सुखदेव थापर एन.जी.ओ./संगठन/यूनियन/एसोसिएशन पदाधिकारी परिचय सूची

नाम :
सायमा खान
पद :
जिला प्रोजेक्ट निदेशक
संगठन :
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति
मनोनीत :
टोंक
निवास :
वार्ड नं 26
नगर/ब्लॉक :
नगर परिषद टोंक
जनपद :
टोंक
राज्य :
राजस्थान
सम्मान :
प्रमाणित किया जाता है की नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली द्वारा संचालित मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फोटो परियोजना पर जिले के कार्य हेतु सायमा खान जी को जिला प्रोजेक्ट निदेशक टोंक , राजस्थान के पद पर नियमानुसार नियुक्त किया गया है, 
निदेशक अपने स्तर से प्रत्येक ब्लॉक पर 4,4  ब्लॉक प्रोजेक्ट इंचार्ज नियुक्त कर समिति द्वारा कार्यानुसार उपलब्ध कराई गयी धनराशि से ब्लॉक प्रोजेक्ट इंचार्ज को मानदेय नियमानुसार वितरण करें, महिला पुरुषों से पंचायत स्तर पर कार्य कराकर छात्र, ग्रामीण नागरिकों को आर्थिक विकास में सहायता एवं डिजिटल इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत अभियान के प्रति ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को जागरूक कर राष्ट्र निर्माण में अपना पूर्ण योगदान देंगे ऐसी आशा एवं कामना करते है, 
समाज द्वारा सामाजिक कार्यों हेतु संस्था को दिया गया डोनेशन चेक के माद्यम से मान्य होगा,  
मेहनाज़ अंसारी  
(जनरल सेक्रेटरी) 
नवनिर्माण जनकल्याण सहायता समिति नई दिल्ली 
विवरण :
introduction
Name: Syma Khan
Designation: District Project Incharge
Nominated: Tonk
Organization: Navnirman Jankalyan Sahayta Samiti (NGO)
Contracted Project: Mera School Meri Pahchan Photo Pariyojna
Mobail No: 9876543210
E-Mail Id: @ gmail.com
Adress: Ward No 26
City Council: Tonk (Tonk)
District : Tonk
State : Rajasthan
Division : Ajmer
Language : Hindi and Rajasthani
Current Time 07:49 AM
Date: Friday , Sep 20,2019 (IST)
Telephone Code / Std Code: 01435
Vehicle Registration Number: RJ-26
RTO Office: Tonk
Assembly constituency : Tonk assembly constituency
Assembly MLA : sachin pilot
Lok Sabha constituency : Tonk-Sawai Madhopur parliamentary constituency
Parliament MP : Sukhbir Singh Jaunapuria
Chairman Name : Smt. Laxmi Devi Jain 9214345012 
Pin Code : 304001
Post Office Name : Tonk Raj
टोंक जिले के बारे में
टोंक जिला राजस्थान राज्य, भारत के 33 जिलों में से एक है। टोंक जिला प्रशासनिक मुख्यालय टोंक है। यह राज्य की राजधानी जयपुर की ओर 96 KM उत्तर में स्थित है। टोंक जिले की जनसंख्या 1421711 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 23 वां सबसे बड़ा जिला है।
इतिहास
यह रियासत काल में राजस्थान की एक मात्र मुस्लिम रियासत थी।
भूगोल और जलवायु टोंक जिला
यह अक्षांश -26.1, देशांतर -75.8 पर स्थित है। टोंक जिला अजमेर जिले के साथ पश्चिम में भीलवाड़ा जिला, पश्चिम में बूंदी जिला, उत्तर में जयपुर जिले के साथ सीमा साझा कर रहा है। टोंक जिला लगभग 7194 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। । 320 मीटर से 256 मीटर की ऊँचाई की सीमा में। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
टोंक जिले के डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग राजस्थानी बोलते हैं। टोंक जिले को 6 तहसीलों, पंचायतों, 993 गांवों में विभाजित किया गया है।
टोंक में तहसीलों की सूची
देवली
मालपुरा
निवाई
टोडारायसिंह
टोंक
Uniara
टोंक जिले की जनगणना 2011
टोंक जिले की कुल जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 1421711 है। यहाँ की जनसंख्या 729457 है और महिलाओं की संख्या 692254 है। कुल मिलाकर लोग 940604 हैं। कुल क्षेत्रफल 7194 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 23 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य के 19 सबसे बड़े जिले बाय एरिया। देश में जनसंख्या के हिसाब से 345 वां सबसे बड़ा जिला। राज्य में साक्षरता दर से 24 वां उच्चतम जिला है। साक्षरता दर के हिसाब से देश में 530 वां जिला है। साक्षरता दर 62.46 है
टोंक जिले में राजनीति
भाजपा, INC टोंक जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
टोंक जिले में विधानसभा क्षेत्र
टोंक जिले में कुल 4 विधानसभा क्षेत्र।
मालपुरा कन्हिया लाल भाजपा
निवाई प्रशस्त बैरवा इंक
टोंक साचिन पायलट इंक
देओली-उनियारा हरीश चंद्रा मीणा आईएनसी
टोंक जिले में संसद क्षेत्र
टोंक जिले में कुल 1 संसद क्षेत्र।
टोंक-सवाई माधोपुर सुखबीर सिंह जौनपुरिया भारतीय जनता पार्टी
टोंक परिवहन
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय टोंक अच्छी तरह से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इस जिले में मालपुरा, निवाई, टोडारायसिंह, टोंक प्रमुख कस्बों और दूरदराज के गांवों से सड़क संपर्क हैं। टोंक से जयपुर (राजस्थान की राजधानी) के लिए सड़क मार्ग से लगभग 96 KM दूर है
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशन बनस्थली निवाई, चौथ का बरवारा, इसराड़ा, चन्नानी, सुर्ली, सिरस .... हैं, जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (RSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर शहरों और गांवों तक बसें चलाता है।
शहरों के पास
टोंक 1 KM 
निवाई 29 KM 
टोडारायसिंह 39 KM 
मालपुरा 48 KM 
 
एयर पोर्ट्स के पास
सांगानेर एयरपोर्ट 81 KM 
खेरिया एयरपोर्ट 270 KM 
ग्वालियर एयरपोर्ट 271 KM
डाबोक एयरपोर्ट 288 KM 
 
जिले के पास
टोंक 0 KM 
सवाई माधोपुर 67 KM 
जयपुर 90 KM 
बूंदी 94 किलोमीटर 
 
रेल्वे स्टेशन के पास
बनस्थली निवाई रेल मार्ग स्टेशन 30 KM 
चौथ का बरवाड़ा रेल मार्ग स्टेशन 41 KM 
सामाजिक कार्य :
NA
सुखदेव थापर की जीवनी
सुखदेव थापर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब में विविध क्रांतिकारी संगठनो के वरिष्ट सदस्य थे। उन्होंने नेशनल कॉलेज, लाहौर में पढाया भी है और वही उन्होंने नौजवान भारत सभा की स्थापना भी की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिशो का विरोध कर आज़ादी के लिये संघर्ष करना था।
Sukhdev विशेषतः 18 दिसम्बर 1928 को होने वाले लाहौर षड्यंत्र में शामिल होने की वजह से जाने जाते है। वे भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ सह-अपराधी थे जिन्होंने उग्र नेता लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद जवाब में लाहौर षड्यंत्र की योजना बनायीं थी।
8 अप्रैल 1929 को उन्होंने नयी दिल्ली के सेंट्रल असेंबली हॉल में उन्होंने मिलकर बमबारी की थी और कुछ समय बाद ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया था। और 23 मार्च 1931 को तीनो को फाँसी दी गयी थी। और रहस्यमयी तरीके से उन्हें शवो को सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था।
सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को पंजाब में लुधियाणा के नौघरा में हुआ था। उनके पिता का नाम रामलाल और माता का नाम राल्ली देवी था। सुखदेव के पिता की जल्द ही मृत्यु हो गयी थी और इसके बाद उनके अंकल लाला अचिंत्रम ने उनका पालन पोषण किया था।
किशोरावस्था से ही सुखदेव ब्रिटिशो द्वारा भारतीयों पर किये जा रहे अत्याचारों से चिर-परिचित थे। उस समय ब्रिटिश भारतीय लोगो के साथ गुलाम की तरह व्यवहार करते थे और भारतीयों लोगो को घृणा की नजरो से देखते थे। इन्ही कारणों से सुखदेव क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हुए और भारत को ब्रिटिश राज से मुक्त कराने की कोशिश करते रहे।
बाद में सुखदेव हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन और पंजाब के कुछ क्रांतिकारी संगठनो में शामिल हुए। वे एक देशप्रेमी क्रांतिकारी और नेता थे जिन्होंने लाहौर में नेशनल कॉलेज के विद्यार्थियों को पढाया भी था और समृद्ध भारत के इतिहास के बारे में बताकर विद्यार्थियों को वे हमेशा प्रेरित करते रहते थे।
इसके बाद सुखदेव ने दुसरे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर “नौजवान भारत सभा” की स्थापना भारत में की। इस संस्था ने बहुत से क्रांतिकारी आंदोलनों में भाग लिया था और आज़ादी के लिये संघर्ष भी किया था।
आज़ादी के अभियान ने सुखदेव की भूमिका –
सुखदेव ने बहुत से क्रांतिकारी गतिविधियों में हिस्सा लिया है जैसे 1929 का “जेल भरो आंदोलन” । इसके साथ-साथ वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान के भी सक्रीय सदस्य थे। भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के साथ मिलकर वे लाहौर षड़यंत्र में सह-अपराधी भी बने थे। 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद यह घटना हुई थी।
1928 में ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन साइमन के अंडर एक कमीशन का निर्माण किया, जिसका मुख्य उद्देश्य उस समय में भारत की राजनितिक अवस्था की जाँच करना और ब्रिटिश पार्टी का गठन करना था।
लेकिन भारतीय राजनैतिक दलों ने कमीशन का विरोध किया क्योकि इस कमीशन में कोई भी सदस्य भारतीय नही था। बाद में राष्ट्रिय स्तर पर उनका विरोध होने लगा था। जब कमीशन 30 अक्टूबर 1928 को लाहौर गयी तब लाला लाजपत राय ने अहिंसात्मक रूप से शांति मोर्चा निकालकर उनका विरोध किया लेकिन ब्रिटिश पुलिस ने उनके इस मोर्चे को हिंसात्मक घोषित किया।
इसके बाद जेम्स स्कॉट ने पुलिस अधिकारी को विरोधियो पर लाठी चार्ज करने का आदेश दिया और लाठी चार्ज के समय उन्होंने विशेषतः लाला लाजपत राय को निशाना बनाया। और बुरी तरह से घायल होने के बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गयी थी।
जब 17 नवम्बर 1928 को लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई थी तब ऐसा माना गया था की स्कॉट को उनकी मृत्यु का गहरा धक्का लगा था। लेकिन तब यह बात ब्रिटिश पार्लिमेंट तक पहुची तब ब्रिटिश सरकार ने लाला लाजपत राय की मौत का जिम्मेदार होने से बिल्कुल मना कर दिया था।
इसके बाद सुखदेव ने भगत सिंह के साथ मिलकर बदला लेने की ठानी और वे दुसरे उग्र क्रांतिकारी जैसे शिवराम राजगुरु, जय गोपाल और चंद्रशेखर आज़ाद को इकठ्ठा करने लगे, और अब इनका मुख्य उद्देश्य स्कॉट को मारना ही था।
जिसमे जय गोपाल को यह काम दिया गया था की वह स्कॉट को पहचाने और पहचानने के बाद उसपर शूट करने के लिये सिंह को इशारा दे। लेकिन यह एक गलती हो गयी थी, जय गोपाल ने जॉन सौन्ड़ेर्स को स्कॉट समझकर भगत सिंह को इशारा कर दिया था और भगत सिंह और शिवराम राजगुरु ने उनपर शूट कर दिया था। यह घटना 17 दिसम्बर 1928 को घटित हुई थी। जब चानन सिंह सौन्ड़ेर्स के बचाव में आये तो उनकी भी हत्या कर दी गयी थी।
इसके बाद पुलिस ने हत्यारों की तलाश करने के लिये बहुत से ऑपरेशन भी चलाये, उन्होंने हॉल के सभी प्रवेश और निकास द्वारो को बंद भी कर दिया था। जिसके चलते सुखदेव अपने दुसरे कुछ साथियों के साथ दो दिन तक छुपे हुए ही थे।
19 दिसम्बर 1928 को सुखदेव ने भगवती चरण वोहरा की पत्नी दुर्गा देवी वोहरा को मदद करने के लिये कहा था, जिसके लिये वह राजी भी हो गयी थी। उन्होंने लाहौर से हावड़ा ट्रेन पकड़ने का निर्णय लिया। अपनी पहचान छुपाने के लिये भगत सिंह ने अपने बाल कटवा लिये थे और दाढ़ी भी आधे से ज्यादा हटा दी थी। अगले दिन सुबह-सुबह उन्होंने पश्चिमी वस्त्र पहन लिये थे, भगत सिंह और वोहरा एक युवा जोड़े की तरह आगे बढ़ रहे थे जिनके हाथ में वोहरा का एक बच्चा भी था।
जबकि राजगुरु उनका सामान उठाने वाला नौकर बना था। वे वहाँ से निकलने में सफल हुए और इसके बाद उन्होंने लाहौर जाने वाली ट्रेन पकड़ ली। लखनऊ ने, राजगुरु उन्हें छोड़कर अकेले बनारस चले गए थे जबकि भगत सिंह और वोहरा अपने बच्चे को लेकर हावड़ा चले गए।
सुखदेव की मृत्यु – Sukhdev death दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल में बमबारी करने के बाद सुखदेव और उनके साथियों को पुलिस ने पकड़ लिया था और उन्होंने मौत की सजा सुनाई गयी थी। 23 मार्च 1931 को सुखदेव थापर, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु को फाँसी दी गयी थी और उनके शवो को रहस्यमयी तरीके से सतलज नदी के किनारे पर जलाया गया था। सुखदेव ने अपने जीवन को देश के लिये न्योछावर कर दिया था और सिर्फ 24 साल की उम्र में वे शहीद हो गए थे। भारत को आज़ाद कराने के लिये अनेकों भारतीय देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। ऐसे ही देशभक्त शहीदों में से एक थे, सुखदेव थापर, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत को अंग्रेजों की बेंड़ियों से मुक्त कराने के लिये समर्पित कर दिया। सुखदेव महान क्रान्तिकारी भगत सिंह के बचपन के मित्र थे। दोनों साथ बड़े हुये, साथ में पढ़े और अपने देश को आजाद कराने की जंग में एक साथ भारत माँ के लिये शहीद हो गये। 23 मार्च 1931 की शाम 7 बजकर 33 मिनट पर सेंट्रल जेल में इन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया और खुली आँखों से भारत की आजादी का सपना देखने वाले ये तीन दिवाने हमेशा के लिये सो गये। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रांतिकारी सुखदेव थापर के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी