महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : श्रीमती रंजना, (I.A.S)
पद : जिलाधिकारी
विभाग : उत्तराखंड शासन
नियुक्त : बागेश्वर
राज्य : उत्तराखंड

विवरण :

introduction
Name : Mr. Smt. Ranjana, (I.A.S)
Designation : District Magistrate
Appointment : Bageshwar
Telephone No : 05963-220763
E-Mail id :
State : Uttarakhand
Division : KUMAON
Head Quarters : Bageshwar
Language : Hindi and Kumauni And English
Area: 2302 sq. km
Population : 259840
Sex Ratio : 1093
Density : 116/ sq. km
Literacy : 80.69
Elevation / Altitude: 520 - meters. Above Seal level
Current Time 11:56 AM
Date: Saturday , Oct 05,2019 (IST)
Time zone: IST (UTC+5:30)
District Pin code Index: 263XXX
Vehicle Registration Number: UK-02
RTO Office:  Bageshwar

बागेश्वर जिले के बारे में
बागेश्वर जिला भारत के उत्तराखंड राज्य के 13 जिलों में से एक है। बागेश्वर जिला प्रशासनिक हेड क्वार्टर बागेश्वर है। यह राज्य की राजधानी देहरादून की ओर 205 KM पश्चिम में स्थित है। बागेश्वर जिले की जनसंख्या 259840 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 11 वां सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु बागेश्वर जिला
यह अक्षांश -29.8, देशांतर -79.7 पर स्थित है। बागेश्वर जिला पूर्व में पिथौरागढ़ जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। बागेश्वर जिला लगभग 2302 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। । इसकी 520 मीटर से मीटर की ऊँचाई की सीमा है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
बागेश्वर जिले का डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। इसके अलावा लोग कुमाउनी और अंग्रेजी बोलते हैं। बागेश्वर जिला 3 ब्लॉक, पंचायत, 954 गांवों में विभाजित है।
बागेश्वर जिले की जनगणना 2011
बागेश्वर जिले की कुल जनसँख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 259840 है। यहाँ की जनसंख्या 124147 है और महिलाओं की संख्या 135693 है। कुल मिलाकर लोगों की संख्या 171910 है। कुल क्षेत्रफल 2302 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 11 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य में 11 सबसे बड़ा जिला बाय एरिया। देश में जनसंख्या के हिसाब से 567 सबसे बड़ा जिला। राज्य में साक्षरता दर से ९वां सबसे ऊंचा जिला है। देश में 157 वें उच्चतम जिला साक्षरता दर से है। साक्षरता दर 80.69 है
बागेश्वर जिले में राजनीति
बागेश्वर जिले के प्रमुख राजनीतिक दल BJP, BJP, NCP, INC हैं।
बागेश्वर जिले में कुल 2 विधानसभा क्षेत्र।
कपकोट बलवंत सिंह भौर्याल भाजपा
बागेश्वर चंदन राम दास भाजपा
बागेश्वर जिले में कुल 1 संसद क्षेत्र।
अल्मोड़ा अजय टम्टा भारतीय जनता पार्टी

बागेश्वर, कसौनी, घूमने के लिए पर्यटन स्थल हैं।
बागेश्वर परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय बागेश्वर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बागेश्वर देहरादून (उत्तराखंड की राजधानी) से सड़क मार्ग से 205 कि.मी.
रेल वाहक
बस परिवहन
उत्तरांचल परिवहन (UTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर कस्बों और गांवों तक बसें चलाता है।

शहरों के पास
अल्मोड़ा 32 KM
पिथौरागढ़ 58 KM
नैनीताल 65 KM
चम्पावत 70 KM

एयर पोर्ट्स के पास
पंतनगर एयरपोर्ट 105 KM
देहरादून हवाई अड्डा 196 KM
मुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 233 KM
सिमला एयरपोर्ट 323 KM

जिले के पास
बागेश्वर 0 KM
अल्मोड़ा 32 KM
पिथौरागढ़ 58 KM
नैनीताल 65 KM

रेल्वे स्टेशन के पास
काठगोदाम रेल मार्ग स्टेशन 75 KM
हल्द्वानी रेल मार्ग स्टेशन 81 KM 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र : NA