मदन मोहन मालवीय स्कूल/कॉलेज परिचय सूची

स्कूल नाम :
उत्क्रमित उच्च विद्यालय उकुमादकम
प्रबंधक :
देवकांत गोंड
विशेषता :
हिंदी मीडियम
क्षेत्र :
उकुमादकम
नगर ब्लॉक :
मंझारी
जनपद :
पच्छिम सिंहभूम
राज्य :
झारखंड
वेबसाइट :
NA
सम्मान :
स्कूल मैनजमेंट कमेटी द्वारा प्रधानाचार्य जी के सहयोग से नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल-मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना में स्कूल के समस्त पंजीकृत छात्रों को पासपोर्ट साइज़ फोटो प्रोजेक्ट का लाभ नियमानुसार दिलाने एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान प्रचार प्रसार के माध्यम से स्कूल के छात्र परिवारों को जागरूक करने के उपरान्त समिति द्वारा 
मदन मोहन मालवीय स्कूल/कालेज सम्मान पत्र
देकर सम्मानित किया गया, छात्रों को संस्था के माध्यम से शिक्षा में आर्थिक सहयोग बच्चों के सपने कैलेंडर पर फोटो हों अपने में सहायता करने के लिए संस्था आपकी आभारी है,
मेहनाज़ अंसारी 
(जनरल सेक्रेटरी)
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
introduction
School Name:  Utkramit Uchch Vidhalay Ukumadakam
Medium: Hindi
Established:
Total students: Na
Principal Name: Shri Devkant Gond
Mobail no. : 
Locality Name : Ukamadkam ( ुकमडकम )
Block Name : Manjhari
District : West Singhbhum
State : Jharkhand
Language : Hindi and Santali
Current Time 08:59 AM
Date: Friday , Sep 06,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 06589
Vehicle Registration Number:JH-06
RTO Office : Chaibasa
Assembly constituency : Majhgaon assembly constituency
Assembly MLA : niral purty
Lok Sabha constituency : Singhbhum parliamentary constituency
Parliament MP : GEETA KORA
Serpanch Name : NA
Enter Pin Code
Main Village Name : Ukamatkam
 
Basic Infrastructure
UDISE Code : 20171402101
Building: Government
Class Rooms: 7
Boys Toilet: 0
Girls Toilet: 0
Computer Aided Learning: No
Electricity: Yes
Wall: Pucca
Library: Yes
Playground: No
Books in Library: 333
Drinking Water: Hand Pumps
Ramps for Disable: No
Computers: 0
About Utkramit Uchch Vidhalay Ukumadkam
Utkramit Uchch Vidhalay Ukumadkam was established in 1914 and it is managed by the Department of Education. It is located in Rural area. It is located in MANJHARI block of PASHCHIMI SINGHBHUM district of Jharkhand. The school consists of Grades from 1 to 8. The school is Co-educational and it doesn\\\\\\\'t have an attached pre-primary section. The school is N/A in nature and is not using school building as a shift-school. Hindi is the medium of instructions in this school. This school is approachable by all weather road. In this school academic session starts in April.
The school has Government building. It has got 7 classrooms for instructional purposes. All the classrooms are in good condition. It has 2 other rooms for non-teaching activities. The school has a separate room for Head master/Teacher. The school has Pucca boundary wall. The school has have electric connection. The source of Drinking Water in the school is Hand Pumps and it is functional. The school has 0 boys toilet and it is functional. and 0 girls toilet and it is functional. The school has no playground. The school has a library and has 333 books in its library. The school does not need ramp for disabled children to access classrooms.The school has no computers for teaching and learning purposes The school is not having a computer aided learning lab. The school is Provided and Prepared in School Premises providing mid-day meal.
उकुमदकम् के बारे में
उकुमदकम् भारत के झारखंड राज्य के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मंझारी ब्लॉक में एक छोटा सा गाँव / गाँव है। यह उकुमदकम् पंचायत के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय चाईबासा से दक्षिण की ओर 31 KM की दूरी पर स्थित है। राज्य की राजधानी रांची से 150 KM
उकुमदकम् उत्तर की ओर तांतनगर ब्लॉक, दक्षिण की ओर कुमरडुंगी ब्लॉक, पश्चिम की ओर झिंकपानी ब्लॉक, उत्तर की ओर थिरिंग ब्लॉक से घिरा हुआ है।
 
चाईबासा, रायरंगपुर, चक्रधरपुर, जमशेदपुर, उकुमदकम् शहरों के पास हैं।
 
यह स्थान पश्चिम सिंहभूम जिले और मयूरभंज जिले की सीमा में है। मयूरभंज जिला बहलदा इस जगह की ओर पूर्व की ओर है। यह ओडिशा राज्य सीमा के पास है।
उगमदक्कम की जनसांख्यिकी
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है।
उकुमदकम् कैसे पहुचें 
रेल द्वारा
10 किमी से कम में उकामाडकम के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।
उकुमदकम् के पास पिनकोड
833201 (चाईबासा), 833202 (टाटा कॉलेज चाईबासा), 833214 (हातिमगड़िया)
 
शहरों के पास
चाईबासा 30 KM
रायरंगपुर 31 KM
चक्रधरपुर 54 KM 
जमशेदपुर 64 KM
 
तालुकों के पास
मंझारी 0 KM
तांतनगर 10 KM 
कुमारडुंगी 19 KM
झिंकपानी 20 किलोमीटर 
 
एयर पोर्ट्स के पास
रांची एयरपोर्ट 140 KM 
भुवनेश्वर हवाई अड्डा 258 KM 
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट 292 KM 
गया एयरपोर्ट 320 KM 
 
पर्यटक स्थलों के पास
सेराइकेला 46 KM 
जमशेदपुर 67 KM 
बरहीपानी और जोरंडा बरीपानी और जोरांडा फॉल्स 86 KM 
बारीपाड़ा 105 KM 
पुरुलिया 112 KM 
 
जिले के पास
पश्चिम सिंहभूम 30 KM
सरायकेला खरसावां 46 KM 
पूर्वी सिंहभूम 65 KM 
केंदुझर 91 KM 
 
रेल्वे स्टेशन के पास
डांगापोसी रेल मार्ग स्टेशन 42 KM
राजखरसाँ जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 51 KM 
 
उकुमदकम् में राजनीति
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, JBSP, BJP, JMM, इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
उकामाडकम के पास मतदान केंद्र / बूथ
1) अपग्रेड मेसर्स पादी
2) प्राथमिक विद्यालय चतराई
3) मिडिल स्कूल इलिगाडा
4) अपग्रेड मेसर्स बारबिल
५) सीनियर बेसिक स्कूल जम्पू
 मझगांव विधानसभा क्षेत्र में दल।
ChaibasaJagannathpurKumardungiManjhariManjhgaonTantnagar
मझगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।
2014 (एसटी) निरल पर्टी जेएमएम 45218 = 11102 मधु कोरा जेबीएसपी 34090
2009 (ST) बरकुआवर गागराई बीजेपी 34534 = 9890 निराली पूर्ति झामुमो 24644
2005 (ST) निर्मल पूर्ति JMM 38827 = 5201 बरकुवार गागराई बीजेपी 33626
मदन मोहन मालवीय की जीवनी:
मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षा विशारद और राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता अभियान में मुख्य भूमिका अदा की थी और साथ ही वे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके थे. आदर और सम्मान के साथ उन्हें पंडित मदन मोहन मालवीय और महामना के नाम से भी बुलाया जाता था, मालवीय को ज्यादातर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये याद किया जाता है जिसकी स्थापना उन्होंने 1916 में वाराणसी में की थी, इस विश्वविद्यालय की स्थापना B.H.U. एक्ट 1915 के तहत की गयी थी.उस समय यह एशिया की सबसे बड़ी रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी में से एक और साथ की दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटीयो से एक थी जिसमे आर्ट, साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चरल, परफार्मिंग आर्ट्स, लॉ एंड टेक्नोलॉजी के तक़रीबन 35000 विद्यार्थी शिक्षा ले रहे थे.
1919 से 1938 तक मालवीय बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर भी रह चुके थे और साथ ही 1905 में हरिद्वार में हुई गंगा महासभा के वे संस्थापक भी थे. दो पर्व पर मालवीय भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर रह चुके थे. लेकिन फिर 1934 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. बाद में वे हिन्दू महासभा के सदस्य बने. 1922 में गया और 1923 में कशी में हुई हिन्दू महासभा के वे मुख्य अध्यक्ष थे. उन्होंने कई अंग्रेजी अखबारो की स्थापना भी की, जिसे वे 1909 में इलाहबाद से प्रकाशित करते थे. 1924 से 1946 तक वे हिंदुस्तान टाइम्स के चेयरमैन भी रह चुके थे. उनके इन्ही संघर्षो की बदौलत उन्होंने अपने हिंदी एडिशन की स्थापना 1936 में हिंदुस्तान दैनिक के नाम से की.
मालवीय को उनकी 153 वी जन्म तिथि के एक दिन पहले 24 दिसंबर 2014 को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को उत्तरी-दक्षिण भूभाग में इलाहबाद में हुआ था. उनके पिता का नाम पंडित ब्रिजनाथ तथा माता का नाम मूना देवी था. उनके पूर्वज मालवा के संस्कृत भाषा के विद्वान थे. और तभी से उनके परीवार को मालवीय भी कहा जाता है. उनका वास्तविक उपनाम चतुर्वेदी था. उनके पिता ने संस्कृत साहित्यों का अभ्यास कर रखा था और साथ ही संस्कृत भाषा का उन्हें बहोत ज्ञान था.
पारंपरिक रूप से मालवीय ने 2 संस्कृत पाठशाला से शिक्षा ग्रहण की और बादमे इंग्लिश स्कूल से शिक्षा ग्रहण करने लगे. मालवीय ने अपनी स्कूली शिक्षा हरदेव धर्म ज्ञानोपदेश पाठशाला से शुरू की और फिर विधा वर्धिनी सभा से शिक्षा अर्जित की. बाद में वे इलाहबाद ज़िला स्कूल में दाखिल हो गये जहा उन्होंने कविताये लिखना भी शुरू किया, उस समय वे मकरंद के नाम से कविताये लिखते थे और उनकी ये कविताये अखबारो और जर्नल्स में भी प्रकाशित किये जाते थे.
1879 में मुइर सेंट्रल कॉलेज से उन्होंने मेट्रिक की परीक्षा पास की, जो आज इलाहबाद यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है. हैरिसन कॉलेज के प्रिंसिपल मालवीय को मासिक शिष्यवृत्ति भी देते थे, क्योकि उस समय मालवीय की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. और शिष्यवृत्ति की बदौलत ही वे कलकत्ता यूनिवर्सिटी से B.A की परीक्षा में पास हुए. इसके बाद वे संस्कृत में M.A भी करना चाहते थे लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण वे M.A नही कर पाये. इसीके चलते 1884 में मदन मोहन मालवीय ने इलाहबाद की सरकारी हाई स्कूल से असिस्टेंट मास्टर के पद पर रहते हुए अपने करियर की शुरुवात की.
अ-सरकारी संस्थान की स्थापना, जिसे हसानंद गौचर भूमि का नाम दिया गया, गौमाता की सेवा करने हेतु इस संस्थान की स्थापना की गयी थी और आज इस संस्थान को सुनील कुमार शर्मा मैनेज कर रहे है.
पंडित मदन मोहन मालवीय के भाषण और लेखन, प्रकाशक- जी.ए. नेटसं 1919
महात्मा गांधी ने उन्हें अपना बड़ा भाई कहा और ‘‘भारत निर्माता‘‘ की संज्ञा दी. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें एक ऐसी महान आत्मा कहा, जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रीयता की नींव रखी.
वह व्यक्ति और कोई नहीं मदन मोहन मालवीय हैं, जिन्हें महात्मना (एक सम्मान) के नाम से भी जाना जाता है. वह एक महान राजनेता और शिक्षाविद थे, उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, जो भारत के सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है, की स्थापना की. वह एक ऐसे देशभक्त थे जिन्होंने देश की आजादी के लिए हर संभव कोशिश की और आज वह युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं.
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी मदन मोहन मालवीय के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी