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मेरा गांव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान

नाम :
मा. सोनू कुमार शर्मा
पद :
राष्ट्रीय अध्यक्ष - विद्या दर्
वार्ड/गांव :
राष्ट्रीय अध्यक्ष
पंचायत :
महाव
ब्लॉक :
स्याना
जिला :
बुलंदशहर
राज्य :
उत्तर प्रदेश
सम्मान :
NA
जीवन परिचय :

Introduction

Name:  SONU KUMAR SHARMA 

Designation: National president - VIDHYA DARSHAN OF YOUTH 

Organization : VIDHYA DARSHAN OF YOUTH

Eligibility: NA

Email: NA

Mobile No: 7017113978

Adress : Mahav Syana Bulandshahr Uttar Pradesh 203412 

Locality Name : Mahav (महाव  )

Block Name : Syana

District : Bulandshahr

State : Uttar Pradesh

Division : Meerut

Language : Hindi and Urdu

Current Time 03:22 PM

Date: Wednesday , Nov 03,2021 (IST)

Time zone: IST (UTC+5:30)

Telephone Code / Std Code: 05736

Vehicle Registration Number: UP-13

RTO Office: Bulandshar

Assembly constituency : Siana assembly constituency

Assembly MLA : Devendra Singh Lodhi (BJP)

Lok Sabha constituency : Bulandshahr parliamentary constituency
Parliament MP : BHOLA SINGH
Pin Code : 203412


महाव के बारे में

 

महाव भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले के स्याना प्रखंड में स्थित एक गाँव है। यह मेरठ संभाग के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय बुलंदशहर से उत्तर की ओर 32 KM दूर स्थित है। स्याना से 6 किमी. राज्य की राजधानी लखनऊ से 408 किमी

 

महाव पिन कोड 203412 है और डाक प्रधान कार्यालय है।

 

चिग्रावती (3 किमी), करौथी (3 किमी), चितसोना अलीपुर (3 किमी), सहानपुर (3 किमी), निखोब (3 किमी) महाव के नजदीकी गांव हैं। महाव पश्चिम की ओर भवन बहादुर नगर ब्लॉक, पूर्व की ओर ऊंचागांव ब्लॉक, दक्षिण की ओर लखोठी ब्लॉक, उत्तर की ओर सिंभावली ब्लॉक से घिरा हुआ है।

 

हापुड़, बुलंदशहर, सिकंदराबाद, पिलखुवा महाव के नजदीकी शहर हैं।

 

यह स्थान बुलंदशहर जिले और गाजियाबाद जिले की सीमा में है। गाजियाबाद जिला सिम्भावली इस जगह की ओर उत्तर में है।

महाव गांव का विवरण

महाव सियाना तहसील, बुलंदशहर जिले और उत्तर प्रदेश राज्य में एक गांव है। महाव सी.डी. ब्लॉक का नाम स्याना है। महाव ग्राम का पिन कोड NA है। महाव गांव की कुल जनसंख्या 2224 है और घरों की संख्या 431 है। महिला जनसंख्या 47.8% है। ग्राम साक्षरता दर 66.7% है और महिला साक्षरता दर 26.7% है।

 

जनसंख्या

जनगणना पैरामीटर जनगणना डेटा

कुल जनसंख्या 2224

घरों की कुल संख्या 431

महिला जनसंख्या% 47.8% ( 1063)

कुल साक्षरता दर% 66.7% (1484)

महिला साक्षरता दर 26.7% (593)

अनुसूचित जनजाति जनसंख्या % 0.0% ( 0)

अनुसूचित जाति जनसंख्या% 31.0% ( 690)

 

कार्यशील जनसंख्या% 30.5%

बच्चे(0 -6) 2011 तक जनसंख्या 294

बालिका (0 -6) जनसंख्या% 2011 तक 47.3% (139)

 

स्थान और प्रशासन

महाव ग्राम ग्राम पंचायत का नाम महाव है। महाव उप जिला मुख्यालय सियाना से 8 किमी की दूरी पर है और यह जिला मुख्यालय बुलंदशहर से 28 किमी की दूरी पर है। निकटतम सांविधिक शहर 7 किमी की दूरी में सिआना है। महाव का कुल क्षेत्रफल 389.634 हेक्टेयर, गैर-कृषि क्षेत्र 36.907 हेक्टेयर और कुल सिंचित क्षेत्र 389.63 हेक्टेयर है।

 

शिक्षा

इस गांव में प्राइवेट प्री प्राइमरी, गवर्नमेंट प्राइमरी और गवर्नमेंट मिडिल स्कूल उपलब्ध हैं। निकटतम सरकारी विकलांग स्कूल, निजी इंजीनियरिंग कॉलेज, निजी मेडिकल कॉलेज, निजी एमबीए कॉलेज और निजी पॉलिटेक्निक कॉलेज एनए में हैं। निकटतम निजी कला और विज्ञान डिग्री कॉलेज और निजी आईटीए कॉलेज चिग्रावती में हैं। निकटतम निजी माध्यमिक विद्यालय और निजी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बरौली बसदेवपुर में हैं।

 

स्वास्थ्य

इस गांव में उपलब्ध 1 आरएमपी डॉक्टर।

 

कृषि

गन्ना इस गांव में उगाई जाने वाली कृषि वस्तु है। क्रशर इस गांव में निर्मित उत्पाद है। इस गांव में गर्मियों में 7 घंटे कृषि बिजली आपूर्ति और सर्दियों में 9 घंटे कृषि बिजली की आपूर्ति उपलब्ध है। इस गांव में कुल सिंचित क्षेत्र झीलों या तालाबों से 389.63 हेक्टेयर है 6.127 हेक्टेयर सिंचाई का स्रोत है।

 

पेयजल और स्वच्छता

ट्रीटेड नल के पानी की आपूर्ति साल भर और गर्मियों में भी उपलब्ध रहती है। अनुपचारित नल के पानी की आपूर्ति साल भर और गर्मियों में उपलब्ध है। हैंडपंप और ट्यूबवेल/बोरहोल अन्य पेयजल स्रोत हैं।

इस गांव में बंद ड्रेनेज सिस्टम ओपन ड्रेनेज सिस्टम उपलब्ध है। घर-घर वाट्सएप कलेक्शन उपलब्ध है। सड़क पर कूड़ा उठाने की व्यवस्था है। नाली का पानी सीवर प्लांट में छोड़ा जाता है।

 

संचार

लैंडलाइन उपलब्ध। मोबाइल कवरेज उपलब्ध है। निकटतम इंटरनेट केंद्र 5-10 किमी में है। निकटतम निजी कूरियर सुविधा 5-10 किमी में है।

परिवहन

निकटतम सार्वजनिक बस सेवा 5-10 किमी में उपलब्ध है। निकटतम रेलवे स्टेशन 5 - 10 किमी में है। इस गांव में पशु चालित गाड़ियां हैं।

 

10 किमी से कम में कोई निकटतम राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं। निकटतम राज्य राजमार्ग 5 किमी से कम में है। निकटतम जिला सड़क 5 किमी से कम में है।

कच्चा रोड, मकाडम रोड और पैदल पथ गांव के भीतर अन्य सड़कें और परिवहन हैं।

 

व्यापार

निकटतम एटीएम 5-10 किमी में है। निकटतम वाणिज्यिक बैंक 5-10 किमी में है। निकटतम सहकारी बैंक 5-10 किमी में है।

 

अन्य सुविधाएं

इस गांव में गर्मियों में 7 घंटे बिजली की आपूर्ति और सर्दियों में 9 घंटे बिजली की आपूर्ति है, आंगनबाडी केंद्र, आशा, जन्म और मृत्यु पंजीकरण कार्यालय, दैनिक समाचार पत्र और मतदान केंद्र गांव में अन्य सुविधाएं हैं।


महाव के पास मतदान केंद्र / बूथ

1)भिरावती प्राथमिक विद्यालय

2)चित्सोना अलीपुर प्राइमरी स्कूल रूम नंबर-1

3)चित्सोना अलीपुर कृषक हितकारी आई.सी.रूम नंबर-2

4)तेहगोरा प्राइमरी स्कूल

5) नया बस माजरा सहानपुर प्राइमरी स्कूल रूम नंबर-2

महाव में राजनीति

RTKP, BJP, BSP, INC इस क्षेत्र के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।

स्याना विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख राजनीतिक दल

आरटीकेपी, भाजपा, बसपा, कांग्रेस , एलकेडी, आईएनसी (आई), जेडी, बीकेडी, बीजेएस, जेएनपी (एससी), पीएसपी, जेएनपी

 

स्याना विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान मौजूदा विधायक।

सियाना विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक दल बीजेपी पार्टी से देवेन्द्र सिंह लोधी हैं

 

स्याना विधानसभा क्षेत्र में मंडल।

भवन बहादुर नगर जहांगीराबाद स्याना ऊंचागांव

 

स्याना विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीतने का इतिहास।

 

2012 जनरल दिलनवाज खान कांग्रेस 53887 = 1664 देवेंद्र  बसपा 52223

2007 जनरल सुंदर सिंह भाजपा 33252 = 4257 इम्तियाज  कांग्रेस 28995

2002 जनरल सुंदर सिंह आरटीकेपी 31150 = 2631 अनिल बसपा 28519

1996 जनरल राकेश त्यागी कांग्रेस 58368 = 7172 वासुदेव सिंह भाजपा 51196

1993 जनरल वासुदेव सिंह भाजपा 52237 = 13828 इम्तियाज कांग्रेस 38409

1991 जनरल बासुदेव सिंह बीजेपी 42485 = 23344 राकेश त्यागी कांग्रेस 19141

1989 जनरल इम्तियाज मोहम्मद खान कांग्रेस  30207 = 2262 बंसिक जद 27945

1985 जनरल इम्तियाज मोहम्मद खान कांग्रेस  50219 = 18861 छत्र सिंह एलकेडी 31358

1980 जनरल छतर सिंह जेएनपी (एससी) 29595 = 3358 मुमताज़ मोहम्मद खान कांग्रेस (I) 26237

1977 जनरल अरीफ मोहम्मद खान जेएनपी 25661 = 4821 मुमताज मोहम्मद खान कांग्रेस  20840

1974 जनरल ममताज़ मोहम्मद खान कांग्रेस  28322 = 9703 क्षेत्र पाल सिंह बीकेडी 18619

1969 जनरल मुमताज मोहम्मद खान कांग्रेस  22909 = 7443 ज्वाला सिंह BJS 15466

1967 जनरल एन.सिंह पी.एस.पी. 19218 = 1067 एम.एम.खान कांग्रेस  18151

1962 जनरल मुमताज मो. खान पीएसपी 27019 = 3364 मिथुन लाल  कांग्रेस 23655

1957 (एससी) इरतजा हुसैन कांग्रेस 20046 = 2839 हर पल  पीएसपी 17207


कैसे पहुंचें महाव

 

रेल द्वारा

10 किमी से कम में महाव के पास कोई रेलवे स्टेशन नहीं है।

 

शहरों के पास

हापुड़ 28 किमी

बुलंदशहर 31 किमी

सिकंदराबाद 36 किमी

पिलखुवा 40 किमी

 

तालुकसी के पास

स्याना 6 किमी

भवन बहादुर नगर 9 किमी

ऊंचागांव 18 किमी

लाखोठी 19 किमी

 

हवाई बंदरगाहों के पास

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 99 किमी

मुजफ्फरनगर हवाई अड्डा 109 किमी

पंतनगर हवाई अड्डा 168 किमी

खेरिया हवाई अड्डा 180 किमी

 

पर्यटन स्थलों के पास

बुलंदशहर 31 किमी

मेरठ 58 किमी

हस्तिनापुर 68 किमी

नोएडा 75 किमी

सूरजकुंड 77 किमी

 

निकटवर्ती जिले

बुलंदशहर 31 किमी

मेरठ 57 किमी

ज्योतिबा फुले नगर 61 किमी

गौतम बुद्ध नगर 61 किमी

   

रेलवे स्टेशन के पास

गढ़मुक्तेसर रेल मार्ग स्टेशन 22 किमी

हापुड़ जंक्शन रेल वे स्टेशन 29 किमी

 
सामाजिक एवं विकास कार्य :

हिन्दुस्तान टीम,हापुड़Published By: Newswrap
Sat, 24 Jul 2021 04:31 AM

 

विद्या दर्शन ऑफ यूथ संगठन प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल मैदान बनाने की मांग उठायेगा। संगठन के स्थापना दिवस दो अगस्त को पदाधिकारी जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेंगे।

 

विद्या दर्शन ऑफ यूथ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सोनू कुमार शर्मा ने बताया कि संगठन युवाओं के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में खेल के मैदान की मांग करेगा ताकि गांवों से खेल प्रतिभाओं को लाभ मिले। इस संबंध में आगामी दो अगस्त को सभी जनपदों में जिलाधिकारियों को पदाधिकारी ज्ञापन सौंपेंगे। विद्या दर्शन ऑफ यूथ के राष्ट्रीय महासचिव यश भारद्वाज ने कहा कि खेल मैदान ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की पहली जरूरत है। खेल मैदान सभी गांवों में बनने चाहिए। संगठन इस संबंध में मांग उठायेगा। विद्या दर्शन ऑफ यूथ के राष्ट्रीय सहसचिव अर्पित चौधरी, राष्ट्रीय महिला प्रभारी सरिता पाल, प्रदेश अध्यक्ष प्रियंका शर्मा ने कहा कि विद्या दर्शन ऑफ यूथ राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने की रूपरेखा तैयार की गई है। इसमें दो अगस्त की सुबह के समय शहीदों के स्मारकों पर सफाई अभियान चलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जायेगी। इसके बाद सभी पदाधिकारी एवं युवा साथी अपने अपने जिले में जिलाधिकारी को ग्राम पंचायत में खेल के मैदान बनाने की मांग को लेकर ज्ञापन देंगे।

 
3 months ago  उत्तर प्रदेश, बुलंदशहर, लखनऊ

विद्या दर्शन ऑफ यूथ संगठन का मनाया गया स्थापना दिवस

डीके निगम)

बुलंदशहर/संगठन के स्थापना दिवस के पावन पर्व पर राष्ट्रीय सह सचिव अर्पित चौधरी एवं मेरठ मंडल अध्यक्ष पुलकित शर्मा पहुंचे बुलंदशहर वहां पहुंचकर सर्वप्रथम जिला अध्यक्ष बुलंदशहर मुकुल भारद्वाज के नेतृत्व में शहीद स्मारक की साफ सफाई की एवं माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी इसी दौरान बुलंदशहर के सिटी मजिस्ट्रेट जगदम्बा सिंह को स्थापना दिवस के उपलक्ष में हर ग्राम सभा में खेल मैदान बनाने का दिया ज्ञापन इस मौके पर राष्ट्रीय सह सचिव अर्पित चौधरी, मेरठ मंडल अध्यक्ष पुलकित शर्मा, जिला अध्यक्ष मुकुल भारद्वाज, जिला सह सचिव हर्षित शर्मा, औरंगाबाद नगर अध्यक्ष मेघा आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

 
December 28, 2020

विद्या दर्शन ऑफ यूथ ने क्या कार्यक्रम का आयोजन 

आगरा।(डीवीएनए)विद्या दर्शन ऑफ यूथ एक युवाओं को विद्या का दर्शन कराने एवं युवाओं की आवाज बुलंद करने के लिए बनाया गया है। विद्या दर्शन ऑफ यूथ द्वारा एन.सी.सी कैडेट्स की परेड कराई जाएगी तथा अच्छी परेड करने वाले कैडेट्स को सम्मानित किया जाएगा। इसी श्रृंखला में सोमवार को संस्था की ओर से एक कार्यक्रम आर.बी.एस. इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि राघवेंद्र तिवारी महानगर सह शारीरिक प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रहे। कार्यक्रम में वक्ता के रूप में  विवेक वीर सिंह मेजर एनसीसी, वक्ता विमल कुमार चौहान

चीफ अफसर एनसीसी मौजूद रहे। कार्यक्रम में अच्छे कैडेट्स को।सम्मानित किया गया। साथ ही एनसीसी ऑफिसर ने सभी को सम्बोधित क़िया। कार्यक्रम में रवि सिंह

प्रदेश संगठन मंत्री विद्या दर्शन ऑफ यूथ माधुरी सिंह प्रदेश सह कार्यालय प्रमुख विद्या दर्शन ऑफ यूथ मंडल कार्यकारिणी जिला कार्यकारिणी कॉलेज कार्यकारिणी नगर कार्यकारिणी सभी लोग सम्मिलित हुए।

संवाद:-दानिश उमरी

कार्यक्रम सहयोगी परिचय : NA
ग्राम पंचायत से सम्बंधित जानकारी:  
 
ग्राम पंचायत और उसके अधिकार,
देश की करीब 70 फीसदी आबादी गाँवों में रहती है और पूरे देश में दो लाख 39 हजार ग्राम पंचायतें हैं। त्रीस्तरीय पंचायत व्यस्था लागू होने के बाद पंचायतों को लाखों रुपए का फंड सालाना दिया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान और पंचों की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है, लेकिन ग्रामीण जनता को अपने अधिकारों और ग्राम पंचायत के नियमों के बारे में पता नहीं होता।
 
क्या होती है ग्राम पंचायत ? 
किसी भी ग्रामसभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है। हर गाँव में एक ग्राम प्रधान होता है। जिसको सरपंच या मुखिया भी कहते हैं। 1000 तक की आबादी वाले गाँवों में 10 ग्राम पंचायत सदस्य, 2000 तक 11 तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य हाेने चाहिए। ग्राम सभा की बैठक साल में दो बार होनी जरूरी है। जिसकी सूचना 15 दिन पहले नोटिस से देनी होती है। ग्रामसभा की बैठक बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान को होता है। बैठक के लिए कुल सदस्यों की संख्या के 5वें भाग की उपस्थिति जरूरी होती है।
 
  ग्राम पंचायत का गठन 
 
a) सरपंच न्याय प्रक्रिया से सम्बंधित 
 
ग्राम पंचायत की न्यायपालिका को ग्राम कचहरी कहते हैं जिसका प्रधान सरपंच होता है. सरपंच का निर्वाचन मुखिया की तरह ही प्रत्यक्ष ढंग से होता है, सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष है. उसे कदाचार, अक्षमता या कर्तव्यहीनता के कारण सरकार द्वारा हटाया भी जा सकता है. अगर 2/3 पञ्च सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास कर दें तो सरकार सरपंच को हटा सकती है. सरपंच का प्रमुख कार्य ग्राम कचहरी का सभापतित्व करना है. कचहरी के प्रत्येक तरह के मुक़दमे की सुनवाई में सरपंच अवश्य रहता है. सरपंच ही मुक़दमे को स्वीकार करता है तथा मुक़दमे के दोनों पक्षों और गवाहों को उपस्थित करने का प्रबंध करता है. वह प्रत्येक मुकदमे की सुनवाई के लिए दो पंचों को मनोनीत करता है. ग्राम कचहरी की सफलता बहुत हद तक उसकी योग्यता पर निर्भर करती है.
 
b) मुखिया/ग्राम प्रधान/सरपंच 
 
ग्राम पंचायत के अंतर्गत मुखिया का स्थान महत्त्वपूर्ण है. उसकी योग्यता तथा कार्यकुशलता पर ही ग्राम पंचायत की सफलता निर्भर करती है. मुखिया ग्राम पंचायत की कार्यकारिणी समिति के चार सदस्यों को मनोनीत करता है. मुखिया का कार्यकाल 5 वर्ष है. परन्तु, ग्राम पंचायत अविश्वास प्रस्ताव पास कर मुखिया को पदच्युत कर सकती है. पंचायत के सभी कार्यों की देखभाल मुखिया ही करता है. मुखिया अपनी कार्यकारिणी समिति की सलाह से ग्राम पंचायत के अन्य कार्य भी कर सकता है. ग्राम पंचायत में न्याय तथा शान्ति की व्यवस्था करने का उत्तरदायित्व उसी पर है. उसकी सहायता के लिए ग्रामरक्षा दल भी होता है. उसे ग्राम-कल्याण कार्य के लिए बड़े-बड़े सरकारी पदाधिकारियों के समक्ष पंचायत का प्रतिनिधित्व करने भी अधिकार है. वह ग्रामीण अफसरों के आचरण के विरुद्ध शिकायत भी कर सकता है.
 
c) पंचायत सेवक (सचिव)
 
प्रत्येक ग्राम पंचायत का एक कार्यालय होता है, जो एक पंचायत सेवक के अधीन होता है. पंचायत सेवक की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा होती है. उसे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित वेतन भी मिलता है. ग्राम पंचायत की सफलता पंचायत सेवक पर ही निर्भर करती है. वह ग्राम पंचायत के के सचिव के रूप में कार्य करता है और इस नाते उसे ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के निरीक्षण का अधिकार है. वह मुखिया, सरपंच तथा ग्राम पंचायत को कार्य-सञ्चालन में सहायता देता है. राज्य सरकार द्वारा उसका प्रशिक्षण होता है. ग्राम पंचायत के सभी ज्ञात-अज्ञात प्रमाण पंचायत सेवक के पास सुरक्षित रहते हैं. अतः, वह ग्राम पंचायत के कागजात से पूरी तरह परिचित रहता है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पेश करता  है. संक्षेप में, ग्राम पंचायत के सभी कार्यों के सम्पादन में उसका महत्त्वपूर्ण स्थान है.
 
d) ग्रामरक्षा दल
 
18 से 30 वर्ष के स्वस्थ युवकों से ग्रामरक्षा दल बनता है. गाँव की रक्षा के लिए यह दल होता है, जिसका संगठन ग्राम पंचायत करती है. चोरी, डकैती, अगलगी, बाढ़, महामारी इत्यादि आकस्मिक घटनाओं के समय यह दल गाँव की रक्षा करता है. इसका नेता “दलपति” कहलाता है.
 
ग्राम पंचायत की समितियां और उनके कार्य 

1. नियोजन एवं विकास समिति सदस्य :
सभापति, प्रधान, छह अन्य सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं पिछड़े वर्ग का एक-एक सदस्य अनिवार्य होता है। समिति के कार्य: ग्राम पंचायत की योजना का निर्माण करना, कृषि, पशुपालन और ग़रीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का संचालन करना। 
 
2. निर्माण कार्य समिति सदस्य: 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की ही तरह) समिति के कार्य: समस्त निर्माण कार्य करना तथा गुणवत्ता निश्चित करना।
 
3. शिक्षा समिति सदस्य: 
सभापति, उप-प्रधान, छह अन्य सदस्य, (आरक्षण उपर्युक्त की भांति) प्रधानाध्यापक सहयोजित, अभिवाहक-सहयोजित करना। समिति के कार्य: प्राथमिक शिक्षा, उच्च प्राथमिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा तथा साक्षरता आदि सम्बंधी कार्यों को देखना। 
 
4. प्रशासनिक समिति सदस्य: 
सभापति-प्रधान, छह अन्य सदस्य आरक्षण (ऊपर की तरह) समिति के कार्य: कमियों-खामियों को देखना। 
 
5. स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति सदस्य : 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित सदस्य, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) समिति के कार्य: चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण सम्बंधी कार्य और समाज कल्याण योजनाओं का संचालन, अनुसूचित जाति-जनजाति तथा पिछड़े वर्ग की उन्नति एवं संरक्षण। 
 
6. जल प्रबंधन समिति सदस्य: 
सभापति ग्राम पंचायत द्वारा नामित, छह अन्य सदस्य (आरक्षण ऊपर की तरह) प्रत्येक राजकीय नलकूप के कमांड एरिया में से उपभोक्ता सहयोजित 

मुख्य रूप से ग्राम पंचायत की होती हैं ये जिम्मेदारियां
1- गाँव के रोड को पक्का करना, उनका रख रखाव करना,
ग्राम पंचायत में जितनी भी कच्ची-पक्की सड़कों का निर्माण होता है, सभी ग्राम प्रधान को ही देखने होते हैं, साथ ही पानी निकासी के ड्रेनेज की भी व्यवस्था भी करनी होती है।
 
2- गाँव में पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करना, 
इसमें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होती है कि ग्रामीणों के पशुओं के पीने के पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होती है।
 
3- पशु पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, दूध बिक्री केंद्र और डेयरी की व्यवस्था करना, 
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास पशुपालन कमाई का एक जरिया होता है, लेकिन पशुपालकों को दूध बिक्री की समस्या होती है, इसलिए पंचायत स्तर पर दूध बिक्री केंद्र व डेयरी की व्यवस्था होनी चाहिए। पशुपालन के लिए जानकारी, उनका टीका और उनका उपचार कराना भी पंचायती राज्य के अंतर्गत रखा गया है ताकि पशुपालन ज्यादा फायदेमंद हो।
 
4- सिंचाई के साधन की व्यवस्था,
किसानों की फसलों की सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की व्यवस्था, नहर से निकली नालियों की साफ-सफाई का काम भी ग्राम पंचायत को देखना होता है।
 
5- गाँव में स्वच्छता बनाये रखना, 
ग्रामीण क्षेत्र में नालियों की साफ-सफाई, गाँव में दवाइयों का छिड़काव, साथ एएनएम, आशा बहु टीका लगा रहीं हैं कि नहीं ये भी देखना होता है। 
 
6- गाँव के सार्वजनिक स्थानों पर लाइट्स का इंतजाम करना,
ग्राम पंचायत के सार्वजनिक स्थान, जैसे मंदिर, मस्जिद आदि स्थानों पर लाइट की व्यवस्था करनी होती है, ताकि ऐसे स्थानों पर पर्याप्त उजाला रहे।
 
7- दाह संस्कार व कब्रिस्तान का रख रखाव करना, 
पंचायत में अलग-अलग धर्म व समुदाय के लोगों के लिए दाह संस्कार स्थल व कब्रिस्तान की देख रेख भी ग्राम पंचायत को करनी होती है। कब्रिस्तान की चाहरदिवारी का निर्माण भी ग्राम प्रधान को कराना होता है।
 
8- कृषि कार्यक्रमों में हिस्सा लेना, 
गाँवों में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कृषि गोष्ठी करानी होती है, ताकि किसानों को नई जानकारियां मिलती रहें। 
 
9- कृषि को बढ़ावा देने वाले प्रयोगों प्रोत्साहित करना,
अगर कोई किसान कृषि क्षेत्र में नया प्रयोग करता है तो उसे प्रोत्साहित करना होता है, जिससे दूसरे किसान भी उनसे जानकारी ले सकें। 
 
10- गाँव में प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देना, 
गाँव में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए, समय-समय पर जागरूकता रैली निकालने, घर-घर जाकर लोगों को शिक्षा का महत्व समझाना ताकि वो अपने बच्चों को विद्यालय भेजें।
 
11- खेल का मैदान व खेल को बढ़ावा देना,
बच्चों के लिए खेल के मैदान का इंतजाम करना व खेल कूद से सम्बंधित सामान की व्यवस्था करना। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिता कराकर बच्चों में खेल और पढाई की भावना को प्रोत्साहित करना। 
 
12- स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना,
स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाना, गाँव में सार्वजनिक शौचालय बनाना व उनका रख रखाव करना। जिनके घर में शौचालय का निर्माण हो गया है, उन्हें शौचालय प्रयोग करने के लिए प्रेरित करना और लोगों को स्वच्छता अभियान का महत्व समझाना। 
 
13- गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना, 
गाँव को हरा-भरा बनाने के लिए गाँव की सड़कों और सार्वजनिक स्थान पर पेड़ लगाना और दूसरों को प्रोत्साहित करना, साथ ही उसका उनका रख रखाव करना। 
 
14- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, 
बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्कीम को आगे बढ़ाना, जिससे लोग अपनी बेटियों को स्कूल भेजें।
 
15- जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना,
ग्राम पंचायत में जन्म मृत्यु विवाह आदि का रिकॉर्ड रखना, जिससे जनगणना जैसे कामों में आसानी आ जाए। इसके बारे में प्रशासन को समय-समय पर सूचित करना होता है। 
 
16- गरीब बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था,
शिक्षा के अधिकार के तहत एक से लेकर आठवीं तक बच्चों की शिक्षा की मुफ्त व्यवस्था करना। 
 
17- गाँव में भाई चारे का माहौल बनाना,
गाँव में किसी धर्म या समुदाय में लड़ाई-झगड़े न हो ऐसा माहौल बनाना, झगड़ों को सुलझाना व दोस्ताना माहौल पैदा करना। 
 
18- आंगनबाड़ी केंद्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करना,
ग्राम पंचायत स्तर पर बच्चों, किशोरियों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की होती है, वो काम कर रही हैं कि नहीं, सभी को पोषाहार मिल रहा है कि नहीं ये सब देखने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की होती है। 
 
19- मछली पालन को बढ़ावा देना,
मनरेगा योजना के तहत मछली पालन को प्रोत्साहित करने के लिए तालाबों की खुदाई ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया है। अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में नदियां हैं तो उनका संरक्षण व मछली पालन भी ग्राम पंचायत के कार्यों में शामिल किया गया
 
ग्राम पंचायत की आय के स्रोत क्या हैं?

ग्राम पंचायत की आय के निम्नलिखित साधन हैं – – –
 
i) भारत सरकार से प्राप्त अंशदान, अनुदान या ऋण अथवा अन्य प्रकार की निधियाँ
 
ii) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त चल एवं अचल सपंत्ति से प्राप्त आय
 
iii) भूराजस्व एवं सेस से प्राप्त राशियाँ
 
iv) राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त अंशदान, अनुदान या ऋण सबंधी अन्य आय
 
v) राज्य सरकार की अनुमति से किसी निगम, निकाय, कम्पनी या व्यक्ति से प्राप्त अनुदान या ऋण
 
vi) दान के रूप में प्राप्त राशियाँ या अंशदान

vii) सरकार द्वारा निर्धारित अन्य स्रोत

तिरंगा मेरी शान (राष्ट्रीय ध्वज) के बारे में

 

         क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की हैं कि आखिर तिरंगा किसने बनाया ? क्या आपको पता हैं शहीदों पर लिपटे हुए  तिरंगे का क्या होता हैं ? नही ना… आज हम आपको राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े तमाम ऐसे ही सवालों के जवाब देंगे। 

 

   1 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज को “तिरंगा” नाम से भी सम्बोधित करते हैं. इस नाम के पीछे की वजह इसमें इस्तेमाल होने वाले तीन         रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा।

2 . भारत के राष्ट्रीय ध्वज में जब चरखे की जगह अशोक चक्र लिया गया तो महात्मा गांधी नाराज हो गए थे। उन्होनें ये भी कहा था कि मैं अशोक चक्र वाले झंडे को सलाम नही करूँगा।

3 . संसद भवन देश का एकमात्र ऐसा भवन हैं जिस पर एक साथ 3 तिरंगे फहराए जाते हैं।

4 . किसी मंच पर तिरंगा फहराते समय जब बोलने वाले का मुँह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसके दाहिने तरफ होना चाहिए।

5 . राँची का ‘पहाड़ी मंदिर’ भारत का अकेला ऐसा मंदिर हैं जहाँ तिरंगा फहराया जाता हैं। 493 मीटर की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा झंडा भी राँची में ही फहराया गया हैं।

6 . क्या आप जानते हैं कि देश में ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ (भारतीय ध्वज संहिता) नाम का एक कानून है, जिसमें तिरंगे को फहराने के कुछ नियम-कायदे निर्धारित किए गए हैं।

7 . यदि कोई शख्स ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत गलत तरीके से तिरंगा फहराने का दोषी पाया जाता है तो उसे जेल भी हो सकती है। इसकी अवधि तीन साल तक बढ़ाई जा सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है या दोनों भी हो सकते हैं।

8 . तिरंगा हमेशा कॉटन, सिल्क या फिर खादी का ही होना चाहिए। प्लास्टिक का झंडा बनाने की मनाही हैं।

9 . तिरंगे का निर्माण हमेशा रेक्टेंगल शेप में ही होगा। जिसका अनुपात 3 : 2 ही होना चाहिए। जबकि अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।

10 . सबसे पहले लाल, पीले व हरे रंग की हॉरिजॉन्टल पट्टियों पर बने झंडे को 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क), कोलकाता में फहराया गया था।

11 . झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी हैं।

12 . किसी भी गाड़ी के पीछे, बोट या प्लेन में तिरंगा यूज़ नहीं किया जा सकता है। इसका प्रयोग किसी बिल्डिंग को ढकने में भी नहीं किया जा सकता हैं।

13 . किसी भी स्तिथि में झंडा (तिरंगा) जमीन पर टच नहीं होना चाहिए।

14 . झंडे का यूज़ किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म या सजावट के सामान में नहीं हो सकता।

15 . भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित ‘हुबली‘ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान हैं जो झंडा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता हैं।

16 . किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या ऊपर नहीं लगा सकते और न ही बराबर रख सकते हैं।

17 . 29 मई 1953 में भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा सबसे ऊंची पर्वत की चोटी माउंट एवरेस्ट पर यूनियन जैक तथा नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ फहराता नजर आया था इस समय शेरपा तेनजिंग और एडमंड माउंट हिलेरी ने एवरेस्ट फतह की थी।

18 . लोगो को अपने घरों या आफिस में आम दिनों में भी तिरंगा फहराने की अनुमति 22 दिसंबर 2002 के बाद मिली।

19 . तिरंगे को रात में फहराने की अनुमति सन् 2009 में दी गई।

20 . पूरे भारत में 21 × 14 फीट के झंडे केवल तीन जगह पर ही फहराए जाते हैं: कर्नाटक का नारगुंड किला, महाराष्ट्र का पनहाला किला और मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला।

