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मेरा गांव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान

नाम :
गोरा बाई
पद :
सरपंच
वार्ड/गांव :
झूलादढ़
पंचायत :
आगराखुर्दो
ब्लॉक :
बागली
जिला :
देवास
राज्य :
मध्य प्रदेश
सम्मान :
NA
जीवन परिचय :
Introduction
 
Name:  Gora Bai
Designation: Sarpanch
Eligibility: NA 
Mob :
Support: NA
 
Name: Sardar kannoje 
Designation: Sahayak Sachiv
Mob : 
 
Name: Munnalal Bhargava 
Designation: Mantri Panchayt 
Mob : 
 
Email: NA
Locality Name : Jhuladarh ( झूलादढ़ )
Tehsil Name : Bagli
District : Dewas
State : Madhya Pradesh
Division : Ujjain
Language : Bhil and Hindi, Devanagari
Current Time 03:13 PM
Date: Monday , Sep 26,2022 (IST)
Time zone: IST (UTC+5:30)
Elevation / Altitude: 348 meters. Above Seal level
Telephone Code / Std Code: 07271
Assembly constituency : Bagali assembly constituency
Assembly MLA : kannoje pahadsingh
Lok Sabha constituency : Khandwa parliamentary constituency
Parliament MP : NANDKUMAR SINGH CHOUHAN (NANDU BHAIYA)
Serpanch Name : Serpanch Name
Pin Code : 455227
Post Office Name : Bagli
Main Village Name : Agrakhurd


झूलादढ़ के बारे में
झूलादढ़ भारत के मध्य प्रदेश राज्य के देवास जिले की बागली तहसील का एक छोटा सा गाँव है। यह आगराखुर्द पंचायत के अंतर्गत आता है। यह उज्जैन संभाग के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय देवास से पूर्व की ओर 46 KM दूर स्थित है। राज्य की राजधानी भोपाल से 148 किमी
 
झूलादढ़ पिन कोड 455227 है और डाक प्रधान कार्यालय बागली है।
 
झूलाधार उत्तर की ओर सोनकच्छ तहसील, पूर्व की ओर कन्नौद तहसील, उत्तर की ओर देवास तहसील, पश्चिम की ओर इंदौर तहसील से घिरा हुआ है।
 
देवास, इंदौर, राऊ, महू छावनी, झूलादढ़ के पास के शहर हैं।
 
झूलादढ़ की जनसांख्यिकी
भील यहाँ की स्थानीय भाषा है।


झूलादढ़ में राजनीति
भारतीय जनता पार्टी, भाजपा, कांग्रेस इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
झूलादढ़ के पास मतदान केंद्र / बूथ
1)चपड़ा
2)चपड़ा
3)चपड़ा
4)चपड़ा
5)चंदुपुर


बागली विधानसभा क्षेत्र में मंडल।
बगली, कन्नोद
 
बागली विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
1962 कैलाश चंद्र 
1967 के. जोशी 
1972 कैलाशचंद्र उमाशंकर 
1977 कैलाश चंद्र जोशी 
1980 कैलाश जोशी
1985 कैलाश जोही 
1990 कैलाश चंदर 
1993 कैलाश जोशी 
1998 श्याम होलानी
2008 चंपलाल देवड़ा
2013 चंपलाल देवड़ा 

झूलादढ़ के पास सरकारी स्वास्थ्य केंद्र
1) एसएचसी बिज्जूखेड़ा, , प्राथमिक विद्यालय के पास
2) एसएचसी मैटमोर, उपस्वास्थ्य केंद्र मैटमोर, मेन मैटमोर, कम्युनिटी हॉल के पास
3) एसएचसी भमोरी, उपस्वास्थ्य केंद्र भमोरी, एनएच 59 राजमार्ग इंदौर-बैतूल से भमोरी फाटा से 1 किमी दूरी, ग्राम पंचायत भमोरी के पास


