मेरा नगर मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान डिजीटल रिकॉर्ड

नाम :
मा. विजय कुमार
पद :
नगर पालिका परिषद सदस्य
वार्ड :
वार्ड नंबर 2 सराय नसरुल्लाखां प्रथम
निकाय :
खुर्जा
जनपद :
बुलंदशहर
राज्य :
उत्तर प्रदेश
सहयोगी :
भारतीय जनता पार्टी
सम्मान :

जीवन परिचय :

Introduction

Name: Vijay Kumar

Designation: Municipal Council Member

Eligibility: Inter

Email: NA

Mobile No: 9897728220

Residence: NA 

Support: Bharatiya Janata Party

Ward No :  2 Sarai Nasrulla Khan I

Municipal Council: Khurja 

District : Bulandshahr

State : Uttar Pradesh

Division : Meerut

Language : Hindi and Urdu

Current Time 12:58 PM

Date: Saturday , Aug 21,2021 (IST)

Vehicle Registration Number:UP-13

RTO Office : Bulandshar

Telephone Code / Std Code: 05738

Assembly constituency : Khurja assembly constituency

Assembly MLA : banshi singh pahadiya

Lok Sabha constituency : Gautam Buddha Nagar parliamentary constituency

Parliament MP : Dr. MAHESH SHARMA

Pin Code : 203131
Post Office Name : Khurja
 

वार्ड नंबर 2 सराय नसरुल्लाखां प्रथम के बारे में  

वार्ड नंबर 2 सराय नसरुल्लाखां प्रथम में कुल  2909  मतदाता हैं, जिनमें बहुजन समाज पार्टी समर्थित माननीय योगेश देवी जी को निकाय  चुनाव  2017 में उन्हें नगर पालिका परिषद सभासद  पद के लिए कुल 1986 वोटों में से 958 वोट मिले। 

विजय कुमार  (सभासद ) चुने गए क्षेत्र के कद्दावर नेता हैं,  मिलनसार होने के कारण क्षेत्र के सभी वर्गों में अच्छी पकड़ है, क्षेत्र के नागरिक बहुत सम्मान देते हैं, उनके मुकाबले में

2 = तिलक = ने निर्दलीय (528) को 430  मतों से हराकर चुनाव जीता।

3= सन्जू कुमार = बहुजन समाज पार्टी (271) ने तीसरा स्थान हासिल किया 

 

नगर पालिका परिषद के बारे में खुर्जा के बारे में

 

नगर पालिका परिषद में कुल 80170 मतदाता हैं, खुर्जा नगर में कुल 25 वार्ड हैं। निकाय 2017 में चुनाव में बहुजन समाज पार्टी समर्थित नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर माननीय परवीन बेगम जी ने कुल पड़े मत संख्या 49413 से (19157) 40.53 मत पकर विजय रही !

खुर्जा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले के खुर्जा एक शहर है। यह मेरठ डिवीजन के अंतर्गत आता है। यह दक्षिण की तरफ 17 ​​किमी स्थित है, जिला मुख्यालय बुलंदशहर से है। यह एक ब्लॉक हेड क्वॉर्टर है

 

खुर्जा ग्राम पिन कोड 203131 और डाक मुख्य कार्यालय खुर्जा है।

 

हसांगढ़ (1 किलोमीटर), हजरतपुर (1 किलोमीटर), अग्रवाल (3 किलोमीटर), तालिबपुर (3 किलोमीटर), मुंडा खेड़ा (3 किलोमीटर), खुर्जा से पास के गांव हैं। खुर्जा ग्राम में अरायना ब्लॉक दक्षिण की तरफ, बुलंदशहर ब्लॉक उत्तर की ओर, पूर्व में शिकारापुर ब्लॉक, सिकंदराबाद ब्लॉक की ओर उत्तर दिशा में है।

 

बुलंदशहर, शिकपुर, बुलंदशहर, सिकंदराबाद, ग्रेटर नोएडा, खुर्जा से निकटतम शहर हैं।

खुर्जा उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में बुलंदशहर जिले में दिल्ली से ४५ मील दक्षिण-पूर्व स्थित प्रसिद्ध नगर। यहाँ के सड़कें चारों ओर जाती हैं। यहां से सीधे दिल्ली, मेरठ, हरिद्वार, अलीगढ, खैर, आगरा, कानपुर आदि के लिए जा सकते हैं। गेहूँ, तेलहन, जौ, ज्वार, कपास और गन्ना का व्यापार होता हैं। यह नगर घी के लिये प्रसिद्ध है। खुरजा में एक विशाल जैन मंदिर है। यहाँ मिट्टी के कलात्मक बर्तन बनते हैं। देख विदेश के हर कोने में बोन चाइना से बने बर्तन खुरजा की ही देन है। विश्व के दस बडे पॉटरी क्लस्टरों में शामिल है यह शहर। रेलमार्ग के द्वारा सीधे दिल्ली और कलक्‍त्ता से जुड़ा है। साथ ही एक रेलवे लाइन मेरठ के लिए भी जाती है।

 

एतिहासिक स्‍थल

एशिया का बड़ा नव दुर्गा शक्ति मन्दिर खुरजा में ही है। इसमें मा के सभी नौ रुपों को एक ही स्व्रुप मे दिखया गया है। यहां साल में दो बार मेला लगता है। प्रतिवर्ष लाखों भक्त मां के दर्शनों को दूरदराज से आते हैं। इसके अलावा सिदेश्वर महादेव और भूडा महादेव मंदिर का भी अपना अलग महत्व है।

 

शिक्षा

देश-विदेश में चीनी मिट्टी के बर्तनों के लिए विख्यात पॉटरी नगरी को पहले संस्कृत के शिक्षा के बड़े केन्द्र के कारण मिनी काशी कहा जाता था। दूर-दूर के विद्यार्थी यहां अध्ययन के लिए आते थे। लेकिन अब वह बात नहीं है। सरकार की अनदेखी के कारण देववाणी के यह केन्द्र अब सिर्फ औपचारिकताओं का निर्वहन कर रहे हैं। आचार्य और शास्त्री पैदा करने वाले एक महाविद्यालय में तो सिर्फ एक ही अध्यापक है। उसको भी चार माह से वेतन नहीं मिला है।

 

नगर में जंक्शन रोड स्थित श्री लक्ष्मण दास यजुर्वेद आयुर्वेद संस्कृत महाविद्यालय, श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय, श्री मनीषी संस्कृत विद्यालय, श्री गंगासागर ट्रस्ट संस्कृत महाविद्यालय और एनआर संस्कृत विद्यालयों में अन्य प्रदेशों के छात्र भी अध्ययन करके संस्कृत के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। यहां के संस्कृत विद्यालयों में छात्रों को षष्ठी से आचार्य तक की शिक्षा दी जाती रही है।

 

साठ के दशक तक तो सब कुछ ठीक ठाक रहा। इसके बाद सरकार की अनदेखी से यहां के संस्कृत विद्यालय गुमनामी के अंधेरे में चले गए। वर्ष 89 में प्रदेश सरकार ने इन विद्यालयों में नियुक्तियों पर पाबंदी लगा दी। तब से इन विद्यालयों की स्थिति खराब हो गई है। वर्ष 1929 से प्रारंभ श्री राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय में अब सिर्फ एक ही अध्यापक बचा है। वही आचार्य और वही प्राचार्य हैं। यहा पर एक लिपिक और एक चपरासी है। चपरासी ही माली और चौकीदारी का काम करता है। इन्हें सरकार से सुविधाओं के नाम पर सिर्फ वेतन ही मिलता है। यह वेतन भी माह अगस्त के बाद नहीं मिला है। इससे इनके परिवार के भरण-पोषण की समस्या आ गई है।

 

महाविद्यालय में साहित्य, व्याकरण, न्याय, दर्शन, ज्योतिष और वेदांत की दीक्षा दी जाती थी। इसी कारण यहां के वेदवाणी के केन्द्रों की मान्यता थी। अन्य प्रदेशों के छात्र भी इन गुरुकुलों में अध्ययन के लिए आते थे।

 

इसके अलावा खुरजा में अब दो दर्जन से अधिक इंटरमीडिएट स्कूल हैं। यहां विद्याभारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिर, आदर्श शिशु मंदिर और रमामूर्ति बालिका विद्या मं‌दिर हैं। लायल पब्लिक स्‍कूल, एल्पाइन पब्लिक स्‍कूल, महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्‍कूल, शिवम पब्लिक स्‍कूल, ब्रहमानंद पब्लिक स्‍कूल, जैनिथ पब्लिक स्‍कूल बारहवीं तक की शिक्षा के लिए नामचीन स्कूल हैं।

 

जेएएस इंटर कालेज, एसएमजेईसी इंटर कालेज और एकेपी इंटर कालेज सरकार द्वारा संचालित हैं।

 

उच्च शिक्षा के लिए यहां चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय से संबंधित एनआरईसी डिग्री कालेज है जो क्षेत्र का सबसे बड़ा डिग्री कालेज है।

 

इंजीनियरिंग की पढाई के लिए उत्तर प्रदेश का माना हुआ सेठ गंगा सागर पालीटेक्निक कालेज यहां है।

 

मराठवाडा इंजीनयिरिंग कालेज में छात्र इंजीनियरिंग की पढाई करते हैं।

 

मेडिकल की पढाई के लिए वैद्य यज्ञदत्त शर्मा आयुर्वेद महाविद्यालय है।

हिंदी यहां स्थानीय भाषा है

खुर्जा विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दलों

 

भाजपा, बसपा, कांग्रेस खुर्जा विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

 

एलकेडी, कांग्रेस (आई), जेडी, बीकेडी, बीजेएस, जेएनपी (एससी), पीएसपी, जेएनपी, सपा, पिछले सालों में लोकप्रिय राजनीतिक पार्टियां हैं।

 

खुर्जा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में मौजूदा  विधायक

माननीय विजेंद्र सिंह (बीजेपी) 8126580451

 

खुर्जा के लोकसभा क्षेत्र के मौजूदा सांसद 

माननीय डा. महेश शर्मा (बीजेपी) 09873444255

 

खुर्जा नगर पालिका क्षेत्र के मौजूदा चेयरमैन 

माननीय परवीन बेगम (बसपा) 8630034709

 

खुर्जा विधानसभा क्षेत्र में मंडल

अरनी, बुलंदशहर, खुर्जा, पहसु, शिरपुर,

 

खुर्जा विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।

 

2012  बंशी सिंह पहाडि कांग्रेस 98913 = 37304 होराम सिंह बसपा  61609

2007  अनिल कुमार बीएसपी 37807 = 17070 वेद पाल सिंह भाजपा  20737

2002  अनिल कुमार बीएसपी 28494 = 7051 हरपाल सिंह भाजपा 21443

1996 हरपाल सिंह भाजपा 50333 = 20848 रवींद्र उर्फ ​​पप्पन राघव बसपा  29485

1993  हरपाल सिंह भाजपा 49243 = 14427 अलाउद्दीन बसपा 34816

1991  हरपाल निर्दलीय  34549 14352 अलाउद्दीन बसपा 20197

1989 स्वर्ण राघव उर्फ ​​पप्पान जेडी 35584 2701 अखलेश चंद दास कांग्रेस 32883

1985  बुद्धपाल सिंह खुर्जा वाला कांग्रेस 27812 = 3291 सुरेंद्र शर्मा एलकेडी  24521

1980 भूत भूपल सिंह कांग्रेस (आई) 17903 = 2512 सुरेंद्र शर्मा जेएनपी  15391

1977  बनारसी दास जेएनपी 37138 = 17927 ईश्वरी सिंह कांग्रेस 19211

1974 ईश्वरी सिंह इंक 23833 = 4294 महमूद एच। खान बीकेडी 1 9 53

1969 रघुराज सिंह बीकेडी 22431 = 8466 सुखबीर सिंह बीजेएस  13 9 65

1967  B.Dass कांग्रेस 19,570 = 1221 R.Singh PSP 18349

1962  महाबीर सिंह कांग्रेस 8972 = 397 महमूद हसन पीएसपी  8575

1957 गोपाल  निर्दलीय 30228 = 1672 केवल सिंह कांग्रेस  28556

1957 छतरर सिंह निर्दलीय  30839 = 2209 भीम सेन कांग्रेस 28548

1951  भीम सेन कांग्रेस 45459 = 27709 ईश्वरी सिंह 17750

1951  भटनागर, किशन सारक कांग्रेस 485


कैसे पहुंचें खुर्जा 

रेल द्वारा

 

खुर्जा सिटी रेल वे स्टेशन, मामन रेलवे स्टेशन खुर्जा ग्रामीण से बहुत पास के रेलवे स्टेशन हैं। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन प्रमुख रेलवे स्टेशन खुर्जा के करीब 52 किलोमीटर दूर है

 

शहरों के पास

बुलंदशहर 16 किलोमीटर 

शिकारपुर, बुलंदशहर 17 किलोमीटर

सिकंदराबाद 28 के.एम. 

ग्रेटर नोएडा 45 के.एम. 

 

तालुक से करीब

खुर्जा 7 किमी के पास

अरनिया 15 किलोमीटर

बुलंदशहर  15 किलोमीटर 

शिकारपुर 18 किलोमीटर

 

हवाई बंदरगाहों के निकट

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 90 के.एम. 

खेरिया हवाई अड्डा 138 के.एम. 

मुज़फ्फरनगर एयरपोर्ट 146 के.एम.

पंतनगर हवाई अड्डा 200 किमी 

 

पर्यटन स्थल के पास

बुलंदशहर 16 किलोमीटर

अलीगढ़ 54 किलोमीटर 

फरीदाबाद 63 किलोमीटर

सूरजकुंड 65 के.एम. 

नोएडा 69 के.एम. 

 

जिले से पास

बुलंदशहर 16 किलोमीटर

गौतम बुद्ध नगर 39 किलोमीटर

अलीगढ़ 52 किलोमीटर

पलवल 61 के.एम. 

 

रेलवे स्टेशन से करीब

खुर्जा शहर रेलवे स्टेशन 3.2 के.एम. 

मामन रेल वे स्टेशन 8.1 के.एम. 

सिकंदरपुर रेलवे स्टेशन 9.2 के.एम. 

खुर्जा जंक्शन रेल वे स्टेशन 9 किलोमीटर 

अलीगढ़ जेएन रेल वे स्टेशन करीब 52 किलोमीटर 

सामाजिक/विकास कार्यों के बारे में :

नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी सरकारी योजनाओं की सूची 

मोदी सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की गयी है. इन योजनाओं के द्वारा वे देश के लोगों के लिए कई तरह की सुविधाएँ लाने की कोशिश में है. पिछले तीन साल में मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की है. 

यहाँ पर मोदी सरकार द्वारा अब तक की सभी योजनाओं के विषय में दिया जा रहा है :

 
  1. डिजिटल इंडिया : डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 के अगस्त में हुई थी. इसकी शुरुआत देश को डिजिटल और इलेक्ट्रिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए की गयी थी. देश के डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक रूप में विकसित होने से देश की अर्थनीति में भी सुधार आएगा. इस मुहीम के अंतर्गत सरकार ये चाहती थी कि भारत सरकार के सभी मंत्रालय आम लोगों से डिजिटल प्लेटफार्म पर जुड़ सके, ताकि सरकार के कामों का ब्यौरा लोगों तक जल्द से जल्द पहुँच सके. इससे सरकार को लोगों का फीडबैक मिलता रहे और गवर्नेंस आसान हो सके. साल 2014 में शुरू हुई यह डिजिटल प्रोग्राम योजना साल 2019 में जाकर ख़त्म हो जायेगी.
  2. प्रधान मंत्री जन धन योजना : प्रधानमंत्री द्वारा चालू किये गये योजनाओं में प्रधानमंत्री जन धन योजनाअतिमहत्वपूर्ण है. इस योजना के तहत सरकार द्वारा ग़रीब लोगों को या वैसे लोगों को जिनका बैंक अकाउंट नहीं है, उन्हें जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने की सुविधा दी गयी. इस सुविधा का लाभ उठाते हुए एक बड़ी संख्या में लोगों ने अपने बैंक अकाउंट खुलवाए. इस तरह ये एक बहुत सफ़ल योजना रही.
  3. स्वच्छ भारत अभियान : ये प्रोग्राम हालाँकि देश में कोई नया प्रोग्राम नहीं थी. इससे पहले की सरकार ने भी एक इसी तरह की योजना निर्मल भारत के नाम से शुरू की थी, किन्तु निर्मल भारत प्रोग्राम से देश को कोई ख़ास लाभ नहीं मिल सका था. अतः इसके बाद तात्कालिक सरकार ने भारत में स्वच्छता की कटिबद्धता बढाने के लिए और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए नये सिरे से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की. महात्मा गाँधी के सपने को सच करने की इस मुहीम में कई बड़ी हस्तियों ने भी भाग लिया.
  4. मेक इन इंडिया : मेक इन इंडिया योजना के तहत सरकार का उद्देश्य अपने देश में प्रोडक्शन बढ़ाना और युवाओं को रोज़गार देना था. इस योजना की रूप रेखा इस तरह से तैयार की गयी थी कि देश में विदेशी कम्पनियाँ भी इन्वेस्ट करने को राज़ी हो सकें. इस तरह देश एक तरह से मैन्युफैक्चरिंग मार्केट की तरह काम कर सके और नौकरियों की संख्या में भी इजाफा हो. भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना 25 विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही है.
  5. सांसद आदर्श ग्राम योजना : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लोकसभा के सभी सांसद अपने फण्ड से कुछ पैसे का इस्तेमाल एक गाँव के विकास में योगदान के लिए करें. इस तरह से देश के सभी गाँव शहरों की तरह नए इंफ्रास्ट्रक्चर और अच्छी अन्य सुविधाओं के साथ अपना विकास अच्छी तरह से कर सके. इस योजना के तहत सभी सांसद को एक एक गाँव ‘गोद लेने’ की बात कही गयी थी. ऐसा माना जा रहा है कि साल 2019 तक ये योजना रंग लाती हुई नज़र आएगी.
  6. अटल पेंशन योजना : इस योजना के तहत लोगों को ओल्ड ऐज पेंशन की सुविधा मिल पाएगी. अटल पेंशन योजना के तहत उन वृद्धों को पेंशन की सुविधा देने की बात तय थी, जो कई छोटी मोटी जगहों पर काम करके अपना गुज़ारा करते हैं. यह योजना उन्हें उनके रिटायरमेंट से पहले बुढापे के लिए धन संचय की सुविधा देती है. यह योजना रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी की तरफ से चलाई जाती है. इस योजना के तहत वृद्ध लोगों को 1 हज़ार से 5 हज़ार तक के पेंशन की सुविधा मिल सकती है
     
  7. प्रधानमंत्री आवास योजना : भारत सरकार द्वारा यह योजना उन लोगों के लिए चलायी जा रही है, जिनके पास अपना घर नहीं है. प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुसार साल 2022 तक देश भर में लगभग 2 करोड़ घरों का निर्माण कराया जाएगा. इस योजना के तहत उन लोगों को लाभ पहुँचाया जाएगा, जो ग़रीब और मजबूर है. इस योजना के अनुसार उन्हें सब्सिडी और ऋण दिया जाएगा, ताकि वे घर बना सके और धीरे धीरे ऋण भी चूका सकें. वरिष्ठ नागरिकों, एससी/ एसटी एवं महिलाओं को इसके लिए और भी अधिक सुविधा दी जायेगी.
  8. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना : यह योजना एक तरह की जीवन बीमा योजना है. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के अनुसार पालिसी लेने वाले को एक सुरक्षित भविष्य की गारंटी दी जायेगी. इस योजना के तहत पालिसी होल्डर को सालाना तौर पर रू 330 जमा करने होंगे और इसके बदले में उन्हें रू 2 लाख की पालिसी प्राप्त होगी. 18 वर्ष से 50 वर्ष के अन्दर का कोई भी आदमी इस योजना के तहत जीवन बीमा प्रीमियम ख़रीद सकता है. इसके लिए पालिसी होल्डर के पास एक बैंक अकाउंट होना अनिवार्य है, जिससे इस योजना को लिंक अप किया जा सके.
  9. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना : प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटना सम्बंधित मृत्यु अथवा आंशिक रूप से होने वाली शारीरिक समस्याओं पर बीमा दिए जाने पर जोर दिया गया है. देश के कई ऐसे ग्रामीण हिस्से हैं, जहाँ के लोगों को किसी तरह की बीमा की प्राप्ति नहीं हुई है. यह योजना इन्हीं जैसे लोगों को बीमा मुहैया कराने के लिए शुरू की गयी है. सरकार ने इसका सब्सक्रिप्शन चार्ज भी केवल 12 रू रखा है, जिसके एवज में पालिसी होल्डर को 2 लाख तक की बीमा प्राप्त होगी. इस बीमा का लाभ उठाने के लिए काग़ज़ी कार्यवाही बहुत ही कम है.
  10. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना : भारत में कृषि का बहुत बड़ा महत्व है. अतः यहाँ की कृषि विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की है. इस योजना से प्राप्त जानकारियों के अनुसार देश के लगभग 45 प्रतिशत कृषि क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ पर सिंचाई की व्यवस्था बनायी हुई है और बाक़ी जगहों पर पुरानी पद्धति से ही सिंचाई होती है. इस योजना के तहत सरकार सिंचाई के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगी, जिसकी सहायता से सिंचाई आसानी से की जा सकेगी.
  11. प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना : किसानों को मौसम की मार से बचाने तथा रबी और खरीफ फसलों को इन्स्युरेंस देने के लिए सरकार ने आसान और सस्ती बीमा योजना निकाली है. इसका लाभ सभी तरह के किसान उठा पाएंगे. केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरू की गयी है. यह योजना पुरानी बीमा योजना एनएआईएस और एमएनएआईएस की जगह शुरू की गयी है. इस योजना के अनुसार किसानों को 2% पूरे खरीफ फसल के लिए और 1.5% रबी फसल के लिए नियमित रूप से भुगतान करना होगा.
  12. प्रधानमंत्री जन औषधि योजना : यह योजना पुराने जन औषधि योजना के स्थान पर शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत 3000 जन औषधि यानि सरकारी दवा की दूकान खोली जाने की बात है, जहाँ से लोग कम पैसे में दवाइयां ख़रीद सकेंगे. इस योजना का अंतर्गत 500 तरह की दवाइयां बहुत काम दामों में बेचे जाने की बात है. कोई एनजीओ अथवा अन्य सामाजिक संस्थान भारत सरकार से एक बार में 2.5 लाख रूपए की सहायता पा कर जन औषधि स्टोर्स खोल सकते है.
  13. किसान विकास पत्र : यह एक निवेश स्कीम थी, जिसके अंतर्गत 8 वर्ष और चार महीने के बाद जमा की गयी राशि दुगनी हो जायेगी. हालाँकि इसमें किसी तरह का कर लाभ नहीं था. किसान विकास पत्रडीनॉमिनेशन की शुरुआत रू 1000, 5000, 10000, 50000 आदि से हो सकती है और इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
  14. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना : किसानों के पैदावार को बढाने के लिए तथा उन्हें मिट्टी की उर्वरा से अवगत कराने के लिए सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजनाकी शुरुआत की है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सहायता से मिट्टी की उर्वरा शक्ति के विषय में जानने का मौक़ा मिलता है और उसके अनुसार किसान मिटटी में खाद मिलाने में सक्षम हो पाते हैं.
  15. बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना : प्रधानमंत्री बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के अंतर्गत बेटियों की शिक्षा और विकास पर काम किया गया. इसके अंतर्गत चाइल्ड सेक्स रेश्यो को संतुलित करने की बात ध्यान में रखी गयी है. साथ ही बच्चियों को पढ़ाने के लिए कई सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही है.
  16. मिशन इंद्रधनुष : मिशन इन्द्रधनुष के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने की बात की गई है. इस योजना की सहयता से नवजात शिशुओं को और गर्भवती महिलाओं को सात तरह की वैक्सीन मुफ्त में दी जायेगी, जिसमे दिप्ठेरिया, टिटनेस, पोलियो, टीबी, मेअस्लेस हेपेटाइटिस बी, परटूससीस आदि है. मिशन इन्द्रनुष के अंतर्गत 352 जिलो में काम किया गया है, जिसमे 279 मध्य प्रथामिकता वाले जिले, 33 उत्तर पूर्वी जिले, तथा 40 ऐसे जिले शामिल हैं, जहाँ कुपोशण के कई बच्चे शिकार हैं.
  17. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना : दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत देश के विभिन्न हिस्सों में बिजली पहुंचाने, इससे सम्बंधित इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने, मीटरिंग व्यवस्था बनाने आदि कार्य किये जायेंगे. इसके साथ ही ग्रामांचलों में जहाँ पर बिजली नहीं पहुंच पाती है, वहाँ पर बिजली सेवा पहुँचाने का काम है. इससे पहले यह कार्य राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के ज़रिये हो रहा था.
  18. पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना : इस योजना के तहत श्रमिकों के सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारियों को ऑनलाइन वेबपोर्टल की सहयता से श्रमिकों तक पहुँचाने की बात कही गयी. इस कार्य के लिए ऑनलाइन पोर्टल के इस्तेमाल से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार कम होगा. इस स्कीम के अंतर्गत एक संयुक्त लेबर पोर्टल लॉन्च किया गया, जिसका नाम ‘श्रम सुविधा’ था. इस वेब पोर्टल के सहारे सभी लेबर सम्बंधित डेटा मैनेजमेंट का काम किया जाएगा.
  19. अटल रेजुवेनेशन और अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत) : इस योजना के अंतर्गत मूलभूत सेवायें मसलन जल सप्लाई, सीवरेज, अर्बन ट्रांसपोर्ट आदि को शहरों और घरों तक पहुँचाने के कार्य की शुरुआत हुई, जिससे लोगों तक शुद्ध चीज़ें पहुंचे और जो लोग ग़रीब हैं उन्हें भी इसका लाभ प्राप्त हो सके हैं. इसका सबसे मुख्य उद्देश्य सभी घरों तक सीवरेज तथा शुद्ध पानी का कनेक्शन दिया जा सके, पार्क वगैरह का निर्माण हो सके और साइकिलिंग का इस्तेमाल करके प्रदुषण को कम किया जा सके.
  20. स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना : स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना एक तरह की टूरिज्म योजना थी. इसके अन्तर्गत थीम पर आधारित टूरिज्म सर्किट का निर्माण किये जाने की योजना थी. इसकी थीम्स में रिलिजन, कल्चर आदि हैं, जिसको आधार बना कर देश भर में टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करनी है. प्रसाद यानि पिल्ग्रिमेज रेजुवेनेश औग्मेंटेशन ड्राइव योजना के अंतर्गत अमृतसर, अजमेर, अमरावती, द्वारका, गया, कांचीपुरम, केदारनाथ कामख्या, मथुरा, पूरी, वाराणसी और वेल्लान्कानी आदि तीर्थ स्थानों पर विश्वप्रसिद्द टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कराना था. इन सभी स्थानों पर आध्यात्मिक केन्द्रों की स्थापना भी इस योजना के उद्देश्यों में एक है. इसकी सहयता से इन स्थानों का आध्यात्मिक महत्व और टूरिज्म दोनों बढेगा.
  21. नेशनल हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड औग्मेन्टेशन योजना : आर्थिक मजबूती, अर्बन प्लानिंग और ऐतिहासिक धरोहरों को एक साथ समृद्ध करने के लिए इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गयी. इसकी सहायता से देश की ख़त्म होती ऐतिहासिक धरोहरों को बचाया जा सकेगा. इसके लिए 27 महीने के समय की डेडलाइन तय की गई थी, जो कि मार्च 2017 में ख़त्म हो चूका है. हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड औग्मेन्टेशन योजना के लिए 500 करोड़ रूपए का बजट तय किया गया था.
  22. राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान : सरकारी स्कुलों, पार्कों आदि में पवित्र और साफ़ वातावरण, खाना, जल, टॉयलेट आदि की सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गयी थी. यह योजना स्वच्छ भारत योजना का ही एक अंश है, जिसकी शुरुआत 2 अक्टूबर साल 2014 में हुई थी.
  23. वन रैंक वन पेंशन : वन रैंक वन पेंशन की सहयता से रिटायर्ड सैनिकों को उनके रैंक के मुताबिक़ पेंशन देने की सेवा शुरू की जानी थी. हालाँकि ये मोदी सरकार की योजना नहीं है, किन्तु इस योजना को सफल करने में मोदी सरकार लगी हुई थी.
  24. स्मार्ट सिटी योजना : स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत देश भर में 100 शहरों को हर तरह से सुविधाजनक और सुगम बनाया जाना था. इसके अंतर्गत बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, पानी और बिजली सप्लाई, सैनिटेशन और सॉलिड कूड़ा मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट, हाई क्वालिटी आईटी कनेक्टिविटी, ई गवर्नेंस आदि की सर्वोत्तम व्यवस्था की शुरूआत की जायेगी.
  25. गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम : गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम की सहायता से लोग अपने सोने के गहनों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में लोकर का इस्तेमाल कर सकेंगे. साथ ही लोगों को जमा सोने पर सरकार द्वारा ब्याज भी दिया जाएगा.
  26. स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया : स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया योजना सभी तरह के स्टार्टअप व्यापारों को सहयोग देने के लिए शुरू किया गया. इस स्कीम की तहत स्टार्टअप को सेल्फ सर्टिफिकेशन का मौक़ा मिलेगा ताकि रेगुलेटरी लिअब्लिटी कम हो सके. इसके लिए ऑनलाइन वेबपोर्टल तथा मोबाइल एप्लीकेशन की शुरुआत की गयी.
  27. इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट योजना : नेटवर्क, मीटरिंग, आईटी एप्लीकेशन, सोइलर पैनल, कस्टमर केयर सर्विस आदि को इस योजना के अंतर्गत 45,800 करोड़ रूपए के साथ सरकार ने लोगों के सामने रखा हैं.
  28. श्यामाप्रसाद मुख़र्जी रर्बन मिशन : देश भर के 300 ग्रामीण इलाकों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए, वहाँ रोज़गार की व्यवस्था करने और वहाँ के लोगों के लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है. इस योजना के अनुसार इन ग्रामीण इलाकों में शहरों जैसी व्यवस्था लाने की कोशिश की जायेगी.
  29. सागरमाला प्रोजेक्ट : सागरमाला प्रोजेक्ट के अनुसार ट्रांसपोर्ट के लिए रास्ते और सुगम बनाने की शुरुआत की गयी है. इसकी सहायता से पोर्ट- लेड डायरेक्ट और इनडायरेक्ट डेवलोपमेंट और गुड्स ट्रांसपोर्ट्स के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जायेगा.
  30. प्रकाश पथ (नेशनल लेड प्रोग्राम) : इस योजना के अंतर्गत लोगों को कम पैसे में एलईडी लाइट मुहीया कराना है ताकि कम से कम बिजली में ही लोगों को पर्याप्त रौशनी मिल सकें. इससे ऊर्जा की और लोगों के पैसे की खूब बचत हो सकेगी. सरकार इस योजना को प्रभाव में लाने की कोशिश कर रही है.
  31. उज्वल डिस्कॉम अस्युरेंस योजना (उदय) : इस योजना के अंतर्गत स्टेट अधीन पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को केंद्र सरकार भी नियमित करेगी, ताकि राज्य सरकार पर ब्याज का बोझ भी कम हो और पॉवर कास्ट भी कम हो सके.
  32. विकल्प स्कीम : विकल्प योजना के अंतर्गत इन्टरनेट की सहयता से बुक किये गये ट्रेन टिकट पर ये स्कीम लागू होगी, किन्तु यह योजना सिर्फ दिल्ली – लखनऊ और दिल्ली – जम्मु के बीच के मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के बीच लागू की गयी थी.
  33. राष्ट्रीय खेल प्रतिभा खोज योजना : इस योजना का उद्देश्य देश में विभिन्न स्थानों पर छिपे 8 से 12 वर्ष के स्पोर्ट टैलेंट को ढूंढ कर सामने लाना है. इससे खेल को बढ़ावा मिलेगा. यह योजना स्पोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एसएआई), जो कि मिनिस्ट्री ऑफ़ यूथ अफेयर्स और स्पोर्ट के अंतर्गत आती है, द्वारा संचालित किया जाता है.
  34. राष्ट्रीय गोकुल मिशन : इस योजना के तहत स्वदेशी नस्लो के मवेशियों को डेयरी डेवलपमेंट के लिए साइंटिफिक तरीके से इस्तेमाल किया जायेगा. इससे डेयरी उत्पादन में एक अच्छा विकास होगा और लोगों को बहुत बेहतर क्वालिटी के डेरी प्रोडक्ट मिल पायेंगे. इसके लिए 500 करोड़ रूपए का बजट तय हुआ था.
  35. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना : प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा देश के ग्रामीण इलाकों तक एलपीजी पहुंचाने का काम किया जायेगा. इसके तहत एलपीजी के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है, ताकि वातावरण शुद्ध हो सके. इस स्कीम के अंतर्गत गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन फ्री दिया जाना हैं. इसके लिए आधार से लिंक्ड आपका बैंक अकाउंट इस्तेमाल होता है.
  36. नीति आयोग : इस योजना का उद्देश्य राज्य सरकारों की आर्थिक नीतियों में केंद्र की सहयता देना है. यह योजना 65 वर्षीय प्लानिंग कमीशन के स्थान पर शुरू किया गया है, जो एक थिंक फोरम की तरह काम करता है.
  37. प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना : प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जनजाति (ट्राइबल) के लोगों का स्वास्थ, आर्थिक और वातावरण का ध्यान रखना है. जिन क्षेत्रों में माइनिंग आदि के काम चलते हैं, ऐसे स्थान के लोगों को इस तरह के माइनिग से कई तरह की स्वास्थ सम्बंधित परेशानी होती है. अतः इनके हक़ में कल्याणकारी कार्य करने के लिए ये योजना बहुत उतम है. सरकार इसके लिए ‘डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन’ से फण्ड मुहैया करती है.
  38. नमामि गंगे प्रोजेक्ट : नमामि गंगे प्रोजेक्ट की शुरुआत गंगा नदी को साफ़ करने के लिए की गयी थी. इसके अंतर्गत गंगा नदी की रेजुवेनेशन का काम किया जाएगा और साथ ही गंगा घाट का निर्माण कार्य और पुराने घाटों का पुनर्निर्माण कार्य भी किया जाएगा. सरकार इस योजना के तहत काम कर रही है.
  39. सेतु भारतम प्रोजेक्ट : इस योजना के तहत सभी राष्ट्रीय राजमार्गों और ब्रिज का पुनर्निर्माण कार्य किया जाएगा. इस योजना के अंतर्गत 50000 करोड़ रूपए का बजट बना है ताकि निर्माण कार्य पूरी सुरक्षा के साथ हो सके. इस कार्य को पूरा करने के लिए साल 2019 तक का समय तय किया गया है. इस योजना के अंतर्गत 208 नए ‘रोड ओवर ब्रिज/ रोड अंडर ब्रिज’ का निर्माण तथा 1500 ऐसे ब्रिज का पुनर्निर्माण कार्य आदि होगा.      
  40. कौशल विकास योजना : प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे कामों की ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे युवाओं को नए नए कामों के विषय में जानकारी और प्रशिक्षण मिलेगा. इस प्रशिक्षण से उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी. इस ट्रेनिंग को सफलता पूर्वक करने वाले युवाओं को रू 8000 का पुरस्कार भी प्राप्त होगा.
  41. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को कुटीर उद्योग के लिए क्रेडिट, ऋण बीमा आदि दिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत रू 50,000 से रू 10 लाख तक के ऋण पाए जाते हैं. हालाँकि विभिन्न अमाउंट के ऋण पर विभिन्न तरह के ब्याज दर भी लगे हुए है. यह ब्याज दर 11% से 18% तक का है. इस योजना से कई लोगों को तरह तरह के व्यापार शुरू करने की सुविधा मिल पा रही है.
  42. प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण योजना : प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत सरकार समाज के सबसे पिछले वर्ग को आगे लाने की कोशिश कर रही है. इस योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई. इस योजना के अंतर्गत लोगों को विभिन्न तरह से आर्थिक सुविधाएँ दी जा रही हैं, ताकि इनका भविष्य मजबूत हो.
  43. सुकन्या समृद्धि योजना : सुकन्या समृद्धि योजनादेश की लड़कियों और बच्चों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी है. इस योजना के अंतर्गत कोई भी अभिभावक अपने 10 वर्ष से कम की बेटी के लिए बैंक अकाउंट खुलवा सकता है, जिसमे उस बच्ची के भविष्य के लिए पैसे जमा किये जा सके. 21 वर्ष की आयु के बाद बच्ची उसमे जमा हुए पैसे का प्रयोग अपनी शिक्षा अथवा शादी में कर सकेगी. इस योजना के शुरू होने पर कई अभिभावकों ने अपनी बेटियों के लिए बैंक अकाउंट खुलवाये हैं.
  44. डिजि लोकर स्कीम : भारत सरकार द्वारा चलाई गई डिजिटल डिजि लोकर वह ऑनलाइन प्लेटफार्म है, जहाँ पर आप अपने समस्त दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्मेट में अपलोड करके रख सकते हैं. इसका इस्तेमाल किसी भी तरह के सरकारी ऑथोरिटी के लिए डिजिटल रूप में ही किया जा सकेगा. इस तरह से एक डिजिटल सिस्टम तैयार होगा और सिस्टम में पारदर्शिता आने के साथ ही भ्रष्टाचार कम होगा.
  45. ई बस्ता पोर्टल : ई बस्ता पोर्टल डिजिटल लॉकर की ही तरह काम करता है. ई बस्ता की सहयता से विद्यार्थियों को वो प्लेटफार्म प्राप्त होता है जहां से वे ऑनलाइन डिजिटल किताबे पढ़ सकते हैं. इससे अब विद्यार्थियों को किसी भी तरह किताब मिल पा रही है, उन्हें इन किताबों के लिए पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में ये एक महत्वपूर्ण क़दम है जिससे पढाई रुचिकर भी हो रही है और सार्थक भी. विद्यार्थी यहाँ से किताबें डाउनलोड करके प्राप्त कर सकते हैं.
  46. आयुष्मान भारत योजना : भारत सरकार ने गरीबो के हित के लिये प्रधानमंत्री जन  आरोग्य योजना की शुरुवात की हैं जिसके अंतर्गत गरीबो को 5 लाख तक का हेल्थ कवरेज दिया जायेगा
कार्यक्रम सहयोगी के बारे में :
NA

नगर निकाय सभासद के अधिकार के बारे में :

नगर पालिका (Municipality) क्या है

नगर पालिका का मतलब संविधान के 74वें संसोधन से है जिसमे नगर पालिकाएं (The Municipalities) को भाग 9 (क) में जोड़ा गया है और इसको संविधानिक दर्जा दिया गया है | यह एक शहरी निकाय शासन है जिसे पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार त्रिस्तरीय रूप में विभाजित किया गया है |

 

नगर पालिकाः एक नगर पालिका की आबादी 20 हजार या उससे अधिक की होती है. नगर पालिका है तो एक प्रशासनिक इकाई ही लेकिन इसमें इसका परिभाषित क्षेत्र और इसकी जनसंख्या भी अंकित होती है. आमतौर पर यह एक कस्बे, गांव, या उनमें से छोटे समूह रूप में होता है. एक नगरपालिका में प्रायः एक चेयरमैन प्रशासनिक अधिकारी होता है, व इसके ऊपर नगर परिषद या नगरपालिका परिषद का नियंत्रण होता है. प्रायः नगरपालिका अध्यक्ष ही प्रशासनिक अध्यक्ष होता है.

भारत में, एक नगर पालिका अक्सर एक शहर के रूप में जाना जाता है. यह न तो एक ग्राम और न ही बड़े शहर के बराबर होता है, वरन उनके बीच का होता है. एक नगर पालिका 20 हजार या उससे अधिक लोगों को मिलाकर बनता है, लेकिन अगर यह 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाला हो जाता है तब एक नगर निगम बन जाता है. 