21 . राष्ट्रपति भवन के संग्रहालय में एक ऐसा लघु तिरंगा हैं, जिसे सोने के स्तंभ पर हीरे-जवाहरातों से जड़ कर बनाया गया हैं।

22. आज जो तिरंगा फहराया जाता हैं उसे किसने बनाया ?
अभी जो तिरंगा फहराया जाता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। तिरंगे को आंध्रप्रदेश के पिंगली वैंकैया ने बनाया था। इनकी मौत सन् 1963 में बहुत ही गरीबी में एक झोपड़ी में हुई। मौत के 46 साल बाद डाक टिकट जारी करके इनको सम्मान दिया गया।

23. तिरंगे को कब झुकाया जाता हैं ?
भारत के संविधान के अनुसार जब किसी राष्ट्र विभूति का निधन होता हैं व राष्ट्रीय शोक घोषित होता हैं, तब कुछ समय के लिए ध्वज को झुका दिया जाता हैं। लेकिन सिर्फ उसी भवन का तिरंगा झुका रहेगा, जिस भवन में उस विभूति का पार्थिव शरीर रखा हैं। जैसे ही पार्थिव शरीर को भवन से बाहर निकाला जाता हैं वैसे ही ध्वज को पूरी ऊंचाई तक फहरा दिया जाता हैं।

24. शहीदों के शवों पर लिपटे तिरंगे का क्या होता हैं ? देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश की महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता हैं। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ और हरी पट्टी पैरों की तरफ होनी चाहिए। शवों के साथ तिरंगे को जलाया या दफनाया नही जाता बल्कि उसे हटा लिया जाता हैं। बाद में या तो उसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता हैं या फिर वजन बांधकर पवित्र नदी में जल समाधि दे दी जाती हैं। कटे-फटे या रंग उड़े हुए तिरंगे के साथ भी ऐसा ही किया जाता हैं।

मेरा गांव मेरी पहचान तिरंगा मेरी शान फ़ोटो परियोजना के बारे में : 

संस्था द्वारा संचालित इस प्रोजेक्ट का उद्देश ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को डिजीटल इंडिया एवम तिरंगे के प्रति जागरूक कर पासपोर्ट साइज फोटो परियोजना के माध्यम से आर्थिक विकास में सहयोग कर पंजीकृत नागरिक को योजना फॉर्म में लगाने हेतु 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो कैलन्डर सहित उपलब्ध कराना, एक सर्वे के अनुसार 90% छात्र, नागरिक एक बार मे 4/5 फ़ोटो बनवाते हैं, जिसको 20 से 25 रुपये में शॉप द्वारा बनाकर दिए जाते हैं, प्रत्येक वर्ष 8 से 9 फ़ोटो की जरूरत होती है रुपये खर्चे के साथ बार बार समय भी खर्च होता है, संस्था इस परियोजना में छात्र, नागरिकों का पंजीकरण शुल्क मात्र 40 रुपये में 45 पासपोर्ट साइज फ़ोटो, कैलेंडर, हैंड फ्लैग, गांव का मोबाइल ऐप लिंक, बारकोड,तिरंगा,सहित आवेदकों को उपलब्ध रही है, जिसका मार्किट मूल्य लगभग 150 से 200 रुपये में 45 फ़ोटो अलग अलग समय दुकान से बन पाते हैं, लेकिन संस्था द्वारा तेयार किए गए फोटो कैलेंडर की लागत मात्र 60 रुपिया आती है ग्राम प्रधान, वार्ड सदस्य,पंचायत अध्यक्ष के माध्यम से 20रुपिया सब्सिडी देकर मात्र 40 रुपये पंजीकरण में छात्र, नागरिक इस योजना का लाभ ले सकते हैं, बच्चों का एक सपना होता है घर मे जो कैलेंडर लगा है उस पर उनकी फोटो लगी हो इस प्रोजेक्ट के माध्यम से अमीर गरीब समस्त नागरिकों के सपने पूरा करने हेतु कैलेंडर पर छात्र आवेदक का फोटो लगाकर उनके सपने पूरे करने का प्रयास कर रहे हैं, इस परियोजना में कुछ धनराशि संस्था अपने स्तर से खर्च करती है प्रोजेक्ट पर कार्य करने वालो के लिये, आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक पदाधिकारी नियुक्त कर रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, आओ भारत जोड़ें अभियान में बच्चों का सपना कैलेंडर पर फ़ोटो हो अपना, मेरा स्कूल मेरी पहचान छात्र फ़ोटो परियोजना द्वारा 45 फ़ोटो कैलेंडर सहित समस्त स्कूलों से अनुबंध कर उपलब्ध करा रहे हैं जिससे छात्र स्कूल के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ा रहे वर्षों बाद भी एक क्लिक में अपने मोबाइल पर स्कूल की तस्वीर देख सकता है संस्था ने राष्ट्रहित में इस प्रोजेक्ट को समर्पित किया है।
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