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मेरा गांव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान

नाम :
मा. राधा देवी
पद :
ग्राम प्रधान
वार्ड/गांव :
हरसिंहपुर ब्रजनाथपुर
पंचायत :
हरसिंहपुर ब्रजनाथपुर
ब्लॉक :
हापुड़
जिला :
हापुड़
राज्य :
उत्तर प्रदेश
सहयोगी :
सम्मान :


माननीय ग्राम प्रधान जी ने हिंदी भाषा को बढ़ावा देने राष्ट्रीय ध्वज की जानकारी जन जन तक पहुंचाने में संस्था को सहयोग  करने एवं क्षेत्र में विकास कार्यों की जानकारी मतदाताओं को डिजिटल मोबाईल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराने के उपरांत संस्था द्वारा  मेरा गाँव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया है !

जीवन परिचय :

Introduction

Name: Radha Devi

Designation: Gram pradhan

Organization :  NA 

Eligibility: Masters

Email: NA

Mobile No: 9810363537

Residence:  Gram Panchayt Harsinghpur Brajnathpur

Support: Independent 

Locality Name : Harsinghpur Brajnathpur ( हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर)

Block Name : Hapur

District : Ghaziabad

State : Uttar Pradesh

Division : Meerut

Language : Hindi and Urdu

Current Time 11:35 AM

Date: Tuesday , Sep 28,2021 (IST)

Time zone: IST (UTC+5:30)

Telephone Code / Std Code: 0122

Vehicle Registration Number:UP-14,UP-37

RTO Office : Ghaziabad,Hapur

Assembly constituency : Hapur assembly constituency

Assembly MLA : Vijay Pal (Bharatiya Janata Party)

Lok Sabha constituency : Meerut parliamentary constituency

Parliament MP : RAJENDRA AGARWAL

Serpanch Name : Radha Devi
Pin Code : 245101
Post Office Name : Hapur
 

24 अप्रैल 1993 भारत में पंचायती राज के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मार्गचिन्ह था क्योंकि इसी दिन संविधान (73वाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ और इस तरह महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के स्वप्न को वास्तविकता में बदलने की दिशा में कदम बढ़ाया गया था।

73वाँ संविधान संशोधन अधिनियम ग्राम स्तर पर स्व-शासन की संस्थाओं के रूप में ऐसी सशक्त पंचायतों की परिकल्पना करता है जो निम्न कार्य करने में सक्षम हो:

ग्राम स्तर पर जन विकास कार्यों और उनके रख-रखाव की योजना बनाना और उन्हें पूरा करना।

ग्राम स्तर पर लोगों का कल्याण सुनिश्चित करना, इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, समुदाय भाईचारा, विशेषकर जेंडर और जाति-आधारित भेदभाव के संबंध में सामाजिक न्याय, झगड़ों का निबटारा, बच्चों का विशेषकर बालिकाओं का कल्याण जैसे मुद्दे होंगे।

 

ग्राम पंचायत हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर के बारे में

ग्राम पंचायत  हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर  2021 में कुल मतदाता संख्या 3854 थी कुल पड़े मत संख्या 2816 में से ग्राम प्रधान माननीय राधा देवी जी को कुल मत 1019 (37.48%) मत प्राप्त कर अपनी निकटतम प्रत्याशी

2 - अंजु चौधरी  = 965 (35.49%) मत प्राप्त कर दूसरे स्थान को 54 मतों से हराकर ग्राम प्रधान पद पर चुनाव जीता !

3 - मंजु देवी = 721 (26.52%) मत प्राप्त कर  तीसरे  स्थान पर रहे !

 

हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर के बारे में

 

हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के हापुड़ जिले के प्रखंड का एक गाँव है। यह मेरठ संभाग के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय गाजियाबाद से पूर्व की ओर 40 KM दूर स्थित है। हापुड़ से 7 किमी. राज्य की राजधानी लखनऊ से 434 किमी

 

हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर पिन कोड 245101 है और डाक प्रधान कार्यालय हापुड़ है।

 

मुर्शादपुर (2 किमी), सालेपुर कोटला (2 किमी), कुराना (3 किमी), बड़ौदा सिंहानी (3 किमी), हृदयपुर (3 किमी) हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर के पास के गांव हैं। हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर दक्षिण की ओर गुलाओठी ब्लॉक, पश्चिम की ओर धौलाना ब्लॉक, पूर्व की ओर भवन बहादुर नगर ब्लॉक, पश्चिम की ओर दादरी ब्लॉक से घिरा हुआ है।

 

हापुड़, पिलखुवा, सिकंदराबाद, दादरी हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर के पास के शहर हैं।

 

यह स्थान गाजियाबाद जिले और मेरठ जिले की सीमा में है। मेरठ जिला राजपुरा इस स्थान की ओर उत्तर में है। इसके अलावा यह अन्य जिले बुलंदशहर की सीमा में है।

 

हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर की जनसांख्यिकी

 

हिन्दी यहाँ की स्थानीय भाषा है।

हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर के पास मतदान केंद्र / बूथ

