महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : श्रीमती नैन्सी सहाय
पद : उपायुक्त DC
विभाग : NA
नियुक्त : हजारीबाग
राज्य : झारखण्ड

विवरण :

हजारीबाग जिले के बारे में
हजारीबाग जिला झारखंड राज्य, भारत के 24 जिलों में से एक है। हजारीबाग जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही हजारीबाग है। यह राज्य की राजधानी रांची की ओर 84 किलोमीटर दक्षिण स्थित है। हजारीबाग जिला आबादी 1734005 है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य में 7 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु हजारीबाग जिला
यह अक्षांश -23.9, रेखांश -85.3 पर स्थित है। हजारीबाग जिला उत्तर में गया जिले के साथ सीमा, पश्चिम में चतुरा जिला, पूर्व में गिरिडीह जिला, उत्तर में कोडरमा जिला, दक्षिण में रामगढ़ जिला सीमा साझा कर रहा है। यह उत्तर में बिहार राज्य के साथ सीमा साझा कर रहा है। हजारीबाग जिले में लगभग 4313 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है। । इसकी 447 मीटर से 308 मीटर ऊंचाई सीमा है। यह जिला हिंदी पट्टी क्षेत्र से संबंधित है।
हजारीबाग जिले का जलवायु
गर्मियों में गर्म है। हजारीबाग जिला गर्मियों में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 43 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
जनवरी का औसत तापमान 14 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 1 9 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 25 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 2 9 डिग्री सेल्सियस है, मई 34 डिग्री सेल्सियस है।
हजारीबाग जिले के डेमो ग्राफिक्स
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। लोग भी सांताली बोलते हैं। हजारीबाग जिला 12 ब्लॉक, 262 पंचायत, 1678 गांवों में बांटा गया है। 43411 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा पद्म ब्लॉक सबसे छोटा ब्लॉक है। हजारीबाग ब्लॉक 270664 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा सबसे बड़ा ब्लॉक है।
हजारीबाग जिले की जनगणना 2011
हजारीबाग जिला जनगणना 2011 के मुताबिक कुल जनसंख्या 1734005 है। पुरुष 891061 हैं और महिलाएं 842944 हैं। कुल मिलाकर लोग 1147218 कुल हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 4313 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य में 7 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य द्वारा राज्य में 6 वां सबसे बड़ा जिला। जनसंख्या द्वारा देश में 277 वें सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में 6 वां उच्चतम जिला। देश में 375 वें जिला साक्षरता दर से साक्षरता दर 70.48 है
हजारीबाग जिले और जनसंख्या में उप जिलों की सूची
उप जिला नाम कुल जनसंख्या = मकानों  की संख्या
चौपारण  161,814 = 27,833
बरही 131,669 = 21,487
पद्म 56014 = 10440
इचक  112,815 = 20,908
तती झारी 48549 = 8903
दारू  52305 = 9105
बरकथा  122,269 = 20203
चलकुशा  52068 = 7977
बिशनगढ़  156,477 = 26,309
हजारीबाग 290,098 = 51,178
कटकमसांडी  108,361 = 18,363
कटकमदाग  82385 = 14462
केरेडारी  91357 = 17635
बरकागांव 136,839 = 25,760
चुरचू  53705 = 9599
दादी 77770 = 14587
हजारीबाग जिले में राजनीति
बीजेपी, जेएमएम, जेवीएमपी, सीपीआई (एम) (एल), कांग्रेस हजारीबाग जिले में प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
हजारीबाग जिले में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
हजारीबाग जिले में कुल 4 विधानसभा क्षेत्रों।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम विधायक नाम पार्टी
बरकाथा जंकी प्रसाद यादव जेवीएमपी संपर्क न.  8084709755
बरही  मनोज कुमार यादव कांग्रेस संपर्क न. 9431140040
मंडु जय प्रकाश भाई पटेल जेएमएम संपर्क न. 9661287211
हजारीबाग मनीष जयस्वाल भाजपा संपर्क न. 9431140323
हजारीबाग जिले में संसद निर्वाचन क्षेत्र
हजारीबाग जिले में कुल 2 संसद निर्वाचन क्षेत्रों।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम एमपी नाम पार्टी
कोडर रविंद्र क्रा। रे भाजपा
हजारीबाग जयंत सिन्हा बीजेपी
हजारीबाग जिला पर्यटन
हजारीबाग, हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान, कैनरी हिल, पंचमंदिर, बुधवा महादेव मंदिर, नरसिंह मंदिर, बरसो पान गुफा, राजप्रप्पा मंदिर, यात्रा के लिए पर्यटन स्थलों हैं।
हजारीबाग परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय हजारीबाग सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हजारीबाग सड़क से लगभग 84 किलोमीटर दूर रांची (झारखंड की राजधानी)
रेल वाहक
बस परिवहन
हजारीबाग जिले में पिन कोड
825402 (इचक), 82531 9 (सुधारक विद्यालय), 825336 (चरही), 825405 (बरही (हजारीबाग)), 825317 (बीएसएफ मेरु), 825302 (कॉलेज मोर), 825315 (कोनार्डम), 825323 (बरकाथा), 825303 (कोररा) , 825313 (दारू), 825301 (हजारीबाग), 825311 (बरकागांव), 825411 (पद्म), 825406 (चौपरन), 825312 (बिशंगगढ़ (हजारीबाग)),
शहरों के नजदीक
हजारीबाग 2 किलोमीटर 
सौंदा 41 किमी 
partatu 44 किमी
रामगढ़ 47 किमी
एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 83 किमी 
गया हवाई अड्डे 105 किमी 
पटना हवाई अड्डे के पास 202 किलोमीटर दूर 
वाराणसी हवाई अड्डे के पास 337 किमी
जिलों के पास
हजारीबाग 0 किमी 
रामगढ़ 47 किमी 
छत्र 62 किमी निकटतम
कोडरमा 64 किलोमीटर 
रेलवे स्टेशन के पास
Patratu रेलवे स्टेशन 40 किलोमीटर 
बरका कान रेल मार्ग स्टेशन 46 किलोमीटर दूर है
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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