सुखदेव थापर एन.जी.ओ./संगठन/यूनियन/एसोसिएशन पदाधिकारी परिचय सूची

नाम :
श्री राधेश्याम मिश्रा
पद :
जिला प्रोजेक्ट निदेशक
संगठन :
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति
मनोनीत :
गोंडा
निवास :
ग्वालियर ग्रिंट
नगर/ब्लॉक :
रेहेरा बाजार
जनपद :
बलरामपुर
राज्य :
उत्तर प्रदेश
सम्मान :
प्रमाणित किया जाता है की नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना प्रोजेक्ट पर कार्य हेतु श्री राधेश्याम मिश्रा जी को जिला प्रोजेक्ट निदेशक गोंडा उत्तर प्रदेश के पद पर नियमानुसार नियुक्त किया गया है, निदेशक अपने स्तर से प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर 4 ,4  वॉलिंटर 15 दिन में नियुक्त कर नियमानुसार ब्लॉक प्रोजेक्ट इंचार्ज को जीवनयापन हेतु  कार्य के आधार पर मानदेय उपलब्ध कराएंगे,
 समिति के सामाजिक कार्यों हेतु समाज द्वारा संस्था को दिया गया डोनेशन चेक के माद्यम से मान्य होगा, 
मेहनाज़ अंसारी  
जनरल सेक्रेटरी 
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
introduction
Name: Mr. Radheshyam Mishra
Designation: District Project Incharge
Nominated: Gonda
Organization: Navnirman Jankalyan Sahayta Samiti (NGO)
Contracted Project: Mera School Meri Pahchan Photo Pariyojna
Mobail No: 9838517635
Locality Name : Gwalior Grint
Block Name : Rehera Bazaar
District : Balrampur
State : Uttar Pradesh
Division : Devipatan
Language : Hindi and Urdu
Current Time 09:10 AM
Date: Friday , Sep 13,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 05265
Vehicle Registration Number:UP-47
RTO Office : Balrampur
Assembly constituency : Mankapur assembly constituency
Assembly MLA :
Lok Sabha constituency : Gonda parliamentary constituency
Parliament MP : KIRTI VARDHAN SINGH ALIAS RAJA BHAIYA
Prdhan Name: Jyoti Shukla
Pin Code : 271307
Post Office Name : Sadullanagar

गोंडा जिले के बारे में
गोंडा जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 73 जिलों में से एक है। गोंडा जिला प्रशासनिक हेड क्वार्टर गोंडा है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 123 KM पश्चिम में स्थित है। गोंडा जिले की जनसंख्या 3431386 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 26 वां सबसे बड़ा जिला है।
गोंडा जिले का डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू, अवधी बोलते हैं। गोंडा जिले को 17 ब्लॉक, पंचायत, 7223 गांवों में विभाजित किया गया है।
गोंडा में ब्लाकों की सूची
बभनजोत
बेलसर
छापिए
कर्नलगंज
गोंडा
हलधरमऊ
इतियथोक
 झंझरी
कटरा बाजार
मनकापुर
मुजेहना
नवाबगंज
पंडरी
कृपाल परसपुर
रुपईडीह
तरबगंज
वजीरगंज
यह भारत के प्रान्त उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख जिला गोंडा जिले का मुख्यालय है जो पूर्व में बस्ती, पश्चिम में बहराइच, उत्तर में बलरामपुर तथा दक्षिण में बाराबंकी और फैजाबाद से घिरा हुआ है। यहाँ की जिला जेल में काकोरी काण्ड के एक प्रमुख क्रान्तिकारी राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को निर्धारित तिथि से दो दिन पूर्व १७ दिसम्बर १९२७ को बेरहम ब्रिटिश सरकार द्वारा फाँसी दी गयी थी।
नामकरण
मान्यता के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की गायें चरा करती थीं, जिस कारण इसका नाम गोनर्द पड़ा। कालान्तर में यही गोनर्द अपभ्रंश होकर गोण्डा बन गया।

भूगोल
गोण्डा २६° ४७\\\\\\\' तथा २७° २०\\\\\\\' उत्तरी अक्षांश के मध्य एवं ८१° ३०\\\\\\\' तथा ८२° ४६\\\\\\\' देशान्तर के मध्य में स्थित है। जनपद का कुल क्षेत्रफल 4003 वर्ग कि0मी0 है जो देवीपाटन मण्डल के कुल क्षेत्रफल का 28.13 प्रतिशत है। इस जनपद में 04 तहसीलें गोण्डा, मनकापुर, करनैलगंज एवं तरबगंज है। इन तहसीलों में तहसील गोण्डा का क्षेत्रफल 1249.48 वर्ग कि0मी0, तहसील मनकापुर का 763.70 वर्ग कि0मी0, तरबगंज का 963.31 वर्ग कि0मी0 व करनैलगंज का 1026.51 वर्ग कि0मी0 है। इस प्रकार जनपद गोण्डा के कुल क्षेत्रफल का 31.21 प्रतिशत तहसील गोण्डा, 19.07 प्रतिशत तहसील मनकापुर, 24.06 प्रतिशत तहसील तरबगंज व 25.64 प्रतिशत तहसील करनैलगंज का क्षेत्रफल है।

इतिहास
गोण्डा प्राचीन काल में कोशल महाजनपद का भाग था, मुगलों के शासन में यह फरवरी १८५६ तक अवध का हिस्सा था और मुगलों के आधीन था जिसे बाद में अंग्रेजों ने कब्ज़ा लिया।

ऐसा माना जाता है कि प्राचीन समय में अयोध्या के राजा भगवान श्रीराम की गायें इस क्षेत्र में चरा करती थी, जिससे इस क्षेत्र का नाम गोनर्द पड़ा। यही कालान्तर में अपभ्रंश होकर गोण्डा कहलाया। आज भी बहुत से ग्रामीण गोण्डा को गोंड़ा कहते हैं। गोण्डा को महाभाष्यकार पतंजलि की जन्मभूमि भी माना जाता है। पतंजलि को गोनर्दीय पतंजलि भी कहा जाता है। यहाँ स्थित \\\\\\\"सूकरखेत\\\\\\\", जो सूकरक्षेत्र का ही अपभ्रंश है, तुलसीदास जी की जन्मस्थली माना जाता है। गोण्डां मुख्यालय से दक्षिण 37 कि. मी की दूरी पर पसका (सूूूकरखेत) मे प्रसिद्ध बाराह भगवान मन्दिर है।तथा यही पर तुुुलसीदास जी के गुुरू नरिहरदास जी का आश्रम भी यही है। गोंडा के बीचोंबीच राजा मोहल्ला में श्री कुलदीप श्रीवास्तव जी का निवास स्थान है।

जनसांख्यिकी
सन २००१ की जनगणना के अनुसार इस जिले की कुल जनसंख्या ३४,३१,३८६ थी जिसमें १७,८५,६२९ पुरुष एवं १६,४५,७५७ स्त्रियाँ थीं।

बाबा बालेश्वर नाथ मंदिर - ये मंदिर गोंडा शहर से 17 किलोमीटर दूर स्थित है बाबा बालेश्वर नाथ बहुत ही प्राचीन मंदिर है यह गोंडा फैजाबाद रोड पर स्थित डुमरियाडीह बाजार से तरबगंज रोड पर बाल्हाराई ग्राम सभा में स्थित है मान्यता है कि यहाँ स्थित शिवलिंग श्वायाम्भू है औरंगजेब के शाशन काल में इस शिवलिंग पर आरे से प्रहार किया गया था ज़िसका चिन्ह आज भी विद्यमान है और यहीं पूरब में इमिलिया वरजोतपुरवा में वीर क्षत्रिय चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी के वंशज की २४ शाखाओं में से १८ वीं शाखा अवध के राजा श्री बच्छराज कुँवर जी के वंशज श्री कल्पनाथ चौहान के प्रपौत्र रामदुलारे चौहान s/o नागेश्वर चौहान जी की संताने निवास करती हैं व यहीं से कुछ दूर पहले ही ग्राम सभा जगदीश पुर कटरा में श्री राम चन्द्र पब्लिक स्कूल है जिसके प्रबंधक शिव गणेश तिवारी जी है इसी के बगल मरी माता का बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है

खैरा भवानी मंदिर बड़गांव गोण्डा
यातायात
गोण्डा रेलवे स्टेशन यातायात के लिये एक महत्वपूर्ण स्टेशन है। यहाँ से देश की सभी दिशाओं के लिये ट्रेन मिलती है, गोण्डा पूर्वोतर रेलवे का एक महत्वपूर्ण स्टेशन है जो लखनऊ और गोरखपुर के बीच में पड़ता है। याती सुविधा के मामले में गोण्डा रेलवे स्टेशन अव्वल है। गोण्डा प्रदेश की राजधानी लखनऊ, फैज़ाबाद, बलरामपुर एवं बहराईच से सडक मार्ग द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुडा हुआ है। प्रदेश के अन्य बड़े शहरों जैसे इलाहाबाद, वाराणसी, कानपुर, बरेली आदि तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को मोटर मार्ग द्वारा नियमित परिवहन बस सेवायें हैं।
गोंडा जिले में राजनीति
भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस गोंडा जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
गोंडा जिले में विधानसभा क्षेत्र
गोंडा जिले में कुल 7 विधानसभा क्षेत्र।
वरुण विनय कुमार बीजेपी संपर्क नंबर: 9670086000
गोंडा प्रधान सिंह भाजपा संपर्क नंबर: 9415327999
कटरा बाजार बावन सिंह भाजपा संपर्क नंबर: 8765954996
कर्नलगंज अजय प्रताप सिंह भाजपा संपर्क नंबर: 919454451161
तरबगंज प्रेम नारायण पांडेय भाजपा संपर्क नंबर: 9721213939
गौरा प्रभात कुमार वर्मा भाजपा संपर्क नंबर: 9452736915
मानकपुर रमापति शास्त्री BJP संपर्क नंबर: 9415120668

गोंडा जिले में संसद क्षेत्र
गोंडा जिले में कुल 2 संसद क्षेत्र।
गोंडा KIRTI वरदान सिंह  भारतीय जनता पार्टी
कैसरगंज बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी

शहरों के पास
बलरामपुर 44 किलोमीटर
फैजाबाद 47 KM
रुदौली 51 KM
उटेरुला 55 KM

एयर पोर्ट्स के पास
अमौसी एयरपोर्ट 127 KM
गोरखपुर एयरपोर्ट 171 KM
कानपुर एयरपोर्ट 194 KM
बमरौली एयरपोर्ट 211 KM

जिले के पास
गोंडा 0 केएम
बलरामपुर 44 किलोमीटर
श्रावस्ती 48 किमी
फैजाबाद 48 KM

रेल्वे स्टेशन के पास
गोंडा कचहरी रेल मार्ग स्टेशन 3.2 KM
गोंडा जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 3.7 KM
गोंडा Mg रेल मार्ग स्टेशन 3.8 KM
कर्नलगंज रेल मार्ग स्टेशन 28 
सामाजिक कार्य :
NA
सुखदेव थापर की जीवनी
सुखदेव थापर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब में विविध क्रांतिकारी संगठनो के वरिष्ट सदस्य थे। उन्होंने नेशनल कॉलेज, लाहौर में पढाया भी है और वही उन्होंने नौजवान भारत सभा की स्थापना भी की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिशो का विरोध कर आज़ादी के लिये संघर्ष करना था।
Sukhdev विशेषतः 18 दिसम्बर 1928 को होने वाले लाहौर षड्यंत्र में शामिल होने की वजह से जाने जाते है। वे भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ सह-अपराधी थे जिन्होंने उग्र नेता लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद जवाब में लाहौर षड्यंत्र की योजना बनायीं थी।
8 अप्रैल 1929 को उन्होंने नयी दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में उन्होंने मिलकर बमबारी की थी और कुछ समय बाद ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। और 23 मार्च 1931 को तीनो को फाँसी दी गयी थी। और रहस्यमयी तरीके से उन्हें शवो को सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था।
सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को पंजाब में लुधियाणा के नौघरा में हुआ था। उनके पिता का नाम रामलाल और माता का नाम राल्ली देवी था। सुखदेव के पिता की जल्द ही मृत्यु हो गयी थी और इसके बाद उनके अंकल लाला अचिंत्रम ने उनका पालन पोषण किया था।
किशोरावस्था से ही सुखदेव ब्रिटिशो द्वारा भारतीयों पर किये जा रहे अत्याचारों से चिर-परिचित थे। उस समय ब्रिटिश भारतीय लोगो के साथ गुलाम की तरह व्यवहार करते थे और भारतीयों लोगो को घृणा की नजरो से देखते थे। इन्ही कारणों से सुखदेव क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हुए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्त कराने की कोशिश करते रहे।
बाद में सुखदेव हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब के कुछ क्रांतिकारी संगठनो में शामिल हुए। वे एक देशप्रेमी क्रांतिकारी और नेता थे जिन्होंने लाहौर में नेशनल कॉलेज के विद्यार्थियों को पढाया भी था और समृद्ध भारत के इतिहास के बारे में बताकर विद्यार्थियों को वे हमेशा प्रेरित करते रहते थे।
इसके बाद सुखदेव ने दुसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर “नौजवान भारत सभा” की स्थापना भारत में की। इस संस्था ने बहुत से क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया था और आज़ादी के लिये संघर्ष भी किया था।
आज़ादी के अभियान ने सुखदेव की भूमिका –
सुखदेव ने बहुत से क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया है जैसे 1929 का “जेल भरो आंदोलन” । इसके साथ-साथ वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान के भी सक्रीय सदस्य थे। भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ मिलकर वे लाहौर षड़यंत्र में सह-अपराधी भी बने थे। 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद यह घटना हुई थी।
1928 में ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन साइमन के अंडर एक कमीशन का निर्माण किया, जिसका मुख्य उद्देश्य उस समय में भारत की राजनितिक अवस्था की जाँच करना और ब्रिटिश पार्टी का गठन करना था।
लेकिन भारतीय राजनैतिक दलों ने कमीशन का विरोध किया क्योकि इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नही था। बाद में राष्ट्रिय स्तर पर उनका विरोध होने लगा था। जब कमीशन 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर गयी तब लाला लाजपत राय ने अहिंसात्मक रूप से शांति मोर्चा निकालकर उनका विरोध किया लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने उनके इस मोर्चे को हिंसात्मक घोषित किया।
इसके बाद जेम्स स्कॉट ने पुलिस अधिकारी को विरोधियो पर लाठी चार्ज करने का आदेश दिया और लाठी चार्ज के समय उन्होंने विशेषतः लाला लाजपत राय को निशाना बनाया। और बुरी तरह से घायल होने के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गयी थी।
जब 17 नवम्बर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी तब ऐसा माना गया था की स्कॉट को उनकी मृत्यु का गहरा धक्का लगा था। लेकिन तब यह बात ब्रिटिश पार्लिमेंट तक पहुची तब ब्रिटिश सरकार ने लाला लाजपत राय की मौत का जिम्मेदार होने से बिल्कुल मना कर दिया था।
इसके बाद सुखदेव ने भगत सिंह के साथ मिलकर बदला लेने की ठानी और वे दुसरे उग्र क्रांतिकारी जैसे शिवराम राजगुरु, जय गोपाल और चंद्रशेखर आज़ाद को इकठ्ठा करने लगे, और अब इनका मुख्य उद्देश्य स्कॉट को मारना ही था।
जिसमे जय गोपाल को यह काम दिया गया था की वह स्कॉट को पहचाने और पहचानने के बाद उसपर शूट करने के लिये सिंह को इशारा दे। लेकिन यह एक गलती हो गयी थी, जय गोपाल ने जॉन सौन्ड़ेर्स को स्कॉट समझकर भगत सिंह को इशारा कर दिया था और भगत सिंह और शिवराम राजगुरु ने उनपर शूट कर दिया था। यह घटना 17 दिसम्बर 1928 को घटित हुई थी। जब चानन सिंह सौन्ड़ेर्स के बचाव में आये तो उनकी भी हत्या कर दी गयी थी।
इसके बाद पुलिस ने हत्यारों की तलाश करने के लिये बहुत से ऑपरेशन भी चलाये, उन्होंने हॉल के सभी प्रवेश और निकास द्वारो को बंद भी कर दिया था। जिसके चलते सुखदेव अपने दुसरे कुछ साथियों के साथ दो दिन तक छुपे हुए ही थे।
19 दिसम्बर 1928 को सुखदेव ने भगवती चरण वोहरा की पत्नी दुर्गा देवी वोहरा को मदद करने के लिये कहा था, जिसके लिये वह राजी भी हो गयी थी। उन्होंने लाहौर से हावड़ा ट्रेन पकड़ने का निर्णय लिया। अपनी पहचान छुपाने के लिये भगत सिंह ने अपने बाल कटवा लिये थे और दाढ़ी भी आधे से ज्यादा हटा दी थी। अगले दिन सुबह-सुबह उन्होंने पश्चिमी वस्त्र पहन लिये थे, भगत सिंह और वोहरा एक युवा जोड़े की तरह आगे बढ़ रहे थे जिनके हाथ में वोहरा का एक बच्चा भी था।
जबकि राजगुरु उनका सामान उठाने वाला नौकर बना था। वे वहाँ से निकलने में सफल हुए और इसके बाद उन्होंने लाहौर जाने वाली ट्रेन पकड़ ली। लखनऊ ने, राजगुरु उन्हें छोड़कर अकेले बनारस चले गए थे जबकि भगत सिंह और वोहरा अपने बच्चे को लेकर हावड़ा चले गए।
सुखदेव की मृत्यु – Sukhdev death दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल में बमबारी करने के बाद सुखदेव और उनके साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था और उन्होंने मौत की सजा सुनाई गयी थी। 23 मार्च 1931 को सुखदेव थापर, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु को फाँसी दी गयी थी और उनके शवो को रहस्यमयी तरीके से सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था। सुखदेव ने अपने जीवन को देश के लिये न्योछावर कर दिया था और सिर्फ 24 साल की उम्र में वे शहीद हो गए थे। भारत को आज़ाद कराने के लिये अनेकों भारतीय देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे ही देशभक्त शहीदों में से एक थे, सुखदेव थापर, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत को अंग्रेजों की बेंड़ियों से मुक्त कराने के लिये समर्पित कर दिया। सुखदेव महान क्रान्तिकारी भगत सिंह के बचपन के मित्र थे। दोनों साथ बड़े हुये, साथ में पढ़े और अपने देश को आजाद कराने की जंग में एक साथ भारत माँ के लिये शहीद हो गये। 23 मार्च 1931 की शाम 7 बजकर 33 मिनट पर सेंट्रल जेल में इन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया और खुली आँखों से भारत की आजादी का सपना देखने वाले ये तीन दिवाने हमेशा के लिये सो गये। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी सुखदेव थापर के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी