मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
इलाईट पब्लिक स्कूल मदनपुर
प्रबंधक :
श्री योगेश जोशी (प्रिंसीपल)
विशेषता :
इंग्लिश मीडियम
क्षेत्र :
मदनपुर/बसंतपुर
नगर ब्लॉक :
हल्द्वानी
जनपद :
नैनीताल
राज्य :
उत्तराखंड
वेबसाइट :
NA
सम्मान :
श्रीमान प्रिंसिपल महोदय ने नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
मदन मोहन मालवीय स्कूल/कालेज सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
 (मेहनाज़ अंसारी जनरल सेक्रेटरी )
 
विवरण :
introduction
School Name : Elite Public School Madanpur
Medium : English 
Established :  04 Feb 2014
Total students : 220 
Principal Name : Mr. Yogesh Joshi
Mobail No. : 8006471143
Manager Name : Mr. Umesh Singh Chupal
Mobail No. : 7351236789
Adress : Madanpur
Panchayt Name : Basantpur
Block Name : Haldwani
District : Nainital 
State : Uttarakhand 
Language : Hindi and Urdu, Garhwali, Kumauni 
Current Time 09:41 PM 
Date: Monday , Sep 02,2019 (IST) 
Telephone Code / Std Code: 05946 
Vehicle Registration Number:UK-04 
RTO Office : Nanital 
Assembly constituency : Lalkuwa assembly constituency 
Assembly MLA : navin chandra dumka 
Lok Sabha constituency : Nainital-Udhamsingh Nagar parliamentary constituency 
Parliament MP : Ajay Bhatt 
Serpanch Name : Serpanch Name 
Pin Code : 263139 
Post Office Name : Haldwani
 
इलाइट स्कूल की सुबिधा के बारे में जानकारी
UDISE कोड: NA
भवन: निजी
क्लास रूम: 12
बॉय  टॉयलेट: हाँ
गर्ल्स टॉयलेट: हाँ
कंप्यूटर एडेड लर्निंग: हाँ
बिजली: हाँ
दीवार: पक्की
पुस्तकालय: 1 
खेल का मैदान: हाँ
लाइब्रेरी में किताबें: 270 
पीने का पानी: हाँ 
विकलांगों के लिए रैंप: हाँ
कंप्यूटर: 5 
 
मदनपुर /बसंतपुर पंचायत के बारे में
मदनपुर गांव भारत के उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले के हल्द्वानी ब्लॉक की बसंतपुर पंचायत का एक गाँव है। यह जिला मुख्यालय के नैनीताल से दक्षिण की ओर 30 KM दूर स्थित है। हल्द्वानी से 6 कि.मी. राज्य की राजधानी देहरादून से 230 कि.मी.
बसंतपुर पिन कोड 263139 है और डाक प्रधान कार्यालय हल्द्वानी है।
सीतापुर (3 KM), हाथीखाल (3 KM), खरकपुर (4 KM), कुंवरपुर (4 KM), हरिपुर पूर्णंद (5 KM), बसंतपुर के नजदीकी गाँव हैं। बसंतपुर उत्तर की ओर भीमताल ब्लॉक, दक्षिण की ओर रुद्रपुर ब्लॉक, उत्तर की ओर नैनीताल ब्लॉक, उत्तर की ओर धारी ब्लॉक है।
हल्द्वानी, नगला, नैनीताल, रुद्रपुर, बसंतपुर शहरों के पास हैं।
 
बसंतपुर 2011 जनगणना विवरण
बसंतपुर स्थानीय भाषा हिंदी है। बसंतपुर ग्राम कुल जनसंख्या 549 है और घरों की संख्या 109 है। महिला जनसंख्या 47.7% है। ग्राम साक्षरता दर 67.6% है और महिला साक्षरता दर 30.2% है।
आबादी
जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा
कुल जनसंख्या 549
मकान संख्या 109 की कुल संख्या
महिला जनसंख्या 47.7% (262)
कुल साक्षरता दर 67.6% (371)
महिला साक्षरता दर 30.2% (166)
अनुसूचित जनजाति जनसंख्या जनसंख्या 1.1% (6)
अनुसूचित जाति जनसंख्या 14.9% (82)
कार्य जनसंख्या% 52.1%
बाल (0 -6) जनसंख्या 2011 तक 67
बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 38.8% (26)
 
बसंतपुर में राजनीति
भाजपा, भाजपा, इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
बसंतपुर के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) R.k.u.p। वि। इन्द्रानगर प्रथम विन्दुभट्ट आर .2
२) शांतिनगर बिन्दुखत्ता
3) Choragaliya
4) हरिपुर ठठोला
5) Choragaliya
कैसे बसंतपुर पहुंचें
रेल द्वारा
हल्द्वानी रेल मार्ग स्टेशन बसंतपुर के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
 
शहरों के पास
हल्द्वानी 10 KM 
नगला 19 KM 
नैनीताल 29 KM 
रुद्रपुर 30 KM 
तालुकों के पास
हल्द्वानी 6 KM 
भीमताल 21 KM 
रुद्रपुर 28 KM 
नैनीताल 30 KM 
एयर पोर्ट्स के पास
पंतनगर एयरपोर्ट 19 KM 
मुजफ्फरनगर एयरपोर्ट 209 KM 
देहरादून हवाई अड्डा 219 KM 
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 279 KM 
पर्यटक स्थलों के पास
काठगोदाम 14 KM 
भीमताल 22 KM 
सत्तल 24 KM 
भवाली 27 KM 
नौकुचियाताल 28 KM 
जिले के पास
उधम सिंह नगर 29 KM 
नैनीताल 29 KM 
अल्मोड़ा 55 KM 
चंपावत 61 KM 
रेल्वे स्टेशन के पास
हल्द्वानी रेल मार्ग स्टेशन 8.3 KM
लाल कुआँ जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 12 KM
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी