सरकार द्वारा अब तक की सभी योजनाओं के विषय में दिया जा रहा है :
- डिजिटल इंडिया : डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 के अगस्त में हुई थी. इसकी शुरुआत देश को डिजिटल और इलेक्ट्रिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए की गयी थी. देश के डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक रूप में विकसित होने से देश की अर्थनीति में भी सुधार आएगा. इस मुहीम के अंतर्गत सरकार ये चाहती थी कि भारत सरकार के सभी मंत्रालय आम लोगों से डिजिटल प्लेटफार्म पर जुड़ सके, ताकि सरकार के कामों का ब्यौरा लोगों तक जल्द से जल्द पहुँच सके. इससे सरकार को लोगों का फीडबैक मिलता रहे और गवर्नेंस आसान हो सके. साल 2014 में शुरू हुई यह डिजिटल प्रोग्राम योजना साल 2019 में जाकर ख़त्म हो जायेगी.
- प्रधान मंत्री जन धन योजना : प्रधानमंत्री द्वारा चालू किये गये योजनाओं में प्रधानमंत्री जन धन योजनाअतिमहत्वपूर्ण है. इस योजना के तहत सरकार द्वारा ग़रीब लोगों को या वैसे लोगों को जिनका बैंक अकाउंट नहीं है, उन्हें जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने की सुविधा दी गयी. इस सुविधा का लाभ उठाते हुए एक बड़ी संख्या में लोगों ने अपने बैंक अकाउंट खुलवाए. इस तरह ये एक बहुत सफ़ल योजना रही.
- स्वच्छ भारत अभियान : ये प्रोग्राम हालाँकि देश में कोई नया प्रोग्राम नहीं थी. इससे पहले की सरकार ने भी एक इसी तरह की योजना निर्मल भारत के नाम से शुरू की थी, किन्तु निर्मल भारत प्रोग्राम से देश को कोई ख़ास लाभ नहीं मिल सका था. अतः इसके बाद तात्कालिक सरकार ने भारत में स्वच्छता की कटिबद्धता बढाने के लिए और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए नये सिरे से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की. महात्मा गाँधी के सपने को सच करने की इस मुहीम में कई बड़ी हस्तियों ने भी भाग लिया.
- मेक इन इंडिया : मेक इन इंडिया योजना के तहत सरकार का उद्देश्य अपने देश में प्रोडक्शन बढ़ाना और युवाओं को रोज़गार देना था. इस योजना की रूप रेखा इस तरह से तैयार की गयी थी कि देश में विदेशी कम्पनियाँ भी इन्वेस्ट करने को राज़ी हो सकें. इस तरह देश एक तरह से मैन्युफैक्चरिंग मार्केट की तरह काम कर सके और नौकरियों की संख्या में भी इजाफा हो. भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना 25 विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है.
- सांसद आदर्श ग्राम योजना : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लोकसभा के सभी सांसद अपने फण्ड से कुछ पैसे का इस्तेमाल एक गाँव के विकास में योगदान के लिए करें. इस तरह से देश के सभी गाँव शहरों की तरह नए इंफ्रास्ट्रक्चर और अच्छी अन्य सुविधाओं के साथ अपना विकास अच्छी तरह से कर सके. इस योजना के तहत सभी सांसद को एक एक गाँव ‘गोद लेने’ की बात कही गयी थी. ऐसा माना जा रहा है कि साल 2019 तक ये योजना रंग लाती हुई नज़र आएगी.
- अटल पेंशन योजना : इस योजना के तहत लोगों को ओल्ड ऐज पेंशन की सुविधा मिल पाएगी. अटल पेंशन योजना के तहत उन वृद्धों को पेंशन की सुविधा देने की बात तय थी, जो कई छोटी मोटी जगहों पर काम करके अपना गुज़ारा करते हैं. यह योजना उन्हें उनके रिटायरमेंट से पहले बुढापे के लिए धन संचय की सुविधा देती है. यह योजना रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से चलाई जाती है. इस योजना के तहत वृद्ध लोगों को 1 हज़ार से 5 हज़ार तक के पेंशन की सुविधा मिल सकती है
- प्रधानमंत्री आवास योजना : भारत सरकार द्वारा यह योजना उन लोगों के लिए चलायी जा रही है, जिनके पास अपना घर नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुसार साल 2022 तक देश भर में लगभग 2 करोड़ घरों का निर्माण कराया जाएगा. इस योजना के तहत उन लोगों को लाभ पहुँचाया जाएगा, जो ग़रीब और मजबूर है. इस योजना के अनुसार उन्हें सब्सिडी और ऋण दिया जाएगा, ताकि वे घर बना सके और धीरे धीरे ऋण भी चूका सकें. वरिष्ठ नागरिकों, एससी/ एसटी एवं महिलाओं को इसके लिए और भी अधिक सुविधा दी जायेगी.
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना : यह योजना एक तरह की जीवन बीमा योजना है. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अनुसार पालिसी लेने वाले को एक सुरक्षित भविष्य की गारंटी दी जायेगी. इस योजना के तहत पालिसी होल्डर को सालाना तौर पर रू 330 जमा करने होंगे और इसके बदले में उन्हें रू 2 लाख की पालिसी प्राप्त होगी. 18 वर्ष से 50 वर्ष के अन्दर का कोई भी आदमी इस योजना के तहत जीवन बीमा प्रीमियम ख़रीद सकता है. इसके लिए पालिसी होल्डर के पास एक बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है, जिससे इस योजना को लिंक अप किया जा सके.
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना : प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना सम्बंधित मृत्यु अथवा आंशिक रूप से होने वाली शारीरिक समस्याओं पर बीमा दिए जाने पर जोर दिया गया है. देश के कई ऐसे ग्रामीण हिस्से हैं, जहाँ के लोगों को किसी तरह की बीमा की प्राप्ति नहीं हुई है. यह योजना इन्हीं जैसे लोगों को बीमा मुहैया कराने के लिए शुरू की गयी है. सरकार ने इसका सब्सक्रिप्शन चार्ज भी केवल 12 रू रखा है, जिसके एवज में पालिसी होल्डर को 2 लाख तक की बीमा प्राप्त होगी. इस बीमा का लाभ उठाने के लिए काग़ज़ी कार्यवाही बहुत ही कम है.
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : भारत में कृषि का बहुत बड़ा महत्व है. अतः यहाँ की कृषि विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की है. इस योजना से प्राप्त जानकारियों के अनुसार देश के लगभग 45 प्रतिशत कृषि क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ पर सिंचाई की व्यवस्था बनायी हुई है और बाक़ी जगहों पर पुरानी पद्धति से ही सिंचाई होती है. इस योजना के तहत सरकार सिंचाई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी, जिसकी सहायता से सिंचाई आसानी से की जा सकेगी.
- प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना : किसानों को मौसम की मार से बचाने तथा रबी और खरीफ फसलों को इन्स्युरेंस देने के लिए सरकार ने आसान और सस्ती बीमा योजना निकाली है. इसका लाभ सभी तरह के किसान उठा पाएंगे. केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरू की गयी है. यह योजना पुरानी बीमा योजना एनएआईएस और एमएनएआईएस की जगह शुरू की गयी है. इस योजना के अनुसार किसानों को 2% पूरे खरीफ फसल के लिए और 1.5% रबी फसल के लिए नियमित रूप से भुगतान करना होगा.
- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना : यह योजना पुराने जन औषधि योजना के स्थान पर शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत 3000 जन औषधि यानि सरकारी दवा की दूकान खोली जाने की बात है, जहाँ से लोग कम पैसे में दवाइयां ख़रीद सकेंगे. इस योजना का अंतर्गत 500 तरह की दवाइयां बहुत काम दामों में बेचे जाने की बात है. कोई एनजीओ अथवा अन्य सामाजिक संस्थान भारत सरकार से एक बार में 2.5 लाख रूपए की सहायता पा कर जन औषधि स्टोर्स खोल सकते है.
- किसान विकास पत्र : यह एक निवेश स्कीम थी, जिसके अंतर्गत 8 वर्ष और चार महीने के बाद जमा की गयी राशि दुगनी हो जायेगी. हालाँकि इसमें किसी तरह का कर लाभ नहीं था. किसान विकास पत्रडीनॉमिनेशन की शुरुआत रू 1000, 5000, 10000, 50000 आदि से हो सकती है और इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : किसानों के पैदावार को बढाने के लिए तथा उन्हें मिट्टी की उर्वरा से अवगत कराने के लिए सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनाकी शुरुआत की है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सहायता से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के विषय में जानने का मौक़ा मिलता है और उसके अनुसार किसान मिटटी में खाद मिलाने में सक्षम हो पाते हैं.
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना : प्रधानमंत्री बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के अंतर्गत बेटियों की शिक्षा और विकास पर काम किया गया. इसके अंतर्गत चाइल्ड सेक्स रेश्यो को संतुलित करने की बात ध्यान में रखी गयी है. साथ ही बच्चियों को पढ़ाने के लिए कई सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही है.
- मिशन इंद्रधनुष : मिशन इन्द्रधनुष के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की बात की गई है. इस योजना की सहयता से नवजात शिशुओं को और गर्भवती महिलाओं को सात तरह की वैक्सीन मुफ्त में दी जायेगी, जिसमे दिप्ठेरिया, टिटनेस, पोलियो, टीबी, मेअस्लेस हेपेटाइटिस बी, परटूससीस आदि है. मिशन इन्द्रनुष के अंतर्गत 352 जिलो में काम किया गया है, जिसमे 279 मध्य प्रथामिकता वाले जिले, 33 उत्तर पूर्वी जिले, तथा 40 ऐसे जिले शामिल हैं, जहाँ कुपोशण के कई बच्चे शिकार हैं.
- दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना : दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली पहुंचाने, इससे सम्बंधित इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने, मीटरिंग व्यवस्था बनाने आदि कार्य किये जायेंगे. इसके साथ ही ग्रामांचलों में जहाँ पर बिजली नहीं पहुंच पाती है, वहाँ पर बिजली सेवा पहुँचाने का काम है. इससे पहले यह कार्य राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के ज़रिये हो रहा था.
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना : इस योजना के तहत श्रमिकों के सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारियों को ऑनलाइन वेबपोर्टल की सहयता से श्रमिकों तक पहुँचाने की बात कही गयी. इस कार्य के लिए ऑनलाइन पोर्टल के इस्तेमाल से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार कम होगा. इस स्कीम के अंतर्गत एक संयुक्त लेबर पोर्टल लॉन्च किया गया, जिसका नाम ‘श्रम सुविधा’ था. इस वेब पोर्टल के सहारे सभी लेबर सम्बंधित डेटा मैनेजमेंट का काम किया जाएगा.
- अटल रेजुवेनेशन और अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) : इस योजना के अंतर्गत मूलभूत सेवायें मसलन जल सप्लाई, सीवरेज, अर्बन ट्रांसपोर्ट आदि को शहरों और घरों तक पहुँचाने के कार्य की शुरुआत हुई, जिससे लोगों तक शुद्ध चीज़ें पहुंचे और जो लोग ग़रीब हैं उन्हें भी इसका लाभ प्राप्त हो सके हैं. इसका सबसे मुख्य उद्देश्य सभी घरों तक सीवरेज तथा शुद्ध पानी का कनेक्शन दिया जा सके, पार्क वगैरह का निर्माण हो सके और साइकिलिंग का इस्तेमाल करके प्रदुषण को कम किया जा सके.
- स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना : स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना एक तरह की टूरिज्म योजना थी. इसके अन्तर्गत थीम पर आधारित टूरिज्म सर्किट का निर्माण किये जाने की योजना थी. इसकी थीम्स में रिलिजन, कल्चर आदि हैं, जिसको आधार बना कर देश भर में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करनी है. प्रसाद यानि पिल्ग्रिमेज रेजुवेनेश औग्मेंटेशन ड्राइव योजना के अंतर्गत अमृतसर, अजमेर, अमरावती, द्वारका, गया, कांचीपुरम, केदारनाथ कामख्या, मथुरा, पूरी, वाराणसी और वेल्लान्कानी आदि तीर्थ स्थानों पर विश्वप्रसिद्द टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कराना था. इन सभी स्थानों पर आध्यात्मिक केन्द्रों की स्थापना भी इस योजना के उद्देश्यों में एक है. इसकी सहयता से इन स्थानों का आध्यात्मिक महत्व और टूरिज्म दोनों बढेगा.
- नेशनल हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड औग्मेन्टेशन योजना : आर्थिक मजबूती, अर्बन प्लानिंग और ऐतिहासिक धरोहरों को एक साथ समृद्ध करने के लिए इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गयी. इसकी सहायता से देश की ख़त्म होती ऐतिहासिक धरोहरों को बचाया जा सकेगा. इसके लिए 27 महीने के समय की डेडलाइन तय की गई थी, जो कि मार्च 2017 में ख़त्म हो चूका है. हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड औग्मेन्टेशन योजना के लिए 500 करोड़ रूपए का बजट तय किया गया था.
- राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान : सरकारी स्कुलों, पार्कों आदि में पवित्र और साफ़ वातावरण, खाना, जल, टॉयलेट आदि की सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गयी थी. यह योजना स्वच्छ भारत योजना का ही एक अंश है, जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर साल 2014 में हुई थी.
- वन रैंक वन पेंशन : वन रैंक वन पेंशन की सहयता से रिटायर्ड सैनिकों को उनके रैंक के मुताबिक़ पेंशन देने की सेवा शुरू की जानी थी. हालाँकि ये मोदी सरकार की योजना नहीं है, किन्तु इस योजना को सफल करने में मोदी सरकार लगी हुई थी.
- स्मार्ट सिटी योजना : स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत देश भर में 100 शहरों को हर तरह से सुविधाजनक और सुगम बनाया जाना था. इसके अंतर्गत बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, पानी और बिजली सप्लाई, सैनिटेशन और सॉलिड कूड़ा मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट, हाई क्वालिटी आईटी कनेक्टिविटी, ई गवर्नेंस आदि की सर्वोत्तम व्यवस्था की शुरूआत की जायेगी.
- गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम : गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम की सहायता से लोग अपने सोने के गहनों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में लोकर का इस्तेमाल कर सकेंगे. साथ ही लोगों को जमा सोने पर सरकार द्वारा ब्याज भी दिया जाएगा.
- स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया : स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया योजना सभी तरह के स्टार्टअप व्यापारों को सहयोग देने के लिए शुरू किया गया. इस स्कीम की तहत स्टार्टअप को सेल्फ सर्टिफिकेशन का मौक़ा मिलेगा ताकि रेगुलेटरी लिअब्लिटी कम हो सके. इसके लिए ऑनलाइन वेबपोर्टल तथा मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की गयी.
- इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट योजना : नेटवर्क, मीटरिंग, आईटी एप्लीकेशन, सोइलर पैनल, कस्टमर केयर सर्विस आदि को इस योजना के अंतर्गत 45,800 करोड़ रूपए के साथ सरकार ने लोगों के सामने रखा हैं.
- श्यामाप्रसाद मुख़र्जी रर्बन मिशन : देश भर के 300 ग्रामीण इलाकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए, वहाँ रोज़गार की व्यवस्था करने और वहाँ के लोगों के लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. इस योजना के अनुसार इन ग्रामीण इलाकों में शहरों जैसी व्यवस्था लाने की कोशिश की जायेगी.
- सागरमाला प्रोजेक्ट : सागरमाला प्रोजेक्ट के अनुसार ट्रांसपोर्ट के लिए रास्ते और सुगम बनाने की शुरुआत की गयी है. इसकी सहायता से पोर्ट- लेड डायरेक्ट और इनडायरेक्ट डेवलोपमेंट और गुड्स ट्रांसपोर्ट्स के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जायेगा.
- प्रकाश पथ (नेशनल लेड प्रोग्राम) : इस योजना के अंतर्गत लोगों को कम पैसे में एलईडी लाइट मुहीया कराना है ताकि कम से कम बिजली में ही लोगों को पर्याप्त रौशनी मिल सकें. इससे ऊर्जा की और लोगों के पैसे की खूब बचत हो सकेगी. सरकार इस योजना को प्रभाव में लाने की कोशिश कर रही है.
- उज्वल डिस्कॉम अस्युरेंस योजना (उदय) : इस योजना के अंतर्गत स्टेट अधीन पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को केंद्र सरकार भी नियमित करेगी, ताकि राज्य सरकार पर ब्याज का बोझ भी कम हो और पॉवर कास्ट भी कम हो सके.
- विकल्प स्कीम : विकल्प योजना के अंतर्गत इन्टरनेट की सहयता से बुक किये गये ट्रेन टिकट पर ये स्कीम लागू होगी, किन्तु यह योजना सिर्फ दिल्ली – लखनऊ और दिल्ली – जम्मु के बीच के मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के बीच लागू की गयी थी.
- राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना : इस योजना का उद्देश्य देश में विभिन्न स्थानों पर छिपे 8 से 12 वर्ष के स्पोर्ट टैलेंट को ढूंढ कर सामने लाना है. इससे खेल को बढ़ावा मिलेगा. यह योजना स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एसएआई), जो कि मिनिस्ट्री ऑफ़ यूथ अफेयर्स और स्पोर्ट के अंतर्गत आती है, द्वारा संचालित किया जाता है.
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन : इस योजना के तहत स्वदेशी नस्लो के मवेशियों को डेयरी डेवलपमेंट के लिए साइंटिफिक तरीके से इस्तेमाल किया जायेगा. इससे डेयरी उत्पादन में एक अच्छा विकास होगा और लोगों को बहुत बेहतर क्वालिटी के डेरी प्रोडक्ट मिल पायेंगे. इसके लिए 500 करोड़ रूपए का बजट तय हुआ था.
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों तक एलपीजी पहुंचाने का काम किया जायेगा. इसके तहत एलपीजी के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वातावरण शुद्ध हो सके. इस स्कीम के अंतर्गत गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन फ्री दिया जाना हैं. इसके लिए आधार से लिंक्ड आपका बैंक अकाउंट इस्तेमाल होता है.
- नीति आयोग : इस योजना का उद्देश्य राज्य सरकारों की आर्थिक नीतियों में केंद्र की सहयता देना है. यह योजना 65 वर्षीय प्लानिंग कमीशन के स्थान पर शुरू किया गया है, जो एक थिंक फोरम की तरह काम करता है.
- प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना : प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (ट्राइबल) के लोगों का स्वास्थ, आर्थिक और वातावरण का ध्यान रखना है. जिन क्षेत्रों में माइनिंग आदि के काम चलते हैं, ऐसे स्थान के लोगों को इस तरह के माइनिग से कई तरह की स्वास्थ सम्बंधित परेशानी होती है. अतः इनके हक़ में कल्याणकारी कार्य करने के लिए ये योजना बहुत उतम है. सरकार इसके लिए ‘डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन’ से फण्ड मुहैया करती है.
- नमामि गंगे प्रोजेक्ट : नमामि गंगे प्रोजेक्ट की शुरुआत गंगा नदी को साफ़ करने के लिए की गयी थी. इसके अंतर्गत गंगा नदी की रेजुवेनेशन का काम किया जाएगा और साथ ही गंगा घाट का निर्माण कार्य और पुराने घाटों का पुनर्निर्माण कार्य भी किया जाएगा. सरकार इस योजना के तहत काम कर रही है.
- सेतु भारतम प्रोजेक्ट : इस योजना के तहत सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और ब्रिज का पुनर्निर्माण कार्य किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत 50000 करोड़ रूपए का बजट बना है ताकि निर्माण कार्य पूरी सुरक्षा के साथ हो सके. इस कार्य को पूरा करने के लिए साल 2019 तक का समय तय किया गया है. इस योजना के अंतर्गत 208 नए ‘रोड ओवर ब्रिज/ रोड अंडर ब्रिज’ का निर्माण तथा 1500 ऐसे ब्रिज का पुनर्निर्माण कार्य आदि होगा.
- कौशल विकास योजना : प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कामों की ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे युवाओं को नए नए कामों के विषय में जानकारी और प्रशिक्षण मिलेगा. इस प्रशिक्षण से उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी. इस ट्रेनिंग को सफलता पूर्वक करने वाले युवाओं को रू 8000 का पुरस्कार भी प्राप्त होगा.
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कुटीर उद्योग के लिए क्रेडिट, ऋण बीमा आदि दिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत रू 50,000 से रू 10 लाख तक के ऋण पाए जाते हैं. हालाँकि विभिन्न अमाउंट के ऋण पर विभिन्न तरह के ब्याज दर भी लगे हुए है. यह ब्याज दर 11% से 18% तक का है. इस योजना से कई लोगों को तरह तरह के व्यापार शुरू करने की सुविधा मिल पा रही है.
- प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सरकार समाज के सबसे पिछले वर्ग को आगे लाने की कोशिश कर रही है. इस योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई. इस योजना के अंतर्गत लोगों को विभिन्न तरह से आर्थिक सुविधाएँ दी जा रही हैं, ताकि इनका भविष्य मजबूत हो.
- सुकन्या समृद्धि योजना : सुकन्या समृद्धि योजनादेश की लड़कियों और बच्चों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी है. इस योजना के अंतर्गत कोई भी अभिभावक अपने 10 वर्ष से कम की बेटी के लिए बैंक अकाउंट खुलवा सकता है, जिसमे उस बच्ची के भविष्य के लिए पैसे जमा किये जा सके. 21 वर्ष की आयु के बाद बच्ची उसमे जमा हुए पैसे का प्रयोग अपनी शिक्षा अथवा शादी में कर सकेगी. इस योजना के शुरू होने पर कई अभिभावकों ने अपनी बेटियों के लिए बैंक अकाउंट खुलवाये हैं.
- डिजि लोकर स्कीम : भारत सरकार द्वारा चलाई गई डिजिटल डिजि लोकर वह ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जहाँ पर आप अपने समस्त दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड करके रख सकते हैं. इसका इस्तेमाल किसी भी तरह के सरकारी ऑथोरिटी के लिए डिजिटल रूप में ही किया जा सकेगा. इस तरह से एक डिजिटल सिस्टम तैयार होगा और सिस्टम में पारदर्शिता आने के साथ ही भ्रष्टाचार कम होगा.
- ई बस्ता पोर्टल : ई बस्ता पोर्टल डिजिटल लॉकर की ही तरह काम करता है. ई बस्ता की सहयता से विद्यार्थियों को वो प्लेटफार्म प्राप्त होता है जहां से वे ऑनलाइन डिजिटल किताबे पढ़ सकते हैं. इससे अब विद्यार्थियों को किसी भी तरह किताब मिल पा रही है, उन्हें इन किताबों के लिए पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में ये एक महत्वपूर्ण क़दम है जिससे पढाई रुचिकर भी हो रही है और सार्थक भी. विद्यार्थी यहाँ से किताबें डाउनलोड करके प्राप्त कर सकते हैं.
- आयुष्मान भारत योजना : भारत सरकार ने गरीबो के हित के लिये प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरुवात की हैं जिसके अंतर्गत गरीबो को 5 लाख तक का हेल्थ कवरेज दिया जायेगा
तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में
क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। आइए पढ़ते हैं, तिरंगे की कहानी ग़ज़बहिन्दी की जुबानी…
1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।
2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।
3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।
4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।
6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।
7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।
8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।
9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।
11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।
12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।
13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।
14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।
15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।
16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।
17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।
18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।
19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।
20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।
21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।
22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।
23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ?
भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।
24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ?
देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।
पार्षद पद के बारे में
पार्षद के कार्य व अधिकार
1 - पार्षद से सम्बंधित जानकारी (Information About Councilor)
2 - पार्षद क्या होता है (What Is A Councilor | Parshad Meaning)
3 - पार्षद का चुनाव कैसे होता है (Election Of Councilor)
4 - पार्षद का वेतन (Salary Of Councillor)
5 - पार्षद बनने के लिए योग्यता (Eligibility)
6 - पार्षद के कार्य और उसके अधिकार (Councilor’s Work And Rights)
7 - पार्षद चुनाव लड़ने के लिए दस्तावेज
1- पार्षद से सम्बंधित जानकारी (Information About Councilor)
भारत के 74 वें संविधान संशोधन के अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से पार्षद (Councillor OR Ward Councillor) का पद मुख्य रूप से स्थानीय शहरी शासन (Urban Local Bodies) के अंतर्गत आता है | इसका चुनाव जनता द्वारा किया जाता है | इसके अंतर्गत नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत की व्यवस्था का आयोजन किया गया है | पार्षद का चुनाव मुख्य रूप से उस क्षेत्र की जनता प्रत्यक्ष मतदान (Direct Election) द्वारा करती है | एक पार्षद (Parshad) का मुख्य कार्य जनता की समस्याओं को परिषद् में विचार- विमर्श के लिए प्रस्तुत करना है | पार्षद क्या है, पार्षद का चुनाव, वेतन और योग्यता की पूरी जानकारी आपको इस पेज पर दे रहे है|
2- पार्षद क्या होता है (What Is A Councilor | Parshad Meaning)
प्रत्येक शहर को छोटे- छोटे नगर (मोहल्ले) में विभाजित किया गया है, और नगर (मोहल्ले) को वार्ड में विभाजित किया जाता है | प्रत्येक वार्ड के प्रतिनिधि को ही पार्षद कहते है | पार्षद (parshad in hindi) का चयन सीधे उस वार्ड की जनता द्वारा किया जाता है | पार्षद का मुख्य कार्य उस वार्ड से सम्बंधित समस्याओं को नगर पालिका या नगर परिषद् में पेश करना व इसके बाद परिषद् द्वारा बजट पास करके उस समस्या का हल निकाला जाता है |
3- पार्षद का चुनाव कैसे होता है (Election Of Councilor)
पार्षद का चुनाव (parshad election) प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल में कराया जाता है | प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल में निर्वाचन आयोग राज्य सरकार की सहायता से नगर निकाय चुनाव का आयोजन करती है | इस चुनाव में शामिल होने वाले व्यक्ति को जनता के द्वारा चुना जाता है | उस नगर की सारी जनता एकजुट होकर अपने इलाके के लिए सही व्यक्ति का चुनाव करती है |
4- पार्षद का वेतन (Salary Of Councillor)
सभी राज्यों में पार्षदों का वेतन अलग – अलग होता है | सभी पार्षदों को प्रत्येक माह लगभग 10 हजार रुपये मानदेय और एक हजार रुपये प्रति बैठक भत्ता दिया जाता है |
5- पार्षद बनने के लिए योग्यता (Eligibility)
1- पार्षद बनने के लिए अगल-अलग राज्यों में अलग नियम भी हो सकते हैं। राज्य के अनुसार नियम होते हैं।
2- उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए ऊपर चाहे कितनी भी हो
3- 10 वीं पास होना चाहिए फ़िलहाल सरकार ने कोई भी ऐसी योग्यता नहीं निर्धारित की हैं बस आप पढे-लिखे होने चाहिए ताकि आपको सभी तरह की जानकारी हो
4- वर्ष 1995 के बाद दो या दो से अधिक संतान नहीं होनी चाहिए (केवल शादीशुदा लोगो के लिए)
5- किसी भी सरकारी पद पर कार्यरत नहीं होने चाहिए
6- पागल या दिवालिया घोषित नहीं होना चाहिए
7- भारत के किसी भी मतदाता सूचि में नाम होना चाहिए
8- निर्वाचन आयोग में पार्षद के लिए अपील करते हो तो अपनी सभी सम्पति का भी ब्यौरा देना होगा
9- गंभीर अपराधो में सजा युक्त या कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं होनी चाहिए
6- पार्षद के कार्य और उसके अधिकार (Councilor’s Work And Rights)
पार्षद के कार्य
1- पार्षद को अपने-अपने वार्ड में 5-5 लाख रूपये (ये अनुमानित राशी हैं) विकास कार्य कराने का अधिकार प्रदान किया जाता हैं।
2- पार्षद को अपने वार्ड में रोड लाइट लगवानी होती हैं
3- सड़क निर्माण कार्य
4- पानी की समस्या पार्षद के अंतर्गत नहीं आती जब पार्षद को ये कार्य करना होता हैं।
5- पेंशन के फॉर्म पर मुहर लगाना
6- जाति प्रमाण-पत्र और मूल निवास प्रमाण-पत्र पर मुहर लगाना
7- सरकारी योजनाओ में बहुत से ऐसे फॉर्म होते हैं जिन्हें पार्षद को अपने हस्ताक्षर करके मुहर लगनी होती हैं।
8- अपने वार्ड में राजनैतिक कार्य भी करने होते हैं।
7- पार्षद चुनाव लड़ने के लिए दस्तावेज
1- विवाह पंजीयन/मैरिज सर्टिफिकेट (शादीशुदा होने पर)
2- मूल निवास प्रमाण पत्र (डिजिटल होना चाहिए पुराना वाला नहीं चलेगा)
3- जाति प्रमाण पत्र (डिजिटल होना चाहिए पुराना वाला नहीं चलेगा)
4- वोटर आई डी
5- चार पासपोर्ट साइज़ फोटो
6- आधार कार्ड
6- पार्षद का Resume
7- स्वघोषणा प्रमाण पत्र