१)पी.एस. भीमयारी

2)पी.एस. धनोरा-आर.एन. 2

3)पी.एस. हाफिजपुर

4)पी.एस. हरसिंहपुर-r.n.1

5) पी.एस. सालेपुर कोटला -r.n.2


ग्राम पंचायत हरसिंहपुर ब्रजनाथपुर के नवनिर्वाचित ग्राम पंचायत सदय पंचायत चुनाव 2021

वार्ड नं. 1 लखमी चंद प्राईमरी 53 (9837137902) निर्विरोध

वार्ड नं. 2 अरविंद कुमार हाईस्कूल 27 (8126789123)  निर्विरोध

वार्ड नं. 3 गंगाराम प्राईमरी 51 (8923891018) निर्विरोध

वार्ड नं. 4 सविता हाईस्कूल 49 (9917675249) निर्विरोध

वार्ड नं. 5 तारा सैनी प्राईमरी 56 (9027288675) निर्विरोध

वार्ड नं. 6 कमल सिंह प्राईमरी 53 (9568211099) निर्विरोध

वार्ड नं. 7 सुनीता देवी प्राईमरी 42 (9927197272) निर्विरोध

वार्ड नं. 8 तेजपाल सिंह प्राईमरी 52 (8958686914) निर्विरोध

वार्ड नं. 9 ममता सैनी इंटर 42 (8218909030) निर्विरोध

वार्ड नं. 10 सतपाल इंटर 40 (9756407858) निर्विरोध

वार्ड नं. 11 मुननी देवी निरक्षर 54 (9917163854) निर्विरोध

वार्ड नं. 12 योगेंद्र सिंह जूनियर हाईस्कूल 43 (8630125286) निर्विरोध

वार्ड नं. 13 मनोज कुमार इंटर 35 (9568124110) निर्विरोध

वार्ड नं. 14 अजय कुमार शर्मा इंटर 37 (9536718097) निर्विरोध

वार्ड नं. 15 सगीरन निरक्षर 47 (7830746354) निर्विरोध


हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर में राजनीति

भाजपा, बसपा, कांग्रेस इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल

हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, बसपा, कांग्रेस एलकेडी, आईएनसी (आई), जेडी, बीकेडी, आरपीआई, बीजेएस, जेएनपी (एससी), जेएनपी

 

हापुड़ विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान मौजूदा विधायक।

हापुड़ विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान मौजूदा विधायक दल भारतीय जनता पार्टी के विजय पाल भारतीय जनता पार्टी हैं

 

हापुड़ विधानसभा क्षेत्र में मंडल।

हापुड़

 

हापुड़ विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।

 

2012 (एससी) गजराज सिंह कांग्रेस 77242 = 22152 धर्मपाल सिंह बसपा 55090

2007 (एससी) धर्म पाल पुत्र राम किशन बसपा 39802 = 9445 गजराज सिंह  कांग्रेस 30357

2002 (अनुसूचित जाति) धर्मपाल बसपा 37582 = 8104 राम स्वरूप भारती भाजपा 29478

1996 (एससी) जय प्रकाश भाजपा 47384 = 5877 गज राज सिंह कांग्रेस 41507

1993 (एससी) गजराज सिंह कांग्रेस 59865 = 7039 बद्री प्रसाद बाल्मीकि भाजपा  52826

1991 (एससी) विजेंद्र कुमार भाजपा 38116 = 4037 गज राज सिंह कांग्रेस 34079

1989 (एससी) गजराज सिंह कांग्रेस 46089 = 2209 बनारशी दास जद 43880

1985 (एससी) गज राज सिंह कांग्रेस 26266 = 14091 नाथी सिंह एलकेडी 12175

1980 (एससी) भूप सिंह कैन कांग्रेस (आई) 21274 = 5776 लक्ष्मण स्वरूप जेएनपी (एससी) 15498

1977 (एससी) बनारसी दास जेएनपी 34625 = 7215 भूप सिंह कैन कांग्रेस 27410

1974 (एससी) भूप सिंह कैन कांग्रेस 25481 = 9020 महेश बीकेडी 16461

1969 (अनुसूचित जाति) लक्ष्मण स्वरूप बीकेडी 26743 6777 वीर सेन कांग्रेस 19966

1967 (एससी) डी.डी.सैन आरपीआई 24395 = 1317 एम.एस.परचा IND 23078

1962 जनरल प्रेम सुंदर IND 21407 = 449 कैलाश प्रकाश कांग्रेस 20958

1957 (एससी) लुत्फ अली खान कांग्रेस  59737 = 28411 परमानंद इंडस्ट्रीज़ इंडस्ट्रीज़ 31326

1957 (SC) वीर सेन कांग्रेस  55309 = 35464 परमात्मा शरण BJS 19845


कैसे पहुंचें हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर

 

रेल द्वारा

हाफिजपुर रेल मार्ग स्टेशन, गुलाओठी रेल मार्ग स्टेशन हरसिंगपुर ब्रजनाथपुर के बहुत नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं।

 

शहरों के पास

हापुड़ 10 किमी

पिलखुवा 15 किमी

सिकंदराबाद 22 किमी

दादरी 26 किमी

  

तालुकसो के पास

हापुड़ 7 किमी

गुलोठी 12 किमी

धौलाना 13 किमी

भवन बहादुर नगर 16 किमी

 

