महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : राहुल कुमार सिन्हा
पद : उपायुक्त DC
विभाग : NA
नियुक्त : रांची
राज्य : झारखण्ड

विवरण :

 

रांची जिले के बारे में

रांची जिला झारखंड राज्य, भारत के 24 जिलों में से एक है। रांची जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही रांची है। रांची जिला आबादी 2 9 202022 है। जनसंख्या द्वारा झारखंड राज्य में यह सबसे बड़ा जिला है।

भूगोल और जलवायु रांची जिला

यह अक्षांश -23.3, रेखांश -85.3 पर स्थित है। रांची जिला दक्षिण में खुंति जिले के साथ सीमा, पश्चिम में लोहारदागा जिला, उत्तर में रामगढ़ जिला, पूर्व में पुरुलिया जिला सीमा साझा कर रहा है। यह पूर्व में पश्चिम बंगाल राज्य के साथ सीमा साझा कर रहा है। रांची जिले में लगभग 7574 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है। । इसकी 713 मीटर से 200 मीटर की ऊंचाई सीमा है। यह जिला हिंदी इंडिया से संबंधित है।

रांची जिले का जलवायु

गर्मियों में गर्म है। रांची जिला गर्मियों में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच है।

जनवरी का औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 1 9 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 25 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 28 डिग्री सेल्सियस है, मई 32 डिग्री सेल्सियस है।

रांची जिले के डेमो ग्राफिक्स

हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। इसके अलावा लोग उर्दू, बंगाली, असुरी, मुंडा बोलते हैं। रांची जिला 15 ब्लॉक, 305 पंचायत, 2438 गांवों में बांटा गया है। 53333 आबादी के साथ आबादी द्वारा लापुंग ब्लॉक सबसे छोटा ब्लॉक है। कंक ब्लॉक 1026448 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा सबसे बड़ा ब्लॉक है।

रांची जिले की जनगणना 2011

रांची जिला जनगणना 2011 के मुताबिक कुल आबादी 2 9 12022 है। माले 14 9 3345 हैं और महिलाएं 1418677 हैं। कुल मिलाकर लोग कुल 1 9 265 9 4 हैं। कुल क्षेत्रफल 7574 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य में 1 सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य द्वारा राज्य में 1 सबसे बड़ा जिला। जनसंख्या द्वारा देश में 12 9 वां सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में 1 सबसे ऊंचा जिला। देश में 217 वां उच्चतम जिला साक्षरता दर से साक्षरता दर 77.13 है

रांची जिले में राजनीति

एजेएसयू पार्टी, एजेएसयू, बीजेपी, जेएमएम, जेवीएमपी, जेकेपी रांची जिले में प्रमुख राजनीतिक दलों हैं।

रांची जिले में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र

रांची जिले में कुल 8 विधानसभा क्षेत्रों।

निर्वाचन क्षेत्र का नाम विधायक नाम पार्टी

तामार = विकास कुमार मुंडा एजेएसयू पार्टी

सिली = अमित कुमार जेएमएम

खेजरी = रामकुमार पहन बीजेपी

रांची = चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह भाजपा

हटिया = नविन जयस्वाल जेवीएमपी

कंक  = डॉ जितु चरन राम बीजेपी

रांची जिले में संसद निर्वाचन क्षेत्र

रांची जिले में कुल 3 संसद निर्वाचन क्षेत्रों।

निर्वाचन क्षेत्र का नाम एमपी नाम पार्टी

रांची = राम तहल चौधरी बीजेपी

खुंति = करिया मुंडा बीजेपी

लोहारदा = सुदर्शन भगत बीजेपी

 

रांची जिला पर्यटन

दासम फॉल्स, रांची, दासम पानी गिरता है, निकी बिंदु रांची हिल और पहारी मंदिर, जगन्नाथपुर मंदिर, हुंड्रू पतन, जोन्हा पतन। , जोन्हा फॉल, पंचगाग फॉल, पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए हैं।

रांची जिले में मंदिर

सूर्य मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, रानी सती मंदिर, पंचमुखी मंदिर रांची जिले में प्रसिद्ध मंदिर हैं

रांची परिवहन

सड़क परिवहन

जिला मुख्यालय रांची सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। रांची सड़क से रांची (झारखंड की राजधानी) तक लगभग 1 किलोमीटर है

रेल वाहक

रांची में प्रमुख रेल मार्ग स्टेशन रांची, हटिया भारत के अधिकांश महत्वपूर्ण शहरों और रेलवे स्टेशन से जुड़ रहा है।

जिले के कुछ रेलवे स्टेशन मुरी, नमकॉन, खलारी, तातिसीलवाई, तुलिन, सिली, गंगाघाट, किता .... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।

बस ट्रांसपोर्ट

शहरों के पास 

रांची 0 किलोमीटर 

पतरातू  38 किमी 

रामगढ़ 39 किलोमीटर 

एयर पोर्ट्स के पास

रांची हवाई अड्डे 2 किमी

गया हवाई अड्डे 180 किमी 

पटना हवाई अड्डा 282 किलोमीटर 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट 367 किलोमीटर

जिलों के पास

रांची 0 किलोमीटर

खुंति 33 किमी 

रामगढ़ 40 किलोमीटर 

लोहारदागा 73 किलोमीटर 

रेलवे स्टेशन के पास 

अरगोड़ा  रेल वे स्टेशन 1.1 किमी 

रांची रेल वे स्टेशन 2.3 किलोमीटर 

हटिआ रेल वे स्टेशन 4.2 किलोमीटर

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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