मेरा निगम मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान पार्षद सूची

नाम :
मा. सर्वेश रस्तोगी
पद :
निगम पार्षद
वार्ड :
68 - खानू मोहम्मद
निगम :
बरेली
राज्य :
उत्तर प्रदेश
समर्थित :
निर्दलय
चुनाव वर्ष :
2017
सम्मान :
माननीय निगम पार्षद जी ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने राष्ट्रीय ध्वज की जानकारी जन जन तक पहुंचाने में संस्था को सहयोग राशि 1500 रुपये प्रदान करने एवं क्षेत्र में विकास कार्यों की जानकारी मतदाताओं को डिजिटल मोबाईल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराने के उपरांत संस्था द्वारा  मेरा निगम मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है
 
 
निगम /पार्षद के बारे में :
Introduction
Name: Honorable: Sarvesh Rastogi
Designation: Municipal Corporator
Ward no. 68 - Khannu Mohammed
Eligibility: High School
E-mail :
Mobile No: 9837122009
Support: Independent
residence: Na
Municipal Corporation : Bareilly
State : Uttar Pradesh
Language : Hindi and Urdu, English
Current Time 09:20 PM
Date: Wednesday , Jan 09,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code:  0581
Vehicle Registration Number: UP-25
RTO Office: Bareilly
Bareilly Municipal Corporation
Mayor : Umesh Gautam Contact Number: 9412200025
Assembly constituency : Bareilly Cantt assembly constituency
Assembly MLA : Rajesh Agarwal (BJP) Contact Number: 9412287576
Lok Sabha constituency : Bareilly parliamentary constituency
Parliament MP : Santosh Kumar Gangwar (BJP) Tels : (011) 23011824, 23010895
Pin Code : 243001
Post Office Name : Bareilly

नगर निगम वार्ड नंबर 68 - खन्नू मोहम्मद  के बारे में
भारत के 74 वें संविधान संशोधन के तहत, पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से पार्षद का पद मुख्य रूप से स्थानीय निकायों के तहत आता है। यह जनता द्वारा चुना जाता है। इसके तहत नगर निगम का आयोजन किया गया है। पार्षद का चुनाव मुख्य रूप से उस क्षेत्र के लोगों द्वारा प्रत्यक्ष मतदान द्वारा किया जाता है। एक पार्षद का मुख्य कार्य परिषद में चर्चा के लिए जनता की समस्याओं को प्रस्तुत करना है। बरेली नगर निगम उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में नागरिक बुनियादी ढांचे और प्रशासन के लिए जिम्मेदार नगर निगम है। संक्षेप में, संगठन को बीएमसी के रूप में जाना जाता है। यह नागरिक प्रशासनिक निकाय शहर की स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक सेवाओं जैसे पार्क का प्रबंधन करता है।नगर निगम वार्ड नंबर 68 - खन्नू मोहम्मद  में कुल 7948 मतदाता हैं, जिनमें निर्दलीय समर्थित माननीय सर्वेश रस्तोगी जी को निगम चुनाव  2017 में उन्हें निगम पार्षद पद के लिए कुल 3269 वोटों में से 1142 वोट मिले।
2 = रंजीत = ने भारतीय जनता पार्टी (811) को 331  मतों से हराकर चुनाव जीता।
3= अमित कुमार = समाजवादी पार्टी (789) ने तीसरा स्थान हासिल किया 



बरेली नगर निगम में कुल 80 वार्ड और 761909 मतदाता हैं
निकाय चुनाव 2017 में कुल पड़े मत संख्या 341611 में से नगर निगम महापौर पद पर भारतीय जनता पार्टी समर्थित माननीय उमेश गौतम ने (139127) 40.73 मत पाकर समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवार 
2 - इकबाल सिंह तोमर उर्फ़ डॉ० आई० एस० तोमर = समाजवादी पार्टी (126343) 36.99 को 12784  मतों से हराकर चुनाव जीता 
3- अजय शुक्ला = भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (21295) 11.21 मत प्राप्त कर तीसरे  स्थान पर रहे । 
 
बरेली शहर दक्षिण की दिशा में क्यारा ब्लॉक, पूर्व में बिथिरी चेनपुर ब्लॉक, उत्तर की ओर भोजिपुरा ब्लॉक, पश्चिम की ओर माजगवान ब्लॉक से घिरा हुआ है। बरेली शहर, नवाबगंज शहर, उझानी शहर, शिशगढ़ शहर बरेली के नजदीकी शहर हैं।
 
खटीमा , मुरादाबाद, काठगोदाम (हल्दवानी-काठगोदाम), टनकपुर, काशीपुर देखने के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के नजदीक हैं।
 
बरेली शहर की जनसांख्यिकी
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। इसके अलावा लोग अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी और कुमाओनी बोलते हैं।
बरेली उत्तरी भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बरेली जिले में स्थित एक शहर है। यह उत्तर प्रदेश में आठवां सबसे बड़ा महानगर, और भारत का ५०वां सबसे बड़ा शहर है। रामगंगा नदी के तट पर बसा यह शहर रोहिलखंड के ऐतिहासिक क्षेत्र की राजधानी था।
 
इतिहास
1537 में स्थापित इस शहर का निर्माण मुख्यत: मुग़ल प्रशासक मकरंद राय ने करवाया था। यहाँ बाद में इसके आसपास के क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल कर चुके प्रवासी समुदाय के रोहिल्लाओं की राजधानी बना। 1774 में अवध के शासक ने अंग्रेज़ों की मदद से इस क्षेत्र को जीत लिया और 1801 में बरेली को ब्रिटिश क्षेत्रों में शामिल कर लिया गया। मुग़ल सम्राटों के समय में यह फ़ौजी नगर था। अब यहाँ पर एक फ़ौजी छावनी है। यह 1857 में ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ हुए भारतीय विद्रोह का एक केंद्र भी था। बरेली में ही अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का जन्म हुआ था और आज वे विश्व में प्रसिद्ध है। बालीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी इसी शहर से आती है
 
व्यापार और उद्योग
यह शहर कृषि उत्पादों का व्यापारिक केंद्र है और यहाँ कई उद्योग, चीनी प्रसंस्करण, कपास ओटने और गांठ बनाने आदि भी हैं। लकड़ी का फ़र्नीचर बनाने के लिए यह नगर काफ़ी प्रसिद्ध है। इसके निकट दियासलाई, लकड़ी से तारपीन का तेल निकालने के कारख़ाने हैं। यहाँ पर सूती कपड़े की मिलें तथा गन्धा बिरोजा तैयार करने के कारख़ाने भी है।
 
शिक्षा
बरेली में एम. जे. पी. रोहेलखंड विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 1975 में की गयी थी।
बरेली कॉलेज, जिसकी स्थापना 1837 में की गयी थी और इनवर्टिस इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़ स्थित हैं।इंडियन वेटेनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट इज़्ज़तनगर उपनगरीय क्षेत्र में स्थित है।
 
पर्यटन
माना जाता है कि बरेली के पास स्थित प्राचीन दुर्ग नगर अहिच्छत्र में बुद्ध का आगमन हुआ था। यह जगह बरेली शहर से लगभग 40 किमी है। यहीं पर एक बहुत पुराना किला भी है।
 
बरेली के मन्दिरों की सूची
1 धोपेश्वर नाथ
यह मन्दिर सदर बाजार में स्थित बहुत खूबसूरत है एवं यह भगवान शिव को समर्पित है
 
2 तपेश्वरनाथ
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर रेलवे स्टेशन के नजदीक है
 
3 त्रवटीनाथ
देखने में बहुत खूबसूरत यह मंदिर शहर के बीचोबीच स्थित है
 
4 मणिनाथ
यह भी 2 किमी पर स्थित है
 
 
5 वनखण्डीनाथ
 
6 अलखनाथ
भगवान शिव को समर्पित यह शहर का सबसे बड़ा मंदिर है इस मंदिर में कई बगीचे एवं मुख्य द्वार पर भगवान हनुमान की विशाल प्रतिमा लगी हुई है
 
7 पशुपति नाथ
यह है मंदिर छोटा सा परंतु देखने में बहुत खूबसूरत हैइस मंदिर की खास बात यह है कि यह बीच तालाब में बना हुआ है
 
दरगाह आला हजरत
दरगाह-ए-अला हज़रत अहमद रजा खान (1856-1921) की दरगाह है,जो 19वीं शताब्दी के हनीफी विद्वान, जो भारत में वहाबी विचारधारा के कट्टर विरोध के लिए जाने जाते हैं ।दरगाह का गुंबद हजारात अल्लामा शाह महमूद जान कादरी द्वारा मैचस्टिक्स के उपयोग के साथ तैयार किया गया था 
 
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार बरेली नगरनिगम क्षेत्र की जनसंख्या 6,99,839 है; उपनगर की जनसंख्या 27,953 और ज़िले की कुल जनसंख्या 35,98,701 है।
 
परिवहन
बरेली नगर रेलवे तथा सड़क मार्ग द्वारा देश के महत्त्वपूर्ण भागों से सम्बद्ध है। ये भारत की राजधानी नई दिल्ली से 265km है और उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से 256km है।

शहरों के नजदीक
बरेली 1 किलोमीटर 
नवाबगंज 30 किमी 
बदायूं  44 किलोमीटर
शिशगढ़ 45 किलोमीटर 
 
तालुक के पास
बरेली 0 किलोमीटर 
बिथिरी चेनपुर 9 किलोमीटर
क्यारा  9 किमी निकट
भोजीपुरा 16 किमी
 
एयर पोर्ट्स के पास
पंतनगर हवाई अड्डे 82 किमी 
खेरिया एयरपोर्ट 221 किलोमीटर 
मुजफ्फरनगर हवाई अड्डे के पास 233 किलोमीटर 
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास 256 किमी
 
पर्यटक स्थलों के पास
खातिमा 90 किलोमीटर 
मोरादाबाद 91 किमी
काठगोदाम 112 किलोमीटर 
तनकपुर 116 किमी 
काशीपुर 118 किमी 
 
जिलों के पास
बरेली 1 किलोमीटर 
पीलीभीत 52 किलोमीटर
बदायूं 53 किमी 
रामपुर 69 किमी 
 
रेलवे स्टेशन के पास
इज़ाततनगर रेल वे स्टेशन 2.5 किलोमीटर
बरेली सिटी रेल वे स्टेशन 3.6 किलोमीटर 
बरेली रेल वे स्टेशन 4.8 किलोमीटर 
पीतांबरपुर  रेल वे स्टेशन 24 किलोमीटर
  
 बरेली कैंट विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने जाने का इतिहास 
2012 = राजेश अग्रवाल बीजेपी 51893 फाहिम सबिर अंसारी एसपी 32944
2007= वीरेन्द्र सिंह  बीएसपी 31353 प्रवीण सिंह अरोन कांग्रेस 25592
2002= शाहलिन इस्लाम  35493 प्रवीण सिंह एयरन  कांग्रेस 26703
1 996 = अशफाक अहमद  एसपी 47756 राधे श्याम कांग्रेस 35151
1993 =  प्रवीण सिंह एरेन  एसपी 56036 राधे श्याम बीजेपी 39940
1991 =  इस्लाम सबीर कांग्रेस 36703 राधे श्याम बीजेपी 33826
1989 = प्रवीण सिंह इरान जेडी 29545 इस्लाम सबिर कांग्रेस 29524
1985 =  रफीक अहमद उर्फ ​​राफियन  कांग्रेस 29761 अशफाक अहमद 14113
1980 = अशफाक अहमद  कांग्रेस 23751 बदाम सिंह जेएनपी (एससी) 17039
1977 = अशफाक अहमद कांग्रेस 27483 बदाम सिंह जेएनपी 22502
1974 = बदाम सिंह  बीजेएस 22110 अशफाक अहमद  कांग्रेस 17631
1969 = अशफाक अहमद  कांग्रेस 21127 साधु राम  बीकेडी 14688
1967 =  आर बल्लभ  बीजेएस 12775 एम हुसैन  कांग्रेस 10862
1962 = मोहम्मद हुसैन कांग्रेस 9206 अशफाक अहमद 7802
1957 = मोहम्मद हुसैन कांग्रेस 12646 कृष्णा मुराई लाल पीएसपी 9106
विकास/सामाजिक कार्य के बारे में :

विकास कार्य सूचि अभी उपलबध नहीं है। 
 
तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में
क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। आइए पढ़ते हैं, तिरंगे की कहानी ग़ज़बहिन्दी की जुबानी…
1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।
2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।
3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।
4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।
5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।
6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।
7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।
8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।
9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।
11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।
12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।
13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।
14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।
15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।
16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।
17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।
18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।
19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।
20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।
21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।
22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।
23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ? भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।
24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ? देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।
पार्षद पद के बारे में
पार्षद के कार्य व अधिकार
1 - पार्षद से सम्बंधित जानकारी (Information About Councilor)
2 - पार्षद क्या होता है (What Is A Councilor | Parshad Meaning)
3 - पार्षद का चुनाव कैसे होता है (Election Of Councilor)
4 - पार्षद का वेतन (Salary Of Councillor)
5 - पार्षद बनने के लिए योग्यता (Eligibility)
6 - पार्षद के कार्य और उसके अधिकार (Councilor’s Work And Rights)
7 - पार्षद चुनाव लड़ने के लिए दस्तावेज
1- पार्षद से सम्बंधित जानकारी (Information About Councilor)
भारत के 74 वें संविधान संशोधन के अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था के माध्यम से पार्षद (Councillor OR Ward Councillor) का पद मुख्य रूप से स्थानीय शहरी शासन (Urban Local Bodies) के अंतर्गत आता है | इसका चुनाव जनता द्वारा किया जाता है | इसके अंतर्गत नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत की व्यवस्था का आयोजन किया गया है | पार्षद का चुनाव मुख्य रूप से उस क्षेत्र की जनता प्रत्यक्ष मतदान (Direct Election) द्वारा करती है | एक पार्षद (Parshad) का मुख्य कार्य जनता की समस्याओं को परिषद् में विचार- विमर्श के लिए प्रस्तुत करना है | पार्षद क्या है, पार्षद का चुनाव, वेतन और योग्यता की पूरी जानकारी आपको इस पेज पर दे रहे है|
2- पार्षद क्या होता है (What Is A Councilor | Parshad Meaning)
प्रत्येक शहर को छोटे- छोटे नगर (मोहल्ले) में विभाजित किया गया है, और नगर (मोहल्ले) को वार्ड में विभाजित किया जाता है | प्रत्येक वार्ड के प्रतिनिधि को ही पार्षद कहते है | पार्षद (parshad in hindi) का चयन सीधे उस वार्ड की जनता द्वारा किया जाता है | पार्षद का मुख्य कार्य उस वार्ड से सम्बंधित समस्याओं को नगर पालिका या नगर परिषद् में पेश करना व इसके बाद परिषद् द्वारा बजट पास करके उस समस्या का हल निकाला जाता है |
3- पार्षद का चुनाव कैसे होता है (Election Of Councilor)
पार्षद का चुनाव (parshad election) प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल में कराया जाता है | प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल में निर्वाचन आयोग राज्य सरकार की सहायता से नगर निकाय चुनाव का आयोजन करती है | इस चुनाव में शामिल होने वाले व्यक्ति को जनता के द्वारा चुना जाता है | उस नगर की सारी जनता एकजुट होकर अपने इलाके के लिए सही व्यक्ति का चुनाव करती है |
4- पार्षद का वेतन (Salary Of Councillor)
सभी राज्यों में पार्षदों का वेतन अलग – अलग होता है | सभी पार्षदों को प्रत्येक माह लगभग 10 हजार रुपये मानदेय और एक हजार रुपये प्रति बैठक भत्ता दिया जाता है |
5- पार्षद बनने के लिए योग्यता (Eligibility)
1- पार्षद बनने के लिए अगल-अलग राज्यों में अलग नियम भी हो सकते हैं। राज्य के अनुसार नियम होते हैं।
2- उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए ऊपर चाहे कितनी भी हो
3- 10 वीं पास होना चाहिए फ़िलहाल सरकार ने कोई भी ऐसी योग्यता नहीं निर्धारित की हैं बस आप पढे-लिखे होने चाहिए ताकि आपको सभी तरह की जानकारी हो
4- वर्ष 1995 के बाद दो या दो से अधिक संतान नहीं होनी चाहिए (केवल शादीशुदा लोगो के लिए)
5- किसी भी सरकारी पद पर कार्यरत नहीं होने चाहिए
6- पागल या दिवालिया घोषित नहीं होना चाहिए
7- भारत के किसी भी मतदाता सूचि में नाम होना चाहिए
8- निर्वाचन आयोग में पार्षद के लिए अपील करते हो तो अपनी सभी सम्पति का भी ब्यौरा देना होगा
9- गंभीर अपराधो में सजा युक्त या कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं होनी चाहिए
6- पार्षद के कार्य और उसके अधिकार (Councilor’s Work And Rights)
पार्षद के कार्य
1- पार्षद को अपने-अपने वार्ड में 5-5 लाख रूपये (ये अनुमानित राशी हैं) विकास कार्य कराने का अधिकार प्रदान किया जाता हैं।
2- पार्षद को अपने वार्ड में रोड लाइट लगवानी होती हैं
3- सड़क निर्माण कार्य
4- पानी की समस्या पार्षद के अंतर्गत नहीं आती जब पार्षद को ये कार्य करना होता हैं।
5- पेंशन के फॉर्म पर मुहर लगाना
6- जाति प्रमाण-पत्र और मूल निवास प्रमाण-पत्र पर मुहर लगाना
7- सरकारी योजनाओ में बहुत से ऐसे फॉर्म होते हैं जिन्हें पार्षद को अपने हस्ताक्षर करके मुहर लगनी होती हैं।
8- अपने वार्ड में राजनैतिक कार्य भी करने होते हैं।
7- पार्षद चुनाव लड़ने के लिए दस्तावेज
1- विवाह पंजीयन/मैरिज सर्टिफिकेट (शादीशुदा होने पर)
2- मूल निवास प्रमाण पत्र (डिजिटल होना चाहिए पुराना वाला नहीं चलेगा)
3- जाति प्रमाण पत्र (डिजिटल होना चाहिए पुराना वाला नहीं चलेगा)
4- वोटर आई डी
5- चार पासपोर्ट साइज़ फोटो
6- आधार कार्ड
6- पार्षद का Resume
7- स्वघोषणा प्रमाण पत्र