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नाम :
मा. टीकम सिंह
पद :
सभासद , बूथ अध्यक्ष
वार्ड :
1 - जमनोवाला
निकाय :
हल्दौर
जनपद :
बिजनौर
राज्य :
उत्तर प्रदेश
सहयोगी :
भारतीय जनता पार्टी
सम्मान : NA
जीवन परिचय :

Introduction

Name: Tikam Singh

Designation: Municipal Council Member , booth president

Eligibility: Graduate

Email: NA

Mobile No: 7900641177

Residence: NA 

Support: Bharatiya Janata Party

Ward No : 1 - Jamnowala

Municipal Council: Haldaur

Locality Name : Haldaur(हल्दौर)

Block Name : Haldaur 

District : Bijnor

State : Uttar Pradesh

Division : Moradabad

Language : Hindi and Urdu

Current Time 02:38 PM

Date: Tuesday , Sep 07,2021 (IST)

Telephone Code / Std Code: 01345

Vehicle Registration Number:UP-20

RTO Office : Bijnor

Assembly constituency : Nehtaur assembly constituency

Assembly MLA : om kumar (Bharatiya Janta Party)

Lok Sabha constituency : Nagina parliamentary constituency

Parliament MP : GIRISH CHANDRA

Pin Code : 246728

Post Office Name : Jhalu
Alternate Village Name : Haldaur Rural

 

वार्ड नं : 1 - जमनोवाला के बारे में  

वार्ड नं :  1 - जमनोवाला  में कुल 593  मतदाता हैं, जिनमें भारतीय जनता पार्टी समर्थित माननीय टीकम सिंह जी को निकाय  चुनाव  2017 में उन्हें नगर पालिका परिषद सभासद  पद के लिए कुल 458  वोटों में से 124  वोट मिले। 

टीकम सिंह  (सभासद ) चुने  गए क्षेत्र के कद्दावर नेता हैं,  मिलनसार होने के कारण क्षेत्र के सभी वर्गों में अच्छी पकड़ है, क्षेत्र के नागरिक बहुत सम्मान देते हैं, उनके मुकाबले में

2 = नूतन= ने निर्दलीय (84) को 40 मतों से हराकर चुनाव जीता।

3= वीरेन्द्र कुमार = निर्दलीय (80) ने तीसरा स्थान हासिल किया 

 

नगर पालिका परिषद के बारे में हल्दौर  के बारे में

 

नगर पालिका परिषद में कुल 15470 मतदाता हैं, हल्दौर  नगर में कुल 25 वार्ड हैं। निकाय 2017 में चुनाव में समाजवादी पार्टी समर्थित नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर माननीय अमर जी ने कुल पड़े मत संख्या 11856 से (3527) 30.82% मत पकर विजय रहे  !

 

हल्दौर  के बारे में

 

हल्दौर (खारी झालू) उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के बिजनौर जिले के हल्दौर (खारी झालू) ब्लॉक में एक शहर है। यह मुरादाबाद डिवीजन के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय बिजनौर से पूर्व की ओर 20 KM दूर स्थित है। यह एक ब्लॉक हेड क्वार्टर है।

 

हल्दौर पिन कोड 246728 है और डाक प्रधान कार्यालय झालू है

 

बामनोली (2 किमी), बालकिशनपुर (3 किमी), सुल्तान पुर आबाद (3 किमी), हरदासपुर गढ़ी (3 किमी), अम्हेरा (3 किमी) हल्दौर (खारी झालू) के नजदीकी गांव हैं। हल्दौर (खारी झालू) पूर्व की ओर नेहटौर ब्लॉक, पश्चिम की ओर बिजनौर ब्लॉक, दक्षिण की ओर जलीलपुर ब्लॉक, दक्षिण की ओर नूरपुर ब्लॉक से घिरा हुआ है।

 

हल्दौर के नजदीकी शहर नेहटौर, बिजनौर, नूरपुर, नगीना हैं।

हल्दौर के पास मतदान केंद्र / बूथ

१)पी.वी. शेरपुर कक्ष २

2) के.पी. शादीपुर

३) के.पी.एम.वी.हल्दौर कक्ष १

4)के.पी.एम.वी.हल्दौर कक्ष 2

5) पी.वी. चंदा नगली कक्ष 2

 

हल्दौर की जनसांख्यिकी 

हल्दौर जनसंख्या जनगणना 2011 - 2021

 

अवलोकन

हल्दौर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक नगर पालिका परिषद शहर है। हल्दौर शहर को 25 वार्डों में विभाजित किया गया है, जिसके लिए हर 5 साल में चुनाव होते हैं। हल्दौर नगर पालिका परिषद की जनसंख्या 19,567  है, जिसमें 10,245 पुरुष हैं जबकि 9,322  महिलाएं हैं, जैसा कि 2011  की जनगणना के अनुसार जारी किया गया है।

 

0-6 आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या 2598 है जो हल्दौर (एनपीपी) की कुल जनसंख्या का 13.28% है। हल्दौर नगर पालिका परिषद में, राज्य के औसत 912 के मुकाबले महिला लिंग अनुपात 910 है। इसके अलावा हल्दौर में बाल लिंग अनुपात उत्तर प्रदेश राज्य औसत 902 की तुलना में लगभग 879 है। हल्दौर शहर की साक्षरता दर राज्य के औसत 67.68 से 77.86% अधिक है। %. हल्दौर में, पुरुष साक्षरता लगभग 84.03% है जबकि महिला साक्षरता दर 71.11% है।

 

हल्दौर नगर पालिका परिषद का कुल प्रशासन 3,510 से अधिक घरों में है, जिसमें यह पानी और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति करता है। यह नगर पालिका परिषद की सीमा के भीतर सड़कों का निर्माण करने और अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली संपत्तियों पर कर लगाने के लिए भी अधिकृत है।

हल्दौर धर्म डेटा 2011

जनसंख्या = हिंदू मुस्लिम ईसाई सिख बौद्ध जैन अन्य नहीं 

19,567    = 73.64%  23.43%  0.03%  2.86%  0.01%  0.01%  0.00%  0.04%

 

हल्दौर जाति कारक

हल्दौर (एनपीपी) में अनुसूचित जाति (एससी) कुल आबादी का 18.95% है। (एनपीपी) हल्दौर में वर्तमान में कोई अनुसूचित जनजाति (एसटी) आबादी नहीं है।

 

हल्दौर वर्क प्रोफाइल

कुल जनसंख्या में से, 5,616 कार्य या व्यावसायिक गतिविधि में लगे हुए थे। इसमें 5,170 पुरुष थे जबकि 446 महिलाएं थीं। जनगणना सर्वेक्षण में, कार्यकर्ता को उस व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है जो व्यवसाय, नौकरी, सेवा और कृषक और श्रम गतिविधि करता है। कुल 5616  कामकाजी आबादी में से 80.84% मुख्य कार्य में लगे हुए थे जबकि कुल श्रमिकों का 19.16% सीमांत कार्य में लगे हुए थे।

 

हल्दौर 2021 जनसंख्या

 

हल्दौर जनसंख्या की अगली जनगणना 2021 में होगी। अभी 2021 के सभी आंकड़े अनुमानित हैं। 

हिन्दी यहाँ की स्थानीय भाषा है।

 

हल्दौर में राजनीति

सपा, बसपा इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

नेहटौर विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल

नेहटौर विधानसभा क्षेत्र में सपा, बसपा प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

 

नेहटौर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान मौजूदा विधायक।

नेहटौर विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान मौजूदा विधायक ओम कुमार भारतीय जनता पार्टी से हैं

 

नेहटौर विधानसभा क्षेत्र में मंडल।

धामपुर हल्दौर (खारी झालू) कोतवाली नेहटौर

 

नेहटौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।

 

2012  (एससी) ओम कुमार बसपा 51389 = 19398 राज कुमार  एसपी 31991

 

 

 कैसे पहुंचें हल्दौर 

 

रेल द्वारा

हल्दौर रेल मार्ग स्टेशन, अम्हेरा रेल मार्ग स्टेशन हल्दौर (खारी झालू) के बहुत नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।

 

शहरों के पास

नेहटौर 12 किमी

बिजनौर 19 किमी

नूरपुर 22 किमी

नगीना 24 किमी

 

तालुकसो के पास

हल्दौर 4 किमी

नेहटौर 11 किमी

बिजनौर 18 किमी

जलीलपुर 21 किमी

 

हवाई बंदरगाहों के पास

मुजफ्फरनगर हवाई अड्डा 68 किमी

देहरादून हवाई अड्डा 130 किमी

पंतनगर हवाई अड्डा 133 किमी

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 157 किमी

 

पर्यटन स्थलों के पास

हस्तिनापुर 35 किमी

काशीपुर 73 किमी

मेरठ 73 किमी

कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 77 किमी

मुरादाबाद 79 किमी

 

निकटवर्ती जिले

बिजनौर 19 किमी

ज्योतिबा फुले नगर 52 किमी

मुजफ्फरनगर 66 किमी

मेरठ 74 किमी

 

रेलवे स्टेशन के पास

हल्दौर रेल वे स्टेशन 0.4 किमी

अम्हेरा रेल वे स्टेशन 3.6 किमी

खारी झालू रेल मार्ग स्टेशन 9.0 किमी

नगीना रेल वे स्टेशन 24 किमी

धामपुर रेल मार्ग स्टेशन 24 किमी

सामाजिक/विकास कार्यों के बारे में :

माननीय सभासद जी की विकास कार्य सूचि अभी उपलब्ध नहीं है 

निकाय चुनाव 2022 से पूर्व सूची प्रकाशित कर दी जाएगी

 

 

योगी योजना 2021: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी योजना सूची

 

योगी योजना 2021 

 

(1) उत्तर प्रदेश गोपालक योजना

उत्तर प्रदेश गोपालक योजना का उद्देश्य यही है की यूपी में जितने भी बेरोजगार युवा निवास करते है उनको रोजगार प्रदान करना है। ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सके। इसके लिए यूपी सरकार ने अपने राज्य को अपना ब्यवसाय खोलने के लिए बैंक द्वारा 2 लाख का ऋण मुहैया कराया जायेगा। आपको प्रतिवर्ष 40 हजार का ऋण दिया जायेगा।

बैंक लाभार्थी को ऋण 2 किस्तों में दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत आपको लगभग 10-12 गाय का पशुपालन करना होगा आप गाय या भैंस दोनों में से कोई भी पाल सकते हो लेकिन पशु दूध देता हो। ऐसी पशु को पालना होगा। इस योजना के तहत उम्मीदवार अपना खुद का डेरी फार्म भी खोल सकते हैं। इससे बेरोजगारी में भी कमी होगी। गोपालक योजना में यदि व्यक्ति 5 पशु ही पालना चाहता है तो आपको सिर्फ एक ही क़िस्त दी जाएगी।

 

(2) योगी फ्री लैपटॉप स्कीम

योगी फ्री लैपटॉप स्कीम योजना उत्तर प्रदेश के उन गरीब विद्यार्थियों के लिए है जो बारहवीं पास करेंगे और कॉलेज में दाखिला लेंगे। इन छात्रों को मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा फ्री में लैपटॉप वितरण किये जायेंगे। आपको बता दे लाभार्थी को लैपटॉप तभी दिए जायेंगे जब विद्यार्थी बारहवीं पास करेगा चाहे वो लडका हो या लड़की हो। दोनों को इसका लाभ मिलेगा।

 

यूपी सरकार फ्री लैपटॉप स्कीम का यही उद्देश्य है की उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो। कई बच्चे ऐसे होते है जो पढ़ाई में अच्छे होते हैं लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण पढ़ाई में समस्या होती है व वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। इस योजना से वे अपनी पढ़ाई कर पाएंगे। इस योजना को 2018 में लांच किया गया। इसके लिए उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। फ्री लैपटॉप योजना के अंतर्गत 25 लाख उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा।

 

(3) यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना

योगी सरकार ने भाग्य लक्ष्मी योजना का शुभारम्भ किया है। भाग्यलक्ष्मी योजना के अंतर्गत जो भी महिला बेटी को जन्म देगी उन्हें बेटी की शिक्षा व् शादी के लिए 50 हजार रूपये दिए जायेंगे व् माता को भी 5100 रूपये दिए जायेंगे। जैसे की आप सब जानते ही है की आज भी लोगो के मन में बेटी पैदा होने को अपशगुन माना जाता है जिससे की कुछ लोग तो बेटी को गर्भ में ही मार देते है। जिस कारण समाज में लिंगानुपात आसमान हो जाता है। व् गरीब परिवार के लोग आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती और वे अपनी बेटी को ना तो शिक्षा दे पाते है और उनकी कम उम्र में शादी कर देते है।

भाग्यलक्ष्मी योजना का यही उद्देश्य है की बेटियों को भी लड़को की तरह समाज में इज्जत मिले व उन्हें भी पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। इस योजना का लाभ लेने के लिए उम्मीदवार के परिवार की वार्षिक आय 2 लाख तक होनी चाहिए। व् लड़की 2006 के बाद हुआ हो उन्ही को लाभ मिलेगा। उम्मीदवार ध्यान दे यदि आप इस योजना का लाभ लेंगे तो आपको अपनी बेटी को शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल में दाखिला लेना होगा।

 

(4) उत्तर प्रदेश स्कॉलरशिप योजना

उत्तर प्रदेश स्कॉलरशिप योजना योगी जी के द्वारा घोषणा की गयी है। इस योजना के अंतर्गत कक्षा 9, 10, 11, 12के बच्चो को स्कॉलरशिप दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य गरीब बच्चो को शिक्षा प्राप्त कराना है। स्कॉलरशिप योजना का लाभ उन बच्चो को होगा जिनके अभिवावक की वार्षिक आय 2 लाख तक होगी। आप इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्कॉलरशिप योजना की आधिकारिक वेबसाइट scholarship.up.nic.in है।

 

(5) गरीब मुस्लिम लड़कियों का सामूहिक विवाह योजना

इस योजना के अंतर्गत गरीब मुस्लिम लड़कियों का सामूहिक विवाह कराया जायेगा। जो परिवार अपनी बेटी की शादी करने में सक्षम नहीं है इस योजना से उन गरीब मुस्लिम परिवारों को लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा मुस्लिम लड़की को 20 हजार रूपये तक की आर्थिक मदद तथा सामूहिक विवाह में होने वाले अन्य खर्च का भी वहन करेगी। जिससे मुस्लिम लड़कियों की शादी आसानी से हो सके और वह खुश रहे।

 

(6) निराश्रित महिला पेंशन योजना

निराश्रित महिला पेंशन योजना को विधवा पेंशन योजना भी कहते हैं। इस योजना का उद्देश्य उन महिलाओ की आर्थिक मदद करना है जिस महिलाओ की पति की मृत्यु हो जाती है इस योजना के तहत विधवा महिला को सरकार द्वारा पेंशन के रूप में कुछ राशि प्रदान की जाती है जिससे वह किसी अन्य पर निर्भर न रहे और अपनी जरूरत का सामान खरीद सके। इस योजना के अंतर्गत विधवा महिला को प्रति माह 500 रूपये तक की राशि प्रदान करती है।

(7) श्रमिक भरण-पोषण योजना

जैसे की आजकल कोरोना वायरस की वजह से पुरे देश में लॉकडाउन हो रखा है जिस कारण जो श्रमिक है उनका परिवार मजदूरी से चलता हो। लेकिन अब वे घर से बाहर तक नहीं निकल सकते जिस कारण श्रमिकों की आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। योगी जी ने इस समस्या को देखते हुए श्रमिक भरण-पोषण योजना की शुरुआत की है जिसमे हर महीने श्रमिक के परिवार को 1000 रूपये दिए जायेंगे। इस योजना का लाभ 20 लाख से अधिक श्रमिकों को मिलेगा।

 

(a)सड़क निर्माण योजना – योगी जी ने खराब सड़को को देखते हुए सड़के ठीक करने के आदेश दिए और शहर की सड़को को बढ़ाने की योजना चलाई है जिससे की लोगो को कोई दिक्कत ना हो।

 

(b)किसानो का कर्ज माफ़ – मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करते ही योगी जी ने सबसे पहले किसानो का कर्ज माफ़ करने की घोषणा की जिससे किसान आसानी से अपने कृषि का काम कर सके। और किसान आत्महत्या न करे।

 

(8) उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता योजना

राज्य में दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है तथा पढ़े-लिखे लोग भी बेरोजगार बैठे हुए हैं। बेरोजगार नागरिक नौकरी को ढूढ़ने के लिए बहुत कुछ करता रहता है जिससे उसके बहुत से पैसे खर्च होते हैं या कई नागरिक आर्थिक कमी के कारण अपने लिए एक अच्छी सी जॉब नहीं ढूंढ पाते हैं। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021 में राज्य के बेरोजगार नागरिकों के लिए बेरोजगार भत्ता योजना का प्रारंभ किया।

इस योजना का उद्देश्य बेरोजगार नागरिकों की आर्थिक मदद करना है जिसके लिए उन्हें प्रति माह 1500 रूपये की राशि प्रदान की जायेगी। इस योजना का लाभ राज्य के पढ़े-लिखे बेरोजगार नागरिक जिनकी घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होती हैं वही उठा सकते हैं।

 

(9) शादी अनुदान योजना उत्तर प्रदेश

शादी अनुदान योजना का आरम्भ यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राज्य के गरीब नागरिक जिनकी परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होती है जिसके कारण वह अपनी बेटी का विवाह अच्छे तरीके से नहीं कर पाते हैं उन नागरिकों के लिए किया है इस योजना के तहत राज्य के सभी गरीब नागरिक जिनकी कन्या की शादी होने वाली है उनको 51,000 रूपये की राशि प्रदान करना है जिससे गरीब परिवार की कन्याओं का विवाह अच्छे से सम्पन हो।

 

(10) मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना

राज्य में बहुत से युवा नागरिक ऐसे होते हैं जो प्रतियोगी पेपरों जैसे UPSC,UPPSC, JEE, NEET आदि पेपरों की तैयारी कर रहे होते हैं किन्तु राज्य में प्रशिक्षण संसाधनो की कमी के कारण उन्हें अन्य राज्यों में जाना पड़ता है तथा कई परिवारों की आर्थिक स्तिथि सही नहीं होने कारण वह किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं ले पाते हैं उन सभी युवा नागरिकों के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का आरम्भ किया है। इस योजना के तहत आवेदन करने वाले राज्य के युवा नागरिक जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें निशुल्क ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कोचिंग दी जाएगी।

 

(11) मुख्यमंत्री सामर्थ्य योजना

महिलाओ के उत्थान और विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा महिला सामर्थ्य योजना 2021 का आरम्भ किया गया जिसके तहत राज्य की महिलाओं के द्वारा बनाये गए लघु या कुटीर उद्योगों के सामान को बनाने में सहायता की जाएगी तथा उनके द्वारा बनाये गए सामान को बेचने के लिए उन्हें बाजार उपलब्ध कराये जायेगे।

 

(12) मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना

राज्य के वह नागरिक जो रोजगार के लिए अन्य राज्यों में गए थे किन्तु लॉकडाउन के कारण वापस राज्य में आ गए हैं उन सभी प्रवासी नागरिको के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना का आरम्भ किया गया है इस योजना के तहत प्रवासी श्रमिक नागरिको को उद्योगों के तहत जोड़कर रोजगार के साधन उपलब्ध कराये जायेंगे जिससे राज्य के नागरिक को अन्य राज्यों में जा कर कार्य न करना पड़े।

(13) आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना

राज्य के किसान नागरिकों की आय में वृद्धि करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना का आरम्भ किया गया इसके तहत किसानों द्वारा सबसे अधिक उत्पादित फसलों को लेकर नवीन तकनीक, बेहतर मार्केटिंग, मूल्य में वृद्धि, निवेश प्रोत्साहन तथा ब्लॉक स्तर पर कृषक उत्पादक संघटन की व्यवस्था की जाएगी।

 

(14) शिक्षुता प्रशिक्षण योजना

राज्य के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षुता प्रशिक्षण योजना या यूपी इंटर्नशिप स्कीम का आयोजन किया है। इस योजना के तहत राज्य के बेरोजगार नागरिकों को उद्योगों के काम सिखाये जाता है तथा इस इंटर्नशिप से जुड़े नागरिको को प्रति माह 2500 रूपये की राशि उपलब्ध कराना है जिससे नागरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ अपनी जरूरत को भी पूरा कर सके।

 

(15) मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना

किसानों की आर्थिक मदद करने के उद्देश्य से योगी सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का आरम्भ किया। इस योजना के तहत राज्य के किसान नागरिक जो काम करते समय किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं तो उनके इलाज के लिए सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाता है या किसान विकलांग या मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को 5 लाख रूपये तक की राशि दी जाती है जिससे किसान के परिवार वालों को किसी भी प्रकार की आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े।

 

(16) राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना 

परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है जिस कारण को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का प्रारम्भ किया जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों की आर्थिक मदद करना है इस योजना के तहत गरीब परिवारों के एक मात्र कमाने वाले मुखिया की मृत्यु होने पर उन परिवार के सदस्यों को 30000 रूपये की राशि दे जाती है। जिससे उनके परिवार को अन्य किसी पर भी निर्भर न रहना पढ़े।

 

(17) कृषि उपकरण सब्सिडी योजना

किसानो को खेती करने के लिए बहुत से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा आधुनिक युग में बहुत से आधुनिक उपकरणों का अविष्कार हो गया है जिससे खेती करने में आसानी होती हैं किन्तु राज्य में बहुत से गरीब किसान होते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं होती है जिसके कारण वह कृषि उपकरणों को खरीद नहीं सकते है उन सभी किसान नागरिकों के लिए योगी सरकार द्वारा कृषि उपकरण सब्सिडी योजना का आरम्भ किया है। इस योजना के तहत राज्य के किसान नागरिको को कृषि उपकरण को खरीदने के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है जिससे वह कृषि उपकरण को आसानी से खरीद सके। इससे किसानों को खेती करने में आसानी होगी तथा उपज में वृद्धि होगी।

 

योगी योजना से जुड़े कुछ प्रश्न

 

1.योगी फ्री लैपटॉप स्कीम क्या है ?

इस योजना के तहत बारहवीं पास करने वाले गरीब विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण किये जायेंगे। ताकि वे अपनी आगे की पढ़ाई अच्छे से कर सके।

 

2.भाग्यलक्ष्मी योजना के अंतर्गत माता को बेटी जन्म होने पर कितनी राशि दी जाएगी ?

इस योजना के अंतर्गत माता को बेटी जन्म होने पर 5100 रूपये दिए जायेंगे। और बेटी की शिक्षा के लिए 50 हजार रूपये दिए जायेंगे।

 

3.स्कॉलरशिप योजना के तहत किन -किन कक्षा के विद्यार्थियों को पात्र बनाया गया है ?

कक्षा 9, 10, 11, 12 उम्मीदवार इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।

 

4.श्रमिक भरण-पोषण योजना 2021 का उद्देश्य क्या है ?

इस योजना में जितने भी श्रमिक है सरकार द्वारा हर महीने उनके खाते में 1000 रूपये की आर्थिक सहायता भेजी जाएगी।

 

5.उत्तर प्रदेश गोपालक योजना का उद्देश्य क्या है ?

यूपी गोपालक योजना में जितने भी बेरोजगार युवा है उनको पशुपालन करना होगा सरकार द्वारा इसके लिए लोन मुहैया कराया जायेगा। और आप खुद के डेरी फार्म खोल सकते हैं। और जिससे युवाओं में बेरोजगारी ना हो।

 

6.मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का प्रारम्भ कब किया गया ?

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का प्रारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा 15 फरवरी 2021 को किया गया।

 

7.शादी अनुदान योजना उत्तर प्रदेश के अंतर्गत कितनी बार लाभ प्राप्त किया जा सकता है ?

शादी अनुदान योजना के अंतर्गत गरीब नागरिक की 2 लड़कियों की शादी करवाने के लिए इस योजना से लाभ ले सकता है।

 

8.योजनाओं का लाभ कौन-कौन नागरिक ले सकता है ?

योजनाओ का लाभ उत्तर प्रदेश के स्थाई निवासी ही ले सकते हैं।

 

9.श्रमिक श्रेणी योजनाओं का लाभ कौन प्राप्त कर सकते है ?

उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी श्रमिक नागरिक जो पंजीकृत कामगार श्रमिक नागरिक है वह राज्य सरकार की ओर से संचालित की गयी सभी श्रमिक श्रेणी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र है।

कार्यक्रम सहयोगी के बारे में : NA

नगर निकाय सभासद के अधिकार के बारे में :

नगर पालिका (Municipality) क्या है

नगर पालिका का मतलब संविधान के 74वें संसोधन से है जिसमे नगर पालिकाएं (The Municipalities) को भाग 9 (क) में जोड़ा गया है और इसको संविधानिक दर्जा दिया गया है | यह एक शहरी निकाय शासन है जिसे पंचायती राज व्यवस्था के अनुसार त्रिस्तरीय रूप में विभाजित किया गया है |

 

नगर पालिकाः एक नगर पालिका की आबादी 20 हजार या उससे अधिक की होती है. नगर पालिका है तो एक प्रशासनिक इकाई ही लेकिन इसमें इसका परिभाषित क्षेत्र और इसकी जनसंख्या भी अंकित होती है. आमतौर पर यह एक कस्बे, गांव, या उनमें से छोटे समूह रूप में होता है. एक नगरपालिका में प्रायः एक चेयरमैन प्रशासनिक अधिकारी होता है, व इसके ऊपर नगर परिषद या नगरपालिका परिषद का नियंत्रण होता है. प्रायः नगरपालिका अध्यक्ष ही प्रशासनिक अध्यक्ष होता है.

भारत में, एक नगर पालिका अक्सर एक शहर के रूप में जाना जाता है. यह न तो एक ग्राम और न ही बड़े शहर के बराबर होता है, वरन उनके बीच का होता है. एक नगर पालिका 20 हजार या उससे अधिक लोगों को मिलाकर बनता है, लेकिन अगर यह 5 लाख से अधिक जनसंख्या वाला हो जाता है तब एक नगर निगम बन जाता है. 

 

नगरपालिका (Municipality)
पूर्ण रूप से एक शहरी निकाय शासन के रूप में कार्य करता है और क्षेत्रो के अनुसार नगरपालिकाएं (The Municipalities) को नगर पंचायत, नगरपालिका परिषद और नगर निगम की श्रेणी में विभाजित किया गया है | आज हम नगरपालिकाएं (The Municipalities) के रूप में जानेगे ये नगरपालिका क्या होती है, यह कैसे काम करती है और साथ ही में जो बहुत भ्रम का कारण है कि नगरपालिका और नगरपालिका परिषद में क्या अंतर है |

नगरपालिका का गठन व कार्य

नगर पालिकाएं (The Municipalities) का महत्व

किसी राज्य के स्थानीय शहरी शासन में जनता की भागीदारी बढ़ाने हेतु 74वें संविधान संसोधन के रूप में शहरी स्थानीय शासन को सशक्त बनाया गया जिसे भाग 9 (क) में नगरपालिकाएं (The Municipalities) कहा गया और इसे ही सामान्य रूप में नगरपालिका कहा जाता है | अक्सर लोग नगरपालिका का नगर निगम, नगरपालिका परिषद के साथ क्या संबंध है, इसमें भ्रमित स्थिति में रहते है | आपको बता दे कि नगर पंचायत, नगरपालिका परिषद और नगर निगम यह तीनो नगरपालिका की श्रेणी है जिन्हें जनसँख्या के आधार पर बनाया जाता है | सबसे छोटी इकाई नगर पंचायत व सबसे बड़ी इकाई नगर निगम के रूप में होती है |

 

नगरपालिका क्षेत्र को वार्डो में विभक्त किया जाता है जिसमे से प्रत्येक वार्ड के प्रतिनिधि का चुनाव होता है |

वार्ड के प्रतिनिधि को पार्षद या सभासद कहा जाता है जिनका चुनाव प्रत्यक्ष माध्यम से होता है |

यही वार्ड प्रतिनिधि आपस में सलाह करके अपने में से ही सभा का अध्यक्षता करने हेतु अध्यक्ष का चुनाव करते है, इन्हें अध्यक्ष  या चेयरमैन बुला सकते है

नगरपालिका के सदस्य के रूप में सभासद और अध्यक्ष मिलकर नगर 
पालिका का गठन करते है |

प्रशासक के रूप एक अधिशाषी अधिकार राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है |

नगर पालिकाएं (The Municipalities) का महत्व

हमारे भारतीय संविधान में स्थानीय निकाय में भी विकेन्द्रीकरण सुधार माध्यम से ग्रामीण व शहरी स्तर पर नागरिको के सहयोग से अच्छा माहौल बनाने का कार्य किया गया है | 73वें और 74वें संविधान संसोधन के बाद असलियत में लोकल बॉडी को अधिकार दिए गए है जो पहले कभी नहीं दिए गए थे |

क्षेत्र को छोटे छोटे वार्ड में विभक्त करने के बाद से किसी भी भाग में विकास और सम्बंधित कार्य करना बहुत आसान हो गया है|

नगरपालिकाएं गठन से स्थानीय स्तर पर शासन की जवाबदेही भी तय हुई है, जिससे लोगो की हिस्सेदारी में सुधार हुआ है |

स्थानीय निकाय के विकसित होने से लोकल स्तर पर रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य संबधित चिंताए भी दूर हुई है |

स्थानीयस्तर पर अब मूलभूत सुविधाए बहुत सुगमता से उपलब्ध करायी जा सकती है |



नगर पंचायत क्या होती है (what is nagar panchayat)

पंचायत राज व्यवस्था (THE PANCHAYATS) में ग्रामीण स्थानीय निकाय के रूप में ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) की तर्ज़ पर शहरी स्थानीय के रूप में नगर पंचायत स्थापित किया गया | 74वें संविधान संसोधन के रूप में शहरी स्थानीय शासन को भी त्रिस्तरीय पर विभाजित किया गया इसमें सबसे छोटी इकाई नगर पंचायत के बाद नगरपालिका परिषद (Municipal Council) व नगर निगम (Municipal Corporation) को प्रस्तावित किया गया | वैसे तो संविधान (The Constitution of India) में पहले से (अनुच्छेद-40 में) स्थानीय निकाय को मान्यता दी गयी थी परन्तु आशा अनुरूप कार्य न होने पर केंद्र सरकार को स्थानीय शासन को ज्यादा सशक्त करने कर लिए संविधान में संसोधन करना पड़ा |

 

क्या है नगर पंचायत (Nagar Panchayat)

संविधान द्वारा 12वीं सूची में विषय

नगर पंचायत का गठन व चुनाव प्रक्रिया (Composition and Election Process of Nagar Panchayat)

यह शहरी स्थानीय निकाय के त्रिस्तरीय रूप में सबसे छोटी इकाई है | नगर पालिका व्यवस्था के अनुसार नगर पंचायत को निम्न प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है:-

“ऐसे क्षेत्र जो ग्राम से शहरी क्षेत्र बनने की ओर अग्रसर है, नगर पंचायत के रूप में निर्धारित किये गए है”

संविधान द्वारा 12वीं सूची में निर्धारित 18 विषयों पर नगर पालिका को कानून बनाने का अधिकार दिया गया |

 

संविधान द्वारा 12वीं सूची में विषय

 

1-नगरीय योजना।

2-भूमि उपयोग का विनियमन और भवनों का निर्माण।

3-आर्थिक व सामाजिक विकास योजना।

4-सड़कें और पुल।

5-घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रयोजनों के लिये जल आपूर्ति।

6-लोक स्वास्थ्य, स्वच्छता, सफाई और कूड़ा करकट प्रबंधन।

7-अग्निशमन सेवाएँ।

8-नगरीय वानिकी, पर्यावरण का संरक्षण और पारिस्थितिक आयामों की अभिवृद्धि ।

9-समाज के दुर्बल वर्ग, जिनके अंतर्गत दिव्यांग और मानसिक रूप से मंद व्यक्ति भी हैं, के हितों की रक्षा।

10-झुग्गी बस्ती सुधार और प्रोन्नयन।

11-नगरीय निर्धनता उन्मूलन।

12-नगरीय सुख-सुविधाओं और अन्य सुविधाओं, जैसे- पार्क, उद्यान, खेल के मैदान आदि की व्यवस्था।

13-सांस्कृतिक, शैक्षणिक और सौंदर्यपरक आयामों की अभिवृद्धि।

14-शव गाड़ना और कब्रिस्तान, शवदाह और श्मशान तथा विद्युत शवदाह गृह।

15-कांजी हाऊस पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण।

16-जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण।

17-सार्वजनिक सुख सुविधाएँ, जिसके अंतर्गत सड़कों पर प्रकाश, पार्किंग स्थल, बस स्टॉप और जन सुविधाएँ भी हैं।

18-वधशालाओं और चर्मशोधनशालाओं का विनियमन।

 

नगर पंचायत का गठन व चुनाव प्रक्रिया (Composition and Election Process ofNagar Panchayat)

नगर पंचायत का चुनाव नगरपालिका के निर्वाचन क्षेत्रो से प्रत्यक्ष रूप से होता है और सीटो का आवंटन चुने हुए प्रतिनिधियों को किया जाता है |

नगरपंचायत का चुनाव 5 वर्ष के लिए होता है और अवधि समाप्त होने पर अथवा बीच में विधान मंडल द्वारा कार्यकाल बीच में भंग होने पर 6 महीने के भीतर ही चुनाव करने का प्रावधान है |

नगर पालिका में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिये सीटें आरक्षित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है |

महिलाओ के लिए एक तिहाई सीटो को आरक्षित किया गया है (कुल सीटो का)

सभासदों द्वारा इसमें भी अध्यक्ष चुना जाता है जो 5 साल के लिए शासन करता है तथा क्षेत्र में विकास कार्यकराता है |

प्रशासन के कार्यअधिशाषी अधिकारी द्वारा किये जाते है |

 

सभासद क्या होता है?

 

सभासद से सम्बंधित जानकारी (Information About Sabhasad)

भारत में स्थानीय प्रशासन के लिए नगर पालिका का गठन किया जाता है | इसका गठन शहरी क्षेत्र के प्रशासन को संचालित करने के लिए किया जाता है| नगर पालिका में कई महत्वपूर्ण पद होते जो अपने दायित्वों का निर्वहन करते है और व्यवस्था को संचालित करते है | इसमें सभासद का पद बहुत ही महत्वपूर्ण होता है | इस पेज पर सभासद के विषय में जानकारी दी जा रही है|

 

सभासद क्या होता है (What is Sabhasad)?

नगर को वार्डों में विभाजित किया जाता है | नगर की जनसँख्या के आधार पर एक या एक से अधिक वार्डों के लिए एक सभासद का पद निर्धारित किया जाता है | यह सभासद अपने क्षेत्र में रहनें वाले लोगो का प्रतिनिधित्व करते है, और उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास करते है |

 

सभासद बननें हेतु योग्यता (Ability)

वह भारत का नागरिक होना चाहिए |

व्यक्ति की आयु 21 वर्ष पूरी हो चुकी हो |

उस व्यक्ति का नाम वार्ड की निर्वाचक नामावली में पंजीकृत हो |

वह भारत में किसी भी नगर निकाय का कर्मचारी न हो |

उसे पहले कभी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित नहीं किया गया हो |

 

सभासद के कर्तव्य और अधिकार (Duties and Authority)

एक सभासद पूर्ण रूप से नगर पालिका के कल्याण और हितों के लिए कार्य करता है |

सभासद परिषद की बैठकों, परिषद समिति की बैठकों और अन्य संबंधित निकायों की बैठकें में भाग लेता है |

वह नगर पालिका के कार्यक्रमों और नीतियों के विकास और मूल्यांकन में भाग लेता है |

वह जनहित के मुद्दों को परिषद की बैठकों में आत्मविश्वास के साथ रखने में सक्षम रहता है |

वह नगर पालिका के संचालन और प्रशासन से संबधित मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से सभी प्रकार की जानकारी को प्राप्त करता है |

 

सभासद का चुनाव कैसे होता है (How is The Sabhasad Elected)

सभासद का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा आयोजित कराया जाता है | प्रत्येक पांच वर्ष में एक बार निकाय चुनाव का आयोजन होता है | यदि आप सभासद बनना चाहते है, तो आपको निर्वाचन आयोग के द्वारा निर्धारित नियमानुसार पर्चा भरकर निकाय चुनाव में भाग लेना होगा | चुनाव आयोग के द्वारा आपको एक चिन्ह प्रदान कर दिया जायेगा | इसके बाद आप अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार कर सकते है | यदि आपके क्षेत्र की जनता आपको निर्वाचित करती है, तो आप सभासद के पद पर कार्य कर सकते है |

 

तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में :

         क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए  तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। 

   1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन         रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।

2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।

3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।

4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।

5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।

6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।

7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।

8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।

9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।

11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।

12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।

13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।

14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।

15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।

16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।

17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।

18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।

19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।

20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।

21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।

22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।

23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ?
भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।

24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ? देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।



मेरा नगर मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान छात्र फ़ोटो परियोजना के बारे में : 

    संस्था द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट का उद्देश ग्रामीण/शहरी क्षेत्र के नागरिकों को डिजीटल इंडिया एवम तिरंगे के प्रति जागरूक कर पासपोर्ट साइज फोटो परियोजना के माध्यम से आर्थिक विकास में सहयोग कर पंजीकृत नागरिक को योजना फॉर्म में लगाने हेतु 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो कैलन्डर सहित उपलब्ध कराना, 

       एक सर्वे के अनुसार 90% छात्र, नागरिक एक बार मे 4/5 फ़ोटो बनवाते हैं, जिसको 20 से 25 रुपये में शॉप द्वारा बनाकर दिए जाते हैं, प्रत्येक वर्ष 8 से 9 फ़ोटो की जरूरत होती है रुपये खर्चे के साथ बार बार समय भी खर्च होता है, 

       संस्था इस परियोजना में छात्र, नागरिकों का पंजीकरण शुल्क मात्र 40 रुपये में 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो, कैलेंडर, हैंड फ्लैग, गांव/वार्ड का मोबाइल ऐप लिंक, बारकोड,तिरंगा,सहित आवेदकों को उपलब्ध रही है, जिसका मार्किट मूल्य लगभग 150 से 200 रुपये में 45 फ़ोटो अलग अलग समय दुकान से बन पाते हैं, लेकिन संस्था द्वारा तेयार किए गए फोटो कैलेंडर की लागत मात्र 80 रुपिया आती है नगर पालिका सभासद , नगर पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य,पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से 20रुपिया एवं क्षेत्रीय जनप्रतिनधि के सहयोग से 20  रुपये सब्सिडी देकर मात्र 40 रुपये पंजीकरण में छात्र, नागरिक इस योजना का लाभ ले सकते हैं, 

     बच्चों का एक सपना होता है घर मे जो कैलेंडर लगा है उस पर उनकी फोटो लगी हो इस परियोजना के माध्यम से अमीर गरीब समस्त नागरिकों के सपने पूरा करने हेतु कैलेंडर पर छात्र का फोटो लगाकर उनके सपने पूरे करने का प्रयास कर रहे हैं, इस परियोजना में कुछ धनराशि संस्था अपने स्तर से खर्च करती है प्रोजेक्ट पर कार्य करने वालो के लिये, आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रत्येक नगर निकाय  स्तर पर एक पदाधिकारी नियुक्त कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, 

     आओ भारत जोड़ें अभियान में बच्चों का सपना कैलेंडर पर फ़ोटो हो अपना, मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फ़ोटो परियोजना द्वारा 45 फ़ोटो कैलेंडर सहित समस्त स्कूलों से अनुबंध कर उपलब्ध करा रहे हैं जिससे छात्र स्कूल के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ा रहे वर्षों बाद भी एक क्लिक में अपने मोबाइल पर स्कूल की तस्वीर देख सकता है संस्था ने राष्ट्रहित में इस प्रोजेक्ट को समर्पित किया है।


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