हवाई बंदरगाहों के पास

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 73 किमी

मुजफ्फरनगर हवाई अड्डा 99 किमी

खेरिया हवाई अड्डा 185 किमी

पंतनगर हवाई अड्डा 192 किमी

 

पर्यटन स्थलों के पास

बुलंदशहर 31 किमी

मेरठ 44 किमी

नोएडा 49 किमी

सूरजकुंड 53 किमी

फरीदाबाद 57 किमी

  

निकटवर्ती जिले

बुलंदशहर 31 किमी

गाजियाबाद 38 किमी

मेरठ 43 किमी

गौतम बुद्ध नगर 43 किमी

 

रेलवे स्टेशन के पास

हाफिजपुर रेल वे स्टेशन 4.6 किमी

गुलाबोठी रेल मार्ग स्टेशन 8.4 किमी

हापुड़ जंक्शन रेल मार्ग स्टेशन 12 किमी

पिलखुआ रेल मार्ग स्टेशन 14 किमी

सामाजिक एवं विकास कार्य :

पंचायत चुनाव 2021 में नवनिर्वाचित हुए हैं सामाजिक एवम विकास  कार्य सूची अभी उपलब्ध नहीं हुई है  अप्रैल 2022 में प्रकाशित की जाएगी

कार्यक्रम सहयोगी परिचय :

योगी योजना 2021: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी योजना सूची

 

योगी योजना 2021 

 

(1) उत्तर प्रदेश गोपालक योजना

उत्तर प्रदेश गोपालक योजना का उद्देश्य यही है की यूपी में जितने भी बेरोजगार युवा निवास करते है उनको रोजगार प्रदान करना है। ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सके। इसके लिए यूपी सरकार ने अपने राज्य को अपना ब्यवसाय खोलने के लिए बैंक द्वारा 2 लाख का ऋण मुहैया कराया जायेगा। आपको प्रतिवर्ष 40 हजार का ऋण दिया जायेगा।

बैंक लाभार्थी को ऋण 2 किस्तों में दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत आपको लगभग 10-12 गाय का पशुपालन करना होगा आप गाय या भैंस दोनों में से कोई भी पाल सकते हो लेकिन पशु दूध देता हो। ऐसी पशु को पालना होगा। इस योजना के तहत उम्मीदवार अपना खुद का डेरी फार्म भी खोल सकते हैं। इससे बेरोजगारी में भी कमी होगी। गोपालक योजना में यदि व्यक्ति 5 पशु ही पालना चाहता है तो आपको सिर्फ एक ही क़िस्त दी जाएगी।

 

(2) योगी फ्री लैपटॉप स्कीम

योगी फ्री लैपटॉप स्कीम योजना उत्तर प्रदेश के उन गरीब विद्यार्थियों के लिए है जो बारहवीं पास करेंगे और कॉलेज में दाखिला लेंगे। इन छात्रों को मुख्यमंत्री योगी जी द्वारा फ्री में लैपटॉप वितरण किये जायेंगे। आपको बता दे लाभार्थी को लैपटॉप तभी दिए जायेंगे जब विद्यार्थी बारहवीं पास करेगा चाहे वो लडका हो या लड़की हो। दोनों को इसका लाभ मिलेगा।

 

यूपी सरकार फ्री लैपटॉप स्कीम का यही उद्देश्य है की उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त हो। कई बच्चे ऐसे होते है जो पढ़ाई में अच्छे होते हैं लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण पढ़ाई में समस्या होती है व वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। इस योजना से वे अपनी पढ़ाई कर पाएंगे। इस योजना को 2018 में लांच किया गया। इसके लिए उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। फ्री लैपटॉप योजना के अंतर्गत 25 लाख उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा।

 

(3) यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना

योगी सरकार ने भाग्य लक्ष्मी योजना का शुभारम्भ किया है। भाग्यलक्ष्मी योजना के अंतर्गत जो भी महिला बेटी को जन्म देगी उन्हें बेटी की शिक्षा व् शादी के लिए 50 हजार रूपये दिए जायेंगे व् माता को भी 5100 रूपये दिए जायेंगे। जैसे की आप सब जानते ही है की आज भी लोगो के मन में बेटी पैदा होने को अपशगुन माना जाता है जिससे की कुछ लोग तो बेटी को गर्भ में ही मार देते है। जिस कारण समाज में लिंगानुपात आसमान हो जाता है। व् गरीब परिवार के लोग आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती और वे अपनी बेटी को ना तो शिक्षा दे पाते है और उनकी कम उम्र में शादी कर देते है।

भाग्यलक्ष्मी योजना का यही उद्देश्य है की बेटियों को भी लड़को की तरह समाज में इज्जत मिले व उन्हें भी पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो। इस योजना का लाभ लेने के लिए उम्मीदवार के परिवार की वार्षिक आय 2 लाख तक होनी चाहिए। व् लड़की 2006 के बाद हुआ हो उन्ही को लाभ मिलेगा। उम्मीदवार ध्यान दे यदि आप इस योजना का लाभ लेंगे तो आपको अपनी बेटी को शिक्षा के लिए सरकारी स्कूल में दाखिला लेना होगा।

 

(4) उत्तर प्रदेश स्कॉलरशिप योजना

उत्तर प्रदेश स्कॉलरशिप योजना योगी जी के द्वारा घोषणा की गयी है। इस योजना के अंतर्गत कक्षा 9, 10, 11, 12के बच्चो को स्कॉलरशिप दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य गरीब बच्चो को शिक्षा प्राप्त कराना है। स्कॉलरशिप योजना का लाभ उन बच्चो को होगा जिनके अभिवावक की वार्षिक आय 2 लाख तक होगी। आप इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्कॉलरशिप योजना की आधिकारिक वेबसाइट scholarship.up.nic.in है।

 

(5) गरीब मुस्लिम लड़कियों का सामूहिक विवाह योजना

इस योजना के अंतर्गत गरीब मुस्लिम लड़कियों का सामूहिक विवाह कराया जायेगा। जो परिवार अपनी बेटी की शादी करने में सक्षम नहीं है इस योजना से उन गरीब मुस्लिम परिवारों को लाभ मिलेगा। सरकार द्वारा मुस्लिम लड़की को 20 हजार रूपये तक की आर्थिक मदद तथा सामूहिक विवाह में होने वाले अन्य खर्च का भी वहन करेगी। जिससे मुस्लिम लड़कियों की शादी आसानी से हो सके और वह खुश रहे।

 

(6) निराश्रित महिला पेंशन योजना

निराश्रित महिला पेंशन योजना को विधवा पेंशन योजना भी कहते हैं। इस योजना का उद्देश्य उन महिलाओ की आर्थिक मदद करना है जिस महिलाओ की पति की मृत्यु हो जाती है इस योजना के तहत विधवा महिला को सरकार द्वारा पेंशन के रूप में कुछ राशि प्रदान की जाती है जिससे वह किसी अन्य पर निर्भर न रहे और अपनी जरूरत का सामान खरीद सके। इस योजना के अंतर्गत विधवा महिला को प्रति माह 500 रूपये तक की राशि प्रदान करती है।

(7) श्रमिक भरण-पोषण योजना

जैसे की आजकल कोरोना वायरस की वजह से पुरे देश में लॉकडाउन हो रखा है जिस कारण जो श्रमिक है उनका परिवार मजदूरी से चलता हो। लेकिन अब वे घर से बाहर तक नहीं निकल सकते जिस कारण श्रमिकों की आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। योगी जी ने इस समस्या को देखते हुए श्रमिक भरण-पोषण योजना की शुरुआत की है जिसमे हर महीने श्रमिक के परिवार को 1000 रूपये दिए जायेंगे। इस योजना का लाभ 20 लाख से अधिक श्रमिकों को मिलेगा।

 

(a)सड़क निर्माण योजना – योगी जी ने खराब सड़को को देखते हुए सड़के ठीक करने के आदेश दिए और शहर की सड़को को बढ़ाने की योजना चलाई है जिससे की लोगो को कोई दिक्कत ना हो।

 

(b)किसानो का कर्ज माफ़ – मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करते ही योगी जी ने सबसे पहले किसानो का कर्ज माफ़ करने की घोषणा की जिससे किसान आसानी से अपने कृषि का काम कर सके। और किसान आत्महत्या न करे।

 

(8) उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता योजना

राज्य में दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है तथा पढ़े-लिखे लोग भी बेरोजगार बैठे हुए हैं। बेरोजगार नागरिक नौकरी को ढूढ़ने के लिए बहुत कुछ करता रहता है जिससे उसके बहुत से पैसे खर्च होते हैं या कई नागरिक आर्थिक कमी के कारण अपने लिए एक अच्छी सी जॉब नहीं ढूंढ पाते हैं। इन सभी कारणों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021 में राज्य के बेरोजगार नागरिकों के लिए बेरोजगार भत्ता योजना का प्रारंभ किया।

इस योजना का उद्देश्य बेरोजगार नागरिकों की आर्थिक मदद करना है जिसके लिए उन्हें प्रति माह 1500 रूपये की राशि प्रदान की जायेगी। इस योजना का लाभ राज्य के पढ़े-लिखे बेरोजगार नागरिक जिनकी घर की आर्थिक स्थिति सही नहीं होती हैं वही उठा सकते हैं।

 

(9) शादी अनुदान योजना उत्तर प्रदेश

शादी अनुदान योजना का आरम्भ यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने राज्य के गरीब नागरिक जिनकी परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होती है जिसके कारण वह अपनी बेटी का विवाह अच्छे तरीके से नहीं कर पाते हैं उन नागरिकों के लिए किया है इस योजना के तहत राज्य के सभी गरीब नागरिक जिनकी कन्या की शादी होने वाली है उनको 51,000 रूपये की राशि प्रदान करना है जिससे गरीब परिवार की कन्याओं का विवाह अच्छे से सम्पन हो।

 

(10) मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना

राज्य में बहुत से युवा नागरिक ऐसे होते हैं जो प्रतियोगी पेपरों जैसे UPSC,UPPSC, JEE, NEET आदि पेपरों की तैयारी कर रहे होते हैं किन्तु राज्य में प्रशिक्षण संसाधनो की कमी के कारण उन्हें अन्य राज्यों में जाना पड़ता है तथा कई परिवारों की आर्थिक स्तिथि सही नहीं होने कारण वह किसी भी प्रकार की कोचिंग नहीं ले पाते हैं उन सभी युवा नागरिकों के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का आरम्भ किया है। इस योजना के तहत आवेदन करने वाले राज्य के युवा नागरिक जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं उन्हें निशुल्क ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कोचिंग दी जाएगी।

 

(11) मुख्यमंत्री सामर्थ्य योजना

महिलाओ के उत्थान और विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा महिला सामर्थ्य योजना 2021 का आरम्भ किया गया जिसके तहत राज्य की महिलाओं के द्वारा बनाये गए लघु या कुटीर उद्योगों के सामान को बनाने में सहायता की जाएगी तथा उनके द्वारा बनाये गए सामान को बेचने के लिए उन्हें बाजार उपलब्ध कराये जायेगे।

 

(12) मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना

राज्य के वह नागरिक जो रोजगार के लिए अन्य राज्यों में गए थे किन्तु लॉकडाउन के कारण वापस राज्य में आ गए हैं उन सभी प्रवासी नागरिको के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमिता विकास योजना का आरम्भ किया गया है इस योजना के तहत प्रवासी श्रमिक नागरिको को उद्योगों के तहत जोड़कर रोजगार के साधन उपलब्ध कराये जायेंगे जिससे राज्य के नागरिक को अन्य राज्यों में जा कर कार्य न करना पड़े।

(13) आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना

राज्य के किसान नागरिकों की आय में वृद्धि करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना का आरम्भ किया गया इसके तहत किसानों द्वारा सबसे अधिक उत्पादित फसलों को लेकर नवीन तकनीक, बेहतर मार्केटिंग, मूल्य में वृद्धि, निवेश प्रोत्साहन तथा ब्लॉक स्तर पर कृषक उत्पादक संघटन की व्यवस्था की जाएगी।

 

(14) शिक्षुता प्रशिक्षण योजना

राज्य के बेरोजगार नागरिकों को रोजगार देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षुता प्रशिक्षण योजना या यूपी इंटर्नशिप स्कीम का आयोजन किया है। इस योजना के तहत राज्य के बेरोजगार नागरिकों को उद्योगों के काम सिखाये जाता है तथा इस इंटर्नशिप से जुड़े नागरिको को प्रति माह 2500 रूपये की राशि उपलब्ध कराना है जिससे नागरिक प्रशिक्षण के साथ-साथ अपनी जरूरत को भी पूरा कर सके।

 

(15) मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना

किसानों की आर्थिक मदद करने के उद्देश्य से योगी सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का आरम्भ किया। इस योजना के तहत राज्य के किसान नागरिक जो काम करते समय किसी दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं तो उनके इलाज के लिए सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाता है या किसान विकलांग या मृत्यु हो जाती है तो उनके परिवार को 5 लाख रूपये तक की राशि दी जाती है जिससे किसान के परिवार वालों को किसी भी प्रकार की आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े।

 

(16) राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना 

परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है जिस कारण को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का प्रारम्भ किया जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों की आर्थिक मदद करना है इस योजना के तहत गरीब परिवारों के एक मात्र कमाने वाले मुखिया की मृत्यु होने पर उन परिवार के सदस्यों को 30000 रूपये की राशि दे जाती है। जिससे उनके परिवार को अन्य किसी पर भी निर्भर न रहना पढ़े।

 

(17) कृषि उपकरण सब्सिडी योजना

किसानो को खेती करने के लिए बहुत से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है तथा आधुनिक युग में बहुत से आधुनिक उपकरणों का अविष्कार हो गया है जिससे खेती करने में आसानी होती हैं किन्तु राज्य में बहुत से गरीब किसान होते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं होती है जिसके कारण वह कृषि उपकरणों को खरीद नहीं सकते है उन सभी किसान नागरिकों के लिए योगी सरकार द्वारा कृषि उपकरण सब्सिडी योजना का आरम्भ किया है। इस योजना के तहत राज्य के किसान नागरिको को कृषि उपकरण को खरीदने के लिए सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है जिससे वह कृषि उपकरण को आसानी से खरीद सके। इससे किसानों को खेती करने में आसानी होगी तथा उपज में वृद्धि होगी।

 

योगी योजना से जुड़े कुछ प्रश्न

 

1.योगी फ्री लैपटॉप स्कीम क्या है ?

इस योजना के तहत बारहवीं पास करने वाले गरीब विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण किये जायेंगे। ताकि वे अपनी आगे की पढ़ाई अच्छे से कर सके।

 

2.भाग्यलक्ष्मी योजना के अंतर्गत माता को बेटी जन्म होने पर कितनी राशि दी जाएगी ?

इस योजना के अंतर्गत माता को बेटी जन्म होने पर 5100 रूपये दिए जायेंगे। और बेटी की शिक्षा के लिए 50 हजार रूपये दिए जायेंगे।

 

3.स्कॉलरशिप योजना के तहत किन -किन कक्षा के विद्यार्थियों को पात्र बनाया गया है ?

कक्षा 9, 10, 11, 12 उम्मीदवार इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है।

 

4.श्रमिक भरण-पोषण योजना 2021 का उद्देश्य क्या है ?

इस योजना में जितने भी श्रमिक है सरकार द्वारा हर महीने उनके खाते में 1000 रूपये की आर्थिक सहायता भेजी जाएगी।

 

5.उत्तर प्रदेश गोपालक योजना का उद्देश्य क्या है ?

यूपी गोपालक योजना में जितने भी बेरोजगार युवा है उनको पशुपालन करना होगा सरकार द्वारा इसके लिए लोन मुहैया कराया जायेगा। और आप खुद के डेरी फार्म खोल सकते हैं। और जिससे युवाओं में बेरोजगारी ना हो।

 

6.मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का प्रारम्भ कब किया गया ?

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का प्रारम्भ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा 15 फरवरी 2021 को किया गया।

 

7.शादी अनुदान योजना उत्तर प्रदेश के अंतर्गत कितनी बार लाभ प्राप्त किया जा सकता है ?

शादी अनुदान योजना के अंतर्गत गरीब नागरिक की 2 लड़कियों की शादी करवाने के लिए इस योजना से लाभ ले सकता है।

 

8.योजनाओं का लाभ कौन-कौन नागरिक ले सकता है ?

योजनाओ का लाभ उत्तर प्रदेश के स्थाई निवासी ही ले सकते हैं।

 

9.श्रमिक श्रेणी योजनाओं का लाभ कौन प्राप्त कर सकते है ?

उत्तर प्रदेश राज्य के मूल निवासी श्रमिक नागरिक जो पंजीकृत कामगार श्रमिक नागरिक है वह राज्य सरकार की ओर से संचालित की गयी सभी श्रमिक श्रेणी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र है।

ग्राम पंचायत से सम्बंधित जानकारी:  
 
ग्राम पंचायत और उसके अधिकार,
देश की करीब 70 फीसदी आबादी गाँवों में रहती है और पूरे देश में दो लाख 39 हजार ग्राम पंचायतें हैं। त्रीस्तरीय पंचायत व्यस्था लागू होने के बाद पंचायतों को लाखों रुपए का फंड सालाना दिया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान और पंचों की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है, लेकिन ग्रामीण जनता को अपने अधिकारों और ग्राम पंचायत के नियमों के बारे में पता नहीं होता।
 
क्या होती है ग्राम पंचायत ? 
किसी भी ग्रामसभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है। हर गाँव में एक ग्राम प्रधान होता है। जिसको सरपंच या मुखिया भी कहते हैं। 1000 तक की आबादी वाले गाँवों में 10 ग्राम पंचायत सदस्य, 2000 तक 11 तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य हाेने चाहिए। ग्राम सभा की बैठक साल में दो बार होनी जरूरी है। जिसकी सूचना 15 दिन पहले नोटिस से देनी होती है। ग्रामसभा की बैठक बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान को होता है। बैठक के लिए कुल सदस्यों की संख्या के 5वें भाग की उपस्थिति जरूरी होती है।
 
  ग्राम पंचायत का गठन 
 
a) सरपंच न्याय प्रक्रिया से सम्बंधित 
 
ग्राम पंचायत की न्यायपालिका को ग्राम कचहरी कहते हैं जिसका प्रधान सरपंच होता है. सरपंच का निर्वाचन मुखिया की तरह ही प्रत्यक्ष ढंग से होता है, सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष है. उसे कदाचार, अक्षमता या कर्तव्यहीनता के कारण सरकार द्वारा हटाया भी जा सकता है. अगर 2/3 पञ्च सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास कर दें तो सरकार सरपंच को हटा सकती है. सरपंच का प्रमुख कार्य ग्राम कचहरी का सभापतित्व करना है. कचहरी के प्रत्येक तरह के मुक़दमे की सुनवाई में सरपंच अवश्य रहता है. सरपंच ही मुक़दमे को स्वीकार करता है तथा मुक़दमे के दोनों पक्षों और गवाहों को उपस्थित करने का प्रबंध करता है. वह प्रत्येक मुकदमे की सुनवाई के लिए दो पंचों को मनोनीत करता है. ग्राम कचहरी की सफलता बहुत हद तक उसकी योग्यता पर निर्भर करती है.
 
b) मुखिया/ग्राम प्रधान/सरपंच 
 
ग्राम पंचायत के अंतर्गत मुखिया का स्थान महत्त्वपूर्ण है. उसकी योग्यता तथा कार्यकुशलता पर ही ग्राम पंचायत की सफलता निर्भर करती है. मुखिया ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति के चार सदस्यों को मनोनीत करता है. मुखिया का कार्यकाल 5 वर्ष है. परन्तु, ग्राम पंचायत अविश्वास प्रस्ताव पास कर मुखिया को पदच्युत कर सकती है. पंचायत के सभी कार्यों की देखभाल मुखिया ही करता है. मुखिया अपनी कार्यकारिणी समिति की सलाह से ग्राम पंचायत के अन्य कार्य भी कर सकता है. ग्राम पंचायत में न्याय तथा शान्ति की व्यवस्था करने का उत्तरदायित्व उसी पर है. उसकी सहायता के लिए ग्रामरक्षा दल भी होता है. उसे ग्राम-कल्याण कार्य के लिए बड़े-बड़े सरकारी पदाधिकारियों के समक्ष पंचायत का प्रतिनिधित्व करने भी अधिकार है. वह ग्रामीण अफसरों के आचरण के विरुद्ध शिकायत भी कर सकता है.
 
c) पंचायत सेवक (सचिव)
 
प्रत्येक ग्राम पंचायत का एक कार्यालय होता है, जो एक पंचायत सेवक के अधीन होता है. पंचायत सेवक की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा होती है. उसे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन भी मिलता है. ग्राम पंचायत की सफलता पंचायत सेवक पर ही निर्भर करती है. वह ग्राम पंचायत के के सचिव के रूप में कार्य करता है और इस नाते उसे ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के निरीक्षण का अधिकार है. वह मुखिया, सरपंच तथा ग्राम पंचायत को कार्य-सञ्चालन में सहायता देता है. राज्य सरकार द्वारा उसका प्रशिक्षण होता है. ग्राम पंचायत के सभी ज्ञात-अज्ञात प्रमाण पंचायत सेवक के पास सुरक्षित रहते हैं. अतः, वह ग्राम पंचायत के कागजात से पूरी तरह परिचित रहता है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पेश करता  है. संक्षेप में, ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के सम्पादन में उसका महत्त्वपूर्ण स्थान है.
 
d) ग्रामरक्षा दल
 
18 से 30 वर्ष के स्वस्थ युवकों से ग्रामरक्षा दल बनता है. गाँव की रक्षा के लिए यह दल होता है, जिसका संगठन ग्राम पंचायत करती है. चोरी, डकैती, अगलगी, बाढ़, महामारी इत्यादि आकस्मिक घटनाओं के समय यह दल गाँव की रक्षा करता है. इसका नेता “दलपति” कहलाता है.
 
ग्राम पंचायत की समितियां और उनके कार्य 

1. नियोजन एवं विकास समिति सदस्य :
सभापति, प्रधान, छह अन्य सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग का एक-एक सदस्य अनिवार्य होता है। समिति के कार्य: ग्राम पंचायत की योजना का निर्माण करना, कृषि, पशुपालन और ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का संचालन करना। 
 
2. निर्माण कार्य समिति सदस्य: 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की ही तरह) समिति के कार्य: समस्त निर्माण कार्य करना तथा गुणवत्ता निश्चित करना।
 
3. शिक्षा समिति सदस्य: 
सभापति, उप-प्रधान, छह अन्य सदस्य, (आरक्षण उपर्युक्त की भांति) प्रधानाध्यापक सहयोजित, अभिवाहक-सहयोजित करना। समिति के कार्य: प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा तथा साक्षरता आदि सम्बंधी कार्यों को देखना। 
 
4. प्रशासनिक समिति सदस्य: 
सभापति-प्रधान, छह अन्य सदस्य आरक्षण (ऊपर की तरह) समिति के कार्य: कमियों-खामियों को देखना। 
 
5. स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति सदस्य : 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) समिति के कार्य: चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण योजनाओं का संचालन, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की उन्नति एवं संरक्षण। 
 
6. जल प्रबंधन समिति सदस्य: 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) प्रत्येक राजकीय नलकूप के कमांड एरिया में से उपभोक्ता सहयोजित 

मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की होती हैं ये जिम्मेदारियां
1- गाँव के रोड को पक्का करना, उनका रख रखाव करना,
ग्राम पंचायत में जितनी भी कच्ची-पक्की सड़कों का निर्माण होता है, सभी ग्राम प्रधान को ही देखने होते हैं, साथ ही पानी निकासी के ड्रेनेज की भी व्यवस्था भी करनी होती है।
 
2- गाँव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना, 
इसमें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणों के पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है।
 
3- पशु पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, दूध बिक्री केंद्र और डेयरी की व्यवस्था करना, 
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास पशुपालन कमाई का एक जरिया होता है, लेकिन पशुपालकों को दूध बिक्री की समस्या होती है, इसलिए पंचायत स्तर पर दूध बिक्री केंद्र व डेयरी की व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालन के लिए जानकारी, उनका टीका और उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो।
 
4- सिंचाई के साधन की व्यवस्था,
किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था, नहर से निकली नालियों की साफ-सफाई का काम भी ग्राम पंचायत को देखना होता है।
 
5- गाँव में स्वच्छता बनाये रखना, 
ग्रामीण क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई, गाँव में दवाइयों का छिड़काव, साथ एएनएम, आशा बहु टीका लगा रहीं हैं कि नहीं ये भी देखना होता है। 
 
6- गाँव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना,
ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करनी होती है, ताकि ऐसे स्थानों पर पर्याप्त उजाला रहे।
 
7- दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रख रखाव करना, 
पंचायत में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोगों के लिए दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है। कब्रिस्तान की चाहरदिवारी का निर्माण भी ग्राम प्रधान को कराना होता है।
 
8- कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना, 
गाँवों में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कृषि गोष्ठी करानी होती है, ताकि किसानों को नई जानकारियां मिलती रहें। 
 
9- कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों प्रोत्साहित करना,
अगर कोई किसान कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग करता है तो उसे प्रोत्साहित करना होता है, जिससे दूसरे किसान भी उनसे जानकारी ले सकें। 
 
10- गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना, 
गाँव में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, समय-समय पर जागरूकता रैली निकालने, घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना ताकि वो अपने बच्चों को विद्यालय भेजें।
 
11- खेल का मैदान व खेल को बढ़ावा देना,
बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना। 
 
12- स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना,
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में सार्वजनिक शौचालय बनाना व उनका रख रखाव करना। जिनके घर में शौचालय का निर्माण हो गया है, उन्हें शौचालय प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना और लोगों को स्वच्छता अभियान का महत्व समझाना। 
 
13- गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना, 
गाँव को हरा-भरा बनाने के लिए गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना और दूसरों को प्रोत्साहित करना, साथ ही उसका उनका रख रखाव करना। 
 
14- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, 
बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, जिससे लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजें।
 
15- जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना,
ग्राम पंचायत में जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, जिससे जनगणना जैसे कामों में आसानी आ जाए। इसके बारे में प्रशासन को समय-समय पर सूचित करना होता है। 
 
16- गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था,
शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर आठवीं तक बच्चों की शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था करना। 
 
17- गाँव में भाई चारे का माहौल बनाना,
गाँव में किसी धर्म या समुदाय में लड़ाई-झगड़े न हो ऐसा माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना। 
 
18- आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना,
ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, वो काम कर रही हैं कि नहीं, सभी को पोषाहार मिल रहा है कि नहीं ये सब देखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। 
 
19- मछली पालन को बढ़ावा देना,
मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है। अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं तो उनका संरक्षण व मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया
 
ग्राम पंचायत की आय के स्रोत क्या हैं?

ग्राम पंचायत की आय के निम्नलिखित साधन हैं – – –
 
i) भारत सरकार से प्राप्त अंशदान, अनुदान या ऋण अथवा अन्य प्रकार की निधियाँ
 
ii) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त चल एवं अचल सपंत्ति से प्राप्त आय
 
iii) भूराजस्व एवं सेस से प्राप्त राशियाँ
 
iv) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अंशदान, अनुदान या ऋण सबंधी अन्य आय
 
v) राज्य सरकार की अनुमति से किसी निगम, निकाय, कम्पनी या व्यक्ति से प्राप्त अनुदान या ऋण
 
vi) दान के रूप में प्राप्त राशियाँ या अंशदान

vii) सरकार द्वारा निर्धारित अन्य स्रोत

तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में

 

         क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए  तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। 

 

   1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन         रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।

2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।

3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।

4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।

5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।

6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।

7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।

8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।

9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।

11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।

12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।

13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।

14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।

15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।

16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।

17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।

18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।

19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।

20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।

21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।

22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।

23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ?
भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।

24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ? देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।

मेरा गांव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान फ़ोटो परियोजना के बारे में : 

संस्था द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट का उद्देश ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को डिजीटल इंडिया एवम तिरंगे के प्रति जागरूक कर पासपोर्ट साइज फोटो परियोजना के माध्यम से आर्थिक विकास में सहयोग कर पंजीकृत नागरिक को योजना फॉर्म में लगाने हेतु 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो कैलन्डर सहित उपलब्ध कराना, एक सर्वे के अनुसार 90% छात्र, नागरिक एक बार मे 4/5 फ़ोटो बनवाते हैं, जिसको 20 से 25 रुपये में शॉप द्वारा बनाकर दिए जाते हैं, प्रत्येक वर्ष 8 से 9 फ़ोटो की जरूरत होती है रुपये खर्चे के साथ बार बार समय भी खर्च होता है, संस्था इस परियोजना में छात्र, नागरिकों का पंजीकरण शुल्क मात्र 40 रुपये में 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो, कैलेंडर, हैंड फ्लैग, गांव का मोबाइल ऐप लिंक, बारकोड,तिरंगा,सहित आवेदकों को उपलब्ध रही है, जिसका मार्किट मूल्य लगभग 150 से 200 रुपये में 45 फ़ोटो अलग अलग समय दुकान से बन पाते हैं, लेकिन संस्था द्वारा तेयार किए गए फोटो कैलेंडर की लागत मात्र 60 रुपिया आती है ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य,पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से 20रुपिया सब्सिडी देकर मात्र 40 रुपये पंजीकरण में छात्र, नागरिक इस योजना का लाभ ले सकते हैं, बच्चों का एक सपना होता है घर मे जो कैलेंडर लगा है उस पर उनकी फोटो लगी हो इस प्रोजेक्ट के माध्यम से अमीर गरीब समस्त नागरिकों के सपने पूरा करने हेतु कैलेंडर पर छात्र आवेदक का फोटो लगाकर उनके सपने पूरे करने का प्रयास कर रहे हैं, इस परियोजना में कुछ धनराशि संस्था अपने स्तर से खर्च करती है प्रोजेक्ट पर कार्य करने वालो के लिये, आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक पदाधिकारी नियुक्त कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, आओ भारत जोड़ें अभियान में बच्चों का सपना कैलेंडर पर फ़ोटो हो अपना, मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फ़ोटो परियोजना द्वारा 45 फ़ोटो कैलेंडर सहित समस्त स्कूलों से अनुबंध कर उपलब्ध करा रहे हैं जिससे छात्र स्कूल के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ा रहे वर्षों बाद भी एक क्लिक में अपने मोबाइल पर स्कूल की तस्वीर देख सकता है संस्था ने राष्ट्रहित में इस प्रोजेक्ट को समर्पित किया है।
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