महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : श्री अभय कुमार सिंह
पद : जिलाधिकारी
विभाग : उत्तर प्रदेश शासन
नियुक्त : बुलंदशहर
राज्य : उत्तर प्रदेश

विवरण :

 

introduction
Name : Mr. Ravindra Kumar(I.A.S)
Designation : District Magistrate
Appointment : BULANDSHAHR
Telephone No : 9454417563
E-Mail id : dmbul[at]nic[dot]in
State : Uttar Pradesh
Division : Meerut
Head Quarters : Bulandshahr
Language : Hindi and Urdu
Area: 3719 sq. km
Population : 3498507
Sex Ratio : 892
Density : 788/ sq. km
Literacy : 70.23
Elevation / Altitude: 217 - 135 meters. Above Seal level
Current Time 07:59 PM
Date: Thursday , Oct 03,2019 (IST)
Time zone: IST (UTC 5:30)
District Pin code Index: 202XXX,203XXX,245XXX
Vehicle Registration Number: UP-13
RTO Office: Bulandshar
DM Profile
Name : Ravindra Kumar
Date of Birth :  10/04/1981
ID No. UP/GOI : 1629
Allotment Year : 2011
Home State : UP
Educational Qualification :  Graduate
Date of Appointment to IAS : 29/08/2011
Current Appointment : District Magistrate, Bulandshahr(UP)

बुलंदशहर जिले के बारे में
बुलंदशहर जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 75 जिलों में से एक है। बुलंदशहर जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही बुलंदशहर है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 409 KM पूर्व में स्थित है। बुलंदशहर जिले की जनसंख्या 3498507 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 22 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु बुलंदशहर जिला
यह अक्षांश -28.4, देशांतर -77.8 पर स्थित है। बुलंदशहर जिला अलीगढ़ जिले के साथ दक्षिण में, बदायूं जिला पूर्व में, गौतम बुद्ध नगर जिला पश्चिम में, गाजियाबाद जिला पश्चिम में सीमा साझा कर रहा है। बुलंदशहर जिले का क्षेत्रफल लगभग 3719 वर्ग किलोमीटर है। । 217 मीटर से 135 मीटर की ऊँचाई की सीमा में इसका स्थान है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
बुलंदशहर जिले के डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू बोलते हैं। बुलंदशहर जिला 15 ब्लॉक, पंचायत, 1455 गांवों में विभाजित है।
बुलंदशहर में ब्लॉक की सूची
अनूपशहर
अरनिया
भवन बहादुर नगर
बुलंदशहर
दानपुर
डिबाई
गुलावटी
जहांगीराबाद
खुर्जा
लखौटी
पहासू
शिकारपुर
सिकंदरबाद
स्याना
उंचगांव
बुलंदशहर जिले की जनगणना 2011
बुलंदशहर जिले की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 3498507 है। 1849105 हैं और महिलाओं की संख्या 2149402 हैं। कुल मिलाकर लोगों की संख्या 2314612 है। कुल क्षेत्रफल 3719 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 22 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य द्वारा 30 सबसे बड़ा जिला क्षेत्र द्वारा। जनसंख्या के हिसाब से देश का 85 वां सबसे बड़ा जिला। राज्य में साक्षरता दर से सबसे अधिक 36 वां जिला है। साक्षरता दर के हिसाब से देश में 385 वां उच्चतम जिला है। साक्षरता दर 70.23 है
बुलंदशहर जिले में राजनीति
भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस बुलंदशहर जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
बुलंदशहर जिले में विधानसभा क्षेत्र
बुलंदशहर जिले में कुल 7 विधानसभा क्षेत्र।
सिकंद्राबाद
बुलंदशहर
सियाना
अनूपशहर
डीवाई
खुर्जा
शिकारपुर
बुलंदशहर जिले में संसद क्षेत्र
बुलंदशहर जिले में कुल 2 संसद क्षेत्र।
बुलंदशहर भोला सिंह भारतीय जनता पार्टी
गौतम बुद्ध नगर डॉ महेश शर्मा भारतीय जनता पार्टी

बुलंदशहर, घूमने के लिए पर्यटन स्थल हैं।
बुलंदशहर जिले के मंदिर
बेलन मंदिर बुलंदशहर जिले का प्रसिद्ध मंदिर है
बुलंदशहर परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय बुलंदशहर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बुलंदशहर, सिकंद्राबाद, शिकारपुर, बुलंदशहर इस जिले के ऐसे शहर हैं जिनके प्रमुख शहरों और दूरदराज के गांवों से सड़क संपर्क है। लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) से सड़क मार्ग से बुलंदशहर लगभग 409 KM दूर है
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशनों में खुर्जा जंक्शन, चोल, सिकंदरपुर, गंगराल हॉल्ट, कमलपुर, बुलंदशहर, राजघाट नरौरा, बराल हैं ... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर शहरों और गांवों तक बसें चलाती है।
शहरों के पास
बुलंदशहर 0 KM
सिकन्दराबाद 15 KM
शिकारपुर, बुलंदशहर 23 KM
ग्रेटर नोएडा 36 KM

एयर पोर्ट्स के पास
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 84 KM
मुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 130 KM
खेरिया एयरपोर्ट 155 KM
पंतनगर एयरपोर्ट 194 KM

जिले के पास
बुलंदशहर 0 KM
गौतम बुद्ध नगर 36 KM
पूर्वी दिल्ली 57 KM
गाजियाबाद 58 KM

रेल्वे स्टेशन के पास
बुलंदशहर रेल मार्ग स्टेशन 1.1 KM
मामन रेल मार्ग स्टेशन 8.9 KM
खुर्जा जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 24 KM
हापुड़ जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 43 KM

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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