अरुणा आसफ़ अली निगम महापौर/ पार्षद परिचय सूची

नाम : मा.सतीश कश्यप
पद : निगम पार्षद
वॉर्ड : 74 ब्रह्मपुरी
नगर निगम देहरादून
राज्य : उत्तराखंड
पार्टी : भारतीय जनता पार्टी
चुनाव : 2018= 3883/2012 वोट
सम्मान :
coming soon

विवरण :

introduction

Name :Honorable Satish Kashyap 

Designation : Municipal Corporator

Ward :  Name : 74 Brahmapuri (ब्रह्मपुरी)

Municipal Corporation : Dehradun

State : Uttarakhand 

Mobail No : 9897002678

Support - Bharatiya Janata Party (BJP)

Hometown: 18 Niranjanpur, Dehradun Pin Code : 248012 

Language : Hindu and Sindhi, Punjabi, Garhwali And Urdu. 

Current Time 08:08 PM 

Date: Saturday , Dec 01,2018 (IST) 

Telephone Code / Std Code: 0135 

Assembly constituency : Rajpur Road assembly constituency 

Assembly MLA : Khajan Dass (BJP) Contact Number: 9412920646

Lok Sabha constituency : Tehri Garhwal parliamentary constituency 

Parliament MP : BUDHI SINGH PUNDIR (BJP) Contact Number: 9456387899

Pin Code : 248012 

वार्ड न. 74 ब्रह्मपुरी नगर निगम देहरादून  के बारे में

नगर निगम वार्ड न. 74 ब्रह्मपुरी निकाय चुनाव 2018 में कुल मतदान संख्या  3883 में से भारतीय जनता पार्टी समर्थित नगर निगम पार्षद पद पर श्री सतीश कश्यप जी ने 2012 मत प्राप्त कर अपने निकटतम प्रतिद्धंदी 

2  = श्री अरविन्द धीमान = भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस =  1531 मत प्राप्त कर दूसरे न.  को 481 अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता 

3 =  श्री रामसुख = लोक जनषक्ति पार्टी उत्तराखण्ड 64  मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे 

देहरादून एक नगर निगम है जिसमे १०० वार्ड बनाकर विकास कार्यों की रूप रेखा तैयार की गयी है, निकाय चुनाव 2018 में निगम महापौर के पद पर श्री सुनील उनियाल गामा भारतीय जनता पार्टी ने 162516  मत पाकर 1 न पर रहे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समर्थित श्री दिनेश अग्रवाल 126884 को 35632 मतों से हराकर विजय प्राप्त कर महापौर के पद पर काबिज हुए  देहरादून जिले का मुख्यालय है जो भारत की राजधानी दिल्ली से २३० किलोमीटर दूर दून घाटी में बसा हुआ है। ९ नवंबर, २००० को उत्तर प्रदेश राज्य को विभाजित कर जब उत्तराखण्ड राज्य का गठन किया गया था, उस समय इसे उत्तराखण्ड (तब उत्तरांचल) की अंतरिम राजधानी बनाया गया। देहरादून नगर पर्यटन, शिक्षा, स्थापत्य, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसका विस्तृत पौराणिक इतिहास है।
इतिहास 
देहरादून का इतिहास कई सौ वर्ष पुराना है। देहरादून से ५६ किलोमीटर दूर कालसी के पास स्थित शिलालेख से इस पर तीसरी सदी ईसा पूर्व में सम्राट अशोक का अधिकार होने की सूचना मिलती है। देहरादून ने सदा से ही आक्रमणकारियों को आकर्षित किया है। खलीलुल्लाह खान के नेत्वृत्व में १६५४ में इस पर मुगल सेना ने आक्रमण किया था। सिरमोर के राजा सुभाक प्रकाश की सहायता से खान गढ़वा के राजा पृथ्वी शाह को हराने में सफल रहे। गद्दी से अपदस्त किए गए राजा को इस शर्त पर गद्दी पर आसीन किया गया कि वे नियमित रूप से मुगल बादशाह शाहजहाँ को कर चुकाएगें। इसे १७७२ में गुज्जरों ने लूटा था। तत्कालीन राजा ललत शाह जो पृथ्वी शाह के वंशज थे, की पुत्री की शादी गुलाब सिंह नामक गुज्जर से की गई थी। गुलाब सिंह के पुत्र का नियंत्रण देहरादून पर था और उनके वंशज इस समय भी नगर में मिल सकते हैं।
गढ़वाल के राजा ललत शाह के पुत्र प्रदुमन शाह के शासन काल में रोहिल्ला नजीब के पोते गुलाम कादिर के नेतृत्व में अफगानों का आक्रमण हुआ। जिसमें उसने गुरू राम राय के अनुयायियों और शिष्यों को मौत के घाट उतार दिया। जिन लोगों ने हिन्दू धर्म त्यागने का निर्णय लिया, उन्हें छोड़ दिया गया। लेकिन अन्य लोगों के साथ बहुत निमर्मतापूर्वक व्यवहार किया गया। सहारनपुर के राज्यपाल और अफगान प्रमुख नजीबुदौल्ला भी देहरादून को अपने अधिकार में करने के उद्देश्य में सफल रहा उसके बाद देहरादून पर गुज्जरों, सिक्खों, राजपूतों और गोरखाओं के लगातार आक्रमण हुए और यह उपजाऊ और सुंदर भूमि शिघ्र ही बंजर स्थल में बदल गई। १७८३ में एक सिक्ख प्रमुख बुघेल सिंह ने देहरादून पर आक्रमण किया और बिना किसी बड़े प्रतिरोध के सहजता से इस क्षेत्र को जीत लिया। १७८६ में देहरादून पर गुलाम कादिर का आक्रमण हुआ। उसने पहले हरिद्वार को लूटा और फिर देहरादून पर कहर बरपाया। उसने नगर पर आक्रमण किया और उसे जमकर लूटा तथा बाद में देहरादून को बर्बाद कर दिया। १८०१ तक अमर सिंह थापा के नेत्वृत्व में गोरखा ने दून घाटी पर आक्रमण किया और उस पर अधिकार कर लिया। १८१४ में नालापानी के लिए अमर सिंह थापा के पोते बालभद्र सिंह थापा के नेत्वृत्व में गोरखा और जनरल जिलेस्पी के नेत्वृत्व में ब्रिटिश के बीच युद्ध हुआ। गोरखाओं ने इस लड़ाई में जमकर बराबरी कि और जनरल समेत कई ब्रिटिश सेनाओं को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा। इस बीच गोरखाओं को एक असामान्य स्थिति का सामना करना पड़ा और उन्हें नालापानी के किले को छोड़ कर जाना पड़ा। १८१५ तक गोरखाओं को हरा कर ब्रिटिश शासन ने इस पूरे क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया।
देहरादून के दो स्मारक प्रसिद्ध हैं। (कलंगा स्मारक) का निर्माण ब्रिटिश जनरल गिलेस्पी और उसके अधिकारियों की स्मृति में कराया गया है। दूसरा स्मारक गिलेस्पी से लोहा लेनेवाले कैप्टन बलभद्र सिंह थापा और उनके गोरखा सिपाहियों की स्मृति में बनवाया गया है। कालंगा गढ़ी सहस्त्रधारा सड़क पर स्थित है। घंटा घर से इसकी दूरी ४.५ किलोमीटर है। इसी वर्ष देहरादून तहसील के वर्तमान क्षेत्र को सहारनपुर जिले से जोड़ दिया गया। इसके बाद १८२५ में इसे कुमाऊँ मण्डल को हस्तांतरित कर दिया गया। १८२८ में अलग-अलग उपायुक्त के प्रभार के अंतर्गत देहरादून और जॉनसार बवार हस्तांतरित कर दिया गया और १८२९ में देहरादून जिले को मेरठ खण्ड को हस्तांतरित कर दिया गया। १८४२ में देहरादून को सहारनपुर जिले से जोड़ दिया गया और इसे जिलाधीश के अधिनस्थ एक अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में रखा गया। १८७१ से यह एक अलग जिला है। १९६८ में इस जिले को मेरठ खण्ड से अलग करके गढ़वा खण्ड से जोड़ दिया गया। देहरादून के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी चंदर रोड पर स्थित स्टेट आर्काइव्स में है। यह संस्था दलानवाला में स्थित है।
स्थापना
देहरादून की स्थापना 1699 में हुई थी। कहते हैं कि सिक्खों के गुरु रामराय किरतपुर पंजाब से आकर यहाँ बस गए थे। मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब ने उन्हें कुछ ग्राम टिहरी नरेश से दान में दिलवा दिए थे। यहाँ उन्होंने 1699 ई. में मुग़ल मक़बरों से मिलता-जुलता मन्दिर भी बनवाया जो आज तक प्रसिद्ध है। शायद गुरु का डेरा इस घाटी में होने के कारण ही इस स्थान का नाम देहरादून पड़ गया होगा। इसके अतिरिक्त एक अत्यन्त प्राचीन किंवदन्ती के अनुसार देहरादून का नाम पहले द्रोणनगर था और यह कहा जाता था कि पाण्डव-कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य ने इस स्थान पर अपनी तपोभूमि बनाई थी और उन्हीं के नाम पर इस नगर का नामकरण हुआ था। एक अन्य किंवदन्ती के अनुसार जिस द्रोणपर्त की औषधियाँ हनुमान जी लक्ष्मण के शक्ति लगने पर लंका ले गए थे, वह देहरादून में स्थित था, किन्तु वाल्मीकि रामायण में इस पर्वत को महोदय कहा गया है।
आवागमन
शहरों के नजदीक
देहरादून 8 किमी 
मसूरी 11 किमी 
चंबा 36 किलोमीटर 
ऋषिकेश 41 किमी 
तालुक के पास
देहरादून 6 किमी 
रायपुर 7 किमी 
मसूरी 11 किमी 
सहसपुर 14 किमी 
एयर पोर्ट्स के पास
देहरादून हवाई अड्डा 6 किलोमीटर 
मुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 123 किलोमीटर 
सिमला एयरपोर्ट 136 किमी 
चंडीगढ़ हवाई अड्डे के पास 142 किलोमीटर 
पर्यटक स्थलों के पास
देहरादून 6 किमी
मसूरी 12 किमी 
धनाल्टी 20 किमी 
कलसी 31 किमी 
राजाजी नेशनल पार्क 33 किमी 
जिलों के पास
देहरादून 6 किमी 
तहरी गढ़वाल 42 किलोमीटर 
हरिद्वार 52 किमी निकट
उत्तर काशी 60 किलोमीटर 
रेलवे स्टेशन के पास
देहरादून रेल वे स्टेशन 7.2 किलोमीटर 
डोईवाला रेल वे स्टेशन 23 किलोमीटर
 
राजपुर रोड असेंबली निर्वाचन क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल
बीजेपी, कांग्रेस राजपुर रोड असेंबली निर्वाचन क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
राजपुर रोड असेंबली निर्वाचन क्षेत्र में मंडल।
सहसपुर, देहरादून
राजपुर रोड असेंबली निर्वाचन क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2012  राजकुमार कांग्रेस  28291 = 3070 रविंदर सिंह कटारिया बीजेपी  25221

विकास कार्य :

नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी सरकारी योजनाओं की सूची 

मोदी सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की गयी है. इन योजनाओं के द्वारा वे देश के लोगों के लिए कई तरह की सुविधाएँ लाने की कोशिश में है. पिछले तीन साल में मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की है. 

यहाँ पर मोदी सरकार द्वारा अब तक की सभी योजनाओं के विषय में दिया जा रहा है :

 
  1. डिजिटल इंडिया : डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 के अगस्त में हुई थी. इसकी शुरुआत देश को डिजिटल और इलेक्ट्रिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए की गयी थी. देश के डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक रूप में विकसित होने से देश की अर्थनीति में भी सुधार आएगा. इस मुहीम के अंतर्गत सरकार ये चाहती थी कि भारत सरकार के सभी मंत्रालय आम लोगों से डिजिटल प्लेटफार्म पर जुड़ सके, ताकि सरकार के कामों का ब्यौरा लोगों तक जल्द से जल्द पहुँच सके. इससे सरकार को लोगों का फीडबैक मिलता रहे और गवर्नेंस आसान हो सके. साल 2014 में शुरू हुई यह डिजिटल प्रोग्राम योजना साल 2019 में जाकर ख़त्म हो जायेगी.
  2. प्रधान मंत्री जन धन योजना : प्रधानमंत्री द्वारा चालू किये गये योजनाओं में प्रधानमंत्री जन धन योजनाअतिमहत्वपूर्ण है. इस योजना के तहत सरकार द्वारा ग़रीब लोगों को या वैसे लोगों को जिनका बैंक अकाउंट नहीं है, उन्हें जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने की सुविधा दी गयी. इस सुविधा का लाभ उठाते हुए एक बड़ी संख्या में लोगों ने अपने बैंक अकाउंट खुलवाए. इस तरह ये एक बहुत सफ़ल योजना रही.
  3. स्वच्छ भारत अभियान : ये प्रोग्राम हालाँकि देश में कोई नया प्रोग्राम नहीं थी. इससे पहले की सरकार ने भी एक इसी तरह की योजना निर्मल भारत के नाम से शुरू की थी, किन्तु निर्मल भारत प्रोग्राम से देश को कोई ख़ास लाभ नहीं मिल सका था. अतः इसके बाद तात्कालिक सरकार ने भारत में स्वच्छता की कटिबद्धता बढाने के लिए और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए नये सिरे से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की. महात्मा गाँधी के सपने को सच करने की इस मुहीम में कई बड़ी हस्तियों ने भी भाग लिया.
  4. मेक इन इंडिया : मेक इन इंडिया योजना के तहत सरकार का उद्देश्य अपने देश में प्रोडक्शन बढ़ाना और युवाओं को रोज़गार देना था. इस योजना की रूप रेखा इस तरह से तैयार की गयी थी कि देश में विदेशी कम्पनियाँ भी इन्वेस्ट करने को राज़ी हो सकें. इस तरह देश एक तरह से मैन्युफैक्चरिंग मार्केट की तरह काम कर सके और नौकरियों की संख्या में भी इजाफा हो. भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना 25 विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है.
  5. सांसद आदर्श ग्राम योजना : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लोकसभा के सभी सांसद अपने फण्ड से कुछ पैसे का इस्तेमाल एक गाँव के विकास में योगदान के लिए करें. इस तरह से देश के सभी गाँव शहरों की तरह नए इंफ्रास्ट्रक्चर और अच्छी अन्य सुविधाओं के साथ अपना विकास अच्छी तरह से कर सके. इस योजना के तहत सभी सांसद को एक एक गाँव ‘गोद लेने’ की बात कही गयी थी. ऐसा माना जा रहा है कि साल 2019 तक ये योजना रंग लाती हुई नज़र आएगी.
  6. अटल पेंशन योजना : इस योजना के तहत लोगों को ओल्ड ऐज पेंशन की सुविधा मिल पाएगी. अटल पेंशन योजना के तहत उन वृद्धों को पेंशन की सुविधा देने की बात तय थी, जो कई छोटी मोटी जगहों पर काम करके अपना गुज़ारा करते हैं. यह योजना उन्हें उनके रिटायरमेंट से पहले बुढापे के लिए धन संचय की सुविधा देती है. यह योजना रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से चलाई जाती है. इस योजना के तहत वृद्ध लोगों को 1 हज़ार से 5 हज़ार तक के पेंशन की सुविधा मिल सकती है.\\\\\\\"\\\\\\\"
     
