महात्मा गांधी आई.ए.एस./ आई.पी.एस. सम्मान पत्र

नाम : श्री दीपक मीणा
पद : जिलाधिकारी
विभाग : उत्तर प्रदेश शासन
नियुक्त : सिद्धार्थ नगर
राज्य : उत्तर प्रदेश

विवरण :

 

introduction
Name : Mr. Deepak Meena (I.A.S)
Designation : District Magistrate
Appointment : SIDDHARTHNAGAR
Telephone No : 9454417530
E-Mail id : dmsid[at]nic[dot]in
State : Uttar Pradesh
Division : Basti
Head Quarters : Navgarh
Language : Hindi and Urdu
Area: 2752 sq. km
Population : 2553526
Sex Ratio : 970
Density : 882/ sq. km
Literacy : 61.81
Elevation / Altitude: 99 - 101 meters. Above Seal level
Current Time 09:54 AM
Date: Thursday , Oct 03,2019 (IST)
Time zone: IST (UTC+5:30)
District Pin code Index: 272XXX
Vehicle Registration Number: UP-55
RTO Office: Siddharth Nagar
सिद्धार्थ नगर जिले के बारे में
सिद्धार्थ नगर जिला उत्तर प्रदेश राज्य, भारत के 75 जिलों में से एक है। सिद्धार्थ नगर जिला प्रशासनिक प्रमुख क्वार्टर नवागढ़ है। यह राज्य की राजधानी लखनऊ की ओर 254 KM पश्चिम में स्थित है। सिद्धार्थ नगर जिले की जनसंख्या 2553526 है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 36 वां सबसे बड़ा जिला है।
सिद्धार्थनगर ज़िला भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय नौगढ़ है
जिले का मुख्यालय, सिद्धार्थनगर, नौगढ़ तहसील के अन्तर्गत आता है। यह जनपद ऐतिहासिक शाक्य जनपद के खण्डहरों के लिए प्रसिद्ध है, जो नौगढ़ से 18 कि॰मी॰ दूर पिपरहवा में है। सिद्धार्थनगर हिन्दू धर्मं की स्मृतियों का संग्रह है, जिनमें पल्टादेवी मंदिर शामिल है। यह शोहरतगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत पल्टादेवी में अतिप्राचीन मंदिर है। सिद्धार्थनगर जिला बौद्ध धर्म का भी बहुत बड़ा पर्यटन स्थल है। यहां पर भगवान बुद्ध का राजमहल स्थित है। कहा जाता है कि जब भगवान बुद्ध की माता गर्भावस्था में थी तो वो सिद्धार्थनगर से अपने मायके नेपाल में जा रही थी तो वहीं रास्ते में लुम्बनी में भगवान बुद्ध का जन्म हुआ। इस जिले में ही सिद्धार्थ विश्वविद्यालय है। इस जिले की सीमा महाराजगंज, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, गोण्डा व बलरामपुर जिले से तथा नेपाल देश से मिलती हैं। इस जिले की प्रमुख नदियां राप्ती, बूढ़ी राप्ती, बाणगंगा आदि नदियां हैं। इस जिले में चार बड़े रेलवे स्टेशन नौगढ़, बढ़नी, शोहरतगढ व उसका है। इस जिले में 5 तहसील, 14 व्लाक व 6 नगर हैं। यहां की मुख्य भाषा भोजपुरी, अवधी, हिन्दी, उर्दू व अंग्रेजी है। यहां पर धान, गेहूं व गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। इस जिले के इटवा क्षेत्रावासियो को मदिरा पीने के लिए जाना जाता है। इस जिले का सबसे बड़ा नगर बांसी है। इस जिले का इटवा चौराहा सबसे प्राचीन और बड़ा चौराहा है।
भूगोल और जलवायु सिद्धार्थ नगर जिला
यह अक्षांश -27.2, देशांतर -83.0 पर स्थित है। सिद्धार्थ नगर जिला बलरामपुर जिले के साथ पश्चिम, बस्ती जिले से दक्षिण, महाराजगंज जिले के साथ पूर्व में सीमा साझा कर रहा है। सिद्धार्थ नगर जिला लगभग 2752 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। । इसकी 99 मीटर से 101 मीटर की ऊँचाई की सीमा है। यह जिला हिंदी बेल्ट इंडिया से संबंधित है।
सिद्धार्थ नगर जिले के डेमोग्राफिक्स
हिंदी यहां की स्थानीय भाषा है। साथ ही लोग उर्दू बोलते हैं। सिद्धार्थ नगर जिले को 15 ब्लॉक, पंचायत, 4041 गांवों में विभाजित किया गया है।
सिद्धार्थ नगर में ब्लॉक की सूची
बंसी
बरहनी
भानवापुर
बर्डपुर
डोमरियागंज
इटवा
जोगिया
खेसरहा
खुंटियोन
लोटन
मिठवल
नौगढ़
शोहरतगढ़
उस्का बाजार
सिद्धार्थ नगर जिले की जनगणना 2011
2011 की जनगणना के अनुसार सिद्धार्थ नगर जिले की कुल जनसंख्या 2553526 है। यहाँ की जनसंख्या 1296206 है और महिलाओं की संख्या 1257320 है। कुल मिलाकर लोग 1689413 हैं। कुल क्षेत्रफल 2752 वर्ग किमी है। यह जनसंख्या के हिसाब से राज्य का 36 वां सबसे बड़ा जिला है। लेकिन राज्य के 43 सबसे बड़े जिले बाय एरिया। जनसंख्या के हिसाब से देश में 163 सबसे बड़ा जिला। साक्षरता दर से राज्य में सबसे अधिक 60 वां जिला। देश में 542 nd उच्चतम साक्षरता दर से। साक्षरता दर 61.81 है
 सिद्धार्थ नगर जिले में राजनीति
PECP, BJP, SP, BSP, INC सिद्धार्थ नगर जिले के प्रमुख राजनीतिक दल हैं।
सिद्धार्थनगर जिले में विधानसभा क्षेत्र
सिद्धार्थ नगर जिले में कुल 5 विधानसभा क्षेत्र हैं।
शोहरतगढ़ अमर सिंह अपना दल (सोनेलाल) 9919412386
कपिलवस्तु श्याम धनी भाजपा 9839851719
बंसी जय प्रताप सिंह बीजेपी 9415038810,
इतवा डॉ। सतीश चंद्र डेवेदी बीजेपी 9415363028
डोमरीगंज राघवेन्द्र प्रताप सिंह भाजपा 9415210121
सिद्धार्थ नगर जिले में संसद क्षेत्र
सिद्धार्थ नगर जिले में कुल 5 संसद क्षेत्र।
गोंडा करतिवर्धन सिंह  भारतीय जनता पार्टी
डोमरियागंज जगदिम्बपाल  भारतीय जनता पार्टी
संत कबीर नगर परवीन कुमार निषाद भारतीय जनता पार्टी
महाराजगंज पंकज चौधरी  भारतीय जनता पार्टी
बस्ती हरीश चंद्रा DWIVEDI भारतीय जनता पार्टी
सिद्धार्थ नगर ट्रांसपोर्ट
सड़क परिवहन
जिला मुख्यालय नवगढ़ सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। लखनऊ (उत्तर प्रदेश की राजधानी) से सड़क मार्ग से लगभग 254 KM दूर है।
रेल वाहक
जिले के कुछ रेल मार्ग स्टेशन नौगढ़, बरहनी, शोहरतगढ़, ब्रिजगंज, उस्का बाजार .... हैं, जो जिले के अधिकांश कस्बों और गांवों को जोड़ता है।
बस परिवहन
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन (UPSRTC) इस जिले के प्रमुख शहरों से लेकर शहरों और गांवों तक बसें चलाती है।
शहरों के पास
टेटरी बाजार 0 के.एम.
नौतनवा 41 कि.मी.
सहजनवा 61 के.एम.
गोरखपुर 72 KM
     
एयर पोर्ट्स के पास
गोरखपुर एयरपोर्ट 77 KM
वाराणसी एयरपोर्ट 229 KM
अमौसी एयरपोर्ट 252 KM
बमरौली एयरपोर्ट 274 KM
 
जिले के पास
सिद्धार्थ नगर ० के.एम.
महराजगंज 54 कि.मी.
संत कबीर नगर 62 KM
गोरखपुर 71 के.एम.
 
रेल्वे स्टेशन के पास
नौगढ़ रेल मार्ग स्टेशन 0.7 KM
शोहरतगढ़ रेल मार्ग स्टेशन 20 KM

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी : आप उन्हें बापू कहो या महात्मा दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती हैं। अहिंसा और सत्याग्रह के संघर्ष से उन्होंने भारत को अंग्रेजो से स्वतंत्रता दिलाई। उनका ये काम पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया। वो हमेशा कहते थे बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो, और उनका ये भी मानना था की सच्चाई कभी नहीं हारती। इस महान इन्सान को भारत ने राष्ट्रपिता घोषित कर दिया। उनका पूरा नाम था ‘मोहनदास करमचंद गांधी‘ – Mahatma Gandhi –
पूरा नाम – मोहनदास करमचंद गांधी
जन्म – 2 अक्तुंबर १८६९
जन्मस्थान – पोरबंदर (गुजरात)
पिता – करमचंद
माता – पूतळाबाई
शिक्षा – १८८७ में मॅट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण। १८९१ में इग्लंड में बॅरिस्टर बनकर वो भारत लोटें।
विवाह – कस्तूरबा ( Mahatma Gandhi Wife Name – Kasturba Gandhi )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जीवनी – Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर इस शहर गुजरात राज्य में हुआ था। गांधीजीने ने शुरवात में काठियावाड़ में शिक्षा ली बाद में लंदन में विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह भारत में आकर अपनी वकालत की अभ्यास करने लगे। लेकिन सफल नहीं हुए। उसी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला।
वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए महात्मा गांधी को 10 जनवरी 1908 को उनके जीवन में पहली बार जेल हुई थी। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नक्सलवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
सी समय दक्षिण अफ्रीका से उन्हें एक कंपनी में क़ानूनी सलाहकार के रूप में काम मिला। वहा महात्मा गांधीजी लगभग 20 साल तक रहे। वहा भारतीयों के मुलभुत अधिकारों के लिए लड़ते हुए कई बार जेल भी गए। अफ्रीका में उस समय बहुत ज्यादा नस्लवाद हो रहा था। उसके बारे में एक किस्सा भी है। जब गांधीजी अग्रेजों के स्पेशल कंपार्टमेंट में चढ़े उन्हें गांधीजी को बहुत बेईजत कर के ढकेल दिया।
वहा उन्होंने सरकार विरूद्ध असहयोग आंदोलन संगठित किया। वे एक अमेरिकन लेखक हेनरी डेविड थोरो लेखो से और निबंधो से बेहद प्रभावित थे। आखिर उन्होंने अनेक विचारो ओर अनुभवों से सत्याग्रह का मार्ग चुना, जिस पर गांधीजी पूरी जिंदगी चले। पहले विश्वयुद्ध के बाद भारत में ‘होम रुल’ का अभियान तेज हो गया।
1919 में रौलेट एक्ट पास करके ब्रिटिश संसद ने भारतीय उपनिवेश के अधिकारियों को कुछ आपातकालींन अधिकार दिये तो गांधीजीने लाखो लोगो के साथ सत्याग्रह आंदोलन किया। उसी समय एक और चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह क्रांतिकारी देश की स्वतंत्रता के लिए हिंसक आंदोलन कर रहे थे। लेकीन गांधीजी का अपने पूर्ण विश्वास अहिंसा के मार्ग पर चलने पर था। और वो पूरी जिंदगी अहिंसा का संदेश देते रेहे।
महात्मा गांधीजी की जीवन कार्य
१८९३ में उन्हें दादा अब्दुला इनका व्यापार कंपनी का मुकदमा चलाने के लिये दक्षिण आफ्रिका को जाना पड़ा। जब दक्षिण आफ्रिका में थे तब उन्हें भी अन्याय-अत्याचारों का सामना करना पड़ा। उनका प्रतिकार करने के लिये भारतीय लोगोंका संघटित करके उन्होंने १८९४ में ‘नेशनल इंडियन कॉग्रेस की स्थापना की।
१९०६ में वहा के शासन के आदेश के अनुसार पहचान पत्र साथ में रखना सक्त किया था। इसके अलावा रंग भेद नीती के विरोध में उन्होंने ब्रिटिश शासन विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन आरंभ किया।
१९१५ में Mahatma Gandhi – महात्मा गांधीजी भारत लौट आये और उन्होंने सबसे पहले साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
तथा १९१९ में उन्होंने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
१९२० में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
१९२० में लोकमान्य तिलक के मौत के बाद राष्ट्रिय सभा का नेवृत्त्व महात्मा गांधी के पास आया।
१९२० में के नागपूर के अधिवेशन में राष्ट्रिय सभा ने असहकार के देशव्यापी आंदोलन अनुमोदन देनेवाला संकल्प पारित किया। असहकार आंदोलन की सभी सूत्रे महात्मा गांधी पास दिये गये।
१९२४ में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
१९३० में सविनय अवज्ञा आदोलन शुरु हुवा। नमक के उपर कर और नमक बनानेकी सरकार एकाधिकार रद्द की जाये। ऐसी व्हाइसरॉय से मांग की, व्हाइसरॉय ने उस मांग को नहीं माना तब गांधीजी ने नमक का कानून तोड़कर सत्याग्रह करने की ठान ली।
१९३१ में राष्ट्रिय सभे के प्रतिनिधि बनकर गांधीजी दूसरी गोलमेज परिषद को उपस्थित थे।
१९३२ में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
१९३३ में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
१९३४ में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की। हरिजन सेवा, ग्रामोद्योग, ग्रामसुधार, आदी विधायक कार्यक्रम करके उन्होंने प्रयास किया।
१९४२ में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’ ये नया मंत्र गांधीजी ने लोगों को दिया।
व्दितीय विश्वयुध्द में महात्मा गांधीजी ने अपने देशवासियों से ब्रिटेन के लिये न लड़ने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। युध्द के उपरान्त उन्होंने पुन: स्वतंत्रता आदोलन की बागडोर संभाल ली। अंततः १९४७ में हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त हो गई। गांधीजीने सदैव विभिन्न धर्मो के प्रति सहिष्णुता का संदेश दिया। १९४८ में
१९४८ में नाथूराम गोडसे ने अपनी गोली से उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी। इस दुर्घटना से सारा विश्व शोकमग्न हो गया था। वर्ष १९९९ में बी.बी.सी. व्दारा कराये गये सर्वेक्षण में गांधीजी को बीते मिलेनियम का सर्वश्रेष्ट पुरुष घोषित किया गया।
महात्मा गांधी विशेषता – भारत के राष्ट्रपिता, महात्मा
Mahatma Gandhi Death – मृत्यु – 30 जनवरी १९४८ में नथुराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या की।
मोहनदास करमचंद गांधी – Mahatma Gandhi भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के निदेशक थे। उन्ही की प्रेरणा से १९४७ में भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी। अपनी अदभुत आध्यात्मिक शक्ति से मानव जीवन के शाश्वत मूल्यों को उदभाषित करने वाले। विश्व इतिहास के महान तथा अमर नायक महात्मा गांधी आजीवन सत्य, अहिंसा और प्रेम का पथ प्रदर्शित करते रहे।
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश के महान क्रन्तिकारी महात्मा गांधी के बलिदान से युवा वर्ग राष्ट्र रक्षा का प्रण लें संस्था द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित कर सत सत नमन करते हैं , मेहनाज़ अंसारी
सूचनार्थ पत्र :

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