अरुणा आसफ़ अली निगम महापौर/ पार्षद परिचय सूची

नाम : मा. मोहसिन खान
पद : निगम पार्षद
वॉर्ड : 06
नगर निगम उदयपुर
राज्य : राजस्थान
पार्टी : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
चुनाव : 2014= NA वोट
सम्मान :
next year

विवरण :

introduction 
Name: Honorable Mohsin Khan
Designation : Municipal Corporator
Ward :  06 
Municipal Corporation : Udaipur
State : Rajasthan 
Eligibility :  NA
Mobail No : 9783668884
Support - Indian National Congress
Residence: 351, Farukh -A- Azzam, Colony Mallaitai  Udaipur,
Language : Hindi and Rajasthani 
Current Time 10:52 AM 
Date: Tuesday , Dec 18,2018 (IST) 
Telephone Code / Std Code: 0294 
Udaipur Corporation Mayor: Honorable Chandra Singh Kothari (BJP) Contact Number: 9352500230 , 2410323 
Assembly constituency : Udaipur assembly constituency 
Assembly MLA : PRAKASH KUMAR (Janta Sena Rajasthan) Contact Number: 9799588467
Lok Sabha constituency : Udaipur parliamentary constituency 
Parliament MP : ARJUNLAL MEENA (BJP) Contact Number: 9414161766
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वार्ड न. 06 नगर निगम जोधपुर के बारे में
नगर निगम वार्ड न. 06 जोधपुर निकाय चुनाव 2014 -2015  में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस  नगर निगम पार्षद पद पर माननीय मोहसिन खान जी ने कुल पड़े मत संख्या NA  में से (NA )  मत प्राप्त कर  
2 = NA  =   भारतीय जनता पार्टी समर्थित (NA )  को NA  अधिक मतों से हराकर चुनाव जीता 
3- NA  = निर्दलीय (NA )  मत पाकर कर तीसरे स्थान प्राप्त किया  
अंबामाता, शावरी कॉलोनी, सिलवाटवारी, जिंक पार्क, राव जी का हवा मल्ला तालाई के पास के इलाके हैं।
उदयपुर नगर निगम भारत के राजस्थान राज्य में उदयपुर शहर का नगर निगम है। निगम में 55  वार्ड हैं और चंद्रशेठ कोठारी महापौर हैं। शहर में नगर परिषद थी जिसे 2013 में नगर पालिका में परिवर्तित कर दिया गया था, उदयपुर एक नगर एवं पर्यटन स्थल है जो अपने इतिहास, संस्कृति एवम् अपने अाकर्षक स्थलों के लिये प्रसिद्ध है। इसे सन् 1559 में महाराणा उदय सिंह ने स्थापित किया था। अपनी झीलों के कारण यह शहर झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। उदयपुर शहर सिसोदिया राजवंश द्वारा ‌शासित मेवाड़ की राजधानी रहा है।
इतिहास
उदयपुर बनास नदी पर, नागदा के दक्षिण पश्चिम में उपजाऊ परिपत्र गिर्वा घाटी में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने 1559 में स्थापित किया था। यह मेवाड़ राज्य की नई राजधानी के रूप में स्थापित किया गया था। इस क्षेत्र ने पहले से ही 12 वीं सदी के माध्यम से 10 वीं में मेवाड़ की राजधानी के रूप में कार्य किया था, जो एक संपन्न व्यापारिक शहर आयड़ था। गिर्वा क्षेत्र पहले से ही कमजोर पठार चित्तौड़गढ़ था कि जब भी यह करने के लिए ले जाया गया है जो चित्तौड़ शासकों के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है, इस प्रकार था दुश्मन के हमलों के साथ धमकी दी। महाराणा उदय सिंह द्वितीय, तोपखाने युद्ध की 16 वीं सदी के उद्भव के बाद में, एक अधिक सुरक्षित स्थान पर अपनी राजधानी को स्थानांतरित करने के कुंभलगढ़ में अपने निर्वासन के दौरान फैसला किया। आयद इसलिए वह अरावली श्रृंखला की तलहटी में शिकार करते हुए कहा कि वह एक साधु के पास आ खड़ा हुआ है, जहाँ अपनी नई राजधानी शहर है, शुरू करने के लिए पिछोला झील के रिज पूर्व चुना है, बाढ़ की आशंका थी। साधु ने राजा को आशीर्वाद दिया और यह अच्छी तरह से संरक्षित किया जाएगा उसे आश्वस्त मौके पर एक महल का निर्माण करने के लिए उसे निर्देशित। उदय सिंह द्वितीय फलस्वरूप साइट पर एक निवास की स्थापना की। नवंबर 1567 में मुगल बादशाह अकबर ने चित्तौड़ की पूजा किले को घेर लिया।
मुगल साम्राज्य कमजोर के रूप में, सिसोदिया शासकों, अपनी स्वतंत्रता प्राप्त कि और चित्तौड़ को छोड़कर मेवाड़ के सबसे पुनः कब्जा। उदयपुर एक पहाड़ी क्षेत्र है और भारी बख़्तरबंद मुगल घोड़ों के लिए अनुपयुक्त होने के नाते 1818 में ब्रिटिश भारत के एक राजसी राज्य बन गया है जो राज्य की राजधानी बना रहा, उदयपुर ज्यादा दबाव के बावजूद मुगल प्रभाव से सुरक्षित बने रहे। वर्तमान में, अरविंद सिंह मेवाड़ मेवाड़ राजवंश के 76 वें संरक्षक है।
दर्शनीय स्थल (शहर में)
पिछोला झील
महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने इस शहर की खोज के बाद इस झील का विस्तार कराया था। झील में दो द्वीप हैं और दोनों पर महल बने हुए हैं। एक है जग निवास, जो अब लेक पैलेस होटल बन चुका है और दूसरा है जग मंदिर। दोनों ही महल राजस्थानी शिल्पकला के बेहतरीन उदाहरण हैं, बोट द्वारा जाकर इन्हें देखा जा सकता है।
जग निवास द्वीप, उदयपुर
पिछोला झील पर बने द्वीप पैलेस में से एक यह महल, जो अब एक सुविधाजनक होटल का रूप ले चुका है। कोर्टयार्ड, कमल के तालाब और आम के पेड़ों की छाँव में बना स्विमिंग-पूल मौज-मस्ती करने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है। आप यहाँ आएं और यहाँ रहने तथा खाने का आनंद लें, किंतु आप इसके भीतरी हिस्सों में नहीं जा सकते।
जग मंदिर, उदयपुर
पिछोला झील पर बना एक अन्य द्वीप पैलेस। यह महल महाराजा करण सिंह द्वारा बनवाया गया था, किंतु महाराजा जगत सिंह ने इसका विस्तार कराया। महल से बहुत शानदार दृश्य दिखाई देते हैं, गोल्डन महल की सुंदरता दुर्लभ और भव्य है।
सिटी पैलेस, उदयपुर
प्रसिद्ध और शानदार सिटी पैलेस उदयपुर के जीवन का अभिन्न अंग है। यह राजस्थान का सबसे बड़ा महल है। इस महल का निर्माण शहर के संस्थापक महाराणा उदय सिंह-द्वितीय ने करवाया था। उनके बाद आने वाले राजाओं ने इसमें विस्तार कार्य किए। तो भी इसके निर्माण में आश्चर्यजनक समानताएं हैं। महल में जाने के लिए उत्तरी ओर से बड़ीपोल से और त्रिपोलिया द्वार से प्रवेश किया जा सकता है।
शिल्पग्राम, उदयपुर
यह एक शिल्पग्राम है जहाँ गोवा, गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के पारंपरिक घरों को दिखाया गया है। यहाँ इन राज्यों के शास्त्रीय संगीत और नृत्य भी प्रदर्शित किए जाते हैं।
सज्‍जनगढ़ (मानसून पैलेस)
उदयपुर शहर के दक्षिण में अरावली पर्वतमाला के एक पहाढ़ की चोटी पर इस महल का निर्माण महाराजा सज्जन सिंह ने करवाया था। यहाँ गर्मियों में भी अच्‍छी ठंडी हवा चलती है। सज्‍जनगढ़ से उदयपुर शहर और इसकी झीलों का सुंदर नज़ारा दिखता है। पहाड़ की तलहटी में अभयारण्‍य है। सायंकाल में यह महल रोशनी से जगमगा उठता है, जो देखने में बहुत सुंदर दिखाई पड़ता है।
फतेह सागर 
महाराणा जय सिंह द्वारा निर्मित यह झील बाढ़ के कारण नष्ट हो गई थी, बाद में महाराणा फतेह सिंह ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। झील के बीचों-बीच एक बागीचा , नेहरु गार्डन, स्थित है। आप बोट अथवा आटो द्वारा झील तक पहुंच सकते हैं।
मोती मगरी
यहाँ प्रसिद्ध राजपूत राजा महाराणा प्रताप की मूर्ति है। मोती मगरी फतेहसागर के पास की पहाड़ी पर स्थित है। मूर्ति तक जाने वाले रास्तों के आसपास सुंदर बगीचे हैं, विशेषकर जापानी रॉक गार्डन दर्शनीय हैं।
सहेलियों की बाड़ी
सहेलियों की बाड़ी / दासियों के सम्मान में बना बाग एक सजा-धजा बाग है। इसमें, कमल के तालाब, फव्वारे, संगमरमर के हाथी और कियोस्क बने हुए हैं।
यातायात सुविधाएं
उदयपुर के सार्वजनिक यातायात के साधन मुख्यतः बस, ऑटोरिक्शा और रेल सेवा हैं।
हवाई मार्ग
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा उदयपुर हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा डबौक में है। जयपुर, जोधपुर औरंगाबाद, दिल्ली तथा मुंबई से यहाँ नियमित उड़ाने उपलब्धत हैं।
रेल मार्ग
यहाँउदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन नामक रेलवे स्टेिशन है। यह स्टे‍शन देश के अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग
यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्याद 8 पर स्थित है। यह सड़क मार्ग से जयपुर से 9 घण्टे, दिल्ली से 14 घण्टे तथा मुंबई से 17 घण्टे की दूरी पर स्थित है
शहरों के नजदीक
उदयपुर 1 किमी 
नथद्वारा 4 9 किमी 
राजसमंद 68 किलोमीटर
पिंडवाड़ा 79 किमी 
तालुक के पास
उदयपुर 4 किमी
बार्गन 18 किमी 
Girwa  21 किलोमीटर
मावली 38 किमी 
एयर पोर्ट्स के पास
दाबोक हवाई अड्डे के पास 23 किलोमीटर 
अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास 221 किलोमीटर 
जोधपुर हवाई अड्डे के पास 225 किलोमीटर 
वडोदरा हवाई अड्डे 282 किलोमीटर 
पर्यटक स्थलों के पास
उदयपुर 3 किलोमीटर 
नथद्वारा 50 किमी निकट
कुम्भलगढ़ 57 किलोमीटर
जिलों के पास
उदयपुर 4 किमी 
राजसमंद 67 किलोमीटर
डुंगरपुर 88 किलोमीटर
सिरोही 104 किमी 
रेलवे स्टेशन के पास
उदयपुर सिटी रेल वे स्टेशन 2.3 किलोमीटर 
महाराणा प्रताप नगर रेल वे स्टेशन 5.6 किलोमीटर
क्षेत्र में राजनीति
बीजेपी, कांग्रेस इस क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
उदयपुर विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
बरगांव, उदयपुर
उदयपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक विधायक का इतिहास
2013  गुलाब चंद कटारिया बीजेपी 78446 = 24608 दिनेश श्रीमाली कांग्रेस 53838
2008 गुलाब चंद कटारिया बीजेपी 65706 = 24509 त्रिलोक पर्बिया कांग्रेस  41197
2003 गुलाब चंद कटारिया बीजेपी 45339 = 8477 त्रिलोक पर्बिया कांग्रेस 36862
1998 त्रिलोक पूरबिया कांग्रेस  38463 = 4206 मंगी लाल जोशी बीजेपी 34257
1993  शिव किशोर संध्या भाजपा 41665 = 9789 रूप कुमार खुराना कांग्रेस 31876
1990 शिव किश्त स्नध्या बीजेपी 38582 = 10364 गिरिजा व्यास कांग्रेस 28218
1985  गिरिजा व्यास कांग्रेस 28828 = 1120 गुलाब चंद कटारिया बीजेपी  27708
1980  गुलाल चंद कटारिया बीजेपी 25682 = 1687 शशमल पगारिया कांग्रेस 23995
1977  गुलाब चंद जेएनपी 31419 = 21222 हिरा लाल देवपुरा कांग्रेस 10197
1972 भानु कुमार शास्त्री बीजेएस 23130 = 933 प्रकाश अतूर कांग्रेस  22197
1967 एम एल सुखदाया कांग्रेस  24272 = 3431 बी के शास्त्री बीजेएस 20841
1962 जेन मोहनलाल कांग्रेस  21844 = 11402 भानु कुमार जेएस 10442
1957  मोहन लाल सुखदिया कांग्रेस  13375 = 10385 मदन लाल बीजेएस 2909
1951 देवी सिंह आरआरपी 12283 = 1747 कर्ण राम कांग्रेस  10536
1951  मोहन लाल कांग्रेस   8179 =5453 मनोहर सिंह निर्दलीय 2726

विकास कार्य :

 

माननीय निगम पार्षद जी के विकास कार्य सूची अभी उपलब्ध नहीं हुई है जल्द ही पूर्ण कार्य देख सकेंगे

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 60 की उपलब्धियां
भारत की आज़ादी,
(महात्मा गाँधी, नहरु जी, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, मौलाना आज़ाद, बाबा साहब आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद, जे.पी.कृपलानी, मदन मोहन मालवीय, जमना लाल बजाज, खान अब्दुल गफ़्फ़र खान, लाल बहादुर शास्त्री जी आदी आदी)
1 -545 से ज़्यादा छोटी बड़ी रियासतों का विलय,
(सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू, वी.पी.मेनन..)
-भारत का संविधान,
(बाबा साहब आंबेडकर, राजेंद्र प्रसाद, जवाहर लाल नेहरू, जे.पी.कृपलानी आदी)
3 -रूस की तर्ज़ पर भारत में भी पञ्च वर्षीय योजनाओं का सृजन,
पहले भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 8 दिसम्बर 1951 को भारत की संसद को पहली पाँच साल की योजना प्रस्तुत की। योजना मुख्य रूप से बांधों और सिंचाई में निवेश सहित कृषि प्रधान क्षेत्र,. कृषि क्षेत्र में भारत के विभाजन और तत्काल स्थिति ध्यान देने की जरूरत को सबसे मुश्किल माना गया था
(जवाहर लाल नेहरू)
-भाखड़ा नांगल और हीरा कुण्ड जैसे बड़े बाँध,
भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण 1948 में शुरू हुआ और अमेरिकी बांध निर्माता हार्वे स्लोकेम के निर्देशन में 1962 में इसका निर्माण पूरा हुआ। 22 अक्टूबर 1963 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसका शुभारम्भ किया था। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई और बिजली उत्पादन है। इस बांध पर लगे पनबिजली संयंत्र से  1325 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है जिससे पंजाब के अलावा हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बिजली की आपूर्ति होती है।
(जवाहर लाल नेहरू)
5 -भिलाई, राउरकेला और बोकारो में हैवी स्टील प्लाँट,
(जवाहर लाल नेहरू)
6 - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
15 अगस्त 1969 में स्थापित, इसरो अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए तत्कालीन भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम अंबालाल साराभाई के प्रयासों से 1962 में स्थापित किया गया।
(जवाहर लाल नेहरू)
7 - रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
१९५८ में पूर्व-कार्यरत भारतीय सेना की प्रौद्योगिकी विकास अधिष्ठान (टीडीई) तथा रक्षा विज्ञान संस्थान (डीएसओ) के साथ प्रौद्योगिकी विकास और उत्पादन का निदेशालय (डीटीडीपी) के एकीकरण से गठन किया गया और रक्षा संगठन एवं अनुसंधान संगठन का गठन किया गया था।
(जवाहर लाल नेहरू)
-अनेक विश्व विद्यालयों का  निर्माण कराया,
(जवाहर लाल नेहरू)
9 - अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान 7 AIIMS  का निर्माण 
1एम्स दिल्लीएम्स1956नई दिल्ली दिल्ली,
2एम्स भोपालएम्स2012भोपालमध्य प्रदेश,
3एम्स भुवनेश्वरएम्स2012भुवनेश्वरओडिशा,
4एम्स जोधपुरएम्स2012जोधपुरराजस्थान,
5एम्स पटना जे पी एन-एम्स2012पटनाबिहार,
6एम्स रायपुरएम्स2012रायपुरछत्तीसगढ़,
7एम्स ऋषिकेशएम्स2012ऋषिकेशउत्तराखंड,
(जवाहर लाल नेहरू, मनमोहन सिंह )
  10 -  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT)  
1 - भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर / IITKGP1951,
2भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई / IITB1958,
3भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर / IITK1959,
4भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास / IITM1959,
5भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली / IITD1961,
6भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी / IITG1994,
7भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की/ IITR1847,
8भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़/ IITRPR2008,
9भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भुवनेश्वर/ IITBBS2008,
10भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर/ IITGN2008,
11भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैदराबाद / IITH2008,
12भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर  / IITJ2008,
13भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना / IITP2008,
14भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर / IITI2009,
15भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी / IITMandi2009,
16भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) वाराणसी IIT(BHU)2012
(जवाहर लाल नेहरू, मनमोहन सिंह ),
11 -भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल नेटवर्क एवं सबसे ज़्यादा रोज़गार देने वाला रेल नेटवर्क बनी,
(जवाहर लाल नेहरू, शास्त्री जी, इंदिरा गाँधी आदी)
12 -भारतीय आर्मी विश्व की सबसे सक्तिशाली सेनाओं में शामिल,
(इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह)
13 -भारतीय वायु सेना विश्व की 5वीं सबसे ताक़तवर वायू सेना बनी,
(इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, मनमोहन सिंह)
14 -रियासतों को दिए जाने वाले Privy Purse की समाप्ती,
राजभत्ता, निजी कोश, प्रिवी पर्स किसी संवैधानिक या लोकतांत्रिक राजतंत्र में राज्य के स्वायत्त शासक एवं राजपरिवार को मिलने वाले विशेष धनराशी को कहा जाता है। इस विशेष वार्षिक धनराशि को राजभत्ता, निजी कोश या प्रिवी पर्स कहा जाता था। इस व्यवस्था को ब्रिटेन में चल रहे राजभत्ते (प्रिवी पर्स) की व्यवस्था के आधार पर पारित किया गया था। इस  अलोकतांत्रिक व्यवस्था को सन १९७१में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल के दैरान पूर्णतः स्थगित कर दिया गया,
(इंदिरा गाँधी)
15 -गुजरात में श्वेत (दुग्ध) क्रांती,
सफेद क्रांति भी ओपेरेशन फ्लड के रूप में जाना जाता है। ओपरेशन फ्लड़ा यह भारत की योजना है जिससे कि भारत में दूध की कमी को दूर किया जा सके।
(इंदिरा गाँधी)
16 -बैंको का राष्ट्रीयकरण,
देश के प्रमुख चौदह बैंकों का राष्ट्रीयकरण 19 जुलाई सन् 1969 ई. को किया गया। ये सभी वाणिज्यिक बैंक थे। इसी तरह 15 अप्रैल सन 1980 को निजी क्षेत्र के छ: और बैंक राष्ट्रीयकृत किये गये। इन सभी बीस बैंकों की शाखायें देशभर में फैली हैं। वर्तमान में कुल १९ राष्ट्रीयकृत बैंक हैं।
(इंदिरा गाँधी)
17 -पंजाब, हरयाणा, UP समेत पूरे भारत में हरित क्रांती,
(इंदिरा गाँधी)
18 -दो दो बार पाकिस्तान को युद्ध में करारी शिकस्त,
(लाल बहादुर शास्त्री एवं इंदिरा गाँधी)
19 -पाकिस्तान को युद्ध में हरा कर, बंगलादेश के रूप में, दो टुकड़ों में करना,
(इंदिरा गाँध
20 -पूरे विश्व के विरोध के बावजूद पोखरण में परमाणू परिक्षण,
भारतीय परमाणु आयोग ने यहाँ अपना पहला भूमिगत परिक्षण १८ मई १९७४ को किया था। हालांकि उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को उर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया है। बाद में ११ और १३ मई १९९८ को पाँच और भूमिगत परमाणु परीक्षण किये और भारत ने स्वयं को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया।