  7. प्रधानमंत्री आवास योजना : भारत सरकार द्वारा यह योजना उन लोगों के लिए चलायी जा रही है, जिनके पास अपना घर नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुसार साल 2022 तक देश भर में लगभग 2 करोड़ घरों का निर्माण कराया जाएगा. इस योजना के तहत उन लोगों को लाभ पहुँचाया जाएगा, जो ग़रीब और मजबूर है. इस योजना के अनुसार उन्हें सब्सिडी और ऋण दिया जाएगा, ताकि वे घर बना सके और धीरे धीरे ऋण भी चूका सकें. वरिष्ठ नागरिकों, एससी/ एसटी एवं महिलाओं को इसके लिए और भी अधिक सुविधा दी जायेगी.
  8. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना : यह योजना एक तरह की जीवन बीमा योजना है. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अनुसार पालिसी लेने वाले को एक सुरक्षित भविष्य की गारंटी दी जायेगी. इस योजना के तहत पालिसी होल्डर को सालाना तौर पर रू 330 जमा करने होंगे और इसके बदले में उन्हें रू 2 लाख की पालिसी प्राप्त होगी. 18 वर्ष से 50 वर्ष के अन्दर का कोई भी आदमी इस योजना के तहत जीवन बीमा प्रीमियम ख़रीद सकता है. इसके लिए पालिसी होल्डर के पास एक बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है, जिससे इस योजना को लिंक अप किया जा सके.
  9. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना : प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना सम्बंधित मृत्यु अथवा आंशिक रूप से होने वाली शारीरिक समस्याओं पर बीमा दिए जाने पर जोर दिया गया है. देश के कई ऐसे ग्रामीण हिस्से हैं, जहाँ के लोगों को किसी तरह की बीमा की प्राप्ति नहीं हुई है. यह योजना इन्हीं जैसे लोगों को बीमा मुहैया कराने के लिए शुरू की गयी है. सरकार ने इसका सब्सक्रिप्शन चार्ज भी केवल 12 रू रखा है, जिसके एवज में पालिसी होल्डर को 2 लाख तक की बीमा प्राप्त होगी. इस बीमा का लाभ उठाने के लिए काग़ज़ी कार्यवाही बहुत ही कम है.
  10. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : भारत में कृषि का बहुत बड़ा महत्व है. अतः यहाँ की कृषि विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की है. इस योजना से प्राप्त जानकारियों के अनुसार देश के लगभग 45 प्रतिशत कृषि क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ पर सिंचाई की व्यवस्था बनायी हुई है और बाक़ी जगहों पर पुरानी पद्धति से ही सिंचाई होती है. इस योजना के तहत सरकार सिंचाई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी, जिसकी सहायता से सिंचाई आसानी से की जा सकेगी.
  11. प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना : किसानों को मौसम की मार से बचाने तथा रबी और खरीफ फसलों को इन्स्युरेंस देने के लिए सरकार ने आसान और सस्ती बीमा योजना निकाली है. इसका लाभ सभी तरह के किसान उठा पाएंगे. केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरू की गयी है. यह योजना पुरानी बीमा योजना एनएआईएस और एमएनएआईएस की जगह शुरू की गयी है. इस योजना के अनुसार किसानों को 2% पूरे खरीफ फसल के लिए और 1.5% रबी फसल के लिए नियमित रूप से भुगतान करना होगा.
  12. प्रधानमंत्री जन औषधि योजना : यह योजना पुराने जन औषधि योजना के स्थान पर शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत 3000 जन औषधि यानि सरकारी दवा की दूकान खोली जाने की बात है, जहाँ से लोग कम पैसे में दवाइयां ख़रीद सकेंगे. इस योजना का अंतर्गत 500 तरह की दवाइयां बहुत काम दामों में बेचे जाने की बात है. कोई एनजीओ अथवा अन्य सामाजिक संस्थान भारत सरकार से एक बार में 2.5 लाख रूपए की सहायता पा कर जन औषधि स्टोर्स खोल सकते है.
  13. किसान विकास पत्र : यह एक निवेश स्कीम थी, जिसके अंतर्गत 8 वर्ष और चार महीने के बाद जमा की गयी राशि दुगनी हो जायेगी. हालाँकि इसमें किसी तरह का कर लाभ नहीं था. किसान विकास पत्रडीनॉमिनेशन की शुरुआत रू 1000, 5000, 10000, 50000 आदि से हो सकती है और इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
  14. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : किसानों के पैदावार को बढाने के लिए तथा उन्हें मिट्टी की उर्वरा से अवगत कराने के लिए सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनाकी शुरुआत की है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सहायता से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के विषय में जानने का मौक़ा मिलता है और उसके अनुसार किसान मिटटी में खाद मिलाने में सक्षम हो पाते हैं.
  15. बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना : प्रधानमंत्री बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के अंतर्गत बेटियों की शिक्षा और विकास पर काम किया गया. इसके अंतर्गत चाइल्ड सेक्स रेश्यो को संतुलित करने की बात ध्यान में रखी गयी है. साथ ही बच्चियों को पढ़ाने के लिए कई सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही है.
  16. मिशन इंद्रधनुष : मिशन इन्द्रधनुष के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की बात की गई है. इस योजना की सहयता से नवजात शिशुओं को और गर्भवती महिलाओं को सात तरह की वैक्सीन मुफ्त में दी जायेगी, जिसमे दिप्ठेरिया, टिटनेस, पोलियो, टीबी, मेअस्लेस हेपेटाइटिस बी, परटूससीस आदि है. मिशन इन्द्रनुष के अंतर्गत 352 जिलो में काम किया गया है, जिसमे 279 मध्य प्रथामिकता वाले जिले, 33 उत्तर पूर्वी जिले, तथा 40 ऐसे जिले शामिल हैं, जहाँ कुपोशण के कई बच्चे शिकार हैं.
  17. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना : दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली पहुंचाने, इससे सम्बंधित इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने, मीटरिंग व्यवस्था बनाने आदि कार्य किये जायेंगे. इसके साथ ही ग्रामांचलों में जहाँ पर बिजली नहीं पहुंच पाती है, वहाँ पर बिजली सेवा पहुँचाने का काम है. इससे पहले यह कार्य राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के ज़रिये हो रहा था.
  18. पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना : इस योजना के तहत श्रमिकों के सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारियों को ऑनलाइन वेबपोर्टल की सहयता से श्रमिकों तक पहुँचाने की बात कही गयी. इस कार्य के लिए ऑनलाइन पोर्टल के इस्तेमाल से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार कम होगा. इस स्कीम के अंतर्गत एक संयुक्त लेबर पोर्टल लॉन्च किया गया, जिसका नाम ‘श्रम सुविधा’ था. इस वेब पोर्टल के सहारे सभी लेबर सम्बंधित डेटा मैनेजमेंट का काम किया जाएगा.
  19. अटल रेजुवेनेशन और अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) : इस योजना के अंतर्गत मूलभूत सेवायें मसलन जल सप्लाई, सीवरेज, अर्बन ट्रांसपोर्ट आदि को शहरों और घरों तक पहुँचाने के कार्य की शुरुआत हुई, जिससे लोगों तक शुद्ध चीज़ें पहुंचे और जो लोग ग़रीब हैं उन्हें भी इसका लाभ प्राप्त हो सके हैं. इसका सबसे मुख्य उद्देश्य सभी घरों तक सीवरेज तथा शुद्ध पानी का कनेक्शन दिया जा सके, पार्क वगैरह का निर्माण हो सके और साइकिलिंग का इस्तेमाल करके प्रदुषण को कम किया जा सके.
  20. स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना : स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना एक तरह की टूरिज्म योजना थी. इसके अन्तर्गत थीम पर आधारित टूरिज्म सर्किट का निर्माण किये जाने की योजना थी. इसकी थीम्स में रिलिजन, कल्चर आदि हैं, जिसको आधार बना कर देश भर में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करनी है. प्रसाद यानि पिल्ग्रिमेज रेजुवेनेश औग्मेंटेशन ड्राइव योजना के अंतर्गत अमृतसर, अजमेर, अमरावती, द्वारका, गया, कांचीपुरम, केदारनाथ कामख्या, मथुरा, पूरी, वाराणसी और वेल्लान्कानी आदि तीर्थ स्थानों पर विश्वप्रसिद्द टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कराना था. इन सभी स्थानों पर आध्यात्मिक केन्द्रों की स्थापना भी इस योजना के उद्देश्यों में एक है. इसकी सहयता से इन स्थानों का आध्यात्मिक महत्व और टूरिज्म दोनों बढेगा.
  21. नेशनल हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड औग्मेन्टेशन योजना : आर्थिक मजबूती, अर्बन प्लानिंग और ऐतिहासिक धरोहरों को एक साथ समृद्ध करने के लिए इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गयी. इसकी सहायता से देश की ख़त्म होती ऐतिहासिक धरोहरों को बचाया जा सकेगा. इसके लिए 27 महीने के समय की डेडलाइन तय की गई थी, जो कि मार्च 2017 में ख़त्म हो चूका है. हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड औग्मेन्टेशन योजना के लिए 500 करोड़ रूपए का बजट तय किया गया था.
  22. राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान : सरकारी स्कुलों, पार्कों आदि में पवित्र और साफ़ वातावरण, खाना, जल, टॉयलेट आदि की सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गयी थी. यह योजना स्वच्छ भारत योजना का ही एक अंश है, जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर साल 2014 में हुई थी.
  23. वन रैंक वन पेंशन : वन रैंक वन पेंशन की सहयता से रिटायर्ड सैनिकों को उनके रैंक के मुताबिक़ पेंशन देने की सेवा शुरू की जानी थी. हालाँकि ये मोदी सरकार की योजना नहीं है, किन्तु इस योजना को सफल करने में मोदी सरकार लगी हुई थी.
  24. स्मार्ट सिटी योजना : स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत देश भर में 100 शहरों को हर तरह से सुविधाजनक और सुगम बनाया जाना था. इसके अंतर्गत बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, पानी और बिजली सप्लाई, सैनिटेशन और सॉलिड कूड़ा मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट, हाई क्वालिटी आईटी कनेक्टिविटी, ई गवर्नेंस आदि की सर्वोत्तम व्यवस्था की शुरूआत की जायेगी.
  25. गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम : गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम की सहायता से लोग अपने सोने के गहनों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में लोकर का इस्तेमाल कर सकेंगे. साथ ही लोगों को जमा सोने पर सरकार द्वारा ब्याज भी दिया जाएगा.
  26. स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया : स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया योजना सभी तरह के स्टार्टअप व्यापारों को सहयोग देने के लिए शुरू किया गया. इस स्कीम की तहत स्टार्टअप को सेल्फ सर्टिफिकेशन का मौक़ा मिलेगा ताकि रेगुलेटरी लिअब्लिटी कम हो सके. इसके लिए ऑनलाइन वेबपोर्टल तथा मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की गयी.
  27. इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट योजना : नेटवर्क, मीटरिंग, आईटी एप्लीकेशन, सोइलर पैनल, कस्टमर केयर सर्विस आदि को इस योजना के अंतर्गत 45,800 करोड़ रूपए के साथ सरकार ने लोगों के सामने रखा हैं.
  28. श्यामाप्रसाद मुख़र्जी रर्बन मिशन : देश भर के 300 ग्रामीण इलाकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए, वहाँ रोज़गार की व्यवस्था करने और वहाँ के लोगों के लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. इस योजना के अनुसार इन ग्रामीण इलाकों में शहरों जैसी व्यवस्था लाने की कोशिश की जायेगी.
  29. सागरमाला प्रोजेक्ट : सागरमाला प्रोजेक्ट के अनुसार ट्रांसपोर्ट के लिए रास्ते और सुगम बनाने की शुरुआत की गयी है. इसकी सहायता से पोर्ट- लेड डायरेक्ट और इनडायरेक्ट डेवलोपमेंट और गुड्स ट्रांसपोर्ट्स के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जायेगा.
  30. प्रकाश पथ (नेशनल लेड प्रोग्राम) : इस योजना के अंतर्गत लोगों को कम पैसे में एलईडी लाइट मुहीया कराना है ताकि कम से कम बिजली में ही लोगों को पर्याप्त रौशनी मिल सकें. इससे ऊर्जा की और लोगों के पैसे की खूब बचत हो सकेगी. सरकार इस योजना को प्रभाव में लाने की कोशिश कर रही है.
  31. उज्वल डिस्कॉम अस्युरेंस योजना (उदय) : इस योजना के अंतर्गत स्टेट अधीन पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को केंद्र सरकार भी नियमित करेगी, ताकि राज्य सरकार पर ब्याज का बोझ भी कम हो और पॉवर कास्ट भी कम हो सके.
  32. विकल्प स्कीम : विकल्प योजना के अंतर्गत इन्टरनेट की सहयता से बुक किये गये ट्रेन टिकट पर ये स्कीम लागू होगी, किन्तु यह योजना सिर्फ दिल्ली – लखनऊ और दिल्ली – जम्मु के बीच के मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के बीच लागू की गयी थी.
  33. राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना : इस योजना का उद्देश्य देश में विभिन्न स्थानों पर छिपे 8 से 12 वर्ष के स्पोर्ट टैलेंट को ढूंढ कर सामने लाना है. इससे खेल को बढ़ावा मिलेगा. यह योजना स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एसएआई), जो कि मिनिस्ट्री ऑफ़ यूथ अफेयर्स और स्पोर्ट के अंतर्गत आती है, द्वारा संचालित किया जाता है.
  34. राष्ट्रीय गोकुल मिशन : इस योजना के तहत स्वदेशी नस्लो के मवेशियों को डेयरी डेवलपमेंट के लिए साइंटिफिक तरीके से इस्तेमाल किया जायेगा. इससे डेयरी उत्पादन में एक अच्छा विकास होगा और लोगों को बहुत बेहतर क्वालिटी के डेरी प्रोडक्ट मिल पायेंगे. इसके लिए 500 करोड़ रूपए का बजट तय हुआ था.
  35. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों तक एलपीजी पहुंचाने का काम किया जायेगा. इसके तहत एलपीजी के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वातावरण शुद्ध हो सके. इस स्कीम के अंतर्गत गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन फ्री दिया जाना हैं. इसके लिए आधार से लिंक्ड आपका बैंक अकाउंट इस्तेमाल होता है.
  36. नीति आयोग : इस योजना का उद्देश्य राज्य सरकारों की आर्थिक नीतियों में केंद्र की सहयता देना है. यह योजना 65 वर्षीय प्लानिंग कमीशन के स्थान पर शुरू किया गया है, जो एक थिंक फोरम की तरह काम करता है.
  37. प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना : प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (ट्राइबल) के लोगों का स्वास्थ, आर्थिक और वातावरण का ध्यान रखना है. जिन क्षेत्रों में माइनिंग आदि के काम चलते हैं, ऐसे स्थान के लोगों को इस तरह के माइनिग से कई तरह की स्वास्थ सम्बंधित परेशानी होती है. अतः इनके हक़ में कल्याणकारी कार्य करने के लिए ये योजना बहुत उतम है. सरकार इसके लिए ‘डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन’ से फण्ड मुहैया करती है.
  38. नमामि गंगे प्रोजेक्ट : नमामि गंगे प्रोजेक्ट की शुरुआत गंगा नदी को साफ़ करने के लिए की गयी थी. इसके अंतर्गत गंगा नदी की रेजुवेनेशन का काम किया जाएगा और साथ ही गंगा घाट का निर्माण कार्य और पुराने घाटों का पुनर्निर्माण कार्य भी किया जाएगा. सरकार इस योजना के तहत काम कर रही है.
  39. सेतु भारतम प्रोजेक्ट : इस योजना के तहत सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और ब्रिज का पुनर्निर्माण कार्य किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत 50000 करोड़ रूपए का बजट बना है ताकि निर्माण कार्य पूरी सुरक्षा के साथ हो सके. इस कार्य को पूरा करने के लिए साल 2019 तक का समय तय किया गया है. इस योजना के अंतर्गत 208 नए ‘रोड ओवर ब्रिज/ रोड अंडर ब्रिज’ का निर्माण तथा 1500 ऐसे ब्रिज का पुनर्निर्माण कार्य आदि होगा.      
  40. कौशल विकास योजना : प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कामों की ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे युवाओं को नए नए कामों के विषय में जानकारी और प्रशिक्षण मिलेगा. इस प्रशिक्षण से उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी. इस ट्रेनिंग को सफलता पूर्वक करने वाले युवाओं को रू 8000 का पुरस्कार भी प्राप्त होगा.
  41. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कुटीर उद्योग के लिए क्रेडिट, ऋण बीमा आदि दिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत रू 50,000 से रू 10 लाख तक के ऋण पाए जाते हैं. हालाँकि विभिन्न अमाउंट के ऋण पर विभिन्न तरह के ब्याज दर भी लगे हुए है. यह ब्याज दर 11% से 18% तक का है. इस योजना से कई लोगों को तरह तरह के व्यापार शुरू करने की सुविधा मिल पा रही है.
  42. प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सरकार समाज के सबसे पिछले वर्ग को आगे लाने की कोशिश कर रही है. इस योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई. इस योजना के अंतर्गत लोगों को विभिन्न तरह से आर्थिक सुविधाएँ दी जा रही हैं, ताकि इनका भविष्य मजबूत हो.
  43. सुकन्या समृद्धि योजना : सुकन्या समृद्धि योजनादेश की लड़कियों और बच्चों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी है. इस योजना के अंतर्गत कोई भी अभिभावक अपने 10 वर्ष से कम की बेटी के लिए बैंक अकाउंट खुलवा सकता है, जिसमे उस बच्ची के भविष्य के लिए पैसे जमा किये जा सके. 21 वर्ष की आयु के बाद बच्ची उसमे जमा हुए पैसे का प्रयोग अपनी शिक्षा अथवा शादी में कर सकेगी. इस योजना के शुरू होने पर कई अभिभावकों ने अपनी बेटियों के लिए बैंक अकाउंट खुलवाये हैं.
  44. डिजि लोकर स्कीम : भारत सरकार द्वारा चलाई गई डिजिटल डिजि लोकर वह ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जहाँ पर आप अपने समस्त दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड करके रख सकते हैं. इसका इस्तेमाल किसी भी तरह के सरकारी ऑथोरिटी के लिए डिजिटल रूप में ही किया जा सकेगा. इस तरह से एक डिजिटल सिस्टम तैयार होगा और सिस्टम में पारदर्शिता आने के साथ ही भ्रष्टाचार कम होगा.
  45. ई बस्ता पोर्टल : ई बस्ता पोर्टल डिजिटल लॉकर की ही तरह काम करता है. ई बस्ता की सहयता से विद्यार्थियों को वो प्लेटफार्म प्राप्त होता है जहां से वे ऑनलाइन डिजिटल किताबे पढ़ सकते हैं. इससे अब विद्यार्थियों को किसी भी तरह किताब मिल पा रही है, उन्हें इन किताबों के लिए पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में ये एक महत्वपूर्ण क़दम है जिससे पढाई रुचिकर भी हो रही है और सार्थक भी. विद्यार्थी यहाँ से किताबें डाउनलोड करके प्राप्त कर सकते हैं.
  46. आयुष्मान भारत योजना : भारत सरकार ने गरीबो के हित के लिये प्रधानमंत्री जन  आरोग्य योजना की शुरुवात की हैं जिसके अंतर्गत गरीबो को 5 लाख तक का हेल्थ कवरेज दिया जायेगा

इस तरह तात्कालिक सरकार ने कई तरह की योजनाएँ देशवासियों के कल्याण के लिए शुरू कर रखी है.         

अरुणा आसफ़ अली की जीवनी
पूरा नाम – अरुणा आसफ़ अली
जन्म – 16 जुलाई 1909
जन्मस्थान – कालका ग्राम, पंजाब
पिता – उपेन्द्रनाथ गांगुली
माता – अम्बालिका देवी
विवाह – आसफ़ अली

अरुणा आसफ अली का जन्म अरुणा गांगुली के नाम से 16 जुलाई 1909 को ब्रिटिश कालीन भारत में बंगाली ब्राह्मण परीवार में पंजाब के कालका ग्राम में हुआ था। उनके पिता उपेन्द्रनाथ गांगुली एक रेस्टोरेंट के मालिक थे। उनकी माता अम्बालिका देवी त्रिलोकनाथ सान्याल की बेटी थी।
उपेन्द्रनाथ गांगुली का छोटा भाई धीरेंद्रनाथ गांगुली भूतकालीन फ़िल्म डायरेक्टर थे। उनका एक और भाई नागेंद्रनाथ एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे जिन्होंने नोबेल प्राइज विनर रबीन्द्रनाथ टैगोर की बेटी मीरा देवी से विवाह किया था।
अरुणा की बहन पूर्णिमा बनर्जी भारत के कांस्टिटुएंट असेंबली की सदस्य है। अरुणा की पढाई लाहौर के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट में पूरी हुई। ग्रेजुएशन के बाद कलकत्ता के गोखले मेमोरियल स्कूल में वह पढाने लगी। वहा उनकी मुलाकात आसफ अली से हुई, जो अल्लाहाबाद में कांग्रेस पार्टी की नेता थे। 1928 में अपने परिवार के विरोध के बावजूद उन्होंने सितम्बर 1928 में विवाह कर लिया।
आसफ अली विवाह करने और महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह में शामिल होने के बाद वह कांग्रेस पार्टी की एक सक्रीय सदस्य बनी। हिंसात्मक होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और इसीलिये 1931 के गांधी-इरविन करार के बावजूद उन्हें छोड़ा नही गया।
लेकिन कैद बाकी महिलाओ ने उनका साथ देते हुए कहा की वे तभी जेल छोड़ेंगे जब अरुणा आसफ अली को भी रिहा किया जायेगा। लोगो के भारी सहयोग को देखते हुए आख़िरकार अधिकारियो को अरुणा आसफ अली को रिहा करना ही पड़ा।
1932 में उन्होंने तिहार जेल में अपनी विविध मांगो को लेकर भूख हड़ताल भी की थी। उस समय तिहार जेल की स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण उनकी भूक हड़ताल से तिहार जेल में काफी सुधार हुए। बाद में वह अम्बाला चली गयी।
महात्मा गांधी के आह्वान पर हुए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अरुणा आसफ अली ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं जब सभी प्रमुख नेता गिरफ्तार कर लिए गए तो उन्होंने अद्भुत कौशल का परिचय दिया और नौ अगस्त के दिन मुम्बई के गवालिया टैंक मैदान में तिरंगा झंडा फहराकर अंग्रेजों को देश छोड़ने की खुली चुनौती दे डाली।
अरुणा आसफ़ अली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्हें 1942 मे भारत छोडो आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालीया मैदान मे कांग्रेस का झंडा फहराने के लिये हमेशा याद किया जाता है। स्वतंत्रता के बाद भी वह राजनीती में हिस्सा लेती रही और 1958 में दिल्ली की मेयर बनी। 1960 में उन्होंने सफलतापूर्वक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की स्थापना की। Aruna Asaf Ali के या योगदान को देखते हुए 1997 में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आज अरुणा आसफ अली भले ही हमारे बीच नहीं हैं। पर उनके कार्य और उनका अंदाज आने वाली पीढ़ियों को सदैव रास्ता दिखाते रहेंगें। उन्हें यूँ ही स्वतंत्रता संग्राम की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी‘ नहीं कहा जाता है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी अरुणा आसफ़ अली के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी