महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : विजया जाधव
पद : उपायुक्त DC
विभाग : NA
नियुक्त : पूर्वी सिंहभूम
राज्य : झारखण्ड

विवरण :

पूर्वी सिंहभूम जिले के बारे में
पूर्वी सिंहभूम जिला झारखंड राज्य, भारत के 24 जिलों में से एक है। पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही जमशेदपुर है। यह राज्य राजधानी रांची की तरफ 126 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। पूर्वी सिंहबम जिला आबादी 22 9 1032 है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य में 4 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु पूर्वी सिंहबम जिला
यह अक्षांश -22.7, रेखांश -86.1 पर स्थित है। पूर्वी सिंहभूम जिला पश्चिम में साराइकेला खारसवान जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है, दक्षिण में मयूरभंज जिला, पूर्व में मेदिनीपुर पश्चिम जिला, उत्तर में पुरुलिया जिला। यह ओडिशा राज्य के साथ दक्षिण, पश्चिम बंगाल राज्य उत्तर में सीमा साझा कर रहा है। पूर्वी सिंहबम जिले में लगभग 3533 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है। । इसकी 198 मीटर से 102 मीटर ऊंचाई सीमा तक है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
पूर्वी सिंहभूम जिले का जलवायु
गर्मियों में गर्म है। पूर्वी सिंहभूम जिला गर्मियों में सबसे ज्यादा दिन का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 43 डिग्री सेल्सियस के बीच है।
जनवरी का औसत तापमान 17 डिग्री सेल्सियस है, फरवरी 22 डिग्री सेल्सियस है, मार्च 27 डिग्री सेल्सियस है, अप्रैल 30 डिग्री सेल्सियस है, मई 33 डिग्री सेल्सियस है।
पूर्वी सिंहभूम जिले के डेमो ग्राफिक्स
हिंदी यहां स्थानीय भाषा है। इसके अलावा लोग उर्दू, बंगाली, उड़िया, गुजराती, नेपाली, मारवाड़ी, पंजाबी बोलते हैं। पूर्वी सिंहबम जिला को 11 खंड, 23 9 पंचायत, 2121 गांवों में बांटा गया है। 53615 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा डुमरिया ब्लॉक सबसे छोटा ब्लॉक है। गोल्मुरी सह जुगसालाई ब्लॉक 1076544 आबादी के साथ जनसंख्या द्वारा सबसे बड़ा ब्लॉक है।
 
पूर्वी सिंहभूम जिले की जनगणना 2011
पूर्वी सिंहभूम जिला जनगणना 2011 के अनुसार कुल आबादी 22 9 1032 है। पुरुषों 1175491 हैं और महिलाएं 1115541 हैं। कुल मिलाकर लोग 1515747 कुल हैं। इसका कुल क्षेत्र 3533 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या द्वारा राज्य का चौथा सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य द्वारा राज्य में 12 वां सबसे बड़ा जिला। जनसंख्या द्वारा देश में 198 वां सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में 2 वां उच्चतम जिला। देश में 244 वें जिला साक्षरता दर से साक्षरता दर 76.13 है
पूर्वी सिंहभूम जिले और जनसंख्या में उप जिलों की सूची
उप जिला नाम कुल जनसंख्या सदनों की संख्या
पटमदा  82876 = 17042
बोराम  69013 = 14030
गोलमुरी -कम-जुगसलाई  1260201 = 254985
घाटशिला 129,905 = 28,246
पोटका  199,612 = 41,387
मुसाबनी 107,084 = 22,480
डुमरिअ  62128 = 12457
धालभूमगढ़  61932 = 13390
गुरबांधा  43001 = 9176
चाकुलिअ  125,116 = 28,544
बहरागोड़ा  153,051 = 35,194
 
पूर्वी सिंहभूम जिले में राजनीति
एजेएसयू पार्टी, जेवीएम (पी), बीजेपी, जेएमएम, आईएनसी पूर्वी सिंहबम जिले में प्रमुख राजनीतिक दलों हैं।
पूर्वी सिंहबम जिले में कुल 8 विधानसभा क्षेत्रों।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम विधायक नाम पार्टी
जमशेदपुर पश्चिम सरयू राय बीजेपी संपर्क न. 9431114466 
बहरागोरा कुणाल शारंगी जेएमएम संपर्क न. 9031500007
घाटशिला लक्ष्मण तुडू बीजेपी संपर्क न. 9431113989
पोटका मेनका सरदार बीजेपी संपर्क न. 9431112885
जुगसालाई राम चन्द्र साहिस एजेएसयू पार्टी संपर्क न. 9934179917
जमशेदपुर पूर्व रघुबर दास बीजेपी संपर्क न. 06572346666, 
पूर्वी सिंहबम जिले में कुल 2 संसद निर्वाचन क्षेत्र।
निर्वाचन क्षेत्र का नाम एमपी नाम पार्टी
जमशेदपुर बिद्युत बरान महातो बीजेपी
सिंहभूम  लक्ष्मण गिलुवा बीजेपी
पूर्वी सिंहबम जिला पर्यटन
जमशेदपुर, जुबली पार्क, हुडको झील, सर दोराबजी टाटा पार्क, भाटिया पार्क, भुवनेश्वरी मंदिर, टाटा जूलॉजिकल पार्क, दीमा झील, पर्यटन स्थलों के भ्रमण के लिए हैं।
पूर्वी सिंहभूम परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय जमशेदपुर सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। जमशेदपुर, मुसाबानी, घाटशिला इस जिले के शहर प्रमुख शहरों और दूरस्थ गांवों के लिए सड़क कनेक्टिविटी रखते हैं। जमशेदपुर सड़क से रांची (झारखंड की राजधानी) तक लगभग 126 किलोमीटर है
रेल वाहक
ईस्ट सिंघबम में प्रमुख रेल मार्ग स्टेशन ताटानगर जेएन भारत के अधिकांश महत्वपूर्ण शहरों और रेलवे स्टेशन से जुड़ रहा है।
जिले के कुछ रेलवे स्टेशन घाटिला, आदित्यपुर, चकुलिया, राखा खान, गलुडिह, दलभूमगढ़, असनबोनी, कोकपरा हैं .... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवह
पूर्वी सिंहभाम जिला, पुरुलिया जिला,। दीमालेक एसिंघुमी बिल्डिंग रेडक्रॉसबिल्डिंग कम्युनिटी पॉलिसिंग ईस्ट सिंहभाम ईस्ट सिंहबम जिला मानचित्र। साराइकला खारसवान जिले से घिरा, पश्चिम सिंहभाम जिला, पुरुलिया जिला,।
  पूर्वी सिंहबम जिले में पिन कोड
832302 (ढलभूमगढ़), 831001 (जमशेदपुर), 832107 (सुंदरनगर), 831004 (टेल्को वर्क्स), 831006 (जुगसालाई), 831007 (एनएमएल), 832102 (जदुगोडा खान), 832103 (मुबंदार), 831011 (सोनारी (पूर्वी सिंहभाम)) , 831012 (आम), 831005 (कदमा), 831018 (एमजीएम मेडिकल कॉलेज), 832304 (महुलिया), 832105 (पटमदा), 831015 (गोबिंदपुर हाउसिंग कॉलोनी), 831017 (बरिडीह कॉलोनी), 831002 (टाटानगर), 831003 (गोलमुरी) , 831009 (Agrico), 832111 (नारवा खान),
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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