नाम : | श्री आनंद वर्धन | ||
पद : | मुख्य विकास अधिकारी | ||
विभाग : | उत्तर प्रदेश शासन | ||
नियुक्त : | मुरादाबाद | ||
राज्य : | उत्तर प्रदेश | ||
विवरण :
Introduction Name : Shri Anand Vardhan (I.A.S ) Designation : Chief Development Officer Appointment : MORADABAD Telephone No : 05912451657 E-Mail id : cdomor@nic.in State : Uttar Pradesh Division : Moradabad Head Quarters : Moradabad Language : Hindi and Urdu, English, Khariboli, Haryanvi, Punjabi, Kumaoni Area: 3493 sq. km Population : 4773138 Sex Ratio : 903 Density : 1284/ sq. km Literacy : 58.67 Elevation / Altitude: 221 - 189 meters. Above Seal level Current Time 12:50 PM Date: Tuesday , Nov 30,2021 (IST) Time zone: IST (UTC+5:30) District Pin code Index: 202XXX,244XXX Vehicle Registration Number: UP-21 RTO Office: Moradabad
मुरादाबाद जिले के बारे में
मुरादाबाद जिला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के 71 जिलों में से एक है। मुरादाबाद जिला प्रशासनिक मुख्यालय मुरादाबाद है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 358 KM दक्षिण में स्थित है। मुरादाबाद जिले की जनसंख्या 4773138 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है।
भूगोल और जलवायु मुरादाबाद जिला
यह अक्षांश-28.8, देशांतर-78.7 पर स्थित है। मुरादाबाद जिला पश्चिम में बिजनौर जिले, दक्षिण में बदायूं जिले, पश्चिम में ज्योतिबा फुले नगर जिले, पूर्व में रामपुर जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। मुरादाबाद जिले का क्षेत्रफल लगभग 3493 वर्ग किलोमीटर है। . यह 221 मीटर से 189 मीटर की ऊंचाई सीमा में है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया के अंतर्गत आता है
मुरादाबाद जिले के डेमोग्राफिक्स
हिन्दी यहाँ की स्थानीय भाषा है। इसके अलावा लोग उर्दू, अंग्रेजी, खारीबोली, हरियाणवी, पंजाबी, कुमाऊंनी बोलते हैं। मुरादाबाद जिले को 13 ब्लॉक, पंचायत, 1918 गांवों में विभाजित किया गया है।
मुरादाबाद जिले में पर्यटन
मुरादाबाद जिले में मंदिर
मुरादाबाद जिले में शिव मंदिर प्रसिद्ध मंदिर हैं
मुरादाबाद परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय मुरादाबाद सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। मुरादाबाद, सिरसी, ठाकुरद्वारा, संभल इस जिले के प्रमुख शहरों और दूरदराज के गांवों से सड़क संपर्क वाले शहर हैं। लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) तक सड़क मार्ग से मुरादाबाद लगभग 358 KM दूर है।
रेल वाहक
जिले के कुछ रेलवे स्टेशन मुरादाबाद जंक्शन, राजा का सहसपुर जंक्शन, कुंदरखी, माचार्य, पीपलसाना, रोशनपुर, फरहेदी, कंठ .... हैं जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से कस्बों और गांवों के लिए बसें चलाता है।
मुरादाबाद जिले की जनगणना 2011
2011 की जनगणना के अनुसार मुरादाबाद जिले की कुल जनसंख्या 4773138 है। पुरुष 2508218 और महिलाएं 2264920 हैं। कुल मिलाकर साक्षर लोग 3157908 हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 3493 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है। लेकिन क्षेत्रफल के हिसाब से राज्य का 33 वां सबसे बड़ा जिला। जनसंख्या के हिसाब से देश का 26 वां सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य का 64वां सबसे ऊंचा जिला। साक्षरता दर से देश का 571 वां उच्चतम जिला। इसकी साक्षरता दर 58.67 . है
मुरादाबाद जिले में राजनीति
मुरादाबाद जिले में एमडी, पीईसीपी, बीजेपी, एसपी, बसपा प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
शहरों के पास
मुरादाबाद 8 किमी रामपुर 26 किमी सिरसी 28 किमी अमरोहा 34 किमी
हवाई बंदरगाहों के पास पंतनगर हवाई अड्डा 79 किमी मुजफ्फरनगर हवाई अड्डा 142 किमी इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 186 किमी देहरादून हवाई अड्डा 202 किमी
निकटवर्ती जिले मुरादाबाद 0 किमी रामपुर 26 किमी ज्योतिबा फुले नगर 35 किमी उदम सिंह नगर 70 किमी
रेलवे स्टेशन के पास मुरादाबाद जंक्शन रेल वे स्टेशन 1.6 किमी काठघर रेल मार्ग स्टेशन 2.0 किमी रेल मार्ग स्टेशन 4.7 किमी . मिला रामपुर जंक्शन रेल वे स्टेशन 27 किमी |
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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी :
आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९ जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात) पिता – करमचंद माता – पूतळाबाई शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें। विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi ) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया। सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया। वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया। 1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे। महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य १८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की। १९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया। १९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की। तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया। १९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया। १९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया। १९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये। १९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद। १९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली। १९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे। १९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की। १९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया। १९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया। १९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया। व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में १९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया। महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की। मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी |
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सूचनार्थ पत्र : | NA |