महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : श्री रवींद्र कुमार
पद : जिलाधिकारी
विभाग : उत्तर प्रदेश शासन
नियुक्त : कन्नौज
राज्य : उत्तर प्रदेश

विवरण :

introduction
Name : Sh. Ravindra Kumar, (I.A.S)
Designation : District Magistrate
Appointment : Kannauj
Telephone No : 05694-235474
E-Mail id : dmknj[at]nic[dot]in
State : Uttar Pradesh
Division : Kanpur
Head Quarters : Kannauj
Language : Hindi and Urdu, Kanauji
Area: 1993 sq. km
Population : 1658005
Sex Ratio : 879
Density : 792/ sq. km
Literacy : 74.01
Elevation / Altitude: 7 - 140 meters. Above Seal level
Current Time 11:02 AM
Date: Thursday , Oct 03,2019 (IST)
Time zone: IST (UTC+5:30)
District Pin code Index: 209XXX
Vehicle Registration Number: UP-74
RTO Office: Kannauj
कन्नौज जिले के बारे में
कन्नौज जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 71 जिलों में से एक है। कन्नौज जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही कन्नौज है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 120 KM पूर्व में स्थित है। कन्नौज जिले की जनसंख्या 1658005 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 58 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु कन्नौज जिला
यह अक्षांश -27.0, देशांतर -79.9 पर स्थित है। कन्नौज जिला औरैया जिले के साथ दक्षिण, फर्रुखाबाद जिले के उत्तर, उत्तर में हरदोई जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। कन्नौज जिला लगभग 1993 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। । 7 मीटर से 140 मीटर की ऊँचाई की सीमा में। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
कन्नौज जिले का डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू, कनौजी बोलते हैं। कन्नौज जिला 8 खंडों, पंचायतों, 2009 गांवों में विभाजित है।
कन्नौज में ब्लाकों की सूची
छिबरामऊ
गुगरापुर
हसेरन
जलालाबाद
कन्नौज
सौरिख
तालग्राम
उमर्दा
कन्नौज जिले की जनगणना 2011
2011 की जनगणना के अनुसार कन्नौज जिले की कुल जनसंख्या 1658005 है। यहाँ की जनसंख्या 882387 है और महिलाओं की संख्या 775618 है। कुल मिलाकर लोगों की संख्या 1096936 है। कुल क्षेत्रफल 1993 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 58 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य के 56 सबसे बड़े जिले बाय एरिया। जनसंख्या के हिसाब से देश का 297 वां सबसे बड़ा जिला। राज्य में साक्षरता दर से 17 वां जिला है। देश में 283 rd उच्चतम साक्षरता दर से है। साक्षरता दर 74.01 है
कन्नौज जिले में राजनीति
कन्नौज जिले में भाजपा, सपा, बसपा प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
कन्नौज जिले में विधानसभा क्षेत्र
कन्नौज जिले में कुल 3 विधानसभा क्षेत्र।
छिबरामऊ
तिर्वा
कन्नौज
कन्नौज जिले में संसद क्षेत्र
कन्नौज जिले में कुल 1 संसद क्षेत्र।
कन्नौज सुब्रत पथिक भारतीय जनता पार्टी
कन्नौज परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय कन्नौज सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कन्नौज लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) के लिए सड़क मार्ग से लगभग 120 KM है
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशन कन्नौज, गुरसहायगंज, कन्नौज सिटी, जसोदा, मणि मऊ, खुदलपुर, जलालपुर पनवारा, मलिकपुर .... हैं, जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर शहरों और गांवों तक बसें चलाती है।

शहरों के पास
सांडी 32 KM
सिकंदरपुर 38 KM
फतेहपुर चौरासी 49 KM
फतेहगढ़ 50 KM

एयर पोर्ट्स के पास
कानपुर एयरपोर्ट 95 KM
अमौसी एयरपोर्ट 111 KM
ग्वालियर एयरपोर्ट 210 KM
खेरिया एयरपोर्ट 218 KM

जिले के पास
कन्नौज 0 KM
हरदोई 49 KM
फर्रुखाबाद 56 KM
कानपुर देहात 82 KM

रेल्वे स्टेशन के पास
कन्नौज सिटी रेल मार्ग स्टेशन 1.7 KM
कन्नौज रेल मार्ग स्टेशन 1.8 KM
मणि मऊ रेल मार्ग स्टेशन 7.7 के.एम.
बालामऊ जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 49 KM

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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