(इंदिरा गाँधी)
21 -अनेक Pay Scale Commissions का सृजन और उनकी अनुशंसाओं को लागू किया,
(नहरू जी, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह)
22 - भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम
भारत का अंतरिक्ष में राकेश शर्मा के रूप में पहला क़दम  1984 में, राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय नागरिक बन गए। जब वह भारत की ओर सोवियत संघ के अन्तरिक्ष यान में अन्तरिक्ष में गए थे। शर्मा उन लोग से एक हैं जो भारतीय मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए 2006 में प्रस्ताव का समर्थन कर रहे थे।
(इंदिरा गाँधी)
23 -वोट देने की उम्र 21 से 18 घटाना, जिससे युवाओं की राजनीत में भागीदारी बढ़ी,
(राजीव गाँधी)
24 -दूरसंचार क्रांती,
उदारीकरण 1981 में शुरू हुआ जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हर साल 5,000,000 लाइनें लगाये जाने के प्रयास के तहत फ्रांस की अल्काटेल सीआईटी के साथ राज्य संचालित दूरसंचार कंपनी (आईटीआई) के विलय के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया,इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, इस अवधि के दौरान, राजीव गांधी के नेतृत्व में, कई सार्वजनिक क्षेत्र जैसे कि दूरसंचार विभाग (डीओटी), वीएसएनएल और एमटीएनएल जैसे संगठनों की स्थापना हुई। 
(राजीव गाँधी)
25 -कंप्यूटर क्रांती,
(राजीव गाँधी)
26 -जवाहरलाल नहरू रोज़गार योजना (JNRY),
(इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी)
27 -नयी मौद्रिक नीती (New Economic Policies) का सृजन,
(नरसिम्हा राव एवं मनमोहन सिंह)
28 -पंचायती राज कानून,
(नरसिम्हा राव)
29 -नगरी निकाय कानून,
(नरसिम्हा राव)
30 -PSLV, CLV जैसे अनेकों अंतरिक्ष सेटेलाईट का सफल परेक्षण,
(नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह)
31 -अग्नी, त्रिशूल, नाग आदी जैसे अनेक देसी मसाइल को बनाना,
(एपीजे अबुलकलाम साहब, नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह)
32 -सुज़ूकी, हुंडई, शेव्रोले, नोकिया, सैमसंग, LG, रेनोल्ट, मोटोरोला, पेनासोनिक, पायनियर, JBL जैसी अनेक अंतराष्ट्रीय कंपनीयों द्वारा भारत में निवेश, जिससे लाखों रोज़गार generation हुआ और हमारी अर्थव्यवस्था और मज़बूत बनी,
(नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह)
33 -महात्मा गाँधी रोज़गार गारेंटी योजना (MANREGA), जो की विश्व की सबसे बड़ी सफल रोज़गार योजना साबित हुई,
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी)
34 -सूचना का अधिकार (RTI),
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी)
35 -पेंशन योजना,
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी)
36 -ज़मीन अधिकरण कानून,
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी)
37 -NRHM (108 एम्बुलेंस) योजना,
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी)
38 -शिक्षा का अधिकार,
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी)
39 -मिड डे मील योजना,
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी)
40 -इंदिरा आवास योजना एवं राजीव आवास yojna
(मनमोहन सिंह, सोनिया गाँधी, )
41 -जननी सुरक्षा योजना,
(मनमोहन सिंह जी)
42 -आधार कार्ड,
(नंदन नीलेकणी, मनमोहन सिंह)
43 -जम्मू कोटरा रेल लाइन का सृजन,
(मनमोहन सिंह)
44 -चंद्रयान मिशन,
(मनमोहन सिंह)
अरुणा आसफ़ अली की जीवनी
पूरा नाम – अरुणा आसफ़ अली
जन्म – 16 जुलाई 1909
जन्मस्थान – कालका ग्राम, पंजाब
पिता – उपेन्द्रनाथ गांगुली
माता – अम्बालिका देवी
विवाह – आसफ़ अली

अरुणा आसफ अली का जन्म अरुणा गांगुली के नाम से 16 जुलाई 1909 को ब्रिटिश कालीन भारत में बंगाली ब्राह्मण परीवार में पंजाब के कालका ग्राम में हुआ था। उनके पिता उपेन्द्रनाथ गांगुली एक रेस्टोरेंट के मालिक थे। उनकी माता अम्बालिका देवी त्रिलोकनाथ सान्याल की बेटी थी।
उपेन्द्रनाथ गांगुली का छोटा भाई धीरेंद्रनाथ गांगुली भूतकालीन फ़िल्म डायरेक्टर थे। उनका एक और भाई नागेंद्रनाथ एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे जिन्होंने नोबेल प्राइज विनर रबीन्द्रनाथ टैगोर की बेटी मीरा देवी से विवाह किया था।
अरुणा की बहन पूर्णिमा बनर्जी भारत के कांस्टिटुएंट असेंबली की सदस्य है। अरुणा की पढाई लाहौर के सेक्रेड हार्ट कान्वेंट में पूरी हुई। ग्रेजुएशन के बाद कलकत्ता के गोखले मेमोरियल स्कूल में वह पढाने लगी। वहा उनकी मुलाकात आसफ अली से हुई, जो अल्लाहाबाद में कांग्रेस पार्टी की नेता थे। 1928 में अपने परिवार के विरोध के बावजूद उन्होंने सितम्बर 1928 में विवाह कर लिया।
आसफ अली विवाह करने और महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह में शामिल होने के बाद वह कांग्रेस पार्टी की एक सक्रीय सदस्य बनी। हिंसात्मक होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था और इसीलिये 1931 के गांधी-इरविन करार के बावजूद उन्हें छोड़ा नही गया।
लेकिन कैद बाकी महिलाओ ने उनका साथ देते हुए कहा की वे तभी जेल छोड़ेंगे जब अरुणा आसफ अली को भी रिहा किया जायेगा। लोगो के भारी सहयोग को देखते हुए आख़िरकार अधिकारियो को अरुणा आसफ अली को रिहा करना ही पड़ा।
1932 में उन्होंने तिहार जेल में अपनी विविध मांगो को लेकर भूख हड़ताल भी की थी। उस समय तिहार जेल की स्थिति अत्यंत दयनीय होने के कारण उनकी भूक हड़ताल से तिहार जेल में काफी सुधार हुए। बाद में वह अम्बाला चली गयी।
महात्मा गांधी के आह्वान पर हुए 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अरुणा आसफ अली ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं जब सभी प्रमुख नेता गिरफ्तार कर लिए गए तो उन्होंने अद्भुत कौशल का परिचय दिया और नौ अगस्त के दिन मुम्बई के गवालिया टैंक मैदान में तिरंगा झंडा फहराकर अंग्रेजों को देश छोड़ने की खुली चुनौती दे डाली।
अरुणा आसफ़ अली भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं। उन्हें 1942 मे भारत छोडो आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालीया मैदान मे कांग्रेस का झंडा फहराने के लिये हमेशा याद किया जाता है। स्वतंत्रता के बाद भी वह राजनीती में हिस्सा लेती रही और 1958 में दिल्ली की मेयर बनी। 1960 में उन्होंने सफलतापूर्वक मीडिया पब्लिशिंग हाउस की स्थापना की। Aruna Asaf Ali के या योगदान को देखते हुए 1997 में उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आज अरुणा आसफ अली भले ही हमारे बीच नहीं हैं। पर उनके कार्य और उनका अंदाज आने वाली पीढ़ियों को सदैव रास्ता दिखाते रहेंगें। उन्हें यूँ ही स्वतंत्रता संग्राम की ‘ग्रैंड ओल्ड लेडी‘ नहीं कहा जाता है।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी अरुणा आसफ़ अली के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी