महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : माला श्रीवास्तव
पद : जिलाधिकारी
विभाग : NA
नियुक्त : बस्ती
राज्य : उत्तर प्रदेश

विवरण :

introduction
Name : Mala Srivastava , IAS
Designation : District Magistrate
Appointment : Basti
Telephone No : 05542247155, (R) 05542246306
E-Mail id : Email: dmbas[at]nic[dot]in
DM Profile
Batch:- 2009  Cadre:-UP   ID:1255
Home Dist: East Godavari (Andhra Pradesh)  Education: B.E.(Hons) Comp. Sci.
Mrs. Mala Srivastava, 2009 batch IAS officer, has served as DM/Collector district Auriya (2014), DM/Collector district Bahraich (2018) and Spl. Sec. Housing & Urban Planning (15/02/2019) before joining as DM/Collector district Basti (12/07/2019).
Division : Basti
Head Quarters : Basti,
State : Uttar Prdesh
Language : Hindi and Urdu, Bihari
Area: 7309 sq. km
Population : 2461056
Sex Ratio : 959
Density : 916/ sq. km
Literacy : 69.69
Elevation / Altitude: 98 - 103 meters. Above Seal level
Current Time 11:11 AM
Date: Saturday , Sep 21,2019 (IST)
Time zone: IST (UTC+5:30)
District Pin code Index: 272XXX
Vehicle Registration Number: UP-51
RTO Office: Basti

बस्ती जिले के बारे में
बस्ती जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 75 जिलों में से एक है। बस्ती जिला प्रशासनिक प्रमुख तिमाही बस्ती है,। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 206 KM पश्चिम में स्थित है। बस्ती जिले की जनसंख्या 2461056 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 41 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु बस्ती जिला
यह अक्षांश -26.7, देशांतर -82.7 पर स्थित है। बस्ती जिला दक्षिण में अंबेडकर नगर जिले, पश्चिम में फैजाबाद जिले, पश्चिम में गोंडा जिले, पूर्व में संत कबीर नगर जिले, उत्तर में सिद्धार्थ नगर जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। बस्ती जिला लगभग 7309 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। । इसकी 98 मीटर से 103 मीटर की ऊंचाई सीमा में है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
बस्ती जिले के डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू, बिहारी बोलते हैं। बस्ती जिला 14 खंडों, पंचायतों, 4642 गांवों में विभाजित है।
बस्ती में ब्लॉक की सूची
बहादुरपुर
बाँकटी
बस्ती
बगुलिया
गौर
हरियापुर
कप्तानगंज
कुदरहा
पराहास रामपुर
रमनगर
रुदौली
सालौता गोपाल पुर
सौ घाट
विक्रम जोत
बस्ती जिले की जनगणना 2011
बस्ती जिले की कुल जनसंख्या २०११ की जनगणना के अनुसार २४६१०५६ है। यहां की जनसंख्या १२५६२ and२ है और महिलाओं की संख्या १२iter४ateate४ है। कुल मिलाकर लोग १६२2२३५ हैं। कुल क्षेत्रफल sq३० ९ वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 41 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य में 2 एन डी सबसे बड़ा जिला बाय एरिया। जनसंख्या से देश में 178 वाँ सबसे बड़ा जिला। राज्य में साक्षरता दर से 39 वाँ सबसे ऊँचा जिला। देश में 397 वें उच्चतम जिले में साक्षरता दर है। साक्षरता दर 69.69 है
बस्ती जिले में राजनीति
भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस बस्ती जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
बस्ती जिले में विधानसभा क्षेत्र
बस्ती जिले में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र।
महादेवा
हर्रैया
कप्तानगंज
रुधौली
बस्ती सदर
बस्ती जिले में कुल 4 संसद निर्वाचन क्षेत्र।
फैजाबाद लल्लू सिंह भारतीय जनता पार्टी
गोंडा KIRTI वरदान सिंह अलिआ रासा BHAIYA भारतीय जनता पार्टी
संत कबीर नगर PRAVEEN KUMAR NISHAD भारतीय जनता पार्टी
बस्ती हरीश चंद्रा अलीश हरीश DWIVEDI भारतीय जनता पार्टी

बस्ती परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय बस्ती, सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बस्ती, लखनऊ से सड़क मार्ग से लगभग 206 KM दूर (उत्तर प्रदेश की राजधानी) है
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशन बस्ती, बभनान, मुंडेरवा, गौर, तिनिच, गोविंदनगर, चुरेब, बिलहर घाट हैं .... जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर शहरों और गांवों तक बसें चलाती है।
 
शहरों के पास
टांडा 31 KM
सहजनवा 52 KM
फैजाबाद 65 KM
तेतरी बाजार 71 KM
 
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर एयरपोर्ट 79 KM
वाराणसी हवाई अड्डा 168 KM
बमरौली एयरपोर्ट 202 KM
अमौसी एयरपोर्ट 205 KM
 
जिले के पास
बस्ती ० केएम पास
संत कबीर नगर 36 KM
अम्बेडकर नगर 50 KM
फैजाबाद 64 KM
 
रेल्वे स्टेशन के पास
बस्ती रेल मार्ग स्टेशन 5.0 KM
गोविंदनगर रेल मार्ग स्टेशन 7.0 KM
बभनान रेल मार्ग स्टेशन 30 KM 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र : NA