महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : श्री अमित किशोर
पद : जिलाधिकारी
विभाग : उत्तर प्रदेश शासन
नियुक्त : देवरिया
राज्य : उत्तर प्रदेश

विवरण :

introduction
Name : Sh.Amit Kishor (IAS)
Designation : District Magistrate
Appointment : Deoria
Telephone No : +919454417543
E-Mail id : dmdeo[at]nic[dot]in
State : Uttar Pradesh
Division : Gorakhpur
Head Quarters : Deoria
Language : Hindi and Urdu, Bhojpuri
Area: 2535 sq. km
Population : 3098637
Sex Ratio : 1013
Density : 1220/ sq. km
Literacy : 73.53
Elevation / Altitude: 82 - 68 meters. Above Seal level
Current Time 09:40 PM
Date: Wednesday , Oct 02,2019 (IST)
Time zone: IST (UTC+5:30)
District Pin code Index: 274XXX
Vehicle Registration Number: UP-52
RTO Office: Deoria

देवरिया जिले के बारे में
देवरिया जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 75 जिलों में से एक है। देवरिया जिला प्रशासनिक हेड क्वार्टर देवरिया है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 331 KM पश्चिम में स्थित है। देवरिया जिले की जनसंख्या 3098637 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 32 वां सबसे बड़ा जिला है।
 
भूगोल और जलवायु देवरिया जिला
यह अक्षांश -26.5, देशांतर -83.7 पर स्थित है। देवरिया जिला गोपालगंज जिले के साथ पूर्व में, सीवान जिले के पूर्व में, गोरखपुर जिले के पश्चिम में, उत्तर में कुशीनगर जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। यह बिहार राज्य के साथ पूर्व की ओर सीमा साझा कर रहा है। देवरिया जिले का क्षेत्रफल लगभग 2535 वर्ग किलोमीटर है। । इसकी 82 मीटर से 68 मीटर की ऊंचाई सीमा में है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
 
देवरिया जिले का डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू, भोजपुरी बोलते हैं। देवरिया जिले को 16 ब्लॉक, पंचायत, 3480 गांवों में बांटा गया है।
 
देवरिया जिले की जनगणना 2011
देवरिया जिले की कुल जनसँख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 3098637 है। पैमाने 1539313 हैं और महिलाओं की संख्या 1559324 है। कुल मिलाकर लोग 2050058 हैं। कुल क्षेत्रफल 2535 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 32 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य के 45 सबसे बड़े जिले बाय एरिया। देश में जनसंख्या के हिसाब से 113 सबसे बड़ा जिला। राज्य में साक्षरता दर से 22 सबसे अधिक जिला है। देश में 301 सेंट उच्चतम जिला साक्षरता दर से है। साक्षरता दर 73.53
 
देवरिया में ब्लाकों की सूची
1-बैतालपुर
2-बंकाटा
3-बरहज
4-भागलपुर
5-भलुअनी
6-भटनी
7-भाटपार रानी
8-देवरिया
9-देसाई देवरिया
10-गौरी बाजार
11-लर
12-पथार देवा
13-रामपुर करखना
14-रुद्रपुर
15-सलेमपुर
16-तरकलुआ
 
देवरिया जिले में राजनीति
भाजपा, SBSP, सपा, BSP, INC, देवरिया जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
देवरिया जिले में विधानसभा क्षेत्र
देवरिया जिले में कुल 7 विधानसभा क्षेत्र।
रुद्रपुर जय प्रकाश  भाजपा
देवरिया जनमेजय सिंह भाजपा
पथरदेवा सूर्य प्रताप बीजेपी
रामपुर करखाना कमलेश शुक्ला भाजपा
भाटपार रानी आशुतोष एस.पी.
सलेमपुर कालीचरण प्रसाद उर्फ़ काली प्रसाद भाजपा
बरहज सुरेश तिवारी BJP
 
देवरिया जिले में संसद क्षेत्र
देवरिया जिले में कुल 3 संसद क्षेत्र।
देवरिया RAMAPATI RAM TRIPATHI भारतीय जनता पार्टी
सलेमपुर रविन्दर भारतीय जनता पार्टी
बांसगांव कमलेश पासवान भारतीय जनता पार्टी
 
देवरिया परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय देवरिया सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस जिले में लार, देवरिया, रुद्रपुर प्रमुख कस्बों और दूरदराज के गांवों से सड़क संपर्क हैं। देवरिया लखनऊ से लगभग 331 KM दूर उत्तर प्रदेश की राजधानी है
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशन देवरिया सदर, भटनी जंक्शन, सलेमपुर जंक्शन, बेल्थारा रोड, भाटपार रानी, लार रोड, गौरी बाजार, नुनखर .... हैं जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर शहरों और गांवों तक बसें चलाती है।
 
शहरों के पास
देवरिया 1 KM
रुद्रपुर 20 KM
लार 43 KM
पडरौना 54 KM
 
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर एयरपोर्ट 47 KM
वाराणसी एयरपोर्ट 167 KM
पटना एयरपोर्ट 185 KM
गया एयरपोर्ट 255 KM
 
जिले के पास
देवरिया 0 KM
कुशीनगर 32 KM
गोरखपुर 55 KM
 
रेल्वे स्टेशन के पास
देवरिया सदर रेल मार्ग स्टेशन 0.4 KM
अहिल्यापुर रेल मार्ग स्टेशन 7.5 KM
गौरी बाजार रेल मार्ग स्टेशन 16 KM 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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