शिकायत/रिपोर्ट : |
shree dinesh rashan kendra = mithhanpur mahesh
phon no.=8006470299
दुकान संख्या : 100100400094 श्री दिनेश (संचालक) राशन वितरण केंद्र= मिठनपुर
महेश 30 वर्ष,
योग्यता= १२ वीं
समस्या = राशन कार्ड काम बने हुए हैं ,
कुल राशन कार्ड धारक संख्या = ४०२,
बी. पी. एल कार्ड धारक संख्या = २३९
ए. पी. एल. कार्ड धारक संख्या = २७३
अन्य कार्ड धारक संख्या = 032
राशन कार्ड का प्रकार : बी पी एल
क्र. |
डिजिटाइज्ड राशन कार्ड संख्या |
धारक का नाम |
पिता/पति का नाम |
माता का नाम |
जाति |
पता |
आय |
कुल सदस्य |
1. |
213530188085 |
नूरे हसन |
मेह्दी हसन |
नही |
सामान्य |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
5 |
2. |
213530188086 |
Naresh |
पूरन सिह |
नही |
सामान्य |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
5 |
3. |
213530188087 |
Chandra साइन |
गुलाव |
नही |
सामान्य |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
3 |
4. |
213530188088 |
हाजरा |
सिकन्दर |
नही |
पिछडे वर्ग |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
5. |
213530188089 |
राजवीर सिंह |
रेकब सिंह |
नही |
पिछडे वर्ग |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
6. |
213530188090 |
राजवीर सिंह |
बाबू सिंह |
नही |
सामान्य |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
9 |
7. |
213530188091 |
Rajo |
डरी |
नही |
सामान्य |
76, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
2 |
8. |
213530188092 |
जयपाल |
टीकासिह |
नही |
सामान्य |
79, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
5 |
9. |
213530188093 |
Bismilla Jahan |
अलीजान |
नही |
सामान्य |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
6 |
10. |
213530188094 |
सुरेश |
रामप्रशाद |
नही |
सामान्य |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
3 |
11. |
213530188095 |
इंतजार |
सरजाराज |
नही |
सामान्य |
1, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
12. |
213530188096 |
वासीराम |
गोकुल |
मुन्नू |
सामान्य |
220, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
7 |
13. |
213530188097 |
ऊघल |
रामलाल |
मुन्नू |
सामान्य |
11, , Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
2 |
14. |
213530188098 |
प्रेमपाल |
नेपाल सिंह |
सब्बो |
सामान्य |
00, 00, Chiria Ther, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
15. |
213530188800 |
हुकम सिंघ |
रूप सिंह |
रामवती |
पिछडे वर्ग |
23, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
16. |
213530188803 |
चरन सिब |
बाबू राम |
मुन्नि |
पिछडे वर्ग |
14, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
17. |
213530188807 |
शिवचरन |
कुसरुप |
मुन्नि |
अनुसुचित जाति |
, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
18. |
213530188809 |
Islam नबी |
नैन सुख |
बुदा देवी |
पिछडे वर्ग |
41, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
19. |
213530188811 |
बाबू सिंह |
लीला धर |
मुन्नि |
अनुसुचित जाति |
00, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
20. |
213530188812 |
हरप्यारी |
लालसिह |
मुन्नि |
सामान्य |
, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
21. |
213530188814 |
चन्द्र्पाल |
हवराम |
मुन्नि |
अनुसुचित जाति |
, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
22. |
213530188816 |
रानी |
भूप सिंह |
मुन्नि |
अनुसुचित जाति |
, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
23. |
213530188817 |
राममूर्ति |
मन्नेशी |
मुन्नि |
अनुसुचित जाति |
, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
24. |
213530188819 |
छोटे लाल |
श्रीराम |
मंगिया |
पिछडे वर्ग |
46, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
2 |
25. |
213530188827 |
सोमपाल |
गजराम |
सोमती |
पिछडे वर्ग |
56, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
26. |
213530188831 |
रामप्रकाश |
जय सिंह |
मुन्नि |
अनुसुचित जाति |
, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
27. |
213530188832 |
नन्हे |
डालचन्द्र |
मुन्नि |
अनुसुचित जाति |
, , Chandur Mangol, Kundarki, Moradabad - 244001. |
0 |
1 |
28. |
|
सरदार वल्लभभाई पटेल जीवनी : |
सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के उप प्रधानमंत्री के रूप में, उन्होंने भारतीय संघ के साथ सैकड़ों रियासतों का विलय किया। सरदार वल्लभभाई पटेल वकील के रूप में हर महीने हजारों रुपये कमाते थे। लेकिन उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए अपनी वकिली छोड़ दी। किसानों के एक नेता के रूप में उन्होंने ब्रिटिश सरकार को हार को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। ऐसे बहादुरी भरे कामो के कारण ही वल्लभभाई पटेल को लौह पुरुष कहा जाता है।
बारडोली सत्याग्रह में अपने अमूल्य योगदान के लिये लोगो ने उन्हें सरदार की उपमा दी। सरदार पटेल एक प्रसिद्ध वकील थे लेकिन उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी भारत को आजादी दिलाने में बितायी। आजादी के बाद ही सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के उपप्रधानमंत्री बने और भारत को एक बंधन में जोड़ने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को नाडियाड ग्राम, गुजरात में हुआ था। उनके पिता जव्हेरभाई पटेल एक साधारण किसान और माता लाडबाई एक गृहिणी थी। बचपन से ही वे परिश्रमी थे, बचपन से ही खेती में अपने पिता की सहायता करते थे। वल्लभभाई पटेल ने पेटलाद की एन.के. हाई स्कूल से शिक्षा ली।
स्कूल के दिनों से ही वे हुशार और विद्वान थे। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उनके पिता ने उन्हें 1896 में हाई-स्कूल परीक्षा पास करने के बाद कॉलेज भेजने का निर्णय लिया था लेकिन वल्लभभाई ने कॉलेज जाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद लगभग तीन साल तक वल्लभभाई घर पर ही थे और कठिन मेहनत करके बॅरिस्टर की उपाधी संपादन की और साथ ही में देशसेवा में कार्य करने लगे।
वल्लभभाई पटेल एक भारतीय बैरिस्टर और राजनेता थे, और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के मुख्य नेताओ में से एक थे और साथ ही भारतीय गणराज्य के संस्थापक जनको में से एक थे। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता थे जिन्होंने देश की आज़ादी के लिये कड़ा संघर्ष किया था और उन्होंने भारत को एकता के सूत्र में बांधने और आज़ाद बनाने का सपना देखा था।
गुजरात राज्य में वे पले बढे। पटेल ने सफलतापूर्वक वकिली का प्रशिक्षण ले रखा था। बाद में उन्होंने खेडा, बोरसद और बारडोली के किसानो को जमा किया और ब्रिटिश राज में पुलिसकर्मी द्वारा किये जा रहे जुल्मो का विरोध उन्होंने अहिंसात्मक ढंग से किया। वो हमेशा कहते थे –
“आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये।”
इस कार्य के साथ ही वे गुजरात के मुख्य स्वतंत्रता सेनानियों और राजनेताओ में से एक बन गए थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में भी अपने पद को विकसित किया था और 1934 और 1937 के चुनाव में उन्होंने एक पार्टी भी स्थापित की थी। और लगातार वे भारत छोडो आन्दोलन का प्रसार-प्रचार कर रहे थे।
भारतीय के पहले गृहमंत्री और उप-प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए उन्होंने पंजाब और दिल्ली से आये शरणार्थियो के लिये देश में शांति का माहोल विकसित किया था। इसके बाद पटेल ने एक भारत के कार्य को अपने हाथो में लिया था और वो था देश को ब्रिटिश राज से मुक्ति दिलाना।
भारतीय स्वतंत्रता एक्ट 1947 के तहत पटेल देश के सभी राज्यों की स्थिति को आर्थिक और दर्शनिक रूप से मजबूत बनाना चाहते थे। वे देश की सैन्य शक्ति और जन शक्ति दोनों को विकसित कर देश को एकता के सूत्र में बांधना चाहते थे।
पटेल के अनुसार आज़ाद भारत बिल्कुल नया और सुंदर होना चाहिए। अपने असंख्य योगदान की बदौलत ही देश की जनता ने उन्हें “आयरन मैन ऑफ़ इंडिया – लोह पुरुष” की उपाधि दी थी। इसके साथ ही उन्हें“भारतीय सिविल सर्वेंट के संरक्षक’ भी कहा जाता है। कहा जाता है की उन्होंने ही आधुनिक भारत के सर्विस-सिस्टम की स्थापना की थी।
सरदार वल्लभभाई पटेल एक ऐसा नाम एवं ऐसे व्यक्तित्व है जिन्हें स्वतंत्रता संग्राम के बाद कई भारतीय युवा प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते थे। लेकिन अंग्रेजो की निति, महात्मा गांधी जी के निर्णय के कारण देशवासियों का यह सपना पूरा नही हो सका था। आज़ादी के समय में एक शूरवीर की तरह सरदार पटेल की ख्याति थी। सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन से यह बात तो स्पष्ट हो गयी थी की इंसान महान बनकर पैदा नही होता।
उनके प्रारंभिक जीवन को जानकर हम कह सकते है की सरदार पटेल हम जैसे ही एक साधारण इंसान ही थे जो रुपये, पैसे और सुरक्षित भविष्य की चाह रहते हो। लेकिन देशसेवा में लगने के बाद धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए बेरिस्टर वल्लभभाई पटेल कब सरदार पटेल और लौह पुरुष वल्लभभाई पटेल बन गए पता ही नही चला।
सरदार पटेल ने राष्ट्रिय एकता का एक ऐसा स्वरुप दिखाया था जिसके बारे में उस समय में कोई सोच भी नही सकता था। उनके इन्ही कार्यो के कारण उनके जन्मदिन को राष्ट्रिय स्मृति दिवस को राष्ट्रिय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को भारत सरकार ने 2014 से मनाना शुरू किया था, हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रिय एकता दिवस मनाया जाता है।
मृत्यु: 15 दिसंबर 1950 को उनका निधन हुवा। सरदार वल्लभभाई पटेल की मृत्यु के बाद भारत ने अपना नेता खो दिया। सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे दूसरे नेता को ढूंढना मुश्किल होगा, जिन्होंने आधुनिक भारत के इतिहास में इतनी सारी भूमिकाएं निभायीं। सरदार पटेल एक महान व्यक्ति थे, प्रदर्शन में महान, व्यक्तित्व में महान – आधुनिक भारत के इतिहास में रचनात्मक राजनीतिक नेता थे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान समाज सुधारक बाबा आमटे के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी |
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