 

नगरपालिका (Municipality)
पूर्ण रूप से एक शहरी निकाय शासन के रूप में कार्य करता है और क्षेत्रो के अनुसार नगरपालिकाएं (The Municipalities) को नगर पंचायत, नगरपालिका परिषद और नगर निगम की श्रेणी में विभाजित किया गया है | आज हम नगरपालिकाएं (The Municipalities) के रूप में जानेगे ये नगरपालिका क्या होती है, यह कैसे काम करती है और साथ ही में जो बहुत भ्रम का कारण है कि नगरपालिका और नगरपालिका परिषद में क्या अंतर है |

नगरपालिका का गठन व कार्य

नगर पालिकाएं (The Municipalities) का महत्व

किसी राज्य के स्थानीय शहरी शासन में जनता की भागीदारी बढ़ाने हेतु 74वें संविधान संसोधन के रूप में शहरी स्थानीय शासन को सशक्त बनाया गया जिसे भाग 9 (क) में नगरपालिकाएं (The Municipalities) कहा गया और इसे ही सामान्य रूप में नगरपालिका कहा जाता है | अक्सर लोग नगरपालिका का नगर निगम, नगरपालिका परिषद के साथ क्या संबंध है, इसमें भ्रमित स्थिति में रहते है | आपको बता दे कि नगर पंचायत, नगरपालिका परिषद और नगर निगम यह तीनो नगरपालिका की श्रेणी है जिन्हें जनसँख्या के आधार पर बनाया जाता है | सबसे छोटी इकाई नगर पंचायत व सबसे बड़ी इकाई नगर निगम के रूप में होती है |

 

नगरपालिका क्षेत्र को वार्डो में विभक्त किया जाता है जिसमे से प्रत्येक वार्ड के प्रतिनिधि का चुनाव होता है |

वार्ड के प्रतिनिधि को पार्षद या सभासद कहा जाता है जिनका चुनाव प्रत्यक्ष माध्यम से होता है |

यही वार्ड प्रतिनिधि आपस में सलाह करके अपने में से ही सभा का अध्यक्षता करने हेतु अध्यक्ष का चुनाव करते है, इन्हें अध्यक्ष  या चेयरमैन बुला सकते है

नगरपालिका के सदस्य के रूप में सभासद और अध्यक्ष मिलकर नगर 
पालिका का गठन करते है |

प्रशासक के रूप एक अधिशाषी अधिकार राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है |

नगर पालिकाएं (The Municipalities) का महत्व

हमारे भारतीय संविधान में स्थानीय निकाय में भी विकेन्द्रीकरण सुधार माध्यम से ग्रामीण व शहरी स्तर पर नागरिको के सहयोग से अच्छा माहौल बनाने का कार्य किया गया है | 73वें और 74वें संविधान संसोधन के बाद असलियत में लोकल बॉडी को अधिकार दिए गए है जो पहले कभी नहीं दिए गए थे |

क्षेत्र को छोटे छोटे वार्ड में विभक्त करने के बाद से किसी भी भाग में विकास और सम्बंधित कार्य करना बहुत आसान हो गया है|

नगरपालिकाएं गठन से स्थानीय स्तर पर शासन की जवाबदेही भी तय हुई है, जिससे लोगो की हिस्सेदारी में सुधार हुआ है |

स्थानीय निकाय के विकसित होने से लोकल स्तर पर रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य संबधित चिंताए भी दूर हुई है |

स्थानीयस्तर पर अब मूलभूत सुविधाए बहुत सुगमता से उपलब्ध करायी जा सकती है |



नगर पंचायत क्या होती है (what is nagar panchayat)

पंचायत राज व्यवस्था (THE PANCHAYATS) में ग्रामीण स्थानीय निकाय के रूप में ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) की तर्ज़ पर शहरी स्थानीय के रूप में नगर पंचायत स्थापित किया गया | 74वें संविधान संसोधन के रूप में शहरी स्थानीय शासन को भी त्रिस्तरीय पर विभाजित किया गया इसमें सबसे छोटी इकाई नगर पंचायत के बाद नगरपालिका परिषद (Municipal Council) व नगर निगम (Municipal Corporation) को प्रस्तावित किया गया | वैसे तो संविधान (The Constitution of India) में पहले से (अनुच्छेद-40 में) स्थानीय निकाय को मान्यता दी गयी थी परन्तु आशा अनुरूप कार्य न होने पर केंद्र सरकार को स्थानीय शासन को ज्यादा सशक्त करने कर लिए संविधान में संसोधन करना पड़ा |

 

क्या है नगर पंचायत (Nagar Panchayat)

संविधान द्वारा 12वीं सूची में विषय

नगर पंचायत का गठन व चुनाव प्रक्रिया (Composition and Election Process of Nagar Panchayat)

यह शहरी स्थानीय निकाय के त्रिस्तरीय रूप में सबसे छोटी इकाई है | नगर पालिका व्यवस्था के अनुसार नगर पंचायत को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है:-

“ऐसे क्षेत्र जो ग्राम से शहरी क्षेत्र बनने की ओर अग्रसर है, नगर पंचायत के रूप में निर्धारित किये गए है”

संविधान द्वारा 12वीं सूची में निर्धारित 18 विषयों पर नगर पालिका को कानून बनाने का अधिकार दिया गया |

 

संविधान द्वारा 12वीं सूची में विषय

 

1-नगरीय योजना।

2-भूमि उपयोग का विनियमन और भवनों का निर्माण।

3-आर्थिक व सामाजिक विकास योजना।

4-सड़कें और पुल।

5-घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रयोजनों के लिये जल आपूर्ति।

6-लोक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सफाई और कूड़ा करकट प्रबंधन।

7-अग्निशमन सेवाएँ।

8-नगरीय वानिकी, पर्यावरण का संरक्षण और पारिस्थितिक आयामों की अभिवृद्धि ।

9-समाज के दुर्बल वर्ग, जिनके अंतर्गत दिव्यांग और मानसिक रूप से मंद व्यक्ति भी हैं, के हितों की रक्षा।

10-झुग्गी बस्ती सुधार और प्रोन्नयन।

11-नगरीय निर्धनता उन्मूलन।

12-नगरीय सुख-सुविधाओं और अन्य सुविधाओं, जैसे- पार्क, उद्यान, खेल के मैदान आदि की व्यवस्था।

13-सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सौंदर्यपरक आयामों की अभिवृद्धि।

14-शव गाड़ना और कब्रिस्तान, शवदाह और श्मशान तथा विद्युत शवदाह गृह।

15-कांजी हाऊस पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण।

16-जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण।

17-सार्वजनिक सुख सुविधाएँ, जिसके अंतर्गत सड़कों पर प्रकाश, पार्किंग स्थल, बस स्टॉप और जन सुविधाएँ भी हैं।

18-वधशालाओं और चर्मशोधनशालाओं का विनियमन।

 

नगर पंचायत का गठन व चुनाव प्रक्रिया (Composition and Election Process ofNagar Panchayat)

नगर पंचायत का चुनाव नगरपालिका के निर्वाचन क्षेत्रो से प्रत्यक्ष रूप से होता है और सीटो का आवंटन चुने हुए प्रतिनिधियों को किया जाता है |

नगरपंचायत का चुनाव 5 वर्ष के लिए होता है और अवधि समाप्त होने पर अथवा बीच में विधान मंडल द्वारा कार्यकाल बीच में भंग होने पर 6 महीने के भीतर ही चुनाव करने का प्रावधान है |

नगर पालिका में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिये सीटें आरक्षित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है |

महिलाओ के लिए एक तिहाई सीटो को आरक्षित किया गया है (कुल सीटो का)

सभासदों द्वारा इसमें भी अध्यक्ष चुना जाता है जो 5 साल के लिए शासन करता है तथा क्षेत्र में विकास कार्यकराता है |

प्रशासन के कार्यअधिशाषी अधिकारी द्वारा किये जाते है |

 

सभासद क्या होता है?

 

सभासद से सम्बंधित जानकारी (Information About Sabhasad)

भारत में स्थानीय प्रशासन के लिए नगर पालिका का गठन किया जाता है | इसका गठन शहरी क्षेत्र के प्रशासन को संचालित करने के लिए किया जाता है| नगर पालिका में कई महत्वपूर्ण पद होते जो अपने दायित्वों का निर्वहन करते है और व्यवस्था को संचालित करते है | इसमें सभासद का पद बहुत ही महत्वपूर्ण होता है | इस पेज पर सभासद के विषय में जानकारी दी जा रही है|

 

सभासद क्या होता है (What is Sabhasad)?

नगर को वार्डों में विभाजित किया जाता है | नगर की जनसँख्या के आधार पर एक या एक से अधिक वार्डों के लिए एक सभासद का पद निर्धारित किया जाता है | यह सभासद अपने क्षेत्र में रहनें वाले लोगो का प्रतिनिधित्व करते है, और उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास करते है |

 

सभासद बननें हेतु योग्यता (Ability)

वह भारत का नागरिक होना चाहिए |

व्यक्ति की आयु 21 वर्ष पूरी हो चुकी हो |

उस व्यक्ति का नाम वार्ड की निर्वाचक नामावली में पंजीकृत हो |

वह भारत में किसी भी नगर निकाय का कर्मचारी न हो |

उसे पहले कभी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित नहीं किया गया हो |

 

सभासद के कर्तव्य और अधिकार (Duties and Authority)

एक सभासद पूर्ण रूप से नगर पालिका के कल्याण और हितों के लिए कार्य करता है |

सभासद परिषद की बैठकों, परिषद समिति की बैठकों और अन्य संबंधित निकायों की बैठकें में भाग लेता है |

वह नगर पालिका के कार्यक्रमों और नीतियों के विकास और मूल्यांकन में भाग लेता है |

वह जनहित के मुद्दों को परिषद की बैठकों में आत्मविश्वास के साथ रखने में सक्षम रहता है |

वह नगर पालिका के संचालन और प्रशासन से संबधित मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से सभी प्रकार की जानकारी को प्राप्त करता है |

 

सभासद का चुनाव कैसे होता है (How is The Sabhasad Elected)

सभासद का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा आयोजित कराया जाता है | प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार निकाय चुनाव का आयोजन होता है | यदि आप सभासद बनना चाहते है, तो आपको निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्धारित नियमानुसार पर्चा भरकर निकाय चुनाव में भाग लेना होगा | चुनाव आयोग के द्वारा आपको एक चिन्ह प्रदान कर दिया जायेगा | इसके बाद आप अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर सकते है | यदि आपके क्षेत्र की जनता आपको निर्वाचित करती है, तो आप सभासद के पद पर कार्य कर सकते है |

 

तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में :

         क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए  तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। 

   1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन         रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।

2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।

3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।

4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।

5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।

6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।

7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।

8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।

9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।

11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।

12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।

13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।

14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।

15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।

16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।

17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।

18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।

19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।

20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।

21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।

22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।

23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ?
भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।

24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ? देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।



मेरा नगर मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान छात्र फ़ोटो परियोजना के बारे में : 

    संस्था द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट का उद्देश ग्रामीण/शहरी क्षेत्र के नागरिकों को डिजीटल इंडिया एवम तिरंगे के प्रति जागरूक कर पासपोर्ट साइज फोटो परियोजना के माध्यम से आर्थिक विकास में सहयोग कर पंजीकृत नागरिक को योजना फॉर्म में लगाने हेतु 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो कैलन्डर सहित उपलब्ध कराना, 

       एक सर्वे के अनुसार 90% छात्र, नागरिक एक बार मे 4/5 फ़ोटो बनवाते हैं, जिसको 20 से 25 रुपये में शॉप द्वारा बनाकर दिए जाते हैं, प्रत्येक वर्ष 8 से 9 फ़ोटो की जरूरत होती है रुपये खर्चे के साथ बार बार समय भी खर्च होता है, 

       संस्था इस परियोजना में छात्र, नागरिकों का पंजीकरण शुल्क मात्र 40 रुपये में 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो, कैलेंडर, हैंड फ्लैग, गांव/वार्ड का मोबाइल ऐप लिंक, बारकोड,तिरंगा,सहित आवेदकों को उपलब्ध रही है, जिसका मार्किट मूल्य लगभग 150 से 200 रुपये में 45 फ़ोटो अलग अलग समय दुकान से बन पाते हैं, लेकिन संस्था द्वारा तेयार किए गए फोटो कैलेंडर की लागत मात्र 80 रुपिया आती है नगर पालिका सभासद , नगर पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य,पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से 20रुपिया एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनधि के सहयोग से 20  रुपये सब्सिडी देकर मात्र 40 रुपये पंजीकरण में छात्र, नागरिक इस योजना का लाभ ले सकते हैं, 

     बच्चों का एक सपना होता है घर मे जो कैलेंडर लगा है उस पर उनकी फोटो लगी हो इस परियोजना के माध्यम से अमीर गरीब समस्त नागरिकों के सपने पूरा करने हेतु कैलेंडर पर छात्र का फोटो लगाकर उनके सपने पूरे करने का प्रयास कर रहे हैं, इस परियोजना में कुछ धनराशि संस्था अपने स्तर से खर्च करती है प्रोजेक्ट पर कार्य करने वालो के लिये, आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रत्येक नगर निकाय  स्तर पर एक पदाधिकारी नियुक्त कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, 

     आओ भारत जोड़ें अभियान में बच्चों का सपना कैलेंडर पर फ़ोटो हो अपना, मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फ़ोटो परियोजना द्वारा 45 फ़ोटो कैलेंडर सहित समस्त स्कूलों से अनुबंध कर उपलब्ध करा रहे हैं जिससे छात्र स्कूल के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ा रहे वर्षों बाद भी एक क्लिक में अपने मोबाइल पर स्कूल की तस्वीर देख सकता है संस्था ने राष्ट्रहित में इस प्रोजेक्ट को समर्पित किया है।


मोबाइल ऐप :