झूलादढ़, बागली में एटीएम
बैंक ऑफ इंडिया
10/10; सुभाष मार्ग; मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227;
9.0 किमी दूरी
   
भारतीय स्टेट बैंक
21/1; मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227;
9.1 किमी की दूरी
 
कमलापुर; मध्य प्रदेश 455227;
12.7 किमी दूरी
  
मार्ग दर्शक कंप्यूटर एसबीआई कियॉस्क एटीएम नेवरी
नेवरी; मध्य प्रदेश 455223;
21.4 किमी की दूरी
 
झूलादढ़, बागली में सिनेमा थियेटर
लक्ष्मी टॉकीज बगली
1/35; मकुंड बाग मार्ग; मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227;
8.9 किमी की दूरी
 
झूलादढ़, बागली में मंदिर
चौसठ धाम मंदिर
अवलदा; मध्य प्रदेश 455227; 
3.5 किमी की दूरी
 
चौसठधाम मंदिर
पिपल्याजन; मध्य प्रदेश 455227;
3.8 किमी की दूरी
 
श्री राम मंदिर एकलेरा
एक्लेरा; मध्य प्रदेश 455227; भारत
4.0 किमी दूरी
 
श्री खेडापति हनुमान डिमेन्डर गुरडिया कलां
गुरदिया कलां; मध्य प्रदेश 455227; 
4.8 किमी दूरी
 
झूलादढ़, बागली में मस्जिदें
जामा मस्जिद
अजीजपुरा; मध्य प्रदेश 455227; 
12.3 किमी दूरी
 
मकबरा मस्जिद
अजीजपुरा; मध्य प्रदेश 455227; 
12.6 किमी की दूरी
 
झूलादढ़, बागली में होटल, लॉज
पाटीदार धर्मशाला
; गुरदिया कलां; मध्य प्रदेश 455227; 
4.8 किमी दूरी 
 
मातमोर जैन श्वेतांबर धर्मशाला
शिवपुर; मध्य प्रदेश 455227; 
5.8 किमी दूरी 
 
मटमोर धर्मशाला
शिवपुर; मध्य प्रदेश 455227;
5.8 किमी दूरी 
 
राधेश्याम पाटीदार
बागली; छतरपुरा; मध्य प्रदेश; 
6.1 किमी दूरी 
 
धर्मेन पाटीदार
बिहारी; मध्य प्रदेश 455227; 
6.9 किमी दूरी
 
झूलादढ़, बागली में रेस्टोरेंट
एमए वैष्णव देवी ढाबा चपड़ा
देवास; मध्य प्रदेश 455227; 
2.6 KM दूरी 
 
माँ वेष्णवदेवी रेस्टोरेंट
देवास; मध्य प्रदेश 455227; 
2.7 KM दूरी 
 
मखखन ढाबा
देवास; मध्य प्रदेश 455227; 
4.3 किमी दूरी 
 
अन्नपूर्णा सामूहिक धर्मशाला
आश्रम रोड; 455227; गुरदिया कलां; मध्य प्रदेश; 
5.0 KM दूरी
 
मीरा होटल
देवास; मध्य प्रदेश 455227; 
6.2 किमी दूरी 


झूलादढ़, बागली में अस्पताल
सामुदायिक केंद्र स्वस्थ बागली
मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227; 
8.8 KM दूरी 
 
सरकारी अस्पताल
मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227; 
8.8 KM दूरी 
 
संजीवनी होमियो क्लिनिक
मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227; 
9.0 KM दूरी 
 
जोसेफ अस्पताल
1/35; मकुंड बाग मार्ग; बागली; मध्य प्रदेश 455227; 
9.0 KM दूरी
 
  झूलादढ़, बागली में पेट्रोल पंप
मारुति एस्सारपंप
पिपल्याजन; मध्य प्रदेश 455227;
4.3 किमी दूरी 
 
एचपी पेट्रोल पंप - सावित्री सर्विस स्टेशन
एचपीसी डीलर; ग्राम भमोरी (चपड़ा); इंदौर बैतूल रोड (एनएच 59 ए) तहसील बागली; इंदौर; मध्य प्रदेश 455227;
5.8 किमी दूरी 
 
पेट्रोल पंप
बागली; मध्य प्रदेश 455227; 
7.0 किमी दूरी
 
रामबाग पेट्रोल पंप बागली
राम बाग बागली; 
8.4 KM दूरी 
 
झूलादढ़, बागली में कॉलेज
ओम शांति साइंस कॉलेज
बागली; मध्य प्रदेश 455227; phone:
081033 15231
8.7 KM दूरी 
 
शासकीय महाविद्यालय हाटपिपलिया
देवास रोड हाटपिपलिया; तिल्याखेड़ी; मध्य प्रदेश 455223; 
11.2 किलोमीटर की दूरी का 
 
 
झूलादढ़, बागली में स्कूल
प्रख्यात शिक्षा अकादमी
गुरदिया कलां; चपड़ा; मध्य प्रदेश 455227; 
3.1 किमी दूरी 
 
एमएए उमिया विद्या निकेतन एच.एस. स्कूल छपदा
गुरदिया कलां; चपड़ा; मध्य प्रदेश 455227; phone:
099930 21700
3.2 किमी दूरी 
 
सरकारी स्कूल इकलेरा
इकलेरा; मध्य प्रदेश 455227; 
4.0 KM दूरी 
 
संस्कार एचएस स्कूल
; गुरदिया कलां; मध्य प्रदेश 455227; 
5.4 किमी दूरी 
 
बागली में स्थानीय सरकारी कार्यालय
 
नगर परिषद (नगर पंचायत)बागली
मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227; भारत फोन:
8.3 किमी की दूरी
 
थाना बागली
मांगलिया गांव; बागली; मध्य प्रदेश 455227;
8.5 किमी की दूरी
 
सेवा सहकारी संस्था मर्यादित अरलवाड़ा
अरलावाड़ा; मध्य प्रदेश 455223;
16.7 किमी दूरी
 
ग्राम मिर्जापुर पंचायत
सरोल; मध्य प्रदेश 455221; फ़ोन:
095895 34347
21.7 किमी की दूरी
 
बालाजी कृषि फार्म भातखेड़ी
मोरुखेड़ी; बरोठा; मध्य प्रदेश 455223;
27.9 किमी दूरी
 
वन डिपो चंद्रकेशर दाम
माला खराद; मध्य प्रदेश 455440;
30.7 किमी दूरी
 
पंचायत भवन आंकिया
आक्या; मध्य प्रदेश 455223; फ़ोन:
34.4 किमी दूरी
 
आईपीएस ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस
डाक बांग्ला रोड; जाजू कॉलोनी; सोनकच; मध्य प्रदेश 455118; फ़ोन:
089898 78087
34.9 किमी दूरी
 
ग्राम पंचायत पीपलदा
पिपलडा; मध्य प्रदेश 452020; फ़ोन:
37.3 किमी दूरी
 
जय श्री कृष्णा किराना स्टोर
कनाडिया; पावर हाउस इंदौर के पास; इंदौर; 452016; फ़ोन:
090094 32424
43.0 किमी दूरी
 
साई सिटी (एमबी. श्री खेड़ापति बिल्डर्स एंड कंस्ट्रक्शन)
देवास; मध्य प्रदेश 455001; फ़ोन:
094251 48357
44.3 किमी दूरी
 
हम और तुम
16-कामना नगर बालगढ़ रोड देवास; मध्य प्रदेश भारत; देवास; मध्य प्रदेश 455001; फ़ोन:
098260 50021
46.1 किमी की दूरी
 
एनआईसीटी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड
दुकान संख्या 241; एबी आरडी; बीओआई के सामने; पुराना शहर; गोमती नगर; देवास; मध्य प्रदेश 455001; फ़ोन:
072724 01300
46.7 किमी दूरी


 
कैसे पहुंचें झूलादढ़
रेल द्वारा
10 किमी से कम में झूलादढ़ के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।
 
शहरों के पास
देवास 35 KM 
इंदौर 53 KM 
राऊ 60 KM 
महू छावनी 68 कि.मी
 
तालुक के पास
बागली 0 KM 
सोनकच 33 KM 
कन्नौद 43 KM 
देवास 49 KM 
 
हवाई बंदरगाहों के पास
इंदौर हवाई अड्डा 59 KM
भोपाल हवाई अड्डा 136 कि.मी
वडोदरा हवाई अड्डा 361 KM 
डबोक हवाई अड्डा 365 KM 
 
पर्यटन स्थलों के पास
इंदौर 54 KM 
ओंकारेश्वर 61 कि.मी
उज्जैन 85 KM 
महेश्वर 108 KM 
भोपाल 141 KM 
 
निकटवर्ती जिले
देवास 44 KM 
इंदौर 53 KM
उज्जैन 83 किलोमीटर 
शाजापुर 89 KM 
 
रेलवे स्टेशन के पास
देवास जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 46 KM 
इंदौर जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 53 KM 
सामाजिक एवं विकास कार्य : NA
कार्यक्रम सहयोगी परिचय : दीपक हम्मड़  जिला प्रोजेक्ट निदेशक देवास 
मुन्नालाल भार्गव मंत्री
सरदार कन्नोजे सहायक सचिव
ग्राम पंचायत से सम्बंधित जानकारी:  
 
ग्राम पंचायत और उसके अधिकार,
देश की करीब 70 फीसदी आबादी गाँवों में रहती है और पूरे देश में दो लाख 39 हजार ग्राम पंचायतें हैं। त्रीस्तरीय पंचायत व्यस्था लागू होने के बाद पंचायतों को लाखों रुपए का फंड सालाना दिया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान और पंचों की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है, लेकिन ग्रामीण जनता को अपने अधिकारों और ग्राम पंचायत के नियमों के बारे में पता नहीं होता।
 
क्या होती है ग्राम पंचायत ? 
किसी भी ग्रामसभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है। हर गाँव में एक ग्राम प्रधान होता है। जिसको सरपंच या मुखिया भी कहते हैं। 1000 तक की आबादी वाले गाँवों में 10 ग्राम पंचायत सदस्य, 2000 तक 11 तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य हाेने चाहिए। ग्राम सभा की बैठक साल में दो बार होनी जरूरी है। जिसकी सूचना 15 दिन पहले नोटिस से देनी होती है। ग्रामसभा की बैठक बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान को होता है। बैठक के लिए कुल सदस्यों की संख्या के 5वें भाग की उपस्थिति जरूरी होती है।
 
  ग्राम पंचायत का गठन 
 
a) सरपंच न्याय प्रक्रिया से सम्बंधित 
 
ग्राम पंचायत की न्यायपालिका को ग्राम कचहरी कहते हैं जिसका प्रधान सरपंच होता है. सरपंच का निर्वाचन मुखिया की तरह ही प्रत्यक्ष ढंग से होता है, सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष है. उसे कदाचार, अक्षमता या कर्तव्यहीनता के कारण सरकार द्वारा हटाया भी जा सकता है. अगर 2/3 पञ्च सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास कर दें तो सरकार सरपंच को हटा सकती है. सरपंच का प्रमुख कार्य ग्राम कचहरी का सभापतित्व करना है. कचहरी के प्रत्येक तरह के मुक़दमे की सुनवाई में सरपंच अवश्य रहता है. सरपंच ही मुक़दमे को स्वीकार करता है तथा मुक़दमे के दोनों पक्षों और गवाहों को उपस्थित करने का प्रबंध करता है. वह प्रत्येक मुकदमे की सुनवाई के लिए दो पंचों को मनोनीत करता है. ग्राम कचहरी की सफलता बहुत हद तक उसकी योग्यता पर निर्भर करती है.
 
b) मुखिया/ग्राम प्रधान/सरपंच 
 
ग्राम पंचायत के अंतर्गत मुखिया का स्थान महत्त्वपूर्ण है. उसकी योग्यता तथा कार्यकुशलता पर ही ग्राम पंचायत की सफलता निर्भर करती है. मुखिया ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति के चार सदस्यों को मनोनीत करता है. मुखिया का कार्यकाल 5 वर्ष है. परन्तु, ग्राम पंचायत अविश्वास प्रस्ताव पास कर मुखिया को पदच्युत कर सकती है. पंचायत के सभी कार्यों की देखभाल मुखिया ही करता है. मुखिया अपनी कार्यकारिणी समिति की सलाह से ग्राम पंचायत के अन्य कार्य भी कर सकता है. ग्राम पंचायत में न्याय तथा शान्ति की व्यवस्था करने का उत्तरदायित्व उसी पर है. उसकी सहायता के लिए ग्रामरक्षा दल भी होता है. उसे ग्राम-कल्याण कार्य के लिए बड़े-बड़े सरकारी पदाधिकारियों के समक्ष पंचायत का प्रतिनिधित्व करने भी अधिकार है. वह ग्रामीण अफसरों के आचरण के विरुद्ध शिकायत भी कर सकता है.
 
c) पंचायत सेवक (सचिव)
 
प्रत्येक ग्राम पंचायत का एक कार्यालय होता है, जो एक पंचायत सेवक के अधीन होता है. पंचायत सेवक की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा होती है. उसे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन भी मिलता है. ग्राम पंचायत की सफलता पंचायत सेवक पर ही निर्भर करती है. वह ग्राम पंचायत के के सचिव के रूप में कार्य करता है और इस नाते उसे ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के निरीक्षण का अधिकार है. वह मुखिया, सरपंच तथा ग्राम पंचायत को कार्य-सञ्चालन में सहायता देता है. राज्य सरकार द्वारा उसका प्रशिक्षण होता है. ग्राम पंचायत के सभी ज्ञात-अज्ञात प्रमाण पंचायत सेवक के पास सुरक्षित रहते हैं. अतः, वह ग्राम पंचायत के कागजात से पूरी तरह परिचित रहता है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पेश करता  है. संक्षेप में, ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के सम्पादन में उसका महत्त्वपूर्ण स्थान है.
 
d) ग्रामरक्षा दल
 
18 से 30 वर्ष के स्वस्थ युवकों से ग्रामरक्षा दल बनता है. गाँव की रक्षा के लिए यह दल होता है, जिसका संगठन ग्राम पंचायत करती है. चोरी, डकैती, अगलगी, बाढ़, महामारी इत्यादि आकस्मिक घटनाओं के समय यह दल गाँव की रक्षा करता है. इसका नेता “दलपति” कहलाता है.
 
ग्राम पंचायत की समितियां और उनके कार्य 

1. नियोजन एवं विकास समिति सदस्य :
सभापति, प्रधान, छह अन्य सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग का एक-एक सदस्य अनिवार्य होता है। समिति के कार्य: ग्राम पंचायत की योजना का निर्माण करना, कृषि, पशुपालन और ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का संचालन करना। 
 
2. निर्माण कार्य समिति सदस्य: 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की ही तरह) समिति के कार्य: समस्त निर्माण कार्य करना तथा गुणवत्ता निश्चित करना।
 
3. शिक्षा समिति सदस्य: 
सभापति, उप-प्रधान, छह अन्य सदस्य, (आरक्षण उपर्युक्त की भांति) प्रधानाध्यापक सहयोजित, अभिवाहक-सहयोजित करना। समिति के कार्य: प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा तथा साक्षरता आदि सम्बंधी कार्यों को देखना। 
 
4. प्रशासनिक समिति सदस्य: 
सभापति-प्रधान, छह अन्य सदस्य आरक्षण (ऊपर की तरह) समिति के कार्य: कमियों-खामियों को देखना। 
 
5. स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति सदस्य : 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) समिति के कार्य: चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण योजनाओं का संचालन, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की उन्नति एवं संरक्षण। 
 
6. जल प्रबंधन समिति सदस्य: 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) प्रत्येक राजकीय नलकूप के कमांड एरिया में से उपभोक्ता सहयोजित 

मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की होती हैं ये जिम्मेदारियां
1- गाँव के रोड को पक्का करना, उनका रख रखाव करना,
ग्राम पंचायत में जितनी भी कच्ची-पक्की सड़कों का निर्माण होता है, सभी ग्राम प्रधान को ही देखने होते हैं, साथ ही पानी निकासी के ड्रेनेज की भी व्यवस्था भी करनी होती है।
 
2- गाँव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना, 
इसमें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणों के पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है।
 
3- पशु पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, दूध बिक्री केंद्र और डेयरी की व्यवस्था करना, 
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास पशुपालन कमाई का एक जरिया होता है, लेकिन पशुपालकों को दूध बिक्री की समस्या होती है, इसलिए पंचायत स्तर पर दूध बिक्री केंद्र व डेयरी की व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालन के लिए जानकारी, उनका टीका और उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो।
 
4- सिंचाई के साधन की व्यवस्था,
किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था, नहर से निकली नालियों की साफ-सफाई का काम भी ग्राम पंचायत को देखना होता है।
 
5- गाँव में स्वच्छता बनाये रखना, 
ग्रामीण क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई, गाँव में दवाइयों का छिड़काव, साथ एएनएम, आशा बहु टीका लगा रहीं हैं कि नहीं ये भी देखना होता है। 
 
6- गाँव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना,
ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करनी होती है, ताकि ऐसे स्थानों पर पर्याप्त उजाला रहे।
 
7- दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रख रखाव करना, 
पंचायत में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोगों के लिए दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है। कब्रिस्तान की चाहरदिवारी का निर्माण भी ग्राम प्रधान को कराना होता है।
 
8- कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना, 
गाँवों में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कृषि गोष्ठी करानी होती है, ताकि किसानों को नई जानकारियां मिलती रहें। 
 
9- कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों प्रोत्साहित करना,
अगर कोई किसान कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग करता है तो उसे प्रोत्साहित करना होता है, जिससे दूसरे किसान भी उनसे जानकारी ले सकें। 
 
10- गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना, 
गाँव में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, समय-समय पर जागरूकता रैली निकालने, घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना ताकि वो अपने बच्चों को विद्यालय भेजें।
 
11- खेल का मैदान व खेल को बढ़ावा देना,
बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना। 
 
12- स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना,
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में सार्वजनिक शौचालय बनाना व उनका रख रखाव करना। जिनके घर में शौचालय का निर्माण हो गया है, उन्हें शौचालय प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना और लोगों को स्वच्छता अभियान का महत्व समझाना। 
 
13- गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना, 
गाँव को हरा-भरा बनाने के लिए गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना और दूसरों को प्रोत्साहित करना, साथ ही उसका उनका रख रखाव करना। 
 
14- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, 
बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, जिससे लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजें।
 
15- जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना,
ग्राम पंचायत में जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, जिससे जनगणना जैसे कामों में आसानी आ जाए। इसके बारे में प्रशासन को समय-समय पर सूचित करना होता है। 
 
16- गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था,
शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर आठवीं तक बच्चों की शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था करना। 
 
17- गाँव में भाई चारे का माहौल बनाना,
गाँव में किसी धर्म या समुदाय में लड़ाई-झगड़े न हो ऐसा माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना। 
 
18- आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना,
ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, वो काम कर रही हैं कि नहीं, सभी को पोषाहार मिल रहा है कि नहीं ये सब देखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। 
 
19- मछली पालन को बढ़ावा देना,
मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है। अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं तो उनका संरक्षण व मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया
 
ग्राम पंचायत की आय के स्रोत क्या हैं?

ग्राम पंचायत की आय के निम्नलिखित साधन हैं – – –
 
i) भारत सरकार से प्राप्त अंशदान, अनुदान या ऋण अथवा अन्य प्रकार की निधियाँ
 
ii) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त चल एवं अचल सपंत्ति से प्राप्त आय
 
iii) भूराजस्व एवं सेस से प्राप्त राशियाँ
 
iv) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अंशदान, अनुदान या ऋण सबंधी अन्य आय
 
v) राज्य सरकार की अनुमति से किसी निगम, निकाय, कम्पनी या व्यक्ति से प्राप्त अनुदान या ऋण
 
vi) दान के रूप में प्राप्त राशियाँ या अंशदान

vii) सरकार द्वारा निर्धारित अन्य स्रोत

तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में

 

         क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए  तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। 

 

   1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन         रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।

2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।

3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।

4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।

5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।

6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।

7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।

8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।

9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।

11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।

12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।

13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।

14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।

15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।

16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।

17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।

18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।

19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।

20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।

21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।

22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।

23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ?
भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।

24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ? देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।

मेरा गांव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान फ़ोटो परियोजना के बारे में : 

संस्था द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट का उद्देश ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को डिजीटल इंडिया एवम तिरंगे के प्रति जागरूक कर पासपोर्ट साइज फोटो परियोजना के माध्यम से आर्थिक विकास में सहयोग कर पंजीकृत नागरिक को योजना फॉर्म में लगाने हेतु 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो कैलन्डर सहित उपलब्ध कराना, एक सर्वे के अनुसार 90% छात्र, नागरिक एक बार मे 4/5 फ़ोटो बनवाते हैं, जिसको 20 से 25 रुपये में शॉप द्वारा बनाकर दिए जाते हैं, प्रत्येक वर्ष 8 से 9 फ़ोटो की जरूरत होती है रुपये खर्चे के साथ बार बार समय भी खर्च होता है, संस्था इस परियोजना में छात्र, नागरिकों का पंजीकरण शुल्क मात्र 40 रुपये में 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो, कैलेंडर, हैंड फ्लैग, गांव का मोबाइल ऐप लिंक, बारकोड,तिरंगा,सहित आवेदकों को उपलब्ध रही है, जिसका मार्किट मूल्य लगभग 150 से 200 रुपये में 45 फ़ोटो अलग अलग समय दुकान से बन पाते हैं, लेकिन संस्था द्वारा तेयार किए गए फोटो कैलेंडर की लागत मात्र 60 रुपिया आती है ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य,पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से 20रुपिया सब्सिडी देकर मात्र 40 रुपये पंजीकरण में छात्र, नागरिक इस योजना का लाभ ले सकते हैं, बच्चों का एक सपना होता है घर मे जो कैलेंडर लगा है उस पर उनकी फोटो लगी हो इस प्रोजेक्ट के माध्यम से अमीर गरीब समस्त नागरिकों के सपने पूरा करने हेतु कैलेंडर पर छात्र आवेदक का फोटो लगाकर उनके सपने पूरे करने का प्रयास कर रहे हैं, इस परियोजना में कुछ धनराशि संस्था अपने स्तर से खर्च करती है प्रोजेक्ट पर कार्य करने वालो के लिये, आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक पदाधिकारी नियुक्त कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, आओ भारत जोड़ें अभियान में बच्चों का सपना कैलेंडर पर फ़ोटो हो अपना, मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फ़ोटो परियोजना द्वारा 45 फ़ोटो कैलेंडर सहित समस्त स्कूलों से अनुबंध कर उपलब्ध करा रहे हैं जिससे छात्र स्कूल के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ा रहे वर्षों बाद भी एक क्लिक में अपने मोबाइल पर स्कूल की तस्वीर देख सकता है संस्था ने राष्ट्रहित में इस प्रोजेक्ट को समर्पित किया है।
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